शॉप पर आई हॉट सेक्सी भाभी की चुदाई

डेल्ही टीचर सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि एक भाभी मेरे पास क्लास नोट के प्रिंट निकलवाने अक्सर आती थी. वे स्कूल टीचर थी. उनसे मेरी दोस्ती हो गयी और एक दिन मैंने भाभी टीचर को चोद दिया.

मैं शिवा (बदला हुआ नाम) दिल्ली का रहने वाला हूँ और मैं यहां अपनी फैमिली के साथ रहता हूँ.

आज मैं आपको मेरे साथ कुछ महीने पहले घटित एक हॉट सेक्सी भाभी की सेक्स कहानी बता रहा हूँ.

ये Delhi Teacher Sex Story दिसम्बर की है.

अपने घर के पास मैंने एक साइबर कैफ़े खोल रखा है.

उस दिन मैं अपने कैफ़े पर काम कर रहा था. उसी समय मेरे कैफ़े पर एक भाभी कुछ प्रिंट निकलवाने आई थीं.

जब मैंने उनकी तरफ देखा तो देखता ही रह गया.
मैं मन ही मन सोच रहा था कि क्या गजब की माल है.

उनके प्रिन्ट निकलने में कुछ समय लग रहा था तो वे अपने मोबाईल से किसी से बात करने लगीं.
उनकी बातचीत से मुझे मालूम हुआ कि उन भाभी का नाम अन्नू था.

वे टीचर थीं और अपने स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए कुछ नोट्स तैयार करवाने के लिए प्रिंटस निकलवा रही थीं.

उनको कुछ ज्यादा प्रिन्ट निकलवाने थे, तो वे मुझसे बोलीं- मुझे काफी ज्यादा प्रिन्ट निकलवाने पड़ते हैं. आप प्लीज रेट कुछ ठीक लगा लीजिएगा.
मैंने उनकी बात मान ली और वे मेरे रेट से खुश हो गईं.

अब हर दो या तीन दिन में भाभी प्रिंट निकलवाने के लिए मेरी शॉप पर आया करती थीं.
मैं उन्हें देखकर बहुत खुश हुआ करता था.
इसी बीच कभी कभी मैं चाय पी रहा होता तो उनसे भी चाय की पूछ लेता.

भाभी को भी कोई गुरेज नहीं था तो वे मेरे साथ चाय पीने लगती थीं.
चाय के दौरान ही मेरी उनसे हल्की फुल्की बात भी होने लगती थी.

मैंने उनके पूछने पर अपना परिचय भी दिया था कि मैं शिवा हूँ और अभी सिंगल हूँ.
मेरे सिंगल होने की बात पर भाभी मुस्कुरा दीं और हंस कर बोलीं- डबल कब तक हो जाओगे?

मैंने भी हंस कर कहा- अभी डबलबेड तो रेडी हो गया है … जल्दी ही मैं भी डबल हो जाऊंगा.
वो आंखें नचा कर बोलीं- हां ये भी ठीक किया कि डबलबेड रेडी करवा लिया.

इसी तरह से हम दोनों के बीच हल्की फुल्की दो-अर्थी बातों के माध्यम से खुलना शुरू हो गया था.

एक रात को अपने घर पर टीवी देख रहा था कि मेरे व्हाट्सैप पर मैसेज आया.
वो एक नए नंबर से मैसेज आया था.

हालांकि मेरे पास तो रोजाना शॉप के टाइम ही मैसेज आते थे लेकिन आज इस टाइम मैसेज किसका आया?

मैंने उस मैसेज का रिप्लाय किया- आप कौन?
कुछ टाइम तक तो कोई रिप्लाय नहीं आया.
मैं फिर से टीवी देखने लगा.

करीब एक घंटे बाद मैसेज आया कि पहचानो कौन?
मैंने रिप्लाय दिया- मैंने नहीं पहचाना … आप कौन?

उधर से मैसेज आया- मैं अन्नू.
मैंने कहा- कौन अन्नू?

भाभी ने कहा- जो आपसे प्रिंट निकलवाने आती हूँ, वो अन्नू!
तो मैंने रिप्लाय दिया- ओके भाभी आप हैं.
वे बोलीं- हां देवर जी, ये मैं हूँ!

मैंने उनसे हंस कर नमस्ते की और उनके हाल चाल पूछने लगा.
वे भी बस लिख कर बोलीं- कुछ नहीं यार, फ्री थी, तो सोचा कि तुमसे ही गपशप कर लूँ.

अब भाभी ने यार कहा और गपशप की बात कही, तो मेरा दिल बाग बाग हो गया.

फिर उनकी और मेरी बात व्हाट्सैप पर शुरू हुई.
अब रोजाना उनसे मेरी एक दो घंटे बात होती रहती थी.

उसी बीच में हमारे बीच कुछ चुटकुले भी साझा होने लगे.
उसमें वे कुछ खुली बात वाले जोक्स भी भेज देती थीं.

मैंने भी उन्हें अडल्ट जोक भेजना चालू कर दिए.

एक दिन मेरे पास कहीं एक ऐसा जोक आया कि उसमें एक रील थी.

उस रील में एक लड़की अपने बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास गई और उससे बोली कि डॉक्टर साहब जरा मेरे बच्चे को देख लीजिए. इसकी नुन्नू कुछ ज्यादा ही छोटी है.
डॉक्टर ने उस बच्चे की नुन्नू बड़ी होने की दवा देते हुए कहा कि इसे खिला देना, एक गोली में ही काम हो जाएगा.
लड़की ने कहा- डॉक्टर साब, एक गोली और दे दीजिए.
डॉक्टर ने कहा- एक और … वो किस लिए?
लड़की ने शरमाते हुए कहा- एक इसके पापा के लिए भी चाहिए थी.

वो रील मैंने भाभी को भेज दी.
उस रील को देख कर भाभी को बड़ी हंसी आई थी और उन्होंने अपने हंसने की इमोजी की झड़ी लगा दी थी.

अब तो इसी तरह की बातें खुल्लम खुल्ला चलने लगी थीं.

एक दिन भाभी बोलीं- तुम एकाध दिन मुझे अपने घर नहीं बुलाया सकते क्या?
मैंने कहा- अहो भाग्य हमारे भाभी जी. आप खुद बताएं कि आपको कब आना सूट करेगा?

वो बोलीं- अरे वाह … बड़ी जल्दी न्यौता देने लग गए?
मैंने कहा- अरे आप खुद ही आने की कह रही थीं तो मैंने सोचा कि इतनी खूबसूरत मेहमान को जल्दी जल्दी से अपने घर बुलाने में देरी नहीं करना चाहिए.
भाभी बोलीं- वो छोड़ो … मैं समझ गई कि तुम मुझे जब चाहे, तब बुला सकते हो. अब मैं तुम्हें बता दूँगी.

मैंने ओके कह दिया और सोचने लगा कि भाभी मेरे घर आने की क्यों कह रही थीं. जबकि इन्हें मालूम है कि मेरे घर पर तो सभी लोग रहते हैं.
ये बात पहले ही हम दोनों की चैट में मैंने उन्हें बताई थी.
खैर … फिर मैंने ज्यादा दिमाग नहीं लगाया और बात सोचना बंद कर दी.

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कुछ दिन बाद उनसे मेरी सेक्स के ऊपर बात शुरू हो गई.
उस दिन वो रात को बड़े मूड में थीं और मुझसे कहने लगीं कि वीडियो कॉल करती हूँ.
मैंने ओके कह दिया.

भाभी ने कॉल लगाई और जैसे ही मैंने उन्हें देखा … लंड ने टनटनाना शुरू कर दिया.
क्योंकि भाभी एक नेट की फ्रॉक पहनी हुई थी और उनके दूध साफ दिख रहे थे.

उन्होंने मुझे देख कर अपने होंठों पर जीभ फिराई और कॉल कट कर दी.

मैं समझ गया कि भाभी देने के मूड में हैं.
मैंने मैसेज किया- भाभी, आपने ठीक किया वरना मेरा हर्ट फेल हो जाता.
वे हंसने लगीं.

फिर मैंने कहा- सच में यार भाभी, आप बड़ी जानलेवा चीज हो!
भाभी ने चुम्मी की इमोजी के साथ लिखा- अच्छा … मैं चीज हूँ?

मैंने कहा- आप न केवल चीज हैं बल्कि माल हैं … मक्खन माल हैं.
वे हंसने लगीं और बोलीं- क्या हुआ? निकल गया क्या ?
मैंने कहा- हां भाभी सच में झरना बह गया.

उस दिन मेरा पानी मेरी पैंट में ही छूट गया था.
भाभी ने गुड नाइट लिखते हुए कहा- हां अब ऐसे ही मेरा भी निकलवाओ तो जाने!
मैंने भी लिख दिया- मुँह में लो तो निकलवा दूंगा.
मगर वो ऑफ लाइन हो गई थीं.
मैंने उस मैसेज को डिलीट फॉर ऑल कर दिया.

अब आगे एक दिन उनसे मेरी फ़ोन पर बात हुई और उन्होंने मुझे बताया कि कल मेरे पति गांव में शादी में जा रहे हैं और वो 2-3 दिन में वापस आएंगे.

मैंने उनके साथ अगले दिन की टाइम और डेट फिक्स कर दी.
उन्होंने मुझे दोपहर 2 बजे अपने घर पर बुलाया था.

मैं टाइम से उनके घर पहुंच गया और उनके घर की घंटी बजाई तो भाभी ने गेट खोला.
उन्होंने हरी साड़ी पहन रखी थी. उस साड़ी में मैं उन्हें देखता ही रह गया.
उनसे मेरी नजर हट ही नहीं रही थी.

फिर उन्होंने मुझे पकड़ कर कहा कि अब यहीं पर मुझे देखते रहोगे या फिर अन्दर भी चलोगे?
भाभी मेरा हाथ पकड़ कर अन्दर ले आईं और मुझे सोफ़े पर बिठा दिया.

फिर उन्होंने मुझे पानी दिया और पूछा कि चाय लाऊं या कोल्डड्रिंक?
मैंने कहा- कोल्डड्रिंक.

वे कोल्डड्रिंक लेने रसोई में चली गईं और मैं उनकी गांड को देखता ही रह गया.
भाभी थीं ही इतनी मस्त कि मैंने सोचा कि अभी जाकर उनको पीछे से पकड़ कर उनकी गांड मार दूँ.

वे मेरे लिए कोल्डड्रिंक ले आईं और फिर हम दोनों ने एक साथ बैठ कर कोल्डड्रिंक पी.
फिर हम दोनों यहां वहां की बात करने लग गए.

बात करते करते मैंने अपना हाथ उनकी जांघ पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा.

उन्होंने अपना हाथ भी मेरी जांघ पर रख दिया.
हम दोनों एक दूसरी दुनिया में खो गए थे.
अचानक भाभी ने कहा- यहां नहीं, कमरे में चलते हैं.
वे मुझे अपने कमरे में ले गईं.

डेल्ही टीचर सेक्स के लिए तैयार थी.

कमरे के अन्दर पहुंचते ही भाभी ने कमरे का गेट बंद कर दिया.
फिर मैंने भाभी की साड़ी पकड़ कर उनके शरीर से साड़ी को अलग कर दिया.

भाभी के ब्लाउज के ऊपर से ही मैं उनके मम्मों को मसलने और दबाने लगा.
तब भाभी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने में लग गईं.

फिर भाभी का मैंने ब्लाउज और पेटीकोट निकाल दिया.
अब भाभी मेरे सामने अब ब्रा और पैंटी में थीं.

भाभी मेरे कमीज के बटन खोलने लगीं और उन्होंने मेरी पैंट भी उतार दी.
अब मैं अंडरवियर में भाभी के सामने था.
मैं भाभी के होंठों को चूसने लगा और भाभी मेरा साथ देने लगीं. आग दोनों तरफ लगी थी.

अब मैं भाभी के होंठों को चूमते हुए उनके शरीर को भी चूमने लगा.
उसके बाद मैं भाभी की चूत में अपनी उंगली डालने लगा.

भाभी को मजा आने लगा और वो ‘आह आह सी ई …’ की आवाज निकालने लगीं.

फिर मैं उनकी चूत को चूमने लगा और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
अब हम दोनों एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को चूसने लगे.

भाभी ने पानी छोड़ दिया और मैं उनका रस पी गया था.

तब भाभी बोलने लगीं- शिवा, अब सहन नहीं होता, अपना लंड मेरी चूत में डाल दो.
मैंने भाभी को और नहीं तड़पाया और अपना लंड भाभी की चूत में डालने को रेडी हो गया.

भाभी की चूत थोड़ी टाइट थी तो लंड भाभी की चूत में एक बार में नहीं गया.
वो फिसल गया.

फिर मैंने दुबारा कोशिश की और इस बार मैं कामयाब हुआ.
मेरा लंड थोड़ा सा ही भाभी की चूत में गया.

फिर मैंने अपना लंड पूरा भाभी की चूत में डाल दिया और भाभी की चीख निकल गई.
वे बोल रही थीं कि शिवा बाहर निकाल इसे!

मैंने उनकी एक न सुनी और अपना लंड उनकी चूत में अन्दर बाहर करता रहा.
हमारी चुदाई से फच फच की आवाज आने लगी.

थोड़ी देर ऐसे करते करते भाभी को भी मजा आने लगा.
अब भाभी बोलने लगीं- आह शिवा … ऐसे ही करते रहो … बहुत मजा आ रहा है. मेरे राजा ऐसे ही पेलते रहो!

कुछ देर बाद मैंने उनसे कहा- भाभी, आपको लौड़े की सवारी करनी है क्या?
वो बोलीं- हां.

मैंने पोज बदला और उन्हें अपने लौड़े की सवारी करवाने लगा.
इस आसन में मैं उनकी रसभरी चूचियां चूस भी रहा था और मसल भी रहा था.

फिर भाभी थक गईं और वापस मेरे लौड़े की नीचे आ गईं.
उनकी टांगें हवा में फैल गई थीं और मैं धकापेल मचाए हुए था.

कुछ मिनट बाद मेरा होने लगा तो मैंने भाभी से बोला- मेरा होने वाला है, कहां निकालूँ?
भाभी बोलीं- बहुत दिनों से मेरी चूत ने किसी का पानी नहीं लिया शिवा, तुम अन्दर ही डाल दो.

अब मैंने थोड़ा तेज तेज किया और भाभी की चूत में ही अपना माल गिरा दिया.

उस दिन हम दोनों ने 4 बार अलग अलग तरीकों से सेक्स किया.

आप लोगों को मेरी डेल्ही टीचर सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल जरूर करना!
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