Hot गर्ल फकिंग XStory में मेरा भाई अपनी गर्लफ्रेंड को सेक्स में पूरा मजा नहीं दे पा रहा था. और मैं उसे चोदना चाहता था. मैंने उससे दोस्ती कर ली.
दोस्तो, मैं राज आपको अपने भाई की गर्लफ्रेंड निशा की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
भाई और उसकी गर्लफ्रेंड की चुदाई देखी
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि निशा को मैंने अपने प्यार का वास्ता देते हुए पकड़ लिया था.
अब आगे Hot Girl Fucking XStory:
वह मेरा हाथ छुड़ाना चाह रही थी, किन्तु मैंने उसका हाथ मजबूती से थामे रखा.
मैंने कहा- निशा, गलत-सही का मुझे पता नहीं है. मुझे ये भी नहीं पता कि कब मैं तुम्हें दिल ही दिल में इतना चाहने लगा. तुम्हारी हर बात, तुम्हारा अंदाज, तुम्हारी पसंद-नापसंद, तुम्हारा स्टाइल, तुम्हारी चॉइस … सब कुछ मुझे लुभाता है. मैं तुम्हें हर सोशल साइट पर फॉलो करता हूँ. तुम्हारी हर तस्वीर को सौ-सौ बार देखता हूँ. तुम्हारे होंठों की मुस्कान, तुम्हारी आंखों की चमक, तुम्हारी हर अदा मुझे पागल कर देती है. मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूँ, यार.
ये कहते हुए मैंने उसके नर्म हाथ को अपने होंठों से चूम लिया.
निशा अब दोराहे पर थी.
हर लड़की को अपनी तारीफ सुनना पसंद होता है और उसे मेरे मुँह से अपनी खूबियों की बातें सुनकर अच्छा लग रहा था.
मगर दूसरी तरफ मेरे इस नाजायज प्रपोजल ने उसे सोच में डाल दिया था.
मैंने उसके हाथ पर दोबारा एक गहरा चुंबन जड़ा और कहा- प्लीज निशा, आज मेरी बात मान लो.
मेरी आवाज में एक मादक सच्चाई थी, जो उसे झकझोर रही थी.
मैंने निशा की कमर में पीछे से हाथ डालते हुए उसे अपनी ओर खींचा और कहा- ये सब तुम्हारे लिए ही है!
फिर उसके गले पर एक नशीला चुंबन जड़ दिया.
निशा थोड़ा आगे बढ़ी और मेरे हाथ से छूट गई.
मैंने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे बेड पर बिठाया, पास रखा एक लाल गुलाब उठाया और उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा- आई लव यू, निशा.
निशा ने गुलाब तो ले लिया, मगर धीमे से बोली- ये गलत है राज!
मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों में लिया, उसकी ठुड्डी को हल्के से ऊपर उठाया और उसके रसीले होंठों पर अपने होंठ रखकर एक धीमा, मादक चुंबन दिया.
‘आज मत रोको निशा … आज मुझे बर्थडे का यही गिफ्ट चाहिए!’
मैंने कहा और फिर से उसे चूमा, ‘तुमने खुद कहा था कि बर्थडे पर कोई गिफ्ट मांगो तो मना नहीं करते. अपने प्यार का गिफ्ट मुझे दे दो, निशा!’
अब मैंने उसे एक गहरा, जोशीला चुंबन दिया.
उसकी गर्म सांसें मेरे चेहरे पर महसूस हुईं.
मैंने उसका कंधा सहलाते हुए उसके सिर को पकड़ा, उसके सिल्की बालों को जड़ से हल्के से खींचा.
निशा के मुँह से ‘आह …’ की मादक सिसकारी निकली और उसके होंठ खुल गए.
मैंने अपने होंठ उसके होंठों के बीच लगा दिए और उन्हें चूसने लगा.
धीरे, फिर जोर से, जैसे उसकी मिठास को पी जाना चाहता हूँ.
उसका हाथ मेरे सीने पर था. वह मुझे पूरी ताकत से तो नहीं, मगर हल्के से पीछे धकेलने की कोशिश कर रही थी.
उसका विरोध अधूरा था … उसकी सांसें भारी होती जा रही थीं.
मैंने चुंबन नहीं रोका और अपना हाथ उसके भरे हुए बूब्स पर रख दिया.
निशा अब नशे में डूबने लगी थी, उसकी सिसकारियां तेज हो गईं.
मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया, फिर दूसरे को भी हाथ लगाया.
तभी निशा एक झटके से अलग हुई और बोली- मत करो, राजेश. अगर रवि को पता चल गया तो हम दोनों के लिए ठीक नहीं होगा.
मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया, उसके कान पर एक गर्म चुंबन देते हुए कहा- किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, निशा. ये हमारा राज रहेगा.
मैंने उसके बूब्स को फिर से दबाया और पीछे से उसके रसीले, उभरे हुए नितंबों को सहलाने लगा.
निशा की सांसें अब बेकाबू हो गई थीं.
मैंने उसे पूरी तरह सिड्यूस कर दिया था.
उसने नशीली आवाज में कहा- ये सिर्फ एक बार होगा, राजेश. बार-बार नहीं. आज के बाद कभी नहीं.
मैंने उसे अपनी बांहों में और कस लिया और कहा- ठीक है, सिर्फ आज!
अब निशा का विरोध पूरी तरह खत्म हो चुका था.
मैं उसे लिविंग रूम में ले आया और सोफे पर बिठा दिया.
निशा ने अपने वादे के मुताबिक वह बुक दिखाई जो मेरे लिए लाई थी.
मैंने उसके हाथ से बुक ली, उसे पास की टेबल पर रखा और तुरंत उसके गले पर चुंबन शुरू कर दिए.
निशा अब हल्के-हल्के मुस्कुराने लगी थी.
मैं उसके गले को चूमते हुए उसके बूब्स दबाने लगा.
मेरे हाथों का स्पर्श और मेरी गर्म सांसें उसके गले पर पड़ते ही उसके जिस्म में वासना की आग भड़क उठी.
निशा अब सिसकारियां ले रही थी और इस पल को जीने लगी थी.
मैं एक मिनट के लिए भी उसके जिस्म से हाथ नहीं हटाया, लगातार उसे चूमते हुए उसके बूब्स को टॉप के ऊपर से ही दोनों हाथों में भरकर दबाने लगा.
धीरे, फिर जोर से, जैसे उनकी मिठास को निचोड़ लेना चाहता हूँ.
मैंने अपना हाथ उसके टॉप के अन्दर डाला, उसके नंगे बूब्स को छुआ, उन्हें दबाया और टॉप को नीचे सरकाते हुए उसके प्यारे, सख्त निप्पल को उंगलियों से सहलाया.
उसके गले पर चुंबन करते हुए मैं बूब्स को मसलने में मग्न हो गया.
निशा ने आंखें बंद कर लीं और सिसकारियां भरने लगी.
मैंने उसके अधखुले बूब्स को चूमा, निप्पल को होंठों में लेकर चूसा और जीभ से चाटा.
निशा अब सातवें आसमान पर पहुंच गई थी. उसकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं.
उस के बूब्स इतने मुलायम थे कि उन्हें छूते ही एक अजीब सा नशा चढ़ गया.
मैंने उसका लंबा टॉप उतार दिया और उसे अपनी गोद में बिठाकर प्यार करने लगा.
निशा अब पूरी तरह इस मजे में डूब गई थी.
मैं जिस जोश और वासना से उसके जिस्म के साथ खेल रहा था, शायद रवि ने कभी ऐसा नहीं किया हो.
मैं उसे किसी प्रिंसेस की तरह, मगर एक जलती हुई चाहत के साथ भोग रहा था.
निशा खुद-ब-खुद सोफे पर लेट गई.
मैंने बड़े प्यार से उसकी पैंटी उतारी और उसकी नंगी चूत को छूते हुए, उसके सपाट पेट को सहलाते हुए उसके बूब्स को फिर से चूमा.
निशा की सांसें अब और तेज हो गई थीं, उसके बूब्स में एक भारीपन आ रहा था.
उसकी नंगी जांघें इतनी स्मूद और मुलायम थीं कि उन्हें छूते ही मेरे जिस्म में बिजली दौड़ गई.
उसकी मादक चूत हल्की गर्म और बेहद नर्म थी.
उसे सहलाते हुए मैं उसकी खुशबू और गर्मी में खो गया.
मैंने निशा की चूत के दाने को उंगलियों से सहलाना शुरू किया. मेरे स्पर्श से निशा की सिसकारियां छूट पड़ीं.
जैसे-जैसे मेरी उंगली उसकी क्लिट को मसलती, निशा जोर-जोर से आहें भरने लगी ‘शशशशश … राजेशशश … ममम … आआआह … शशश …’
उसकी आवाज में एक मादक बेकरारी थी
उसकी चूत में अब काम-रस बहने लगा था, जो मेरी उंगलियों को फिसलन दे रहा था.
मैंने दो उंगलियां उसकी गीली चूत में डाल दीं और अन्दर-बाहर करने लगा.
निशा की सिसकारियां अब और तेज हो गईं, उसका जिस्म मेरे हर स्पर्श पर थरथराने लगा.
एक हाथ से मैंने उसके भरे हुए बूब्स को पूरा अपने हाथ में लिया, उसे जोर से दबाया और सर्कल बनाते हुए उसके सख्त निप्पल को प्यार से मसला.
अब निशा मेरा नाम लेकर सिसकने लगी- राज … मम्मह … राजेश शश … इतना अच्छा मुझे आज तक रवि ने कभी फील नहीं करवाया. फोरप्ले का असली मजा आज तुमने ही सिखाया है … अन्दर गहराई तक उंगली डालो … अन्दर गोल-गोल घुमाओ और फिर बाहर निकालो … उफ्फ्फ्फ … आआ आह … शसशश … इसमें तो गजब का मजा है, राजेशशश … अपनी एक उंगली पर दूसरी चढ़ाकर मोटी कर दो … जैसे क्रॉस का साइन बनाते हैं … बाहर निकालते वक्त ऊपर की ओर खींचो और मेरी क्लिट को मसल दो … उफ्फ्फ्फ … मैं आज इतनी बेशर्म क्यों बन गई हूँ, राजेश? बताओ न … आज मुझमें पागलपन सवार क्यों हो गया है?
उसकी बातों से मेरे जिस्म में आग लग गई.
‘इतना पैशनेट सेक्स रवि ने कभी नहीं किया, यार … वह तो होल्ड ही नहीं कर पाता, स्पीड में करते-करते जल्दी झड़ जाता है … आआआह … शशशश … मम्मह … अब मुझे तुम्हारा लंड चाहिए, राजेश … मेरे मुँह में दो … लंड दो, राजेश … आआआह …’
उसकी आवाज में एक जलती हुई प्यास थी.
मैं सोफे पर टेक लगाकर बैठ गया.
निशा ने अपनी कमर को बेहद कामुक अंदाज में झुकाया. उसके गोल, सुडौल नितंब उभर आए और उसके भरे हुए बूब्स सॉफ्ट, गोल और कड़क निप्पल्स के साथ … हवा में मेरी जांघों के पास लटक रहे थे.
उसने मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया. उसकी चिकनी, गोरी, हल्की भरी उंगलियां मेरे लंड पर पड़ते ही मुझे दीवाना बना गईं.
मेरे लंड की हर नस जाग उठी.
उसकी प्यासी नजरें मेरे तने हुए लंड पर टिकी थीं और वह नजर मुझे भीतर तक महसूस हो रही थी.
मैंने उसकी सॉफ्ट, चिकनी कमर को सहलाना शुरू किया, उसके रेशमी बालों को उसके गाल से हटाया और अपना लंड उसके कोमल, रसीले होंठों के बीच दे दिया.
निशा अब मेरे लंड को चूसने में मग्न हो गई. उसकी आंखें बंद थीं और वह मेरे लंड को आधा मुँह में लेकर एक लय में चूसने लगी.
मैंने उसकी पीठ से होते हुए अपना हाथ उसके नितंबों तक ले गया, उन्हें सहलाते हुए अपनी बीच वाली उंगली उसकी गीली चूत में डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा.
जैसे ही मेरी उंगली उसकी चूत के छेद में गई, निशा ने सिसकारी भरी- शसशश … आहह … मम्मम … राजेश उफ्फ … तुमने आज मुझे क्या कर दिया …आह!
उसने अपनी कमर को और मोड़ा, अपनी टांगों को झुके हुए ही चौड़ा कर दिया. उसकी चूत अब और खुल गई और मेरी उंगली उसमें आसानी से आ-जा रही थी.
निशा ने मेरे लंड को टाइट पकड़ लिया, उसकी चमड़ी को पूरा खोलकर मेरे गुलाबी सुपाड़े को चूसना शुरू कर दिया.
वह सुपाड़े को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई जवान लड़की लॉलीपॉप को चूस-चूसकर उसका सारा रस पी जाना चाहती हो.
ये अहसास बेहद सुखद था.
अपने भाई की गर्लफ्रेंड को मैं अपनी जान बनाकर उसके जिस्म को भोग रहा था और निशा भी सब कुछ भूलकर मेरे साथ इस काम-लीला में खो चुकी थी.
वह खुद-ब-खुद डॉगी पोज में अपने घुटनों पर आ गई.
मैं पीछे से खड़ा हुआ और अपना मजबूत, तना हुआ लंड उसकी तरसती, गीली चूत के छेद में धीरे-धीरे डाला गहराई तक.
निशा एक चुदी हुई लड़की थी.
रवि ने उसे न जाने कितनी बार चोदा होगा और शायद और भी किसी-किसी से उसने ये सुख लिया हो.
उसकी चूत ने मेरा लंड पूरा निगल लिया. मेरा लंड जहां खत्म होता है, वहां थोड़ा मोटा है.
जब मैंने अपने लौड़े का वह हिस्सा अन्दर ठूंसा, तो निशा का मुँह खुल गया और उसने जोर से आह भरी- आआआह… राजेशशश … बस-बस … उतना ही रखो … राज आई … आआआह …!
वह खुद आगे-पीछे होने लगी.
मैं भी उसकी लय में आ गया और उसकी चूत को मारने लगा.
वह बस मेरा नाम ले रही थी- राजेशशश … राजेश शश … आह मजा आ गया!
वह कामुक सिसकारियां भरती हुई चुदवाने लगी- मम्मह … आई ईईई … उफ्फ … आआआह … राजेशशश … तुम कमाल हो!
उसकी आवाज में एक जंगली मस्ती थी, जो मुझे और उकसा रही थी.
मैंने निशा की चूत के दाने को उंगलियों से सहलाना तेज कर दिया और उसकी सिसकारियां अब जंगली हो चली थीं.
जैसे-जैसे मेरी उंगलियां उसकी क्लिट को मसलतीं, निशा जोर-जोर से आहें भरने लगती ‘शस्स्श … राजेश शश … मम्मह … आआआह …’
Hot गर्ल फकिंग में उसकी चूत का छेद सचमुच ढीला हो चुका था, जिसमें मेरा लंड धकाधक अन्दर-बाहर हो रहा था.
निशा खुद भी इतनी तेजी से हिल रही थी मानो अभी झड़ जाएगी.
उसने दांत पीसते हुए मेरे लंड को गहराई में फंसाया और अपनी चूत को मेरे सुपाड़े पर एक ही जगह रगड़ने लगी.
फिर वह झड़ने लगी. उसकी चूत से हल्का गर्म रस बहने लगा. वह बेकाबू होकर ‘हहहह … शशश … धधध …’ की आवाजें निकालती हुई कांप रही थी.
उसकी चूत के रस से अब चुदाई की फच-फच-फच-फच की मादक आवाजें गूंजने लगीं.
वह झड़ चुकी थी और मैं भी अपने चरम के बेहद करीब था.
निशा अब ढीली पड़ने लगी. उसने अपनी कोहनियां मोड़ लीं, अपने बूब्स और सिर को सोफे पर निढाल छोड़ दिया, सिर्फ उसके उभरे हुए नितंब हवा में थे.
मैंने उसकी कमर पकड़ रखी थी और उसे चोद रहा था.
इससे पहले कि उसकी चूत पूरी ठंडी पड़ जाए और उसे दर्द या खुरचन महसूस हो, मुझे अपना पानी निकालना था.
मैंने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे सोफे में दबाया और उसकी उभरी चूत में लंड को तेजी से पेलना शुरू कर दिया.
‘धकाधक … धकाधक!’
मैं दांत पीसते हुए उसे किसी खिलौने की तरह चोद रहा था.
मेरे हाथों ने उसकी कमर को ताकत से जकड़ रखा था और मुझे इस बात की परवाह नहीं थी कि उसे दर्द हो रहा है या नहीं.
उस पल निशा की चूत मेरे लिए बस एक छेद थी, जिसे मैं जमकर भोग रहा था.
निशा भांप गई कि मैं पानी निकालने वाला हूँ.
बिना सेल्फिश हुए वह मेरा साथ देने लगी. ‘आआआह … उफ्फ … आआआह … मम्मह … शशश…’ करती हुई मुझे उकसाने लगी.
जब मेरी चरम गति और मेरी भारी सिसकारियां उसके कानों तक पहुंचीं, तो निशा अकबका कर बोली- आह अन्दर नहीं … अन्दर नहीं … अन्दर मत निकालना … आह … बाहर छोड़ो पानी …!
मैंने तेज धक्कों के बाद अचानक लंड बाहर खींचा और चार-पांच लंबी पिचकारियां उसकी कमर, पीठ और बालों तक मार दीं.
मेरे गर्म लावे को उसने महसूस किया और ‘शशश … धधध … हहहह …’ करती रही.
बाकी का पानी मैंने उसके नितंबों और पीठ के निचले हिस्से पर झटक दिया, फिर शांत हो गया.
अपने हाथों से मैंने अपना सारा पानी उसके जिस्म पर लोशन की तरह मल दिया.
निशा लंबी सांसें लेती हुई सोफे पर उलटी लेट गई.
मैं जमीन पर बैठ गया और उसे चूमने लगा.
निशा- ये अब तक का सबसे बेस्ट था, जो रवि के साथ कभी नहीं हुआ!
मैं- थैंक्स डियर … उम्मीद है हम फिर कभी और करेंगे!
निशा- अब तुम मना करोगे तो भी मैं जिद करूंगी, यार. आज का सेक्स सबसे अच्छा था. रवि में कोई कमी नहीं, बस इतना कि वह बहुत जल्दी गर्म हो जाता है और सेल्फिश होकर जल्दी-जल्दी कर झड़ जाता है. उसे मेरे सेटिस्फेक्शन का ख्याल नहीं रहता. वह अपना पानी निकालकर ठंडा पड़ जाता है. मैं उसे उसके दिल की वजह से बहुत प्यार करती हूँ … लेकिन बेड पर दिल से कुछ नहीं होता. हर लड़की को बेड पर एक जानवर चाहिए … और वह तुम हो, राज!
मैं मुस्कुरा दिया.
‘जब लंड अन्दर गहराई में हो और उस पर मैं झड़ूं, ये मजा आज पहली बार मिला. वरना रवि के ठंडा होने के बाद मुझे खुद फिंगरिंग करके शांत होना पड़ता है!’
हम दोनों ने एक-दूसरे को चूमा, फिर साथ में चूमते-चाटते नहाया और फ्रेश हो गए.
बाद में घर को सैट किया और रवि का इंतजार करने लगे.
उसके बाद हमने कई बार सेक्स किया.
रवि घर पर होता तो भी हम बहाने से किचन में चले जाते और किसिंग करते.
कभी-कभी तो निशा को किचन के दरवाजे पर झुकाकर मैंने पीछे से चोदा और उस वक्त वह बाहर रवि पर नजर रखती.
यदि आप चाहेंगे तो मैं बाकी की सेक्स कहानी अगली बार जरूर लिखूँगा.
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