प्यासी चूत वालियों ने चुदवा कर मुझे जिगोलो बनाया

यह मेरी ज़िन्दगी की सच्चाई है, मैं कामुकताज डॉट कॉम का नियमित पाठक हूँ. मैं रोजाना कामुकताज डॉट कॉम की कहानियों को बड़े मजे से पढ़ता हूँ.

सबसे पहले मैं अपना परिचय देना चाहता हूँ.

मेरा नाम आरूष दुबे है, मैं मध्यप्रदेश के एक छोटे शहर देवास से हूँ. मेरी उम्र 25 साल है. मैं ना ज्यादा हेल्थी हूँ और ना ही ज्यादा स्लिम हूँ. मैं एक औसत कदकाठी का लड़का हूँ. मेरा रंग भी गेहुँआ है.

पढ़ाई कम्पलीट करने के बाद मैं जॉब सर्च कर रहा था, तभी मेरे एक दोस्त ने मुझे इंदौर में एक शेयर मार्केट की एडवाइजरी कंपनी के बारे में बताया. मैं उसके बताए हुए पते पर इंटरव्यू के लिए चला गया. वहां जाते ही एक लड़की, जो मेरा इंटरव्यू लेने आयी थी, मैं उसे देखता ही रह गया. क्या बला की खूबसूरत माल थी.

उसका 34-36-28 का एकदम फिट फिगर था. उसने एक काला टॉप और जीन्स पहन रखा था. उसकी गांड भी एकदम बड़ी बड़ी गोल और उभरी हुई थी. खैर जैसे तैसे मैंने खुद पर कंट्रोल किया और इंटरव्यू दे दिया.

फिर मेरा उसी कंपनी में सिलेक्शन हो गया. दो दिन बाद की ज्वाइनिंग मिली. इसमें मुझे तैयारी करने के लिए एक दो दिन और भी मिल सकते थे.

वहां से आकर मैंने अगले दिन रेलवे स्टेशन जाकर अपना मंथली पास बनवाया और फिर मार्किट से कुछ शर्ट व परफ्यूम आदि ले आया.

अगले दिन सोमवार को मैं सुबह जल्दी उठ कर तैयार हुआ और अपनी गाड़ी लेकर निकल गया. रेलवे स्टेशन जा कर पार्किंग में गाडी पार्क करके ट्रेन का इंतज़ार करने लगा. करीब 7-40 पर इंदौर पुणे सुपरफास्ट ट्रेन आई, उसी में मैं पीछे लोकल डिब्बे में बैठ गया. वहां पहले से एक खूबसूरत भाभी बैठी हुई थी.

ट्रेन में जगह नहीं होने के कारण मुझे उनके बगल में छोटी सी जगह पर एडजस्ट होना पड़ा. भाभी का चेहरा बहुत खूबसूरत था. एकदम गोरा रंग और तने हुए चूचे भी मुझे आकर्षित कर रहे थे. उसके मम्मे 34 साइज़ के रहे होंगे. मैंने परफ्यूम और डियो दोनों लगाया हुआ था, तो मैं महक रहा था. साथ ही फॉर्मल कपड़े पहने हुए था, पीली शर्ट और ब्लैक पेंट. जिससे मैं एक शरीफ बंदा दिख रहा था.

उधर उस भाभी ने ब्लू साड़ी पहनी हुई थी.

कुछ देर वो भाभी उठकर बाथरूम चली गई. कुछ देर बाद जब वो वापस आई, तब तक मैंने थोड़ी जगह कवर कर ली. वो वापस बैठने लगी, तो मैंने उसे बैठने की थोड़ी जगह दे दी. वो मेरी तरफ को मुँह करके बैठ गई.

मैं मोबाइल में कामुकताज डॉट कॉम की कहानी पढ़ने लगा जिससे मेरा 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड एकदम कड़क हो गया. भाभी के पास बैठने की जगह कम थी, तो उसने सपोर्ट के लिए मेरी जांघ पर अपना हाथ रख दिया. उसके हाथ के स्पर्श से मेरा लंड और कड़क हो गया. जो उसने भी देख लिया था.

उसने तभी अपना मोबाइल ढूंढने का नाटक किया और मुझसे अपने नंबर पर रिंग करने को कहा. मैंने रिंग कर दी, उसका मोबाइल उसके पर्स में ही था. मेरा नंबर उनके मोबाइल में चला गया. मैंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया और मैं फिर से कहानी पढ़ने लगा.

तभी भाभी का मैसेज आया और उसने मैसेज के जरिये सीधे मुझे लिखा- तुम्हारा लंड का साइज काफी मस्त है.
मैं यह पढ़ कर दंग रह गया और उसकी तरफ देख कर हाथ से अपने लंड को मसल कर लिखा- थैंक्यू जी. साथ ही उसके खड़े हुए मम्मों की भी तारीफ कर दी.

उसने मुझसे पूछा- क्या करते हो?
मैंने बताया- आज से ही नई जॉब पर ही जा रहा हूँ.
भाभी का रिप्लाई आया और उसने कहा- आज से नहीं, कल से ज्वाइन कर लेना. आज मेरे साथ चलो.
मैंने कुछ सोचते हुए रिप्लाई दिया- ठीक है.

फिर इंदौर स्टेशन पर उतर कर उसने बताया कि वो यहां अपनी बहन के पास आई है जो एक एडवाइजरी में ही जॉब करती है. अभी वो ऑफिस गयी है, शाम तक आएगी.

स्टेशन के बाहर आकर हमने नाश्ता किया और ऑटो करके उसकी बहन के रूम पर आ गए. दरवाजे के बाहर एक गमले में रखी चाभी उठा कर भाभी ने लॉक खोल दिया.

कमरे में अन्दर जाकर उसने फिर से दरवाजा बंद कर दिया. हम दोनों अन्दर जाकर बेड पर बैठ गए. उसने पंखा चालू कर दिया और मुझसे कह कर नहाने चली गयी. मैं भी वहां बैठ कर टीवी देखने लगा.

जब वो नहा कर बाहर निकली, तो एकदम गीली और बहुत हॉट लग रही थी. मैंने उसे देख कर उसे बांहों में भर लिया और उसे किस करने लगा. वो भी मेरे मुँह में जुबान डाल के मेरा साथ दे रही थी.

फिर मैं एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा और किस करता रहा. वो भी गर्म होने लगी. फिर मैं पीछे होकर उसकी गर्दन और कानों पर किस करने लगा. उसके शैम्पू की खुशबू मुझे मदहोश करने लगी. मैंने आगे दोनों हाथ करके उसके मम्मों को पकड़ लिया और दबाने लगा. वो मचलते हुए सिसकारी भरने लगी ‘अःह अःह आह..’

उसके मुँह से कामुक सिसकारी सुन कर मैं भी जोश में आ गया. मैं पागलों की तरह उसे किस करने लगा और काटने लगा.

कुछ देर बाद उसने धक्का देकर मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरी शर्ट खोलने लगी. शर्ट के बाद उसने मेरी बनियान भी निकाल दी. अब वो मुझे मेरे सीने और गले पर पागलों की तरह किस करने लगी और काटने लगी.

मुझे भी मजा आ रहा था. फिर मैं उसे अपने नीचे करके उसके मम्मों को चूसने लगा और काटने लगा. थोड़ा नीचे होकर मैं उसकी नाभि पर किस करने लगा और जीभ नाभि में डाल दी. उसके मुँह से सिसकारी निकल गयी ‘अःह आह आह..’

फिर मैं उसकी जांघों को चूमने लगा और उसकी चुत पर जीभ रख दी. उसके मुँह से फिर से सिसकारी निकल गयी आह आहा आह..
वो मेरा मुँह अपनी चुत पर दबाने लगी. मैं चुत चाटने लगा. करीब 5 मिनट चूत चाटने के बाद वो झड़ गयी.

अब उसने मेरा पेंट खोला, अंडरवियर निकाल कर मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाया और लॉलीपॉप की तरह लंड चूसने लगी.

आह … क्या कमाल लंड चूस रही थी. मैं भी मजे से लंड चुसवा रहा था. करीब 15 मिनट के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.

फिर 5 मिनट तक हम एक दूसरे के बदन से खेलते रहे और फिर वो मेरा लंड मुँह में रख के चूसने लगी. कुछ ही देर बाद लंड फिर से अकड़ गया.

वो बोली- आपका बहुत बड़ा है.. आप लेटे रहो, मैं ऊपर से धीरे धीरे एडजस्ट करूँगी.

मैं यूं ही चित लेटा रहा. वो मेरे ऊपर मेरे लंड पर बैठने लगी और धीरे धीरे दर्द से आंखों में आंसू और दांतों को भींचते हुए लंड पर बैठ गयी. करीब आधा लंड घुसवाने के बाद वो शांत होकर अपने होंठ काटने लगे. मेरा लंड उसकी चुत में फंस गया था. वो भी दर्द सहते हुई लंड पर बैठी रही.

तभी मैंने नीचे से धक्का लगा दिया और लंड उसकी चुत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया. वो दर्द से कराह उठी और उसके मुँह से चीख़ निकल गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

फिर एक मिनट बाद वो ऊपर नीचे होने लगी. अब उसे भी मजा आने लगा था. वो ऊपर से कूद रही और मैं नीचे से गांड उठा कर उसकी चूत चोद रहा था. पूरा कमरा उसकी मादक सिसकारियों से गूंज रहा था.

दस मिनट चुदने पर वो झड़ गयी.

मैंने अब उसे कुतिया बना दिया और पीछे से उसकी चुत में लंड पेल दिया. मैं लंड घुसाने के बाद उसे जोर जोर से चोदने लगा. करीब 20 मिनट की चुदाई में वो 3 बार झड़ चुकी थी.

अब झड़ने की मेरी बारी थी. वो कहने लगी- मेरे मुँह में खाली करना.
मैंने लंड चुत से निकाल के उसके मुँह में दे दिया. वो पूरा रस पी गयी.

फिर हम दोनों ऐसे ही नंगे लेटे रहे. उसने बताया कि उसका पति सिर्फ 5 मिनट में ही झड़ जाता है.
अब जाकर उसने अपना नाम बताया कि उसका नाम प्रीति है. मैंने उसे खूब चोद लिया था और अब तक उसका नाम भी नहीं पूछा था.

वो फिर से मेरा लंड चूसने लगी और 5 मिनट बाद लंड फिर से कड़क हो गया. फिर से चुदाई शुरू हो गई.
ऐसे करके मैंने 6 बजे तक उसको 5 बार चोदा और मैं उसके घर से चला गया.

हम रोज समय सैट करके सेक्स करने लगे. एक दिन उसकी बहन जल्दी आ गयी और उसने हमें देख लिया. वो वही लड़की निकली, जिसने मेरा इंटरव्यू लिया था. उस भाभी ने मुझसे खुद को और अपनी बहन को, अपनी एक सहेली को चुदवा चुदवा कर पूरा मजा लिया.

उस भाभी ने मुझे जिगोलो बना दिया था, लेकिन मैंने कभी किसी से पैसे नहीं लिए थे. मैंने उन सभी को पूरे मजे दिए. अब अगली कहानी में बताऊंगा कि उसकी बहन और उसकी सहेली की चुदाई का मजा कैसा रहा.

दोस्तो, मेरी सच्ची सेक्स कहानी अगर अच्छी लगी या नहीं, मुझे मेल जरूर करें. अगली सेक्स कहानी मैं जल्दी ही लिखूंगा. आपके मेल का इंतज़ार करूँगा.
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इस कहानी का अगला भाग: प्यासी भाभी के साथ ओरल सेक्स का मजा