सेक्सी चाची फ़क कहानी में मैंने अपनी सगी चाची को पटाया और फिर की उनकी चूत चुदाई! हम दोनों एक शादी में गए हुए थे. वहां चाची ने मेरी गर्लफ्रेंड की बात शुरू की।
आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार!
मेरा नाम अमित कुमार और मैं हरियाणा के करनाल का रहने वाला हूँ।
मेरा उम्र 26 साल है।
मेरा कद 5 फीट 7 इंच है और मेरे लंड का आकर 6 इंच है जो किसी भी औरत को संतुष्ट करने के लिए बेहतर है।
अब आते हैं कहानी पर … आशा करता हूँ आपको मेरी यह Sexy Chachi Fuck Kahani अच्छी लगेगी जो मेरे और मेरी चाची के बीच है।
मेरे परिवार में मम्मी–पापा, मैं, मेरी बहन, चाचा–चाची और उनके बच्चे रहते हैं।
मेरी चाची का नाम शालिनी (बदला हुआ नाम) है।
उनकी उम्र 40 साल के आस–पास होगी लेकिन दिखने में वे अभी भी सिर्फ़ 30 साल की लगती हैं।
उनका आकार 34 32 38 का है जो किसी के भी लंड को खड़ा कर दे।
वैसे मैं कभी उनके बारे में कुछ ग़लत नहीं सोचता था लेकिन एक बार कुछ ऐसा हुआ कि मैं अपने आप को उनके पास जाने से रोक नहीं पाया।
बात उस समय की है जब मेरी परीक्षा अभी–अभी ही खत्म हुई थी।
तब मैं घर पर अकेला रहता था।
मम्मी मामा के घर गई हुई थी।
पापा और चाचा सुबह ही अपने–अपने काम पर निकल जाते थे।
घर पर सिर्फ मैं और चाची ही रहते थे।
चाची मुझे घर से ज्यादा देर बाहर नहीं जाने देती थी।
उन्हीं दिनों उनको चाचा ने नया मोबाइल ला के दिया था।
जिसे सिर्फ़ वे नहाने के समय ही अपने से अलग करती थी।
एक दिन मैं बाहर से घर आया तो चाची उस समय नहा रही थी।
तो मैं उनके कमरे में जाकर उनका मोबाइल देखने लगा और उनकी ब्राउज़र हिस्ट्री खोल कर देखा।
उसमें उन्होंने बहुत xxx वीडियो सर्च करके देखी हुई थी।
मैंने भी एक वीडियो देखी और उनके आने से पहले उनका मोबाइल रख कर मैं अपने कमरे में आकर सो गया।
उस दिन से मेरे मन में उनके प्रति थोड़ा गलत विचार आने लगा था।
ऐसे ही एक दिन मेरा मन चाची को नहाते हुए देखने का हुआ।
तो मैं उनको देखने के लिए बाथरूम के दरवाज़े के बाहर खड़ा होकर उन्हें देखने के लिए कोई छेद ढूंढ रहा था।
लेकिन मुझे नहीं मिला तो फिर मैं ऐसे ही बाथरूम के साइड में देखने लगा तो मुझे एक दीवाल और दरवाज़े के बीच में छेद दिखा।
अब मैं उस छेद से अंदर चाची को नंगी देखने लगा और अपने लंड को सहलाने लगा।
अब मैं ऐसा हर रोज करने लगा और एक दिन वे मुझे उन्हें बाथरूम में झांकते हुए देख लिया।
मैं तुरंत ही वहां से हट गया और अपने कमरे मैं आ कर लेट गया।
इस बात को सोच कर मेरी गांड फट रही थी कि अब क्या होगा लेकिन उन्होंने बाहर आने पर ऐसा दिखाया कि उन्हें कुछ पत्ता ही ना हो।
तो मैं अब उनकी ब्रा और पैंटी में मुठ मारना भी शुरू कर दिया।
तब उन्होंने अपनी ब्रा और पैंटी को छिपा कर रखना शुरू कर दिया।
ऐसे ही समय निकल रहा था।
मैं बस उनको देख कर मुठ मारता रहा।
लेकिन कहते है ना कि सब्र का फल मीठा होता है।
तो मुझे भी पक्का हुआ फल मिला।
अभी पिछले साल दिसंबर में उनके भाई के लड़के की शादी थी।
पर उनके साथ में जाने वाला कोई नहीं था क्योंकि उनका लड़का पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया गया हुआ था और चाचा को काम ज्यादा था।
तब उन्होंने खुद ही मुझे अपने साथ चलने के लिए बोला।
पहले तो मैंने जाने से मना कर दिया और कहा– आप ही चली जाओ!
लेकिन उनके बार–बार बोलने पर मुझे जाना पड़ा।
दो दिन बाद हम बस से करनाल से चंडीगढ़ के लिए निकल गए।
दोपहर के समय हम चंडीगढ़ पहुंचे।
हमें लेने के लिए उनका भाई आया था।
मैंने उनको नमस्ते किया और सामान कार में रख के हम चल दिए।
थोड़ी देर में हम उनके घर पहुँच गए।
उन्होंने हमें उनके घर के पास एक और घर था उसमें रहने को बोल दिया।
वहां उनके और भी मेहमान रुके थे।
शादी रात में होनी थी तो मैं थोड़ी देर सोने के लिए कमरे में चला गया और एक कम्बल ओढ़ कर सो गया।
शाम सात बजे मुझे चाची ने उठाया और कहा– तैयार हो जाओ, सब विवाह स्थल पर जा रहे हैं।
चाची तैयार हो चुकी थी।
मैंने उनको देखा तो देखता ही रह गया।
उन्होंने हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थी और होंठों पर लाल लिपस्टिक लगाई थी जो उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा रही थी।
दिल तो कर रहा था कि उन्हें अभी अपने कम्बल में गिरा कर उनकी बुरी तरह से चुदाई कर दूँ!
लेकिन तभी उन्होंने मुझे आवाज लगाई और बोलीं– क्या देख रहा है? चल जल्दी तैयार हो जा!
मैं उठ कर तैयार होने चला गया।
तैयार होकर मैं उनके साथ शादी वाली जगह पर जाने के लिए घर से निकल गया।
जब वहां पहुँचा तो देखा कि बहुत भीड़ थी।
तो मैं और वे किनारे में जा के एक साथ बैठ गए।
फ़िर हम बातें करने लगे.
तभी उन्होंने पूछा– तेरी गर्लफरेंड तो होगी ही! कितनी हैं और कैसी है?
मैंने उन्हें झूठ बोलते हुए कहा– अभी तक तो एक भी नहीं है!
तब चाची बोली– ऐसा हो नहीं सकता कि तेरी गर्लफ्रेंड्स ना हों!
तो मैं बार–बार उनको मना करता रहा तब वे जा कर मानी।
फिर उन्होंने पूछा– क्यों कोई मिली नहीं क्या?
मैंने ऐसे ही उनको बोल दिया– जो मुझे चाहिए वे मिलती नहीं!
और उनकी तरफ देखकर हल्की सी मुस्कान छोड़ दी।
फ़िर वे मुझसे पूछने लगी– तेरे को कौन चाहिए? मुझे बता, मैं बात करूंगी!
मैं तो पहले उन्हें मना करता रहा कि रहने दो!
पर वे नहीं मानी और उन्होंने मुझे बिल्कुल अपने पास बिठा कर पूछा– बताओ ना कैसी चाहिए?
तब मैंने उन्हें बताया– आप चाहिए मुझे!
वे मुझे बिल्कुल गुस्से से देखने लगी तो मैं डर गया कि अब तो मैं गया!
हालांकि उनके चेहरे पर हल्का गुस्सा दिख रहा था फिर भी वे मुझसे पूछी– मुझमें ऐसा क्या है जो तू मुझे चाहता है?
तो मैं उनको थोड़ा मस्का लगाते हुए बोला– आप हर तरफ़ से मस्त दिखती हो! आपको देखते रहने और प्यार करने का मन करता है!
तुरंत ही उन्होंने मेरी बात पर सीधा बोल दिया– बड़ा आया प्यार करने वाला, सब समझती और जानती हूँ मैं!
तो मैंने पूछा– मतलब?
फ़िर उन्होंने बोला– कितने दिनों से तू मुझे कभी कमरे में, कभी बाथरूम में नंगी देखता है और मेरी ब्रा और पैंटी के साथ क्या करता है मुझे सब पता है।
इस पर मैं चुप चाप अपनी गर्दन नीचे करके बैठा रहा।
फिर उन्होंने बोला– चलो रात बहुत हो रही है, खाना खा लेते हैं।
फिर हम उठे और खाना खाकर साथ जाने लगे।
उन्होंने बाहर निकल कर इधर–उधर देखा और मेरे हाथों में हाथ डाल दिए।
फिर बोलीं– जल्दी चलो और आज प्यार करके दिखाना, तुम कैसे करना चाहते हो!
मैं तो खुशी के मारे जल्दी–जल्दी चलने लगा।
5 मिनट में हम घर पहुंच गए।
घर के अंदर जाकर देखा कि कोई भी नहीं था।
फिर भी कोई जोखिम न हो इसलिए उन्होंने एक बार आवाज लगा कर देखा तो कोई नहीं बोला।
तब मैं और वे हमारे कमरे में चले गए और अन्दर जाते ही मैंने उन्हें अपनी बाँहों में जकड़ लिया।
फिर उनकी गर्दन पर चूम लिया और उनकी शरीर पर प्यार की निशानियां (लव बाइट) देने लगा।
वे भी मुझे अपने से चिपकाए हुए मेरे सिर और कमर पर हाथ फेरने लगी।
फिर उन्होंने कमरे के दरवाजे की कुंडी लगा दी।
अब हम एक–दूसरे के होंठों को चूमने लगे।
फिर मैं चूमते–चूमते एक हाथ से उनकी चूची को दबाने लगा और एक हाथ से उनका सिर पकड़ा हुआ था।
15 मिनट चूमने के बाद जब मैंने उनकी साड़ी निकाली तो उन्होंने काले रंग की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी।
वे देखने में एकदम मस्त लग रही थी।
मैंने उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनकी एक चूची को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से दूसरी को दबाने लगा।
उनकी सिसकारियां निकलने लगी और उन्होंने मेरा लंड अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़ कर सहलाने लगी।
मैंने उनके पीछे हाथ ले जाकर उनकी ब्रा निकाल दी।
उनके 34 के चूची एकदम तन गए थे।
जिनको मैं अपने मुंह में लेकर चूसने और काटने लगा।
फिर मैं नीचे पेट पर चूमते हुए उनकी पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को चूमने लगा।
जैसे ही मैंने चूमा उनकी ‘आह’ निकल पड़ी और वे मेरा सिर सहलाने लगी।
मैंने देखा कि उनकी पैंटी उनकी चूत की पानी से गीली हो चुकी थी।
फ़िर मैं अपने होंठों से उनकी पैंटी पकड़ कर निकलने लगा तो उन्होंने खुद ही अपनी पैंटी निकल दी।
उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, लगता है कि उन्होंने यहां आने से पहले ही बाल साफ की थी।
पैंटी उतारते ही अपनी दो उंगलियों से मैं उनकी चूत को फैला कर देखने लगा जो अंदर से गुलाबी रंग की थी और बहुत ही प्यारी लग रही थी।
वे बोलने लगी– आज मेरी चूत अच्छे से चाटो! आज तक तेरे चाचा ने बिल्कुल नहीं चाटा है और मेरा मन चटवाने का बहुत करता है!
बस तो फिर क्या … मैं तुरंत ही चाटने लगा क्योंकि मैं पहले से ही चाटने के लिए तैयार था।
फ़िर मैंने सीधा उनको लिटाया और उनकी चूत चाटने लगा।
कभी जीभ को अंदर कर देता तो कभी चाटने लगता।
10 मिनट चूत चाटने के बाद उनकी चूत का पानी निकल गया।
वे जोर–जोर से सिसकारियां लेने लगी– आह … मैं तो मर गई! क्या कर दिया तूने आज … इतना मज़ा तो कभी नहीं आया और वे मेरी सिर को पकड़ के जोर से अपनी चूत पर दबाते हुए झड़ गई।
मैं उनका सारा नमकीन पानी पी गया और ऊपर आकर उनके होंठ चूसने लगा।
वे थोड़ी देर में फ़िर से गर्म हो गई और बोलने लगी– अब तो डाल दे अपने हथौड़े जैसे लंड को मेरी चूत में और फाड़ दे इसे!
फिर मैंने उनको लंड चूसने के लिए बोला तो उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया।
मैंने भी कुछ नहीं कहा और उनकी दोनों टांगों को उठा कर लंड को चूत के ऊपर घुमाने लगा।
तब सेक्सी चाची सेक्स के लिए उत्तेजित होकर बोलीं– जल्दी से डाल दे! अब रहा नहीं जाता।
फ़िर मैंने अपने लंड को उनकी चूत पर सेट कर के एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत में उतार दिया।
उनकी आँखों से आँसू और चीख निकल गई।
वे मुझे गालियां देने लगी– तेरी मां की चूत … साले रण्डी समझा है क्या, जो ऐसे पेल दिया।
उन्होंने मुझे बहुत गालियां दी जिसके कारण मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन उनकी चूत को देख कर और जोश आ गया।
थोड़ी देर बाद वे सामान्य हुई तो अपनी गांड हिलाने लगी और कहने लगी– अब दिखा अपनी ताकत!
फिर मैं शुरु हो गया, पूरा लंड बाहर निकाल कर झटका देता!
हर झटके पर उनकी ‘आह’ निकल जाती।
मैं पूरी रफ्तार से उनकी चूत चोद रहा था।
पूरे कमरे में सिर्फ उनकी ‘आह’ और फट–फट की आवाज आ रही थी।
15 मिनट की चुदाई में चाची एक बार झड़ चुकी थी।
अभी मेरा झड़ना बाकी था।
परंतु वे बोलने लगी– जल्दी निकाल, मुझे दर्द हो रहा है!
तब मैं और तेज–तेज धक्के देने लगा।
12–15 धक्कों के बाद मैं उनके अंदर ही सारा रस निकाल दिया और उनके ऊपर लेट गया।
उस रात मैंने उनको 2 बार चोदा।
सुबह में सेक्सी चाची सेक्स के बाद चल भी नहीं पा रही थी।
तब मैंने उनको एक दवाई ला के दी।
थोड़े देर बाद उनकी हालत में थोड़ी सुधार आई।
अगले दिन हम घर आ गए.
और उसके बाद तो मैंने चाची को बहुत बार चोदा और अब भी चोदता हूँ।
कैसी लगी मेरी सेक्सी चाची फ़क कहानी जरूर बताएं!
धन्यवाद!
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