मकान मालकिन की रसभरी चुत की चुदाई

वाइल्ड भाभी फक XKahani में मैंने किराए का कमरा लिया. मकान मालकिन अकेली रहती थी और गजब की सेक्सी माल थी. तीसरी रात को ही वह मेरे कमरे में आ गयी.

दोस्तो, मैं रॉकी हूँ.
मैं 35 साल का कुंवारा जवान, देखने में इतना हैंडसम और हट्टा-कट्टा कि लड़कियों की नजरें मुझ पर ठहर जाने को मजबूर हो जाएं.

एमएससी (आईटी) करने के बाद दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंटरव्यू दिया और मेरा सिलेक्शन हो गया.

मेरा ऑफिस बुराड़ी के पास था.
तो मैंने बुराड़ी में ही रूम ढूंढना शुरू किया.

तभी एक पान की दुकान वाले ने बताया कि सामने वाले डबल स्टोरी मकान में एक सैट खाली है.

मैंने उसी पल जाकर उस मकान का दरवाजा खटखटाया.

दरवाजा खुला तो सामने एक 45-47 साल की औरत खड़ी थी.
वह भाभी इतनी हॉट और सेक्सी थी कि मेरी नजरें उसकी अदाओं पर टिक कर रह गईं.

उसका बदन मानो आग उगल रहा था और उसकी आंखों में एक ऐसी चमक थी, जो किसी भी मर्द के दिल को बेकरार कर दे.

यहीं से Wild Bhabhi Fuck XKahani शुरू हो गयी.

उसने मेरी तरफ सवालिया नजरों से देख कर ‘हूँ?’ कहा.
तो मैंने कहा- मैं रूम देखने आया हूं.

वह मुझे सरसरी नजरों से ऊपर से नीचे तक देखने के बाद इशारा करती हुई घूमी और अपने साथ ऊपरी मंजिल पर ले गई.

उसकी चाल में एक न/शा था, जो मुझे अपनी ओर खींच रहा था.

घर देखकर मैंने तुरंत फाइनल कर लिया.

उस भाभी ने कहा- किराया 15,000 फाइनल होगा और हां, तुम चाहो तो एक शेयरिंग पार्टनर रख सकते हो, लेकिन इस घर में कोई लड़की नहीं चलेगी!
मैंने उसे 5,000 रुपये एडवांस दिए और अपना सामान शिफ्ट कर लिया.

दो दिन में ही लैंडलॉर्ड मेरे साथ इतनी फ्रैंक हो गई कि बातें दिल से दिल तक जाने लगीं.

उस भाभी का नाम रूबी था और वह तलाकशुदा थी.
उसकी हर अदा, हर हंसी में एक जादू था जो मुझे बेचैन कर रहा था.
मुझे उसे चोदने का मन करने लगा था और उसकी तरफ से भी मूक सहमति दिखने लगी थी.

अगले दिन मैं सेक्स की गोली का पैक खरीद लाया ताकि जब भी रूबी को पेलने का मौका मिले तो उसे किसी अरबी घोड़े की तरह रात पर पेलूँ.

तीसरी रात को मैं गहरी नींद में था, शायद रात के 11 बजे होंगे.

अचानक मेरे बेडरूम का दरवाजा धीरे से खुला.
मैंने आंखें खोलीं तो देखा रूबी एक शॉर्ट, पारदर्शी नाइटी में मेरी ओर बढ़ रही थी.

उसकी टांगें पूरी नंगी थीं और उसका बदन ऐसा मानो चांदनी रात में चमक रहा हो.

उसने आहिस्ता से दरवाजा बंद किया और मेरे बेड की ओर बढ़ी.

सर्दी की रात थी और रूबी भाभी एकदम से मेरी रजाई में घुस आई.

रजाई में घुसते ही उसने मेरी कमर को अपनी बांहों में जकड़ लिया और मुझसे इस तरह लिपट गई कि मेरे जिस्म में आग सी लग गई.

उसकी सांसें मेरे चेहरे पर टकरा रही थीं.
वह धीमी, गर्म आवाज में बोली- रॉकी, मैं ठंड से कांप रही हूं … मेरा कुछ करो ना!

उसकी इस अदा ने मेरे जिस्म में तूफान मचा दिया.
मेरा बदन जवाब देने लगा और मैंने उसे अपनी ओर और ज्यादा खींच लिया.

मेरा हाथ उसकी नाइटी के अन्दर सरक गया और मैंने उसकी नर्म कमर को सहलाना शुरू कर दिया.

रूबी की आंखों में एक प्यास थी.
वह बोली- प्लीज, मेरी कच्छी उतार दो.

मैंने धीरे से उसका कच्छी की दोनों बगलों में हाथ डाला और नीचे सरका कर उतार दिया.
उसने खुद अपनी टांगें अपनी कच्छी से बाहर निकाल दीं.

उसके बाद मैंने उसकी नाइटी को एक झटके में फाड़ दिया और रजाई के बाहर फेंक दिया.

अब रूबी मेरे सामने पूरी तरह नंगी थी.
मैंने उसे हाथ से सहलाया तो लगा कि उसका बदन मानो तराशा हुआ कोई ख्वाब था.

वह मुझसे और कसके चिपक गई.
उसकी सांसें मेरे होंठों को छू रही थीं.

वह बोली- रॉकी, मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लो … मैं तुम्हारे साथ लिव-इन में रहना चाहती हूं.

मैंने अपना दायां हाथ उसकी कमर से सरकाते हुए उसकी नर्म गांड पर रख दिया.

उसने अपना मुँह खोला और उसकी जीभ बाहर निकल आई, मानो मुझे और उकसा रही हो.
मैंने अपनी उंगली उसकी गांड के छेद में घुसड़ दी.
वह हल्की सी चिहुँकी मगर शांत हो गई.

मेरी उंगली को उसकी गांड की गर्माहट सुख देने लगी और मैं उसकी गांड में उंगली करने में खो गया.
वह भी मेरे लंड को सहलाने लगी.
कुछ ही देर में मैं झड़ गया तो मुझे ग्लानि सी हुई कि अब इस प्यासी हसीना को कैसे चोदूंगा!

शायद रूबी ने यह बात समझ ली थी. वह चुप हो गई और सोने लगी.
मैं उठा और अपनी टेबल की दराज में से दो वायग्रा की गोली खा कर बाथरूम से खुद को साफ करके आया और वापस रूबी के साथ चिपक कर सो गया.

एक घंटा तक हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सोए रहे.

रात के 12:30 बजे मेरी नींद खुली.
रूबी मेरे होंठों को चूम रही थी, उसकी हर किस में एक आग थी.

मैंने बिना सोचे अपनी उंगली उसकी गांड में सरका दी.
उसकी आंखों में मैंने वासना का तूफान सा उठते देखा.

वह मुझे देखने लगी और बोली- मेरे साथ लिव इन में रहोगे?
मैंने कहा- रूबी, तुम्हारी जैसी हसीना के साथ मैं लिव-इन में नहीं रह सकता.

उसका चेहरा लाल हो गया.
मैंने आगे कहा- तुम्हारी ये आग, ये बदन … मुझे चाहिए, लेकिन गर्लफ्रेंड बनाकर नहीं!

रूबी का चेहरा गुस्से और शर्म से लाल हो गया और वह रोने लगी.

मैंने कहा- रूबी, तुम 46 की हो, लेकिन तुम्हारा ये जलवा, ये हुस्न … मैं इसके साथ लिव-इन नहीं, बल्कि पूरी जिंदगी बिताना चाहता हूं.
यह सुनकर वह अवाक हो गई.

मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया.
वह मुझे तड़पती हुई बोली- क्या कहा तुमने?

मैंने कहा- रूबी, तुम्हारी जैसी सेक्सी हसीना को मैं अपनी बीवी बनाना चाहता हूं. तुम मेरी वह आग हो जो मेरे दिल को जला रही है. मैं तुम्हारा आशिक बन चुका हूं.
रूबी की आंखों में चमक आ गई और वह मेरे और करीब आ गई.

हमारी सांसें एक-दूसरे में गुम हो गईं.
वह मेरे लौड़े को टटोलने लगी.

मैंने एक झटके में अपना कच्छा उतार फेंका और उसे पलट कर अपनी बांहों में भर लिया.

मेरा लंड अब रूबी की गांड पर धीरे-धीरे रगड़ खाने लगा, मानो आग और ज्वाला का मिलन हो रहा हो.

रूबी वापस पलट गई और मुझसे लिपट गई, उसकी गर्म सांसें मेरे चेहरे को सहला रही थीं.

उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे और अपनी जीभ मेरे मुँह में सरका दी.
वह मेरी जीभ को ऐसे चूसने लगी जैसे वह मेरे जिस्म का हर रस पी जाना चाहती हो.

मैंने एकदम से रूबी की टांगें चौड़ी कीं और उसकी टांगों को अपने हाथों से खोल दिया.
उसकी चुत मेरे हाथों में थरथरा रही थी.

मैं अभी कुछ करता कि उसी वक्त रूबी ने उठकर अपने गले से चेन उतारी और उसे मेरे गले में डाल दिया.
शायद उसने वरमाला डाल कर मुझे अपना पति बना लिया था.

अब वह मुझसे इस तरह से लिपट गई जैसे वह मेरे जिस्म में समा जाना चाहती हो.

मैंने अपने अंगूठे से उसकी गांड के सुराख पर टटोला और उसी पल रूबी ने अपनी जीभ मेरी गर्दन पर फेरनी शुरू कर दी.
अपने हाथ से वह मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत पर रगड़ रही थी.

उसकी गर्म चुत मेरे जिस्म में करंट दे दौड़ा रही थी.
अचानक मेरे लंड का टोपा रूबी की चूत के मुहाने पर रुक गया.

जैसे ही मैंने उसे अन्दर सरकाने की कोशिश की, रूबी ने अपनी गांड को हल्का सा हिलाया और मेरे लंड के टोपे को अपनी चूत में समा लिया.
टोपा अन्दर घुसते ही रूबी का चेहरा लाल हो गया, उसकी आंखों में एक तूफान उमड़ पड़ा.

उसने अपने दोनों हाथों से मेरी कमर को ऐसे जकड़ लिया, जैसे मुझे अपने अन्दर कैद कर लेना चाहती हो.

उधर मेरा लंड अभी आधा ही उसकी चूत में समाया था लेकिन मेरे जिस्म में आग सी लग चुकी थी.
रूबी ने अपना चेहरा मेरे चेहरे के सामने कर दिया, उसकी आंखें मुझे न्योछावर होने को बेकरार थीं.

मैंने अपनी जीभ से उसके मोटे, रसीले गालों को चाटना शुरू किया.
रूबी तड़प कर अपनी गांड को ऊपर-नीचे करने लगी.

पहली बार मेरा लंड सीधे उसकी ब/च्चेदानी से टकराया.
मेरे लंड में मानो आग की लपटें उठने लगीं.

चुदाई के साथ मैं किसी जंगली जानवर की तरह उसके मुँह को चाटने लगा.

रूबी अब पूरी तरह तड़प रही थी, उसकी हर हरकत में एक जुनून था.
वह अपनी जीभ को अपने ऊपरी होंठ पर फेरती हुई मेरे लंड पर उछलने लगी.

वह अपनी चूत से मेरे लंड को बार-बार आजाद करती और फिर उसे अपने अन्दर समा लेती.

रूबी की चूत अब उस मुकाम पर पहुंच चुकी थी, जहां वह फुच-फुच की आवाजें करने लगी.
उसने मुझे देखते हुए कहा- रॉकी, मेरा काम होने वाला है!

इतना बोलकर रूबी मेरे सामने अपनी आंखें भींचने लगी.
वह अपनी जीभ से अपने होंठ चाट रही थी और ‘उम्म्म …’ की सिसकारियां लेती हुई उसने एक जोरदार झटका मारा और रुक गई.

ये वह पल था जब मेरा लंड का टोपा रूबी की ब/च्चेदानी से चिपक गया था.

मैं उसका चेहरा देख रहा था.
उसकी आंखें और गहरी हो गई थीं.

जैसे ही उसकी ब/च्चेदानी ने मेरे लंड पर डिस्चार्ज किया, रूबी ‘आहह … आहह …’ की सिसकारियां लेने लगी.
मैंने एकदम से उसका चेहरा देखते हुए उसकी ठुड्डी को चाटना शुरू कर दिया.

रूबी की चूत मेरे लंड के ऊपर सिकुड़ने लगी.
मैं एक बार उसके बाएं गाल को चाट रहा था, तो दूसरी बार दाएं गाल को.
दो मिनट तक रूबी झड़ती रही.

उन दो मिनटों में उसने मुझे चुदाई का ऐसा लुत्फ दिया कि मैं खो सा गया.

झड़ने के बाद जैसे ही रूबी ने अपनी आंखें खोलीं, उसकी नजरों में एक नई चमक थी.

मैं उसके कानों में फुसफुसाया- रूबी, मुझे तेरी गांड चाटनी है.

रूबी एकदम घोड़ी बन गई, उसने अपने हाथों से अपनी गांड को फैला दिया.
मैं उसके पीछे सरक गया और अपनी जीभ से उसकी गांड के सुराख को चाटने लगा.

रूबी कसमसाने लगी, उसकी चीखें मेरे जिस्म में और आग भड़का रही थीं.

मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में सरका दी.
मेरा लंड फिर से तड़प उठा, रूबी को दोबारा चोदने के लिए बेताब हो गया.

मैंने रूबी को मिशनरी पोज में अपने बाएं तरफ लिटाया.
उसका गर्म बदन मेरे जिस्म को छू रहा था, मानो आग पर तेल छिड़क रहा हो.

रूबी ने मेरा चेहरा पकड़ लिया और अपनी जीभ से मेरे होंठों को चाटने लगी, उसकी हर चाट मेरे अन्दर तूफान मचा रही थी.

रूबी ने मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी और अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत में सरकवा दिया.
उसकी चुत की गर्माहट ने मुझे बेकाबू कर दिया.

मेरा लंड चुत के अन्दर घुसते ही मैं तड़प के मारे फटने लगा.
मैंने रूबी की जीभ को चूसना शुरू किया, उसका थूक मेरे मुँह में घुल रहा था और वह स्वाद मुझे जन्नत की सैर करा रहा था.

रूबी अब मुझसे पूरी तरह लिपट चुकी थी.
उसके भारी, रसीले मम्मे मेरी छाती को ऐसे दबा रहे थे, मानो मुझे अपने अन्दर समा लेना चाहते हों.

मैंने दोनों हाथों से उसकी गांड को कसकर पकड़ा और एकदम से उसे अपने लंड पर झटके देने शुरू कर दिए.

मिशनरी पोज में मेरा लंड फिर से उसकी ब/च्चेदानी से टकराने लगा.
मैंने उसकी गांड को अपने हाथों से ताबड़तोड़ आगे-पीछे करना शुरू किया, हर झटके में उसका बदन थरथरा रहा था.

ये नजारा देख रूबी ने एक हाथ मेरी गर्दन से निकाला और दूसरा मेरी बाईं बगल से सरका कर अपने दोनों हाथ आपस में जकड़ लिए.

उसने मेरे मुँह में अपनी जीभ और गहरे डाल दी और आंखें बंद कर लीं.

मैंने पूरी ताकत से उसकी गांड को ऊपर-नीचे करना शुरू किया.
रूबी मुझे अपनी जीभ चटवाने लगी, उसकी हर सिसकारी मेरे जिस्म में आग भड़का रही थी.

मैंने पांच मिनट तक बिना रुके भाभी की गांड को अपने हाथों से चलाए रखा.

रूबी की ऐसी जबरदस्त चुदाई ने उसे मदमस्त कर दिया था.
वह अब मुझे ताड़ने लगी, उसकी नजरें मेरे चेहरे पर जमी थीं.

रूबी मुझे देख रही थी, उसकी आंखों में एक प्यास थी.

मैं फिर से तड़प के मारे हकलाने लगा.
उसने आंखों से पूछा- क्या चाहिए?

तभी उसका मुँह खुल गया और उसकी जीभ बाहर निकलने लगी.
मैंने उसे दिखाते हुए उसकी जीभ को अपनी से चाटना शुरू किया.

रूबी ने अपनी पूरी जीभ बाहर निकाल दी और मैं और शिद्दत से चाटने लगा.

रूबी ने मुझे ताकते हुए अपनी जीभ को थूक से भरकर बाहर निकाला.

मैंने उसे देखते हुए उसकी जुबान से टपकते रस को अपने मुँह में लेकर चाटना शुरू किया और नीचे से अपने लंड से उसकी चूत को भी चोदता रहा.

मैंने अपने बाएं हाथ से रूबी का दायां मम्मा पकड़ लिया और उसके निप्पल को दबाने लगा.
रूबी मेरा चेहरा लगातार देख रही थी, उसकी नजरें मेरे जिस्म को भेद रही थीं.

मैंने उसके मुँह को चाटते हुए उसे देखना शुरू किया.

चुदाई के इस माहौल में हम दोनों पांच मिनट तक एक-दूसरे को मदमस्त होकर ताड़ते रहे.

अचानक रूबी के चेहरे का नक्शा बदलने लगा.
भाभी ‘उउउइइ … उउउईई …’ की सिसकारियां लेने लगी, उसका चेहरा रोने जैसा हो गया.

मैं समझ गया कि रूबी फिर से झड़ने वाली है.
मैंने उसके हाथ का अंगूठा अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगा.

रूबी अब तड़प के मारे चीखने लगी- मेरा काम होने वाला है!
वह दो बार ‘आहह … आहह …’ की तेज सिसकारी के साथ भलभला कर झड़ने लगी.

रूबी चीख पड़ी- आह रॉकी, मैं तेरे लंड पर झड़ रही हूँ!
उसी वक्त मैंने अपने लंड को एकदम से उसकी ब/च्चेदानी से टकराया और टोपे को उसकी ब/च्चेदानी के मुहाने पर रोक दिया.

रूबी की चूत मेरे लंड पर झड़ने लगी, उसकी चुत के रस की गर्माहट मेरे जिस्म में करंट दौड़ा रही थी.

रूबी के झड़ते ही मैं पागलों की तरह उसके गाल चाटने लगा.
इस बार रूबी किसी जंगली हसीना की तरह चीखें मारती हुई झड़ रही थी.
उसकी खुली आंखें एकदम से बंद हो गईं और उसने अपनी सांसों को अन्दर खींच लिया.

रूबी अब धीरे-धीरे अपनी गांड को मेरे लंड पर उछालने लगी, मानो हर उछाल में मुझे और गहराई में ले जाना चाहती हो.

मैं उसके गाल चाटने में डूबा था और उधर रूबी अपनी चूत को मेरे लंड पर झाड़ रही थी.
वह जानबूझकर जोर-जोर से ‘आहह … आहह …’ की सिसकारियां ले रही थी, मुझे चुदाई का ऐसा लुत्फ दे रही थी कि मैं तड़प के मारे फटने लगा.

एक तरफ उसकी चूत मेरे लंड पर झड़ रही थी, दूसरी तरफ मैं उसके रसीले गाल चाट रहा था और सबसे ज्यादा तड़प तो मुझे रूबी की वह चुड़क्कड़ सी शक्ल दे रही थी.
वह इस वक्त किसी रंडी जैसी अदा से झड़ने का मजा ले रही थी और मुझे उससे दुगना लुत्फ दे रही थी.

कुछ मिनट तक मैं रूबी के साथ ऐसे ही मजे लेता रहा.
रूबी अब झड़कर ढीली पड़ चुकी थी, लेकिन मैंने अभी भी उसके गाल को अपने मुँह में दबाया हुआ था.

मैं दवा के असर से अभी भी बाकी था.

अचानक से मैं उठा और वापस से रूबी की टांगों को फैला कर उसके ऊपर चढ़ गया.
मैंने उसकी टांगें चौड़ी कर दीं. मेरा लंड उसकी चूत के मुहाने को टटोलने लगा.

मैंने टोपे को उसकी चूत के मुहाने पर रखा और एक झटके में अन्दर सरका दिया.
रूबी ने आंखें गाड़कर मुझे देखा, उसका सिर धीरे-धीरे उठने लगा.

मैंने नीचे झुककर उसकी बाहर निकली जीभ को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा, उसका स्वाद मेरे जिस्म में आग भड़का रहा था.

‘ओह रूबी … ऊह रूबी … तेरे दूध कितने सेक्सी हैं!’
मैंने उसके एक दूध को चूसना शुरू कर दिया.

रूबी ने अपना एक हाथ मेरे सिर पर रख कर मुझे अपने दूध पर दबाना शुरू कर दिया.

मैं उसकी चूत चोदते हुए नीचे झुका तो रूबी ने अपने होंठ मेरे मुँह पर रख दिए और मुझे चूमने लगी.

मैं उसकी जीभ चूसते हुए अपने लंड को उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा.
रूबी की चूत से फच-फच की आवाजें आने लगीं. उसकी चूत फिर से झड़ने के कगार पर थी.

अचानक रूबी ‘आहह … आहह …’ की सिसकारियां लेने लगी.

इस बार मैं किसी कुत्ते की तरह उसकी चूत में लंड के झटके मारने लगा.
जैसे ही रूबी चीखी, मुझे उसकी चूत के झड़ने का अहसास हुआ.

मैं ताबड़तोड़ उसकी चूत को चोदता रहा.
एक मिनट में रूबी ने अपनी चूत को मेरे लंड पर झाड़ दिया और खुद ही बेड पर घोड़ी बन गई.

भाभी बोली- साले मुझे कुतिया की तरह फिर से चोद!
मैं उसके पीछे घुटनों के बल बैठ गया और अपने लंड को हिलाने लगा.

रूबी ने अपनी गांड को हाथों से पकड़ कर चौड़ा कर दिया.
मैंने अपना थूक सीधे उसकी गांड पर फेंका, जो सरसराता हुआ उसकी चूत तक पहुंच गया.

जैसे ही थूक उसकी चूत पर लगा, मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहाने पर रख दिया.

रूबी ने अपनी गांड को पीछे उछाला और मेरा पूरा लंड अपने अन्दर समा लिया.

वह पीछे मुड़कर मुझे देखने लगी. मैंने झटके मारने शुरू किए और रूबी मुझे टकटकी लगाकर ताड़ने लगी.
उसका मुँह खुल गया और उसकी जीभ बाहर निकलने लगी.

मैंने एक जोरदार झटका मारा और रूबी की आंखों में देखते हुए ‘ऊह … ऊह …’ की सिसकारियां लेते हुए बोला- रूबी, मेरा लंड सीधा तेरी ब/च्चेदानी से टकरा रहा है!

रूबी धम्म से बेड पर गिरी, उसके भारी, रसीले मम्मे बेड से टकराए.

वह अपने हाथ फैलाकर लेट गई और उसने अपनी गांड को पूरी तरह पीछे ऐसे खोल दिया, मानो मुझे अपनी गांड की गहराई में सैर करने के लिए बुला रही हो.

मैंने अपने हाथ का अंगूठा उसकी गांड में सरका दिया और फच-फच की आवाजों के साथ उसकी चूत को चोदने लगा.

रूबी जिस अंदाज में घोड़ी बनकर मेरे सामने अपनी चूत खोलकर बैठी थी, उस अदा ने मुझे चुदाई का ऐसा लुत्फ दिया कि मैं जैसे जन्नत में था.

मैं फिर से तड़प के मारे फटने लगा.
मैं अपने अंगूठे को धीरे-धीरे उसकी गांड में और गहरा सरका रहा था, उसकी नर्मी मेरे जिस्म में आग भड़का रही थी.

मैंने अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर उसके गाल को पकड़ा ही था कि रूबी ने मेरे हाथ का अंगूठा मुँह में डाल लिया और उसे चूसने लगी.

उसकी आंखों में एक जंगली प्यास चमक रही थी.
मैंने एक हाथ से उसकी गुदाज गांड पर जोरदार थप्पड़ मारा ताकि उसकी तड़प और बढ़े और वह चुदाई के मजे में पूरी तरह डूब जाए.

वाइल्ड भाभी फक करते हुए फच-फच की आवाजें पूरे कमरे में गूंजने लगीं.
दस मिनट की इस जबरदस्त चुदाई के बाद रूबी पुनः अपनी मंजिल की ओर बढ़ने लगी.

वह ‘आहह … आहह … उउहह … उउहह … आहं … आहं …’ की सिसकारियां लेने लगी और बोली- रॉकी, मैं फिर से झड़ने की कगार पर हूँ!
मैंने दोनों हाथों से उसकी मोटी, नर्म कमर को जकड़ लिया और दे दना-दान, किसी कुत्ते की तरह ताबड़तोड़ उसे चोदने लगा.

अभी पांच-छह जोरदार झटके ही मारे थे कि अचानक रूबी की गांड ऊपर उछलने लगी, फिर नीचे की ओर झटके लेने लगी.
मैं समझ गया कि रूबी झड़ रही है.
उसने एकदम से दोनों हाथों से अपने मम्मों के निप्पल पकड़ लिए और अपनी गांड को उछालने लगी.

मैं रुक गया, अपने लंड के टोपे पर उसकी चूत के झड़ने का अहसास लेने लगा.
उसी वक्त मेरे लंड से भी रस धार निकलने लगी.

हम दोनों ही मस्त हो गए थे.

एक मिनट तक रूबी भाभी ऐसे ही अपनी गांड उछालती रही, उसकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं. मैं भी निढाल हो गया था.

कुछ पल बाद वह धम्म से बेड पर लेट गई. मैं उसके ऊपर चढ़कर लेट गया और उसकी गर्दन को चाटने लगा.
उसकी गर्म सांसें मेरे चेहरे पर टकरा रही थीं.

हम दोनों उसी तरह एक-दूसरे में खोकर सो गए.

इसी तरह रूबी, जो मेरी मकान मालकिन थी, मेरी गर्लफ्रेंड बन गई.
हम दोनों लिव-इन में रहने लगे, हर पल एक-दूसरे की बांहों में जन्नत तलाशते हुए सेक्स का सुख लेने लगे.

दोस्तो, आपको यह वाइल्ड भाभी फक XKahani कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
[email protected]

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