ट्रेन पोर्न Xx कहानी में मैं और मेरी बहन फर्स्ट क्लास कूपे में थी कि उसमें 2 लड़के और आ गए. उन्होंने पहले हमसे शराब पीने की अनुमति मांगी, फिर हमें भी पीने को कहा.
फ्रेंड्स, मैं सलमा कुरैशी, आप सबको अपनी सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रही हूं.
यह एक चलती ट्रेन में चुदाई की सच्ची घटना है.
Train Porn Xx Kahani के वक्त मेरी उम्र 27 साल थी और फिगर साइज 36-30-38 का था.
हालांकि मैं स्कूल टाइम से ही बहुत सेक्सी थी, बहुत लोगों से चुदी भी थी.
उस दिन मैं एक शादी में जा रही थी.
मेरे साथ मेरी छोटी बहन भी थी.
उसका नाम नाजिया कुरैशी है, उम्र 24 साल और उसका फिगर साइज 34-30-36 का है.
वह भी बहुत सेक्सी है और बहुत लोग से चुदी थी.
हम दोनों बहन एक नंबर की रंडियां थीं.
किसी भी मस्त लंड से चुदने के लिए अपनी चुत खोल कर चुदने को हमेशा तैयार रहती थीं.
हम दोनों बहनों ने ट्रेन में फर्स्ट एसी के केबिन की 2 टिकटें बुक की थीं.
जब हम स्टेशन पर पहुंचे … तब बहुत लोग हमें घूर घूर देख रहे थे.
मैंने लाल रंग की नेट की साड़ी पहनी थी और उसके साथ लो-कट ब्लाउज पहना था, जिसमें से मेरी चूचियां आधी से ज्यादा बाहर निकल भागने को दिख रही थीं.
मेरी छोटी बहन नाजिया ने नीली साड़ी पहनी थी.
उसने भी लो-कट ब्लाउज पहना हुआ था.
उस दिन खास बात यह थी कि हम दोनों बहनों ने ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी.
सब लोग हम दोनों सेक्सी बहनों के बैकलेस ब्लाउज को देख रहे थे.
हम दोनों भी लोगों की वासना से तप्त आंखों को अपने जहरीले हुस्न का जाम पिलाती हुई मस्ती से अपनी गांड मटकाती हुई और खिलखिलाती हुई चली जा रही थीं.
जल्दी ही हम दोनों बहनें अपनी अपनी सीट पर जाकर बैठ गईं और कूपे का दरवाजा लगा लिया.
ट्रेन चल पड़ी और उसके कुछ मिनट के बाद मैं मोबाईल में कामुकताज डॉट कॉम की एक सेक्सी कहानी पढ़ने लगी और अपनी चूची दबाने लगी.
तभी अचानक से दरवाजा खुला और 2 हट्टे कट्टे मर्द अन्दर आ गए.
हम दोनों बहनों की नजरें उन दोनों मर्दों पर टिक गईं.
वे दोनों सच में बहुत मजबूत मर्द दिखाई दे रहे थे.
मैंने उन्हें देख कर अचानक से अपनी चूची से हाथ हटा लिया.
उन दोनों की सीटें उसी केबिन में हमारे सामने वाली सीटें थीं.
वे दोनों सामने बैठ गए और हम दोनों बहनों के लो-कट ब्लाउज में से झाँकते हुए हमारे दूध देखने लगे थे.
हम दोनों की रसीली चूचियों को देख कर उन दोनों के लंड खड़े होने लगे थे.
उनके खड़े होते लंड उनकी पैंटों से फूलते हुए साफ दिख रहे थे.
फिर एक ने शराब की बोतल निकाली और मेरी तरफ देखते हुए बोला- मैडम आपको कोई ऐतराज तो नहीं है न!
मैंने कुछ नहीं कहा.
उसने अपने बैग में से दो गिलास निकाले और दोनों ने पैग बना कर अपना अपना गिलास उठा कर चीयर्स किया और एक ही सांस में गटगट करके पी लिया.
फिर एक ने मुझसे पूछा- सॉरी, हम दोनों ने आपसे ड्रिंक के लिए नहीं पूछा. क्या आप लोग पिएंगी?
मैं सोच रही थी कि क्या बोलूं?
इतने में नाज़िया ने हां बोल दिया.
वे दोनों खुश हो गए और दो और गिलास बना कर हम दोनों बहनों को भी एक-एक गिलास पकड़ा दिया.
हम दोनों ने भी शराब को उनके जैसी ही गटगट करके एक ही सांस में गटक ली.
अब यहीं से ट्रेन पोर्न Xx कहानी बननी शुरू हो गयी.
अब हम दोनों तो पुरानी रांडें ठहरीं, शराब क्या चीज थी हम दोनों ने अच्छे अच्छों के लंड तक चूसे थे.
आज भी ट्रेन के सफर में दो मस्त मर्द देख कर हम दोनों बहनों की चूतों में पानी आ गया था.
अब हम सब में बात होने लगीं.
एक लड़के ने सिगरेट सुलगाई और मुझे ऑफर की तो मैंने उसकी उंगलियों से सिगरेट लेकर अपने होंठों में फंसा ली और मजा लेने लगी.
चूंकि इस कूपे में एक उन्नत किस्म का एसी लगा हुआ था जो हवा को एक घंटे में अठारह बार बदलता था.
इसी कारण से हम लोग सिगरेट का मजा ले पा रहे थे. वैसे तो ट्रेन में सिगरेट पीने की मनाही है लेकिन नियम कौन मानता है!
हमारी बातचीत शुरू हुई तो उन दोनों ने अपने अपने नाम बताए.
एक का नाम रवीन्द्र था और दूसरे का नाम सुरेश था.
उसी पल मैंने अपनी साड़ी का पल्लू खिसक जाने दिया, जिससे मेरे दूध एकदम साफ नुमायां होने लगे.
रवीन्द्र मेरी चूचियां देखने लगा और वह पैंट के ऊपर से ही अपने लंड पर हाथ फिराने लगा.
उसका लंड टाइट हो गया था.
इतने में सुरेश उठ कर मेरी बहन नाजिया के बाजू में बैठ गया और उसकी आंखों में नशीले अंदाज से देखने लगा.
नाजिया तो पहले से ही चुदासी हो गई थी तो वह सुरेश के होंठों पर अपने होंठ रख कर गर्म सांस छोड़ने लगी.
सुरेश भी कहां पीछे रहने वाला था, वह मेरी बहन की चूचियां दबाने लगा.
नाजिया भी गर्म हो गई और उसने भी सुरेश का लंड पैंट से बाहर निकाल लिया.
वह उसके लंड को सहलाने लगी.
मैंने उसका लंड देखा तो देखती ही रह गई.
साले का लंड 8 इंच का रहा होगा.
एकदम खीरे जैसा मोटा और भुजंग काला लंड था.
उसके मूसल लंड को देखते ही मेरी चूत गीली हो गई.
मैं अपनी चुनचुनाती चूत को साड़ी के ऊपर से सहलाने लगी.
यह देख कर रवींद्र उठा और वह मेरे सामने खड़ा हो गया.
मैं उसे कामुक नजरों से देखती हुई सिगरेट का धुआँ उड़ाने लगी.
उसने अपने पैंट का हुक खोला और उसे नीचे सरका कर अपने लंड को मेरे मुँह के पास ले आया.
उसका लंड भी सुरेश के लंड जितना ही था.
बल्कि लंबाई में शायद आधा इंच ज्यादा बड़ा होगा.
इसका लंड भी मोटा व काला था.
मैंने फौरन से अपना मुँह खोला और उसके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
वह भी मेरे बालों को पकड़ कर पूरी ताकत से मेरे मुँह को अपने लौड़े से चोदने लगा.
उधर सुरेश ने नाज़िया को नंगी कर दिया और वह नाज़िया की चूचियों से खेलने लगा.
रवीन्द्र ने लंड मुँह से निकला और मेरे ब्लाउज को खोल दिया.
बिना ब्रा के मेरी चूचियां नंगी हो गईं और रवीन्द्र लपक कर मेरी दोनों चूचियों को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
वह मेरी एक चूची को चूस रहा था और उसे बीच बीच में काट भी ले रहा था.
उसके काटने से मुझे और भी ज्यादा वासना चढ़ रही थी.
फिर उसने मुझे खड़ी किया और मेरे पेटीकोट के नाड़े को ढीला करके निकाल दिया.
पेटीकोट नीचे गिर गया और मैं सम्पूर्ण नंगी हो गई.
वह अपनी दो उंगलियों से मेरी चूत को कुरेदने लगा और मेरी चुत में अन्दर डाल कर चुत रगड़ने लगा.
मैं कामुक सिसकारियां लेने लगी.
‘अह्ह्ह्ह उफ्फ़ ओह्ह्ह्ह…’ की आवाज कूपे में गूंजने लगी.
तभी रवीन्द्र ने मुझे एक थप्पड़ लगाया और बोला- चल कुतिया चूस मेरा लंड … रंडी साली छिनाल!
वह मेरा मुँह चोदने लगा.
उसके मुँह से गालियां सुन कर मुझे भी जोश आ गया और मैं पूरे ज़ोश में उसका लंड चूसने लगी.
वह मेरे मुँह को चोदने के साथ साथ मेरी चूत में भी उंगली कर रहा था.
इससे जल्दी ही मेरी चुत से पानी निकल गया.
उधर नाजिया भी सुरेश का लंड चूस रही थी.
नाजिया व सुरेश 69 के पोज में थे.
सुरेश नाजिया की चूत चूस रहा था और वह लंड.
फिर सुरेश ने नाजिया को कुतिया बना दिया और उसकी चूत में लंड पेल दिया.
जैसे ही सुरेश ने अपना आठ इंच का मोटा लंड एक झटके में नाजिया की चुत में पेला, वह चिल्लाने लगी- अह्ह ओह्ह अह्ह्ह अह मर गई!
सुरेश बिना रुके नाजिया को चोद रहा था.
इधर उन दोनों की चुदाई देख कर रवीन्द्र भी जोर जोर से मेरी चूत चूसने लगा.
वह मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था.
मुझसे से बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैं बोली- अब चोद भी दो यार … मुझसे रहा नहीं जाता!
रवींद्र बोला- रुक कुतिया अभी इतनी जल्दी चुत कैसे मारूँगा … पहले तो तेरी गांड मारूंगा … आह साली तेरी मोटी गांड फाड़ूँगा. फिर तेरी चुत का नंबर आएगा.
उसने मेरी गांड में लंड डाल दिया.
मेरी तो मानो जान निकल गई थी.
वह अपनी कमर को उठा-उठा कर मेरी गांड चोद रहा था.
कुछ मिनट गांड मारने के बाद उसने नाज़िया की गांड में लंड डाल दिया और सुरेश ने मेरी चूत में लंड पेल दिया.
अब सुरेश ने मेरी चूत चोदी और रवींद्र ने नाज़िया की गांड मारी.
कुछ 15 मिनट के बाद दोनों ने हमारे मुँह में पानी निकाल दिया.
हम दोनों बहनें उनके स्वादिष्ट पानी को पी गईं और नंगी ही लेटी रहीं.
सुरेश पैग बनाने लगा और उसने मुझसे पूछा- कैसा लगा तुम लोगों को?
मैंने कहा- मस्त … मजा आ गया यार तुम लोगों के साथ तो हमारी जर्नी हैप्पी हो गई.
सुरेश ने गिलास देते हुए कहा- अभी और मजा करेंगे!
मैंने कहा- हां हां हम दोनों रेडी हैं!
वह बोला- अभी 4 लड़के और हैं. वे सब हमारे दोस्त हैं और बाजू वाले एसी केबिन में हैं. तुम बोलो तो उन्हें भी बुला लें!
उसके मुँह से ये सुनते ही नाज़िया बोली- तो अभी तक क्यों नहीं बोला, हां बुला लो उन्हें भी!
ये सुनते ही सुरेश उन लोगों को बुलाने चला गया.
इधर रवींद्र ने एक और बोतल शराब की निकाली और हम दोनों को फिर से गिलास में शराब भर कर दे दी.
शराब पीती हुई मैं नाजिया से बोली- क्या हो गया है तुझको साली कुतिया … आजकल कुछ ज्यादा ही चुदने का शौक चढ़ गया है तुझे?
वह हंस दी और बोली- अरे दीदी, जिंदगी में यह जवानी कितने दिन रहेगी. मजा ले लेने दो न!
मैं भी हंस दी, तब तक रवींद्र के साथ उसके चार दोस्त अन्दर आ गए थे.
अब जो केबिन में हम दोनों बहनों की माँ चुदी … वह गजब ही दास्तान थी.
उन चार में से दो तो बहुत ही बड़े वाले मादरचोद मर्द थे.
सबसे पहले तो हम दोनों बहनों को सबके लंड चूसने पड़े, फिर सैंडविच चुदाई शुरू हुई.
हमारे जिस्म में शराब का नशा तो था ही, सुरेश ने सेक्स की गोलियां भी खिला दी थीं.
दवा के असर से लंड बेअसर हो रहे थे मगर उधर लंड के तनाव भी दवा के असर में एकदम सख्त थे.
उन छहों मर्दों ने हम दोनों बहनों की चूचियों को पिलपिला कर दिया और चुत गांड की जगह गहरे गहरे गड्डे खोद दिए.
हम दोनों बहनों की रात भर चुदाई हुई.
मैं अपनी बहन नाजिया से ज्यादा खेली खाई रांड थी, तो मैंने थक कर बेहोश हो जाने का ड्रामा किया और गिर गई.
मुझे छोड़ कर साले सब के सब नाजिया पर चढ़ गए.
नाजिया ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे आंख मार दी.
वह भी समझ गई कि इन मर्दों से बचने का एक ही तरीका है और वह भी कुछ देर बाद बेहोश हो जाने का ड्रामा करने लगी.
अब वे चारों हमारे केबिन से निकल गए.
उनके जाते ही नाजिया उठ कर बैठ गई और सुरेश की गोदी में बैठ कर उसके होंठ चूसने लगी.
सुरेश हंसने लगा कि साली रंडी … छह के लंड से नहीं चुदना था क्या?
नाजिया बोली- वे सब मिल कर मेरी फाड़ देते. अब तुम दोनों ही मिल कर मुझे मजे से चोदो.
तभी मैं भी उठ गई और हम दोनों बहनों ने वापस अपनी चुदाई का आनंद लेना आरंभ कर दिया.
तो दोस्तो, यह हमारी सच्ची ट्रेन पोर्न Xx कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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