पड़ोसन नेपालन आंटी की प्यासी चुत चुदाई

देसी आंटी सेक्स कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली नेपालन महिला की है. वो बहुत खूबसूरत थी, मैंने उसे कैसे पटाया और फिर उसकी प्यासी चूत को चोदा?

हाय दोस्तो, मेरा नाम रवि है. मैं मुंबई का रहने वाला 31 वर्षीय युवक हूँ. अच्छा खासा दिखता हूँ और लंड का साइज भी 6 इंच के ऊपर है.
मैं किसी भी लड़की या आंटी को खुश कर सकता हूँ. सेक्स टाइम भी अच्छा है, किसी को भी पूरी तरह से ठंडा कर सकता हूँ.

मैं कामुकताज डॉट कॉम का एक नियमित पाठक हूँ, इसलिए सोचा कि क्यों न अपनी भी सेक्स कहानी लिख कर आपके साथ साझा कर लूं.

ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, कुछ गलती हो जाए, तो प्लीज़ माफ कर देना.

ये देसी आंटी सेक्स कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली नेपाली आंटी और मेरे बीच घटी एक सच्ची घटना है. मैंने कैसे उनको पटाकर चोदा और आज भी चोदता हूँ.

आंटी का नाम चंदा है और वो एक हाउसवाइफ है. आंटी 39 साल की भरी पूरी शरीर की मालकिन हैं. उनका फिगर साइज कुछ 36-30-38 का है.
उनको कोई भी देखे, तो लंड हिलाये बिना नहीं रह सकता है.
न जाने मैंने कितनी बार उनकी नाम की मुठ मारी है, इतनी सेक्सी हैं वो!

उनका पति ड्राइवर है और भारी पियक्कड़ भी है. आंटी को एक 14 साल का लड़का भी है.

हुआ यूं कि जब मैं वहां रहने नया नया आया था, तो मुझे मालूम नहीं था कि इस घर में पानी का प्रॉब्लम है.

उस दिन घर में पानी नहीं था, तो मैं पानी मांगने के लिए उनके घर गया.

जब मैंने उनके घर की डोरबेल बजायी, तो आंटी ने दरवाजा खोला. मैं उनको ही देखता ही रह गया … क्या गजब की माल दिख रही थीं वो … ऐसा लग रहा था कि आंटी अभी नहा कर आई थीं. उनका पूरा शरीर चमक रहा था. मैं उनमें ही खो गया.

आंटी ने मुझसे पूछा- ह्म्म्म … क्या चाहिए?

मैंने ध्यान ही नहीं दिया बस उनके तने हुए चूचों को ही देखे जा रहा था.

तभी आंटी ने जोर से आवाज लगाई, तो मैं होश में आ गया.

उन्होंने पूछा- क्या काम है?
तो मैंने बताया- आंटी मैं रवि, आपके पड़ोस में नया नया रहने आया हूँ. मुझे पानी चाहिए था … थोड़ा मिल जाए तो अच्छा है प्लीज़ आंटी.

आंटी मुस्कराईं और बोलीं- ठीक है अन्दर आकर ले लो. पानी ड्रम में से निकाल कर ले लेना.

आंटी ने मुझे अन्दर बुलाया. मैं उनके पीछे पीछे उनकी गांड को देखते देखते अन्दर गया और पानी लेकर आ गया.

मैं नहाते समय आंटी की बात को याद कर रहा था, जब उन्होंने मुस्कुरा कर मुझसे कहा था कि अन्दर आकर ले लो … मैं बस आंटी की लेने की ही सोचने लगा था.

फिर मैं नहाकर ऑफिस चला गया.

जब शाम को मैं वापस आ रहा था, तो आंटी मुझे रास्ते में मिलीं.
मैंने उनको हाय बोला और उनसे पूछा- आपको घर छोड़ दूं?
वो बोलीं- कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा?
मैंने बोला- उसमें क्या है … आखिर मैं आपका पड़ोसी हूँ. मैं भी घर ही जा रहा हूँ … उसमें क्या है.

आंटी ने कुछ सोचा और बैठ गईं. पहली बार वो मेरे साथ बाइक पर बैठी थीं.
मेरी बाइक की सीट थोड़ा पीछे से ऊंची है, तो जैसे ही वो बैठीं, उनका पूरा भार मेरे ऊपर ही आ गया और मेरा लंड खड़ा हो गया.

जैसे तैसे मैं घर पहुंचा और आंटी के नाम की मुठ मारकर खुद को शांत किया.

फिर खाना खाकर मोबाइल में लग गया.

मैं फेसबुक देख रहा था, तो मैंने आंटी के नाम चंदा को सर्च किया.
वो मुझे फेसबुक पर मिल ही गईं. उन्होंने खुद की पिक लगाई थी.
मैं उन्हें पहचान गया और उन्हें रिकवेस्ट भेज दी.

तकरीबन 12 बजे उन्होंने मेरी रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट किया और मुझे मैसेज किया- अभी तक सोये नहीं?
मैंने भी बोल दिया- हां, नींद नहीं आ रही है.

आंटी ओके बोल कर ऑफलाइन हो गईं.

फिर तकरीबन 3 या 3.30 बजे मैसेज आया … क्योंकि मैं ऑनलाइन था तो मैं झट से रिप्लाई दे दिया.

वो बोलीं- अरे अभी भी जाग रहे हो?
मैंने बोला- हां … आप भी तो अभी तक जगी हुई हो?
आंटी बोलीं- हां आज पता नहीं क्यों नींद नहीं आ रही है.

मैंने उनके सारे फोटो लाइक किए थे.
तो उन्होंने पूछा- तुमने मेरी सारी फोटो लाइक की हैं … क्या मैं इतनी अच्छी दिखती हूँ?
मैंने बोला- हां आंटी आप बहुत सुंदर हो … कोई भी आपके प्यार में पागल हो जाएगा.

आंटी ने हंसने का इमोजी भेजा और बोलीं- चल झूठे. मैं 39 साल की हूँ … बूढ़ी दिखती हूँ. कौन सी कोई फिल्मी हीरोइन हूँ, जो कोई मेरे साथ प्यार में गिरेगा.
मैंने कहा- अरे सच में आंटी, आप बहुत सुंदर हो.

उन्होंने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
तो मैंने कहा- नहीं आंटी.

वो बोलीं- इतनी महंगी बाइक लेकर घूमते हो … और गर्लफ्रेंड नहीं है. तुम झूठ बहुत बोलते हो.
मैंने कहा- आंटी सच में आपकी कसम कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. आप पहली हो, जो मेरे साथ बाइक पर बैठी हो.
उन्होंने कहा- हम्म … तुम्हारी बाइक बहुत अच्छी है. चलो अब मुझे नींद आ रही है.

इतना कह कर आंटी ऑफ़लाइन हो गईं. वो सो गई थीं.

सुबह होते ही मैं काम पर चला गया.

ऐसे ही दिन बीत रहे थे. हम दोनों खाली मैसेज से ही बात किया करते थे.

एक दिन मैं काम से वापस आ रहा था, तो आंटी कहीं जा रही थीं.
मैंने गाड़ी उनके पास रोक दी, तो वो देख कर स्माइल करने लगीं.

मैंने पूछा- आंटी इतना सज-धज के कहां जा रही हो आप?
वो बोलीं कि कहीं नहीं … पास ही गार्डन में घूमने जा रही हूँ.

मैंने पूछा- अकेली अकेली?
वो बोलीं- मेरे पति और बेटा पैतृक गाँव गए हैं, तो वो आज नहीं आएंगे. मैं घर पर अकेली बोर हो रही थी … तो सोचा कहीं घूम आऊं.

मैंने पूछा- आपको कोई प्रॉब्लम न हो तो मैं भी आ जाऊं!

इस पर वो हंस दीं और बोलीं कि कोई प्रॉब्लम नहीं है … चलो.

उस दिन आंटी ने बहुत ही मस्त ड्रेस पहनी थी. टाइट लैगिंग्स में से उनकी जांघें मस्त दिख रही थीं. ऊपर व्हाइट कुर्ता पहना था, वो मलमल का था जिसके अन्दर से उन्होंने काले रंग की ब्रा पहनी थी, जो साफ़ दिख रही थी.

मैंने उन्हें बाइक पर बैठने का इशारा किया तो वो गांड उचका कर वो मेरे पीछे बैठ गई थीं.

आंटी ने अपना सारा भार मुझ पर ही डाल दिया और मुझसे सट कर बैठ गईं. आंटी के मम्मों के स्पर्श से मेरा लंड तन गया.

हम दोनों घूमने निकल पड़े.

उन्होंने कहा- रवि, चलो कहीं दूर से घूम कर आते हैं.

मैं समझ गया कि आंटी मेरे साथ देर तक चिपकना चाहती हैं.

उनके ये बोलते ही मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो आंटी मुझसे एकदम से चिपक कर बैठ गई ओर बोलीं- थोड़ा संभाल कर आहिस्ता से चलाओ. मैं कहीं गिर न जाऊं.

हम दोनों हाईवे पर पहुंच गए.

मैंने वहीं बाजू में गाड़ी लगाई और बातें करने लगे. बातों बातों में उन्होंने मुझसे फिर से गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा.

मैंने न बोला और उनको बताया- मैं आपको चाहने लगा हूँ.

मेरी बात सुनकर वो एकदम से चुप हो गईं और थोड़ा गुस्सा भी हो गईं.

मैं चुप रहा.

एक मिनट बाद आंटी बोलीं- मैं भी तुम्हें चाहती हूँ रवि … लेकिन डर लगता है कि किसी को पता चल गया तो बदनामी होगी.
मैंने बोला- कैसे पता चलेगा … मैं तो किसी को जानता भी नहीं हूँ. आप बताओगी क्या किसी को?

आंटी बोलीं- मैं क्यों बताऊं भला?
मैंने बोला- जब आप चुप, मैं चुप … तो किसे पता चलेगा.

मैंने आंटी को थोड़ी हिम्मत दी, तो वो मेरे गले से लग गईं और मुझे कसके जकड़ लिया.

क्या बताऊं यारो … मेरा लंड फिर से तन गया.
जहां मैंने बाइक रोकी थी, वहां आसपास कोई नहीं था. सिर्फ मैं और चंदा आंटी ही थे.

मैंने आंटी को चूम लिया. तो उन्होंने मुझे दूर किया और बोलीं- यहां नहीं … घर पर चलते हैं.

अब मैं और वो घर की ओर चल दिए.

रास्ते में उन्होंने बताया कि मेरा पति मुझे प्यार ही नहीं करता है. उसका कहीं और लफड़ा चल रहा है. जब से बच्चा हुआ है, तब से वो मेरे साथ प्यार नहीं करता है. क्योंकि अब मैं उसे मोटी दिखती हूँ. मैंने अपनी औलाद के पैदा होने के बाद से सेक्स नहीं किया है.

मैंने पूछा- मतलब आपने 15 साल से सेक्स नहीं किया है.
आंटी बोलीं- हां … और न ही मेरा किसी के साथ लफड़ा हुआ है. बदनामी के कारण मैंने किसी से भी दोस्ती नहीं की.

मैंने कहा- हां आंटी, आप जरा सी भी किसी को लिफ्ट देतीं, तो आपके आगे लाइन लग जाती.
आंटी ने कहा- हां रवि, तुम सच कह रहे हो. इस एरिया के सारे लड़के और बूढ़े भी मुझको घूरते हैं लेकिन मैंने किसी को घास नहीं डाली. तुम पहले हो जिसके प्यार में मैं पड़ी हूँ.

यही सब बातें करते करते हम लोग अपने मोहल्ले में पहुंच गए.

मैंने उन्हें घर से थोड़ा पहले ही छोड़ा और मैं घर पर आ गया.

अपने कमरे में आकर मैं फ्रेश हुआ और घड़ी देखी तो 11 बज गए थे.

मैंने आंटी को फोन किया, तो वो बोलीं- जरा रुको, सरप्राइज है.
मैं बोला- ठीक है, जल्दी आओ … आपके बिना मेरा मन नहीं लग रहा है.
वो भी बोलीं- तुमने मेरा भी तो चैन चुराया है … लेकिन तुम्हें कुछ सरप्राइस देना है, तो रुको.

करीब 12.15 बजे आंटी मेरे कमरे में आईं. उन्होंने रेड सिल्क का गाउन पहना हुआ था. उनके दूध इस गाउन के गहरे गले से साफ साफ दिख रहे थे. शायद वो नहाकर आयी थीं.

वो आईं और मेरे बाजू में बैठ गईं.

मैं सिर्फ अंडरवियर में बैठा था.

वो मुझे देख कर मुस्कराईं ओर बोलीं- पूरी तैयारी में बैठे हो.
मैंने कहा- नहीं तो, मैं घर पर ऐसे ही रहता हूं.

वो हंसने लगीं और मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगीं.

मेरा लंड अपने आकार में आ गया. तो आंटी ने तुरंत ही उसे अपने हाथ में पकड़ लिया और ऊपर से ही मसलने लगीं … उससे खेलने लगीं.

मैंने वासना से आंटी की तरफ देखा तो थोड़ी ही देर बाद उन्होंने लंड को चड्डी से बाहर निकाल दिया.

लंड देखते ही बोलीं- इतना बड़ा … मेरे पति का इसे थोड़ा छोटा है.
वो लंड से खेलने लगीं.

मैंने बोला- आंटी थोड़ा धीरे … रस निकल जाएगा.
वो गुस्से में मुझसे देखने लगीं और जोर जोर से लंड हिलाने लगीं.

आंटी बोलीं- रवि तू मुझे आंटी मत बोल … चांद बुला. आज से मैं तेरी ही हूँ, आंटी सबके सामने ठीक है. पर ऐसे टाइम पर मैं तेरी चांद हूँ और तुम मेरे रवि हो. आज पूरी रात तुम मुझे खुश करोगे.
मैंने बोला- लेकिन चांद, तुम मुझे सरप्राइज देने वाली थी. वो कहां है?

वो बोलीं- खुद ही ले लो.
मैंने कहा- कहां है?

आंटी- बाद में मिल जाएगी, पहले तुम मुझे खुश करो.

बस आंटी मुझसे लिपट गईं और मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया.
मैंने उन्हें लिपकिस किया, कान गर्दन यहां वहां सब जगह किस किए.

दस मिनट बाद आंटी ने मेरी चड्डी को भी उतार दिया और मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगीं.

मैंने भी उनके कपड़े उतारे. अन्दर वो सिर्फ काले रंग की ब्रा ओर पैंटी में थीं. मैं उन्हें इस रूप में देख कर पागल हुआ जा रहा था.

मैं उनके दूध मसलने लगा. मेरे एक हाथ में आंटी का एक दूध समा ही नहीं रहा था. बहुत बड़े मम्मे थे.

दोनों हाथों से मैं आंटी के मम्मों को मसलने लगा और उनकी ब्रा निकाल कर दूर फेंक दी.
आंटी के दूध बड़े और ठोस थे.

फिर मैं उनके बीच में लंड डालकर मम्मों को चोदने लगा. वो पूरे मजे के साथ मेरे लंड के सुपारे को जीभ से टच कर रही थीं.
मैं बहुत खुश था.

आंटी बोलीं- यही सब करोगे या और आगे भी बढ़ोगे?
मैं तुरंत उठा और बोला- जान मेरा सरप्राइस तो दो?

वो बोलीं कि खुद ही ले लो.
मैंने कहा- कहां है?
वो बोलीं- निकाल कर ले लो.

मैंने तुंरत आंटी की पैंटी खोली तो उनकी बिना बाल वाली चूत दिखी.

मैं बोला- कहां है मेरा गिफ्ट?
वो बोलीं- सच्ची में तू अभी तक सिंगल है और न ही तेरी कोई गर्लफ्रेंड है. मुझे अब जाकर यकीन हुआ है रवि. लेकिन तू मुझे हमेशा प्यार करेगा ना … कहीं मेरे पति जैसे ये तो नहीं कहेगा कि मैं मोटी हूँ, इसलिए छोड़ देगा.

मैंने समझ लिया कि आंटी की चूत की बिना झांटों वाली थी, जिसे वो अभी ही साफ़ करके आई हैं और इसको ही उन्होंने मुझे सरप्राइज कहा था.

मैंने चुत की पप्पी ली और बोला- तू हमेशा मुझे खुश रखेगी न!

वो अपनी गांड उठा कर मेरे सर को कसके मेरा मुँह अपनी चुत पर रगड़ने लगीं.

मैंने भी अपनी जीभ अन्दर तक उनकी चूत में डाली. वो बिलबिलाने लगीं और तड़प उठीं.
अगले ही कुछ पलों में आंटी एकदम से झड़ गईं. मैंने उनका पूरा पानी पी लिया.

अब मैं उठा और उनसे लंड चूसने को बोला.

आंटी ने मना किया और बोलीं- मैंने आज तक किसी का चूसा ही नहीं है.

मैं मायूस हुआ कि अभी तो ये सुपारा चाट रही थीं, अब लंड चूसने के लिए मना कर रही हैं.

तभी आंटी मुझे गले लगा कर बोलीं- नौटंकी … लेकिन मैं आज ये लंड खा जाऊंगी … तेरे लिए सिर्फ लंड चूसना कर रही हूँ.

आंटी मेरा लंड चूसने लगीं.
क्या मस्त लंड चूस रही थीं यार … मेरा तो बुरा हाल था.

करीब दस मिनट तक लंड चूसने के बाद मैं झड़ गया, वो सारा पानी गटक गईं और उसे चूसकर फिर से खड़ा कर दिया.

मैं उठा और एक तकिया उनकी गंद के नीचे रखा, जिससे उनकी चूत और बाहर आ गयी.
मैंने आंटी की टांगें फ़ैलाईं और अपना चुत की दरार में लंड सैट कर दिया.

लंड चुत पर सैट करते ही मैंने एक जोर का झटका दे मारा.
अभी मेरे लंड का सुपारा ही अन्दर गया था कि वो चीख उठीं.
मैं समझ गया कि ये सही में बहुत सालों से चुदी नहीं है.

मैं रुका और फिर से एक जोर का झटका दे मारा.
इस बार में सिर्फ आधा लंड ही अन्दर गया था.

उनकी आंखों से आंसू आने लगे. लेकिन आंटी ने मुझे रोका नहीं लेकिन अपने नाखून मेरी पीठ पर गाड़ दिए.

जब आंटी का थोड़ा दर्द कम हुआ, तो मैंने और एक झटका मारा.
इस बार पूरा लंड अन्दर तक समा गया.

वो फिर से चीखीं जोर से … और नाखून चुभोने लगीं.

जैसे ही आंटी का दर्द कम हुआ, तो वो नीचे से गांड उठाकर धक्के देने लगीं.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उन्हें जोर जोर से चोदने लगा.

करीब 10 मिनट बाद आंटी झड़ गईं और उन्होंने अपनी चुत टाईट करके मेरे लंड को जकड़ लिया.

मैं समझ गया कि आंटी की चुत का दम निकल गया है.
लेकिन मैं अभी तक झड़ा नहीं था, तो मैं वैसे ही उन्हें चोदता रहा.

कुछ ही झटकों के बाद आंटी फिर से मूड में आ गईं और नीचे से धक्के देते हुए मस्ती से चुदने लगीं.

अब मैंने कहा- घोड़े की सवारी करोगी?
वो बोलीं- क्यों घोड़ी की सवारी से मन भर गया क्या?

मैंने कहा- मेरी चांद तू तो रस का सागर है, तुझसे कैसे मन भर सकता है. बस तेरे आमों का रस पीना है इसलिए तुम मेरे लौड़े की सवारी करो और मुझे मैंगोशेक पिला दो.
वो मस्त हो गईं और मेरे लंड पर आने के लिए उठने लगीं.

आंटी मेरे लौड़े के ऊपर आईं और मेरे लंड पर चुत फंसा कर बैठ गईं.
अब आंटी उछल कूद करने लगीं और मैं उनके आम चूसने लगा.

आंटी पांच मिनट में ही फिर से झड़ गईं. मगर मेरा अभी भी नहीं हुआ था.

अब तक आंटी तीन बार झड़ चुकी थीं उन्होंने मुझे प्यार से देखा और बोलीं- जान, इतना तो दम मेरे पति में भी नहीं है … साला वो चोदता था तो मुश्किल से एक बार ही झड़ती थी … लेकिन तेरे लंड ने तो मुझे 4 बार झड़वाया है. ये चंदा आज से तेरी है, जब चाहे … जैसे चाहे चोद लेना.

मैंने उन्हें चोदने लगा.

फिर थोड़ी देर के बाद मैं अब झड़ने वाला था. करीब 20 जोरदार झटकों के साथ मैं झड़ने को हुआ तो लंड चुत से निकाल लिया.

इससे वो गुस्सा हो गईं और बोलीं- निकाला क्यों?
मैंने कहा- मेरा होने वाला है, कहीं अन्दर निकाला तो गड़बड़ हो जाएगी.
वो बोलीं- हुई गड़बड़ तो हो जाने दो. तू मुझे अपने लंड का पानी पिला दे.

आंटी ने लंड को वापस अपनी चूत में ले लिया और जोर जोर से नीचे से धक्के देने लगीं.
मैं भी ऊपर से आंटी को जोर जोर से चोद रहा था.

करीब बीस धक्कों के बाद मैंने आंटी की ही चूत में सारा पानी निकाल दिया. आंटी की पूरी चूत मेरे वीर्य से भर कर थी और वीर्य चुत से बहने लगा था.

मैं वैसे ही उनके बगल में लेट गया और उन्हें किस करने लगा.
वो मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर हिलाने लगीं और थोड़ी देर बाद उसे चूसने भी लगीं.

मेरा लंड फिर से खड़ा हुआ और फिर से चुदाई चालू हो गई.

उस रात मैंने आंटी को चार बार चोदा और वैसे ही लंड पेल कर उनके ऊपर ही सो गया.

सुबह जब मेरी नींद खुली, तो मेरी चांद नहीं थी.
वो सुबह जल्दी ही अपने घर चली गयी थी.

आंटी ने मुझे मैसेज किया था कि आज भी पति नहीं आएगा.

मैंने बोल दिया कि चांद मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.
वो तैयार हो गईं.

दोस्तो, वो सेक्स कहानी मैं अगले भाग में बताऊंगा. आपको मेरी देसी आंटी सेक्स कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताना.