मेरी प्यारी चाची का बर्थडे गिफ्ट-2

मेरी हॉट सेक्सी चाची हिंदी कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी चाची मुझे पसंद करने लगी थी. जब तब वो मुझे अपना गर्म जिस्म दिखाती रहती थी. एक रात क्या हुआ कि …

हॉट सेक्सी चाची हिंदी कहानी के पहले भाग
चाची ने मुझे अपनी चूची चुसाई
में आपने पढ़ा कि मेरी चाची हमारे साथ ही रहती थी. हम दोनों के बीच वासनात्मक आकर्षण था.
एक दिन चाची ने मुझे अपनी चूची भी चुसवायी थी. एक बार चाची ने मुझसे अपनी पैन्ट की बेल्ट का बटन बंद करवाने की कोशिश की थी.

मेरी साँसें तेज़ हो गईं.

फिर ध्यान आया कि ये तो मेरी चाची है, माँ समान है, चाचा मुझे कितना प्यार करते हैं.
अचानक मैंने चाची की पैंट को छोड़ा और बाहर निकल गया.

अब आगे हॉट सेक्सी चाची हिंदी कहानी:

बहुत देर बाद जब मैं चाची के कमरे में गया तो चाची ने कपड़े बदल लिए थे.

चाची ने मेरा हाथ पकड़ा और मुस्कराकर बोली- क्या हुआ, तुम उस वक्त छोड़ कर बाहर क्यों चले गए थे?
मैं- मैं … वो … वो .. मैं … मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.

चाची- वो.. मैं..मैं… क्या लगा रखी है, क्या समझ नहीं आ रहा था?
वो मुझे अजीब सेक्सी नजरों से देखते हुए मुस्कराने लगी.

चाची को लेकर मेरे दिमाग में उल्टे और सीधे दोनों तरह के विचार चलते रहते थे.

कुछ दिन बाद मेरी दादी जी हमारे घर आ गई.

अब सोने के प्रबंध के लिए तय हुआ कि दादी जी मेरी जगह मेरे छोटे भाई बहन के साथ उनके कमरे में सोएगी और मैं चाचा चाची के कमरे में अलग फोल्डिंग डाल कर सोऊंगा.

इस इंतजाम से मैं फिर रोमांचित हो उठा.
मैं रात होने का इंतज़ार करने लगा.

रात को खाना खाने के बाद कुछ देर सबने बातें कीं और फिर सोने के लिए अपने अपने कमरों में चले गए.
चाची के कमरे में मेरा अलग से बेड की साइड में फोल्डिंग डाल दिया गया.

जब मैं रूम में गया तो चाचा बेड पर लेटे हुए थे और उन्हें नींद आ रही थी.

दरअसल चाचा की जॉब बहुत थकाने वाली थी और वे जल्दी सो जाते थे.
चाचा आते भी देर से थे और कभी कभी तो पेग लगा कर आते थे और आते ही सो जाते थे.

रात लगभग 11:00 बजे चाची ने बाथरूम में अपने कपड़े बदले और बाहर आ गई.

उन्होंने हल्की गुलाबी रंग की साटन की नाइटी या नाईट गाउन पहना था.
चाची ने अपनी ब्रा निकाल रखी थी लेकिन नाइटी को अपने पेट और छाती पर एक साइड से दूसरी साइड पर लपेट कर वैसे ही कपड़े की डोर से बांध रखा था

नाइटी न तो इतनी पतली थी कि उसमें से सब कुछ दिखाई दे और न ही इतनी मोटी थी कि उसमें कुछ छुपा रह सके।

चाची के सुडौल बड़े-बड़े मम्मे और उनके ऊपर निप्पल होने का स्पष्ट आभास दे रहे थे.
नाइटी घुटनों तक ही थी जिससे उनकी गोरी पिंडलियाँ और घुटनों के पीछे का चौड़ा भाग साफ दिखाई दे रहा था.

चाची ने अपने बालों को खोल रखा था और हाथों और मुँह पर नाईट क्रीम की मालिश कर रही थी.
नाइटी के बाजू इतने छोटे और ढीले थे कि केवल उनके कंधे ही थोड़े ढके हुए थे जिनके अंदर से चाची की सुंदर गुदाज़ गोरी बगलें और उनके नीचे चूचियों तक की साइड का सेक्सी भाग दिखाई दे रहा था.

मैं एकटक चाची के बेपनाह हुस्न और जगह जगह से दिख रहे उनके गदराए शरीर का जायजा ले रहा था.
चाची ने बेड पर बैठकर एक अंगड़ाई ली और मुस्कारते हुए मुझे देखकर एक पतली चादर अपने पेट तक ऊपर कर ली.

उन्होंने मुझे अपनी तरफ प्यासी नजरों से देखते हुए देख लिया था.
उनके मन में मेरे प्रति क्या भाव थे, मुझे नहीं मालूम, लेकिन मेरे दिमाग और मेरे लंड में जबरदस्त हलचल मची हुई थी.

जिस तरफ बेड पर चाचा लेटे थे उस ओर दीवार के साथ बहुत थोड़ी जगह थी, वहीं पर बाथरूम का दरवाज़ा भी था.

बेड पर जिस तरफ चाची थी उस तरफ जगह ज्यादा होने के कारण मेरा फोल्डिंग पलंग लगाया गया था.

चाची ने मोंटू को मेरी तरफ सुला रखा था और खुद बीच में थी.
मैं चाहता था चाची मेरी तरफ सोती तो अच्छा रहता.

कुछ ही देर में चाचा के जोर-जोर से खर्राटे आने लगे.
पहला खर्राटा आते ही चाची ने उनकी तरफ मुड़ कर देखा और हल्के से अपनी गर्दन को झटका दिया और बोली- लो, ये तो हो गए शुरू!

चाची ने मुझे गुड नाइट किया और लाइट बंद करके लेट गई.
बाहर बरामदे की लाइट जल रही थी जिससे रोशनदान से आ रही लाइट से अंदर का सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था.

मुझे नींद नहीं आ रही थी और मैं करवटें बदल रहा था.
चाची के नाइटी में से उभरे हुए चूतड़ और उनकी सुडौल चूचियां मुझे सोने नहीं दे रही थी.

काफी देर बाद चाची ने पूछा- राजू सो गए क्या?
मैंने कहा- नहीं चाची, कोशिश कर रहा हूँ, लेकिन नींद नहीं आ रही.

चाची बोली- आज तुम्हारा बैड बदल गया है न इसलिए नींद नहीं आ रही है. तुम चाहो तो इसी बेड पर आ जाओ.
मुझे चाचा के जागने का डर था इसलिए कहा- नहीं, मैं ठीक हूँ.
चाची कहने लगी- जैसी तुम्हारी मर्जी.

कुछ देर में मैंने देखा कि चाची भी दूसरी ओर करवट ले कर सो गई.

लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैंने अपने लोअर में हाथ डाल रखा था और अपने तने हुए लौड़े को धीरे धीरे सहला रहा था.

आपको मैं बताना भूल गया था कि मेरा लौड़ा किसी जवान मर्द के बड़े लौड़े जितना आकार ले चुका था.

चाची की नाइटी उनके पटों (जाँघों) तक आ गई थी जिससे उनके घुटने के पीछे का चौड़ा भाग और नंगी पिंडलियाँ मुझे साफ दिखाई दे रही थीं.

कुछ देर बाद मैं उठकर बाथरूम गया और बड़ी मुश्किल से लंड को थोड़ा नर्म करके पेशाब किया.

बाथरूम में दरवाजे के पीछे चाची का पेटीकोट और ब्रा टंगे हुए थे. मैंने चाची की ब्रा को खूंटी से उतारकर सूँघा, उसे अपने लण्ड पर लपेटा और थोड़ा रगड़ कर वही टांग दिया.

उसके बाद मैंने चाची के पेटीकोट को उतारा और अंदाजे से जहां पर चाची के चूत और चूतड़ लगते थे उस जगह को अपने लंड से रगड़ा.

मेरी उत्तेजना इतनी बढ़ गई थी कि मैंने कुछ ही पलों में लण्ड को पेटीकोट में दबाया और हाथ से मुठ मारने लगा.

जल्दी ही मेरे लण्ड से पिचकारी निकलने लगी. मैंने पेटिकोट के कपड़े से सुपारा बाहर निकाल कर वास बेशन में सारा माल झाड़ दिया और फ्लश का पानी चला कर बाहर आ गया.

मेरा कुछ शुरुआती वीर्य पेटिकोट पर भी लग गया था जिससे दो तीन बड़े गीले दाग बन गए थे.

मैं बाहर आकर चुपके से लेट गया और नींद लेने की कोशिश करने लगा.

मेरे बाद कुछ ही देर में चाची बाथरूम गई और काफी देर बाद आई.
मेरी थोड़ी सी परेशानी यह सोच कर बढ़ गई कि कहीं चाची उनके पेटीकोट पर लगे गीले दागों को न देख ले.

जैसे ही मेरी आँख लगी, मोंटू रोने लगा. उसके रोने से मैं जाग गया और चाची भी जाग गई.
चाची ने अपना एक मम्मा मोंटू के मुंह में डाल दिया जिससे वो चुप हो गया.

उसे चाची ने अपने ऊपर से लेते हुए चाचा की तरफ लेटा दिया जिससे मोंटू सो गया.

लेकिन चाची की आँख खुल गई थी.
चाची करवट बदल कर मेरी तरफ हो गई और मेरी तरफ देखने लगी.
मैं चुपचाप अपनी साँसें रोके चाची के मम्मों को देखने लगा.

अचानक किसी ने बाहर बरामदे की लाइट बन्द कर दी.
इससे कमरे में अंधेरा बढ़ गया और केवल ज्यादा ध्यान से देखने से ही कुछ दिखाई देता था.

चाचा के खर्राटे जारी थे.
मैं सोने लगा था.

लगभग 10 मिनट बाद मुझे अपने पाँव पर कुछ महसूस हुआ. मेरी आँख खुली तो मैंने देखा चाची मेरी तरफ बेड के कोने पर सरक आई थी और मुझे पाँव लगा कर जगा रही थी.

मैं तो आधी नींद में ही था, तुरन्त जाग गया और मैंने चाची की ओर करवट ली.

चाची धीरे से मेरे फोल्डिंग की तरफ झुककर, मेरे मुँह के पास अपना मुँह लाकर फुसफुसाई- राज, सो गया क्या?
मैं- नहीं, बस झपकी आई थी.

चाची फिर फुसफुसाई- धीरे बोलो!
मैं- हूम्म … बताओ?
चाची- दूध पियेगा?
मैं- दूध तो पी लिया था.

चाची- मेरा दूध पियेगा?
मैं- चाचा उठ गए तो?
चाची- नहीं उठते, गहरी नींद सो रहे हैं.

फिर चाची फुसफुसाई- किसी को बताना नहीं, तुमने उस दिन वाली बात किसी को बताई तो नहीं?
मैं- नहीं बताई.

चाची ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चूची से छुआ दिया.
मुझे एकदम करंट लगा और मैं अपने हाथ को चाची के मम्मे पर नाइटी के ऊपर से फिराने लगा.

बेड और फोल्डिंग के बीच में गैप की वजह से बात ठीक से बन नहीं रही थी.

चाची धीरे से बोली- अपने बेड पर से नीचे आ.
मैं धीरे से अपने बेड से उतरा और चाची के बेड के नीचे ज़मीन पर अपने घुटने रखकर चाची पर झुक गया.

चाची ने नाईट गाउन में से एक मम्मा बाहर निकाला और मेरा सिर नीचे दबा कर मेरा मुँह अपनी चूची के निप्पल पर टिका दिया.

उनका निप्पल पहले से ही तना हुआ था.
मैंने चूची को मुँह में लिया और चूसने लगा.
चाची धीरे धीरे सिसकारी लेने लगी. चाची रुक रुक कर गर्दन घुमा कर पीछे की ओर चाचा की पोजीशन भी देख लेती थी.

कुछ देर बाद चाची ने दूसरा मम्मा मेरे मुँह में डाल दिया.
चाची ने पूछा- मजा आ रहा है?
मैं- बहुत … मजा … आ … रहा है.

चाची धीरे धीरे पूरी तरह से चुदास से भर गई.
उन्होंने मेरे सिर और मुँह को जोर से अपनी दोनों भारी चिकनी चूचियों में दबा लिया और अपना एक हाथ मेरे बालों में चलाने लगी.

चाची ने अपनी जकड़न को थोड़ा कम किया तो मैं फिर से मम्मा चूसने लगा.
धीरे से चाची अपना हाथ मेरी छाती के आगे ले आयी और हाथ को छाती पर चलाते हुए नीचे मेरे पेट की तरफ हाथ पहुँचाने लगी.

मैं नीचे जमीन पर घुटनों के बल झुका हुआ था और मैं चाची के दाहिने हाथ की तरफ था.
चाची ने अपने दाएँ हाथ को नीचे लटका लिया और उसे इधर उधर करके मेरी जाँघों के पास मारने लगी.

ऐसे करते हुए चाची का दो बार हाथ मेरे लोअर में खड़े लंड से टकराया.
मैं समझ नहीं सका कि चाची यह सबकुछ जानबूझकर कर रही थी या उनका हाथ ऐसे ही लग गया था.

हालांकि मैं जानता था कि चाची मुझे अपना दूध पिलाने के लिए क्यों तैयार हुई थी. लेकिन फिर भी मेरे अंदर एक झिझक बनी हुई थी कि कहीं चाची मुझसे बेटे वाला प्यार तो नहीं निभा रही है?

लेकिन मुझे यह बाद में समझ आया कि चाची भी एकदम खुलने में झिझक रही थी और वह नीचे लौड़े पर हाथ मार कर यह पक्का कर लेना चाहती थी कि मेरे ऊपर सेक्स का कोई असर है या मैं भी बेटा ही बना हुआ था.

जैसे ही चाची ने मेरे नीचे हाथ मारा तो मेरे खड़े सख्त लण्ड को छूकर उसे विश्वास हो गया कि मैं भी वही चाह रहा हूँ, जो चाची की इच्छा है.

जब चाची को विश्वास हो गया कि मैं चाची के मम्मे सेक्स के कारण पी रहा था तो चाची ने मेरी शर्ट को पकड़कर थोड़ा ऊपर खींचा, जिसका अर्थ था कि मैं ऊपर बैड पर आ जाऊं.

मैं थोड़ा ऊपर उठा तो चाची ने झट से मुझे नीचे झुका कर धीरे से फुसफुसा कर कहा- ऊपर मत उठो और जल्दी से मेरे साथ लेट जाओ.

झट से मैं चाची के साथ लेट गया.
लेटते ही चाची ने मेरी तरफ करवट ली और मुझ पर चादर डाल ली और झुककर अपने होठों को मेरे होठों से मिला दिया.

चाची ने मेरे ऊपर अपनी टाँग डाल ली और मेरी छाती पर हाथ फिराने लगी.

कुछ ही देर में चाची का नर्म हाथ मेरे खड़े लौड़े पर पहुँच गया.
चाची ने जैसे ही लौड़े को पकड़ा तो एकदम उनके मुँह से निकल गया- राज, तुम्हारा हथियार तो चाचा से डबल है, तुम अब छोटे नहीं हो.
यह कह कर चाची ने लौड़े को दो तीन बार जोर से भींच दिया.

मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा वीर्य उसी वक्त निकल जायेगा.

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लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दी जा रही है.

हॉट सेक्सी चाची हिंदी कहानी जारी रहेगी.

इस कहानी का अगला भाग: मेरी प्यारी चाची का बर्थडे गिफ्ट-3