मेरी सेकंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं एक बार अपने दोस्त से चुद कर नंगी सो गयी. वह भी मेरे साथ लेटा था. थोड़ी देर बाद ही वह फिर से मेरे चूत में लंड घुसाने लगा.
नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम नेहा दवे है। मैं अब 34 साल की एक शादीशुदा महिला हूँ।
मैं इस कामुकताज डॉट कॉम की बहुत पुरानी फैन हूँ और मैंने इस सेक्सी साइट पर खूब सारी कहानियाँ पढ़ी हैं।
आज मैं आप सभी के साथ अपनी कहानी का दूसरा भाग शेयर कर रही हूँ।
उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी का पहला भाग
पड़ोसी लड़के से चूत खुलवा ली मैंने
पसंद आया होगा।
और Meri Second Sex Kahani भी आपको पसंद आएगी।
पहले भाग में मैंने बताया था कि कैसे वैभव ने मेरी जबरदस्त चुदाई की।
उसने मेरी चूत की सील तोड़ दी थी।
अब मैं आपको मेरी सेकंड सेक्स कहानी बताती हूँ।
चुदाई का पहला राउंड पूरा करने के बाद मैं और वैभव बेड पर नंगे लेट गए।
हम एक-दूसरे के बगल में थे।
वैभव ने मुझसे कहा, “वाह यार, बहुत मज़ा आ गया, तुम दोनों बहनें सच में कमाल की हो।”
ऐसे ही बातें करते-करते रात के बारह बजने वाले थे।
पहली बार चुदवाने के बाद मेरे पेट में हल्का-हल्का दर्द हो रहा था।
मैं बहुत थक गई थी और दाहिनी करवट लेकर पेट के बल सो गई।
वैभव मेरे बगल में लेटा हुआ था।
वो अपना मोबाइल देख रहा था।
कुछ देर बाद उसने मुझे लिपटना शुरू किया और मेरे बदन को सहलाने लगा।
उसने मेरे बदन पर हाथ फेरना शुरू किया।
मेरी नींद खुल गई लेकिन मुझे बहुत नींद आ रही थी।
मैंने उससे कहा, “अभी सोने दो मुझे.”
और फिर से सो गई।
कुछ ही देर में वैभव ने मेरा बायाँ पैर थोड़ा मोड़ दिया।
उसने मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया।
मैं नींद में थी, लेकिन अचानक लंड घुसते ही मेरी नींद खुल गई।
मैंने आँखें खोलकर देखा तो वैभव मेरी गांड के पास घुटनों पर बैठा था।
उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया था।
मैंने सीधा होने की कोशिश की, लेकिन उसने मेरी कमर कसकर पकड़ रखी थी।
उसने मुझे पलटने नहीं दिया।
मैंने कहा, “अभी मत करो, मुझे बहुत नींद आ रही है।”
वैभव बोला, “सिर्फ एक बार जान, तुम्हारी चूत देखकर मेरा अपने आप खड़ा हो गया है।”
उसने कहा, “अब इसे ऐसे शांति नहीं मिलेगी।”
इतना कहकर उसने मेरी कमर पकड़कर मेरी चूत में लंड डालना शुरू कर दिया।
उसने मुझे कसकर बेड पर दबाया हुआ था, मैं हिल भी नहीं सकती थी।
वैभव ने बहुत जल्दी लंबे-लंबे झटके मारकर अपना पूरा लंड अंदर घुसेड़ दिया।
मेरी नींद पूरी तरह उड़ गई।
मेरे मुँह से “उह्ह्, उफ्फ, अह्ह्ह” की आवाज़ें निकलने लगीं।
उसका लंड फिर से मेरी चूत में पूरी तरह घुस गया था।
वो मेरी कमर पकड़कर झटके मारने लगा।
मुझे चोदते हुए वो मेरे कूल्हे को भी दबाने लगा।
मेरी गांड का बायाँ कूल्हा दुखने लगा।
मैंने अपना हाथ कूल्हे पर रख दिया।
वो जोर-जोर से मेरी चूत में लंड से झटके मार रहा था।
मैं बेड पर ऊपर-नीचे होने लगी।
पांच से सात मिनट बाद वैभव ने मेरा हाथ कूल्हे से हटाया।
उसने मेरे हाथ को मोड़कर मेरी कमर पर रख दिया।
उसने मेरे हाथ को एक हाथ से दबाकर पकड़ लिया।
दूसरे हाथ से मेरे कूल्हे को दबाने और मसलने लगा।
वो बहुत जोर से मेरे कूल्हे दबाते हुए मुझे चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला।
मुझे सीधा होने का मौका दिया।
मेरी कमर और हाथ दुखने लगे थे क्योंकि उसने उन्हें मोड़कर पकड़ रखा था।
मुझे सीधा लेटाकर उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया।
मेरा सिर पकड़कर उसने मेरे मुँह को अपने लंड पर हिलाना शुरू किया।
उसका लंड धीरे-धीरे मेरे मुँह में जाने लगा।
उसने मुझे काफी देर तक अपना लंड चुसवाया।
उसका लंड कड़क और चिकना हो गया।
फिर उसने मेरी चूत को थोड़ा रगड़ा।
वो मेरे पैरों के बीच घुटनों पर बैठ गया।
उसने मेरी टाँगें फैलाकर अपने कंधों पर रखवा दीं।
फिर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया।
मेरी जाँघों को पकड़कर उसने मुझे चोदना शुरू कर दिया।
वो लंबे-लंबे शॉट्स मार रहा था।
उसके झटकों से मेरी कमर ऊपर-नीचे हो रही थी।
जब वो अपनी कमर पीछे सरकाता, मेरी कमर बेड पर रहती।
जब वो आगे बढ़कर धक्का मारता, मेरी कमर ऊपर उठती।
उसके हर झटके से मेरा पूरा बदन हिल रहा था।
मेरे बूब्स भी उछलने लगे थे।
उन्हें पकड़ने के लिए वो बीच-बीच में मुझे कमर से मोड़ देता था।
वैभव मुझे बड़ी मस्ती से चोद रहा था।
मैं उसकी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट हो गई थी।
मेरी चूत से पानी निकलने लगा, फिर भी वो मुझे चोदता रहा।
थोड़ी देर बाद उसने मेरे पैर छोड़ दिए।
मैंने दोनों पैर बेड पर टिका दिए।
कंधों और पैरों के सहारे मेरी कमर उठी हुई थी।
उसने मेरी कमर पकड़ ली और तेज़ी से मुझे चोदने लगा।
वो इतनी तेज़ी से चोद रहा था कि मैं पूरी ताकत लगाकर खुद को ऊपर उठा रही थी।
मेरे मुँह से चीखें निकलने लगीं।
मेरी गर्दन मुड़ रही थी।
वैभव ने 3-4 मिनट तक मुझे बहुत तेज़ी से चोदा।
फिर उसका वीर्य छूटने वाला था।
उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया।
जैसे ही लंड बाहर निकला, उसके वीर्य का फव्वारा छूट गया।
उसने सारा वीर्य मेरी चूत के ऊपर निकाला।
लंड निकलते ही मैं बेड पर ऐसे पड़ी जैसे मेरे बदन में जान ही न हो।
वीर्य छोड़ने के बाद वैभव मेरे ऊपर लेट गया।
हम दोनों की साँसें बहुत तेज़ हो गई थीं।
कुछ देर बाद वो मेरे पास लेट गया।
मैं जैसे-तैसे खड़ी हुई।
खुद को साफ करने के लिए बाथरूम चली गई।
मेरे मेरी सेकंड सेक्स कहानी कैसी लगी?
मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
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