नयी नवेली भाभी की चुदाई का पहला मजा

न्यू Xxx भाभी कहानी मेरे ताऊ के लड़के की शादी के बाद नयी भाभी की चुदाई की है. उस पर मेरा दिल आ गया। एक बार सभी घर वाले कहीं गए और मैं और भाभी घर में अकेले रह गए तो …

दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं उत्तर प्रदेश के मथुरा से हूं।
मेरी उम्र 26 साल है।

आज मैं अपने जीवन के पहले सेक्स अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूं जो कि मैंने अपनी भाभी के साथ किया था।

यह New Xxx Bhabhi Kahani तब की है जब मेरे ताऊ के लड़के की शादी हुई थी।
मेरी नयी भाभी आई थी और मैं भी जवानी की हवस में गोते लगा रहा था।

देखते ही देखते भाभी की चुदाई के ख्याल मेरे मन में आने लगे।
अब बात यहां तक पहुंच चुकी थी कि रात में भाभी को याद करके मैं मुठ भी मारने लगा था।

उनका बाथरूम मेरे कमरे के सामने ही था।
जब भी वह नहाने जाती तो मैं उसको चुपके से देखा करता था।

भाभी के बूब्स का साइज 36 के लगभग था।
उसकी गांड भी एकदम से शेप में थी।
मन करता था कि वहीं जाकर चोद आऊं।

ऐसे ही सपनों में 6 महीने मैंने मुठ मारकर निकाल दिए थे।

फिर बुआ के यहां से खबर आई कि फूफाजी चल बसे।
सभी घर वाले वहीं जा रहे थे।

घर में सिर्फ मैं और भाभी ही थे।
दिन ऐसे ही बेचैनी में निकल गया।
फिर रात आयी।

वे दिन सर्दियों के थे।

रात के 10 बजे थे और मैं भाभी को याद करके लंड को सहला रहा था; धीरे धीरे टोपा आगे पीछे करते हुए वासना का मजा ले रहा था।

तभी एक आहट हुई।
मैंने ध्यान दिया तो बाथरूम का दरवाजा खुला था।

जरूर भाभी पेशाब करने आयी होगी, मेरे मन में ख्याल आया।
मैंने देर न की और दो पल के भीतर ही बाथरूम के पास जा खड़ा हुआ।

अंदर से भाभी की चूत से निकल रहे मूत की सी-सी की आवाज आ रही थी।
यह सुनकर मेरा लंड तो वहीं तन गया।

थोड़ी सी और हिम्मत की और मैंने अंदर झांक कर देखा।
भाभी अपनी मैक्सी उठाकर मूत रही थी।

मुझे चूत तो नहीं दिखी, लेकिन भाभी की गांड जरूर दिख गई।

मैं वहीं पर लंड को लोवर के ऊपर से ही सहलाने लगा।

मूतने के बाद भाभी चूत को धोने लगी।
मेरा बड़ा मन कर रहा था कि मैं ही भाभी की चूत को जाकर धो दूं; चूत को छूने का मौका भी मिल जाएगा।

फिर वह उठकर बाहर आने लगी तो मैं थोड़ा पीछे हो गया और दोबारा से बाथरूम की ओर आने लगा।

जैसे ही वह निकली, उसने मुझे आते देखा।
भाभी समझ गई कि मैं भी पेशाब करने आ रहा हूं।

मैं घुसने ही वाला था अंदर तो भाभी ने पूछ लिया- नींद नहीं आ रही है क्या?
मैंने भी हां में सिर हिला दिया।
वह बोली- पता नहीं, ये लोग कब तक वापस आएंगे।

मैंने कहा- वह तो अब सुबह ही आएंगे वापस।
भाभी बोली- तो फिर मैं कुछ देर तुमसे ही बात कर लेती हूं। मुझे भी नींद नहीं आ रही है।
मैं- हां भाभी, कोई बात नहीं।

भाभी मेरे रूम में आ गई।
अब हम यहां-वहां की बातें करने लगे।

भाभी और मेरे बीच पहली बार इतनी लम्बी बात हुई थी, वरना बहुत कम बात हुई थी अब तक।

वह पूछने लगी- राज, तुम तो मुझसे बिल्कुल ही बात नहीं करते। बाकी घर वाले सब बात करते हैं। ऐसा क्यों?
मैं बोला- नहीं भाभी, ऐसी तो कोई बात नहीं है।

जब से भाभी मेरे रूम में आई थी, मेरा लंड बैठ नहीं रहा था।
मैं भाभी के सामने उसे छुपाने की पूरी कोशिश कर रहा था।

फिर मैंने सोचा कि अगर आज हिम्मत नहीं की तो पता नहीं फिर कब ऐसा मौका हाथ लगे।

वासना के जोश में आकर मैंने भाभी से पूछ ही लिया- भाभी, आपको एक बात कहूं तो बुरा तो नहीं मानोगी?
वह बोली- नहीं, कहो?

मैं बोला- भाभी, आप मुझे बहुत पसंद हो।
तभी भाभी ने मेरे लंड की ओर देखा।
तो मैंने झट से उसपर टीशर्ट से ढक लिया।

शायद भाभी मेरे इरादे समझ गई थी।
वह उठकर जाने लगी।
मुझे लगा कि वह नाराज हो गई है, और सबको इस बात के बारे में बता देगी।

मैंने एकदम से भाभी का हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया।

वह बोली- क्या कर रहे हो राज?
मैंने कहा- आपको मेरी बात का जवाब देना होगा भाभी।

वह बोली- क्या कहूं, ऐसे कोई बोलता है क्या। मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा ये!
मैं- लेकिन आपने कहा था कि आप मेरी बात का बुरा नहीं मानोगी।
वह बोली- मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूं। मुझे जाने दो।

अब मैं जान गया कि भाभी का भी मन है कि वह मेरे साथ सेक्स करे।
लेकिन वह कह नहीं रही है।

मैंने कहा- आप नहीं जानतीं, मैं आपको कितना लाइक करता हूं। देखो मेरी क्या हालत हो गई है भाभी।

कहते हुए मैंने भाभी का हाथ लोवर में तने मेरे लंड पर रखवा दिया।
भाभी ने हैरानी से मेरी ओर देखा।

लेकिन जैसे उनके बदन में वासना की लहर सी दौड़ गई।
वह हाथ हटाने लगी तो मैंने उसका हाथ लोअर के अंदर ही डलवा दिया।

अब भाभी के हाथ में मेरा लंड था।
लंड एकदम से तना हुआ था।

वह बोलीं- क्या कर रहे हो ये, पागल हो गए हो क्या? किसी ने देख लिया तो?
मैं बोला- मेरे प्यार को ठुकराओ मत भाभी। नहीं तो मैं अपनी जान दे दूंगा।

वह बोलीं- सच्ची! इतना प्यार करते हो?
मैंने कहा- आजमाकर देख लो।

भाभी- तो दिखाओ फिर!
मैंने लोअर पूरा नीचे कर दिया और उसके साथ अंडरवियर भी।
मेरा लौड़ा फनफना रहा था।

भाभी का हाथ पकड़ कर मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया।
अब भाभी ने भी लंड से हाथ नहीं हटाया।
तो मैंने उसको अपनी ओर खींचते हुए बांहों में जकड़ लिया।

तभी भाभी ने मेरी आंखों में देखा और हम दोनों के होंठ आपस में मिल गए।
हम दोनों एक दूसरे के होंठों को खाने लगे।

15 मिनट लम्बा चला यह चुम्बन।

फिर जोश में मैंने भाभी को बेड पर गिरा लिया और उनकी मैक्सी के ऊपर से चूचों को दबाने लगा।
भाभी सिसकार उठी- आह्ह … आराम से दबाओ राज, दर्द होता है ऐसे। कहीं भागी थोड़ी जा रही हूं!

फिर मैंने उनकी मैक्सी की डोरी को खोल दिया और सामने से भाभी की चूचियों को नंगी कर लिया।
उनकी मोटी मोटी गोरी चूचियां देखकर मैं पगला गया।

मैं चूचियों पर टूट पड़ा और हाथों से भींचते हुए जैसे उनका दूध निकालते हुए पीने लगा।

मैंने उसके दोनों बूब्स को बारी बारी चूसा और चूस चूसकर लाल कर दिया।
भाभी के निप्पल एकदम से कड़े हो गए।

चूचियों को चूसते हुए मेरा हाथ भाभी की चूत पर जाकर सहलाने लगा।

भाभी की चूत गीली हो चुकी थी।
सेक्स में गर्म होकर भाभी की चूत पानी छोड़ना शुरू कर चुकी थी।
मुझे गीली चूत को सहलाने और रगड़ने में और ज्यादा मजा आ रहा था।

अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था।
मैंने कच्छा निकाल दिया और लंड को भाभी की चूत पर रगड़ने लगा।

मैं चूत के छेद में लंड को घुसाने की कोशिश कर रहा था।
लंड लेकिन चूत पर से बार-बार फिसल जा रहा था।

भाभी हंसती हुई बोली- क्या हुआ राज?
मैंने कहा- कुछ नहीं भाभी, पहली बार कर रहा हूं, पता नहीं है कि कैसे करते हैं।
वह बोली- आओ मैं सिखाती हूं।

भाभी ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सेट करवा लिया।
फिर उसने धक्का देने के लिए कहा।

मैंने जोर लगाया तो लंड अब चूत में घुस गया।
भाभी की हल्की सी आह्ह निकल गई।
वह मुझे हटाना चाह रही थी लेकिन फिर शायद दर्द को बर्दाश्त करके रुक गई।

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अब मैं भाभी की चूत में लंड को अंदर डाले हुए धीरे-धीरे धकेलने की कोशिश करने लगा।
लंड हल्का सा अंदर बाहर चल रहा था।

फिर और गहराई में जाने लगा।

अब लंड लेते हुए भाभी को मजा आने लगा।
उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … अह्ह … राज … आह्ह … अच्छा लग रहा है … अम्म … ओह्ह।

मुझे भी भाभी की चूत चुदाई करने में बड़ा मजा आ रहा था; बस भाभी की चूत को खोदने का मन कर रहा था।

मैं तेजी से चोदने लगा तो भाभी को दर्द होने लगा।
उसका मूड अचानक खराब हो गया।

फिर वह उठकर बाथरूम में चली गई और दो मिनट बाद मुझे बुलाया अंदर!

मैं अंदर गया तो वह समझाने लगी कि ऐसे नहीं करते हैं, अगर मजा लेना है तो बहुत आराम आराम से करते हैं, एकदम मजा ले लेकर।
भाभी पूरी नंगी थी।

फिर वह बोली- चल दोबारा से शुरू करते हैं।

भाभी ने मुझे पकड़ा और किस करने लगी।
वह मेरे पूरे बदन को चूम रही थी।

दोस्तो, अब तो मैं बेहाल सा होने लगा था।
भाभी मेरी गर्दन, छाती और लंड पर भी किस कर रही थी। मेरे लंड की नसें फूलकर जैसे फटने को हो गईं।

वह नंगे बदन को मेरे बदन से रगड़ने लगी।
मैं तो बेकाबू सा होने लगा।

फिर वह घुटनों के बल बैठकर लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।

दोस्तो, मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं आपको बता नहीं सकता हूं।
आज भी जब मुझे वह सीन याद आता है तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि भाभी के जैसा लंड कोई नहीं चूस सकता है।

जब भाभी को लगा कि मैं अब झड़ जाऊंगा तो उसने लंड को चूसना बंद कर दिया।

अब वह उठ खड़ी हुई।
मैं भी अब भाभी के बदन को चूमने लगा।
उसकी गर्दन, चूची, पेट और चूत पर किस करने लगा।

वह भी चुदासी होने लगी।

मैंने फिर जोर से बूब्स को निचोड़ते हुए पीना शुरू कर दिया।
उसके बाद मैं चूत को चाटने लगा।

न्यू Xxx भाभी को भी चूत चटाई में भी मस्त मजा आ गया।
उसने अपनी टांगें फैला लीं और घुटनों के बल बैठाकर मेरे मुंह पर चूत को रगड़ने लगी।

फिर उसने एक टांग मेरे कंधे पर रखते हुए गर्दन पर लपेट ली और चूत को मुंह की ओर धकेलने लगी।
ऐसा लग रहा था कि भाभी अपनी चूत मुझे खिला रही हो।
मुझे भी गजब का मजा आ रहा था।

वह लगातार सिसकारियां ले रही थी और अचानक से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरे होंठ उसमें चुपड़ गए पूरे!
मैंने चूत का पानी होंठों से खूब चाटा।

फिर वह बोली- चल अब डाल दे।
भाभी मेरे सामने घोड़ी बन गई।

मैंने चूत पर लगाकर लंड का धक्का मारा और भाभी की चीख निकल गई।
वह बोली- हरामी, अभी तो समझाया था कि आराम से करना है!
मैं- सॉरी भाभी।

फिर मैं भाभी की चूत में धीरे धीरे धक्के देने लगा।
कुछ देर में उसे मजा आने लगा।
वह आह्ह … आह्ह … ऊह्ह ओह्ह … करते हुए चुदने लगी।

मेरी जांघें भाभी के चूतड़ों से टकरा रही थीं।
बाथरूम में पट पट की आवाज गूंजने लगी।
ऐसा लग रहा था जैसे पोर्न फिल्म लाइव चल रही हो।

‘पट-पट आह्ह … आह्ह … पट-पट पट-पट … आईई आह्ह आईई’ जैसी आवाजें हम दोनों के जोश को और ज्यादा बढ़ा रही थीं।

भाभी अब अपने चूतड़ मटकाते हुए चुद रही थी।
गांड को पीछे धकेल रही थी और लंड पूरा गहराई तक उतरवा रही थी।

20 मिनट की चुदाई के बाद चूत से जोर जोर की फच-फच की आवाज आने लगी।
मैं लंड की रेलम पेल भाभी की चूत में किए जा रहा था।

तब मैं बोला- भाभी! मेरा माल छूटने वाला है!
वह बोली- अंदर ही छोड़ना।

फिर 2-4 धक्कों के बाद मैं स्खलित होना शुरू हो गया।
मैं झटके देता हुआ स्खलित होता रहा और भाभी की कमर पर झुक गया।

उधर भाभी की चूत से भी गर्म गर्म पानी छूट रहा था।
ऐसा मजा मैंने कभी अनुभव नहीं किया था।

जब मैंने अपना लन्ड भाभी की चूत से निकाला तो भाभी के पैर कांप रहे थे।

भाभी की चूत लाल होकर फूल गई थी।
वह बोली- तो तू कमाल का घोड़ा है रे! बहुत ताकत वाला घोड़ा है।

फिर हम दोनों शॉवर में नहाने लगे और नहाते हुए किस करने लगे।

नहाने के बाद मैं भाभी को नंगी ही गोद में उठाकर बेडरूम में लाया।

बेड पर आकर हम फिर एक-दूसरे से लिपटने लगे।

रात में हमने 4 बार सेक्स किया।

भाभी बहुत खुश दिख रही थी।
अगले दिन उसके चेहरे पर जैसे एक मादकता फैली हुई थी।

उस दिन भाभी के साथ पहली चुदाई की शुरुआत हुई।
उसके बाद जब भी मौका मिलता, मैं और भाभी चुदाई के पूरे मजे लेने लगे।

भाभी ने मुझे चुदाई के सारे गुर सिखाए।
अब मैं चुदाई में एक्सपर्ट हो गया हूं।

तो दोस्तो, ये थी मेरी न्यू Xxx भाभी कहानी।
उम्मीद है आपको पसंद आई होगी।
आपको ये स्टोरी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं।
आपकी प्रतिक्रियाएँ बहुत मायने रखती हैं।
मेरा ईमेल आईडी है- [email protected]