मेरी बहन को मुझसे चुदकर चुदाई की लत लग गयी-4

भाई बहन का सेक्स खेल है इस कहानी में! मेरी दीदी चुदाई करवाने को आतुर हो रही थी पर वो बाहर के लड़के से चुदाई नहीं करना चाहती थी. उन्होंने मुझे कहा.

कहानी के पिछले भाग
मेरी बहन मुझसे चुदाई करवाना चाहती थी
में आपने पढ़ा कि

मैंने नसरीन आपा को अपने गले से लगा लिया और उन्हें चूमना शुरू कर दिया. मैं नसरीन आपा पर ऐसे टूट पड़ा जैसे मुझे कोई कोहेनूर का हीरा मिल गया हो.
नसरीन आपा भी मुझे पूरे जोश के साथ मुझसे चिपटी जा रही थी.

अब आगे Bhai Bahan Ka Sex Khel:

फिर मैंने नसरीन आपा के मुंह को सीधा किया, अपने होंठ नसरीन आपा के तपते हुए होंठों पर रख दिये और उनके होंठ चूसने शुरू कर दिए.

आपा के होंठ इतने मुलायम थे कि ऐसा लग रहा था जैसे होंठ मेरे मुंह ही रह जायेंगे.
मैंने नसरीन आपा को अपने से चिपका रखा था और मैं उन्हें बेतहाशा चूमे जा रहा था.

मेरा एक हाथ नसरीन आपा के चूतड़ों को सहलाने में व्यस्त था तो दूसरे हाथ से मैं टीशर्ट के ऊपर से उनके बड़े बड़े बूब्स दबा रहा था.

इतने में नसरीन आपा ने मेरी टीशर्ट उतार दी और मेरे सीने को किस करने लगी.
नसरीन आपा थोड़ा सा झुककर मेरे सीने को चाट रही थी तो मैंने आपा की टीशर्ट उतार दी.

उनकी टीशर्ट उतरते ही नीले रंग की ब्रा में सफ़ेद दूध जैसा जिस्म मुझे पागल कर रहा था.
कल तक मुझे हानिया का जिस्म दुनिया का सबसे खूबसूरत जिस्म लग रहा था लेकिन आज नसरीन आपा का जिस्म उससे कहीं बेहतर था.

मैंने थोड़ा सा झुककर नसरीन आपा के चूतड़ों पर हल्का सा थप्पड़ मारा लेकिन नसरीन आपा तो बस मेरा सीना ही चाटे जा रही थी.
अब मेरा लंड पूरा तनाव में आ चुका था लेकिन पजामे के अंदर होने की वजह से मुझे हल्का दर्द भी हो रहा था.

तब नसरीन आपा ने मेरा लंड पजामे के ऊपर से पकड़ लिया और सहलाना शुरू कर दिया.
फिर आपा ने नीचे बैठकर मेरा पजामा मेरे जिस्म से अलग कर दिया जिससे मैं उनके सामने पूरा नंगा हो गया.

मेरा लंड उछलकर सामने आ गया.
लंड देखते ही नसरीन आपा की आँखों में चमक आ गयी.
मेरा लंड 6 इंच लम्बा और लगभग 3 इंच मोटा है.

आपा ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया और सहलाने लगी.
फिर अचानक उन्होंने मेरे होंठों को चूसना कर दिया.

अब मैं दोनों हाथों से नसरीन आपा के बूब्स जोर जोर से दबा रहा था. मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं कभी उनके बूब्स दबा रहा था तो कभी उनकी गांड सहला रहा था.

नसरीन अभी मेरा लंड अपने हाथ में लेकर सहला रही थी और मुझे किस किये जा रही थी.

फिर मैंने अपना हाथ पजामे के ऊपर से उनकी चूत पर रख दिया.
चूत पर हाथ लगते ही आपा को झटका सा लगा और एकदम मुझसे पीछे हो गई.

मैंने आपा से पूछा- क्या हुआ?
तो वे बोली- सलीम, कहीं हम दोनों यह कुछ गलत तो नहीं कर रहे हैं?
मैंने उनकी बात को काटते हुए कहा- यार नसरीन … अब मेरा लंड खड़ा हो गया है. अब मैं और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता. गलत गया मां चुदाने!

मेरी इस बात को सुनते ही नसरीन आपा ने मुस्कुराकर मेरे गाल पर एक छोटा सा थप्पड़ मारा और बोली- ऐसे गालियां मत दिया करो!

उनको मैंने अपनी तरफ पकड़कर खींचा और फिर से किस करना शुरू कर दिया. हमारा भाई बहन का सेक्सी खेल दोबारा शुरू हो गया.
मैंने धीरे धीरे करके उनका पजामा उतार दिया.

नसरीन आपा ने पैर ऊपर करके पजामा उतरने में मेरी मदद की.
अब नसरीन आपा मेरे सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी थी.
नीले रंग की ब्रा और पेंटी में नसरीन आपा का जिस्म संगमरमर के पत्थर जैसा लग रहा था जिसे देखकर किसी नामर्द का लंड भी खड़ा हो जाए!

मैं तो फिर भी एक जवान लड़का था … मेरा लंड मेरे काबू से बाहर जाता जा रहा था.

मैंने पैंटी के ऊपर से ही नसरीन आपा की गांड को दबाना शुरू कर दिया.
फिर अचानक आपा ने मुझे धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया और मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी.

मैंने आपा को अपनी तरफ खींचा और उन्हें किस करना शुरू कर दिया.
तभी मैंने नसरीन आपा को कहा- आपा, मुझे आपको नंगी देखना है.

तो उन्होंने मेरी आंखों में देख कर मुस्कुरा कर कहा- तो किसने रोका है?
फिर मैंने हाथ पीछे ले जाकर नसरीन आपा की ब्रा उतार दी.

ब्रा उतरते ही नसरीन के गोल-गोल गुलाबी निप्पल के साथ बूब्स बाहर आ गए.
अब आपा के जिस्म पर एक छोटी सी पैंटी थी.

फिर मैंने हाथ नीचे ले जाकर नसरीन की पेंटी भी उनके जिस्म से अलग कर दी जिसमें आपा ने मेरी पूरी मदद करी.

अब हम दोनों भाई बहन नंगे थे और एक दूसरे पर जुड़े हुए थे.
नसरीन आपा का नंगा जिस्म देख कर इतना मजा आ रहा था कि मैं आपको बता नहीं सकता!

मैंने आपा से उनका फिगर पूछा तो उन्होंने अपना फिगर 34-28-34 बताया.
नसरीन के चूतड़ काफी बड़े-बड़े थे.

मैंने बिना कुछ सोचे समझे उनके बूब्स पर अपना मुंह लगा दिया और उनका दूध पीने लगा.
हालांकि नसरीन को दूध नहीं आता था लेकिन मैं उनके बूब्स ऐसे चूस रहा था जैसे कि इनमें से सारा दूध आज ही निचोड़ लूंगा.

आपा अभी भी मुझे बेतहाशा चूमने जा रही थी, मेरे लंड को सहला देती, कभी मेरी छाती को चाटने लगती!

मैंने कुछ दिन पहले ही हानिया को चोदा था लेकिन जितनी नशीली आँखें नसरीन आपा की थी हानिया की तो उसकी आधी भी नहीं थी.

शायद इसकी वजह यह थी कि हानिया बहुत बार चुदी हुई थी और वह रंडी का रोल निभा रही थी.
और नसरीन आपा घरेलू लड़की थी जो अपनी आग अपने अंदर दबाए बैठी थी. आज उनकी आग मेरे सामने बाहर निकल रही थी.

मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी शरीफ से दीखने वाली बहन के अंदर इतनी आग हो सकती है.

नसरीन आपा की गांड पर मैंने हल्के हल्के थप्पड़ मारने शुरू कर दिए.
मेरे हर थप्पड़ पर नसरीन आपा के मुंह से एक आह निकल जाती थी.

थोड़ी देर ऐसे ही मस्ती करने के बाद मैंने आपा को कहा- आपा मेरा लंड चूसो न!
तो आपा ने मेरी तरफ देखा और कहा- छीः ऐसे गंदे काम नहीं करूंगी.

फिर मैंने आपा को कहा- आपा … करके तो देखो. बहुत मजा आता है. हानिया ने भी मेरा लंड चूसा था.
तो वे बोली- मैं कोई हानिया की तरह रंडी थोड़ी ना हूं जो ऐसे ही लंड चूस लूंगी?

फिर मैंने ज्यादा जोर देते हुए कहा लेकिन वे फिर भी नहीं मानी.

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तब मैंने उन्हें सीधा लिटा दिया और उनके ऊपर आकर उनके जिस्म के हर कोने को चाटना शुरू कर दिया.
आपा ने अपने दोनों हाथों से बिस्तर की चादर को जोर से जकड़ लिया.
मैं उनके बूब्स को चूसता हुआ उनकी नाभि पर पहुंचा और उनकी नाभि में जीभ डालकर उन्हें गर्म करने लगा.

फिर मैं धीरे-धीरे आपा की चूत तक पहुंच गया.
मैंने देखा कि उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और एकदम कच्ची कली वाली चूत थी जैसे इस चूत में कभी कोई उंगली भी ना गई हो.

अभी मैंने चूत को छेड़ना सही नहीं समझा. मैंने उससे पहले आपा की जांघों को चाटना शुरू कर दिया.

मेरे ऐसे चाटने से आपा अब अपने आपे से बाहर हो गई. वे मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में लगाने लगी.

जैसे ही आपा ने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर लगाया, मैंने जीभ निकाल कर उनकी चूत को चाट लिया.

उसके बाद तो आपा का असली रूप सामने आ गया.
आपा गालियाँ देती बोली- मादरचोद … बहन के लोड़े … चाट मेरी चूत को … बहन के लोड़े … तुझे बड़ी रंडी चोदने की आदत लगी हुई है. चूत चाट मेरी!

मैं आपा का यह रूप देखकर सन्न रह गया. मुझे भरोसा नहीं हुआ कि मेरी बहन गंदी गंदी गालियां भी दे सकती है.

मैंने उनकी चूत चाटना चालू रखा.
आपा ने मेरा सर तब तक नहीं छोड़ा जब तक उनका पानी नहीं निकल गया.

मैंने उनकी चूत का सारा पानी पी लिया.
पहली बार मैंने चूत का पानी पिया था लेकिन मुझे बहुत मजा आया क्योंकि वह मेरी अपनी सगी बहन की चूत का पानी था.

अब नसरीन थोड़ा सा ठंडी पड़ चुकी थी तो उन्होंने मेरा सिर पकड़कर उन्होंने मुझे अपने ऊपर गिरा लिया.

उनके ऊपर आकर मैंने उनके जिस्म से छेड़ना शुरू कर दिया.
मैंने आपा को बोला- आपा, मेरा भी लंड चूसो न अब!

तो वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुराए और मुस्कुरा कर उन्होंने अपनी सहमति जता दी.
मैं तो बस इसी इंतजार में था. मैं झट से नीचे लेट गया और आपा को अपने ऊपर ले आया.

आपा अब सामने घुटनों के बल बैठी हुई मेरा लंड सहला रही थी और मुस्कुरा रही थी.
मैंने उनका चेहरा पकड़ा और लंड को उनके होंठों तक ले गया.

आपा अपना मुंह नहीं खोल रही थी तो मैंने अपना लंड पकड़ कर उनके होंठों पर सहलाना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद आपा ने अपना मुंह खोला तो मैंने अपना लंड झटके में अंदर दे दिया.

आपा ने तुरंत ही मेरा लंड अपने मुंह से बाहर निकाल दिया और बोली- ऐसे बेसबरों की तरह क्यों कर रहे हो? मैं तुम्हें मना नहीं कर रही हूं ना … मैं अपने तरीके से ले लूंगी.
फिर आपा ने धीरे-धीरे अपनी जीभ निकाली और मेरे लंड का टोपा सहलाना शुरु कर दिया.

आपा मेरे लंड को चाट रही थी, बहुत धीरे-धीरे लंड को मुंह में लेने की कोशिश भी कर रही थी क्योंकि आपा पहली बार कर रही थी तो उन्हें बहुत अजीब सा लग रहा था.

थोड़ी देर ऐसे ही करते रहने के बाद आपा ने लंड मुंह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया.

लगभग 2 मिनट आपा ने मेरा लंड चूसा होगा तभी मेरे लंड से पानी आने को हुआ तो मैंने अपना लंड जो आपा के मुंह में था, उसको झटका देना शुरू कर दिया.
शायद आपा समझ गयी कि मैं झड़ने वाला हूं.

तभी उन्होंने तुरंत अपने मुंह से मेरा लंड बाहर निकाल दिया और हाथ से हिलाने लगी.

मैंने अपने आप को रोकने की कोशिश की और आपा को भी रोकना चाहा लेकिन वह नहीं मानी, मेरा लंड सहलाती रही.

तभी मेरा पानी निकल गया जो कि आपा के ऊपर जाकर गिरा. कुछ बूँदें आपा के मुंह पर भी गिरी.
तभी आपा ने कहा- याहल्ला कैसे बेगैरत आदमी हो तुम? सारा गंदा कर दिया मुझे!

मैंने आपा को सॉरी बोला.
तो आपा हंसती हुई बाथरूम में चली गई.

मैं उनको जाते हुए देख रहा था. चलते हुए उनकी गांड ऐसे हिल रही थी जैसे मानो आपा ने कितनी बार गांड मरवाई हुई हो.
मेरी बहन की गांड देखकर तो किसी मुर्दे का लंड भी खड़ा हो जाए.
आपा को ऐसे नंगी जाते हुए देख कर बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैं भी पीछे-पीछे बाथरूम में चला गया.
मैंने देखा आपा टॉयलेट सीट पर बैठकर मूत कर रही थी.

मुझे देखते ही उन्होंने अपना मूत रोक लिया, अपना चेहरा अपने हाथों से ढक लिया और बोली- बेगैरत इन्सान … जाओ यहाँ से मुझे अभी पेशाब करना है.
मैंने कहा- आपा, मुझे आप जैसी हसीन लड़की को मूतते हुए देखना है.

इस बात पर आपा हंसने लगी और उन्होंने अपना हाथ अपने चेहरे से हटा लिया और वे मूतने लगी.

आपा के मूत की आवाज मेरे कानों में पड़ रही थी.

तभी पता नहीं मुझे क्या सूझा … मैं आपा के आगे आ गया और अपना लंड उनके मुंह की पास कर दिया.

इससे पहले आपा कुछ समझ पाती … मैंने अपना लंड उनके मुंह में डाल दिया.
आपा ने इशारों में मुझे ऐसा ना करने के लिए कहा लेकिन मैंने उनकी कुछ ना सुनी और अपने मुरझाए हुए लंड को उनके मुंह में देकर झटके देने शुरू कर दिए.

धीरे-धीरे मेरा लंड तनाव में आने लगा मैंने हाथ नीचे ले जाकर आपा की चूत में सहलानी शुरू कर दी.

क्योंकि आपा ने अभी थोड़ी देर पहले ही मूता था तो उनके मूत की थोड़ी सी बूंदें मेरे हाथ पर भी आ गई जिन्हें मैंने अपने मुंह में चाट लिया.
यह देखकर आपा ने मुझसे कहा- छीः तुम कितने गंदे हो! तुम ऐसा कैसे कर सकते हो?

तो मैंने कहा- आपा, आप जैसी हसीन लड़की का मूत पीने में मुझे बहुत मजा आ रहा है.
फिर आपा चुप हो गई और लंड चूसने लगी.

मैं एक हाथ से उनकी चूत को सहला रहा था और दूसरे हाथ से उनके बूब्स दबा रहा था.

आपा अभी भी टॉयलेट सीट पर बैठी हुई थी.

फिर आपा ने अपने मुंह से मेरा लंड बाहर निकाला और बोली- चलो बिस्तर पर चलते हैं.

उनको मैंने गोदी में उठा लिया और उनको अंदर ले जाने लगा.

मैंने उनको प्यार से बिस्तर पर लेटा दिया.
फिर हम दोनों एक साथ बिस्तर पर लेट गए और बातें करने लगे.

मेरी इस भाई बहन का सेक्स खेल पर अपनी राय मुझे [email protected] पर बताएं.
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भाई बहन का सेक्स खेल का अगला भाग: बहन की चूत की भाई से चुदाई की कहानी

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