प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी-5

GF BF XXX कहानी में पढ़ें कि एक बार कुंवारी चूत चुद गयी, उसने लंड का मजा ले लिया तो हम अकसर 8-10 दिन में जुगाड़ करके चुदाई कर लेते.

दोस्तो, आपका एक बार मेरी इस सेक्स कहानी में फिर से स्वागत है.
कहानी के पिछले भाग
बेचारी कुंवारी गर्लफ्रेंड की बुर फट गयी
में आपने अब तक पढ़ा था कि सोनी को चुदाई में मजा आ गया था और उस दिन हम दोनों ने दो बार चुदाई का मजा लिया था.

अब आगे GF BF XXX Kahani:

उसके बाद तो ये हमारा रूटीन बन गया, हम हर हफ्ते या 8-10 दिन में जब मौका मिलता, हम किसी लॉज में पहुंच जाते और कम से कम दो बार सेक्स करके ही निकलते.

हमारी जिंदगी मस्त चल रही थी.
हम दोनों में किसी का जब भी सेक्स के लिए मन करता, हम कहीं ना कहीं जुगाड़ बना कर मिल लेते.
जब कोई जुगाड़ नहीं बनता तो हम लॉज में पहुंच जाते.

इसी दौरान मेरे कॉलेज का जो ग्रुप था, उसमें एक लड़की थी रश्मि.
मेरे 2-3 दोस्तों ने बताया कि उन्हें लगता है कि रश्मि मुझे पसंद करती है.
और सच कहूँ तो मेरी बर्थडे के पार्टी के दौरान सबसे ज्यादा दुखी मैंने रश्मि को ही देखा था.

जब तक सोनी वहां थी, तब तक वो बस ऊपर से खुश होने का दिखावा कर रही थी.
ये हम सबने भी महसूस किया था पर मैंने उस बात पर ध्यान नहीं दिया था.

किन्तु जब मेरे दोस्तों ने रश्मि के बारे में बताया, तब मुझे समझ में आया.

मेरी बर्थडे के बाद रश्मि मुझे अक्सर व्हाट्सएप पर मैसेज करती और सबसे पहले सोनी के बारे में ही पूछती.

सच कहूँ तो दोस्तो, मैंने कभी भी रश्मि को उस नज़र से देखा ही नहीं था और जब से सोनी मेरी जिंदगी में आयी तो किसी और की तरफ देखने की जरूरत ही नहीं हुई.

रश्मि के बारे में मैंने जो कुछ जाना था और जो मेरे दोस्तों ने कहा था, वो सब मैंने सोनी को बता दिया.

उस वक़्त तो सोनी ने कुछ नहीं कहा.
पर कुछ दिन बाद अक्सर सोनी मुझे रश्मि के नाम से ताने मारने लगी.

जैसे, जब कभी मैं किसी के भी साथ फ़ोन पर बात करता और उसी वक़्त सोनी का कॉल आता तो मेरा फ़ोन बिजी होता.
फिर जैसे ही मैं सोनी को कॉल करता, सबसे पहले सोनी यही पूछती- रश्मि से बात कर रहे थे क्या?
मैं समझ गया था कि सोनी रश्मि को लेकर असहज महसूस करने लगी है इसलिए मैं रश्मि को नजरअंदाज करने लगा.

जल्दी ही रश्मि से मेरा संपर्क टूट गया और धीरे धीरे सोनी ने भी रश्मि की बातें करना बंद कर दीं.
हमारा रिश्ता फिर से पटरी पर आ गया.

अभी तक हमारे रिश्ते को करीब ढाई से तीन साल हो गए थे.
सेक्स करना हम दोनों के लिए सामान्य बात बन चुकी थी.

हम हर बार कुछ ना कुछ नया करने का ट्राय करते, अब तक हम दोनों को काफी अनुभव हो चुका था कि एक दूसरे को कैसे खुश करें और हमसे जो बन पड़ता हम करते भी थे.

सोनी भी कभी कभी मेरा लंड मुँह में लेने की या चूसने की कोशिश करती, पर वो ज्यादा देर तक नहीं कर पाती.
मैं भी उस पर दबाव नहीं डालता.

पहली बार चुदाई की वीडियो खोजने के दौरान मुझे पोर्न देखने की और नए नए आसन वाले वीडियोज़ खोजने की लत सी लग गयी थी.
जब भी मुझे कोई नया और रोचक आसान वाला वीडियो मिलता, मैं वो डाउनलोड कर लेता और फिर सोनी को भी दिखाता.

सोनी भी GF BF Xxx वीडियोज़ देखने के लिए लालायित रहती और अगर उसे भी वीडियोज़ वाला आसन पसंद आता तो हम भी वही आसान सेक्स के टाइम आजमाते.

हमने एक दो बार गुदा मैथुन (अनल सेक्स) भी किया.
पर उसमें मुझे तो मज़ा आता, पर सोनी को मज़ा नहीं आता.

इसलिए मैं उस पर गुदामैथुन के लिए ज्यादा दबाव नहीं डालता था.

अब सोनी अक्सर मुझे मेरा व्यवसाय छोड़ कर नौकरी करने को बोलती.
वो कहती कि इतना पढ़े लिखे होकर दुकान चला रहे हो, इससे अच्छा कोई नौकरी करो.

उसे लगता है कि व्यवसायी लोग तो पैसे बहुत कमाते हैं, पर उनकी उतनी इज़्ज़त नहीं होती, जितना एक नौकरी करने वाले की होती है.

मैं उसे समझाता कि आजकल लोग नौकरी छोड़ कर अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि नौकरी करने वाले इंसान को एक मशीन के जैसे काम करना पड़ता है. फिर आजकल नौकरी के लिए इतनी प्रतिस्पर्धा मची है कि पहले जिस काम के दस हजार मिलते थे, अब उसी काम को सात से आठ हजार में करना पड़ता है.
सरकारी नौकरी मिलने से रही और प्राइवेट नौकरी का हाल तो मालूम ही है.

पर सोनी को ये सब समझ नहीं आता, वो बस ये चाहती थी कि मैं दुकान छोड़कर कोई नौकरी करूं.

सोनी की खुशी के लिए मैंने नौकरी करने का निश्चय कर लिया.
सबसे पहले अपना बॉयोडाटा बनाया और कंपनियों के चक्कर काटने फिर लगा.

साथ ही साथ अपने सभी दोस्तों, जानपहचान वालों को भी बोल दिया कि मेरे लिए नौकरी तलाशने के लिए मदद करें.

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नौकरी ढूंढते हुए मुझे करीब 15-20 दिन हो गए थे पर अभी तक मुझे कोई नौकरी मिल ही नहीं रही थी.

उसका सबसे बड़ा कारण मेरी उम्र थी, जो अब 27 साल की हो गयी थी. कोई भी कंपनी 27 साल के बंदे को नौसिखिया के तौर पर नहीं लेना चाहती थी.

फिर भी मैं लगा रहा.

दिन भर कंपनियों का चक्कर लगाता और रात को इंटरनेट के सहारे नई नई कंपनियों की वेबसाइट पर अपना बॉयोडाटा भेजता.
इसी बीच मैं जिस सर से कंप्यूटर सीखता था, उन्होंने मुझे एक प्राइवेट क्लासेस में पढ़ाने का प्रस्ताव दिया.

मैंने सर के प्रस्ताव के बारे में सोनी को बताया, सोनी को भी सर का प्रस्ताव मेरे लिए ठीक लगा क्योंकि सोनी के पापा भी घर घर जाकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे.
तो मैंने सर का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और जल्दी ही पढ़ाना शुरू भी कर दिया.

मुझे दोपहर के ढाई बजे से शाम के साढ़े सात बजे तक कंप्यूटर सीखना होता था.

मेरा पढ़ाने का काम अच्छा चलने लगा पर अब मेरा और सोनी का मिलना जुलना बहुत कम हो गया था क्योंकि सुबह उसका कॉलेज होता, दोपहर को और रात को 8 के बाद उसके पापा घर पर ही होते तो उसका निकलना मुश्किल होता.

दोपहर से शाम तक मैं बिजी होता और घर आते आते मुझे साढ़े आठ नौ बजे जाते.

दोस्तो, मूल रूप से मैं पूर्वोत्तर यू.पी. से हूँ और जो लोग यू.पी. से हैं, उन्हें बहुत अच्छी तरह पता है कि हमारे यहां लड़की 19-20 साल की और लड़का 22-23 साल का हुआ नहीं कि उनकी शादी कर देते हैं.

और मैं 27 का हो चुका था तो मेरे घर वालों ने भी मेरे लिए लड़की खोजना शुरू कर दिया था.
कुछ रिश्ते तो मैंने बिना लड़की देखे ही मना कर दिए और कुछ लड़की को देख कर.

सिर्फ मना करने से बात खत्म नहीं हो जाती, घर वालों को मना करने का कारण भी बताना पड़ता था इसलिए मैं पहले ही कुछ ना कुछ सोच कर तैयार रहता.

उधर सोनी अपनी पढ़ाई में लगी थी और इधर मेरे घर वाले मेरे लिए लड़की देखने लगे थे.

दोस्तो, वो वक़्त मेरे लिए बहुत मुश्किल वक़्त था.
पहले मैं नौकरी के लिए भाग रहा था. काम मिल गया था और अभी काम करते हुए 15-20 दिन ही हुए थे कि मेरे घर वाले फिर से मुझ पर लड़की देखने का दबाव डालने लगे.

इधर मैं सोनी से भी नहीं मिल पा रहा था तो सोनी के ताने अलग मिल रहे थे.
मैंने सोनी को रिश्ते की बात बताई तो सोनी ने मुझे साफ साफ सभी रिश्तों को मना करने को बोल दिया.

मैं उससे भी शादी की बात करने को नहीं बोल सकता था क्योंकि उस वक़्त वो स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) कर रही थी.

मेरे घर वाले हर तरह से मुझ पर शादी का दबाव बनाने लगे.
भैया गुस्सा करके, भाभी प्यार से और मम्मी भावनात्मक रूप से.

रात के खाने के समय हर रोज़ मेरी शादी के मुद्दे पर ही बहस होती और मुझे चुपचाप सब कुछ सुनना पड़ता.

कुछ भी करके मुझे अपनी शादी की बात दो साल तक टालना था.
पर मेरी समझ में नहीं आ रहा था कैसे करूं?

सोनी के बारे में घर वालों को मैं अभी बताना नहीं चाहता था क्योंकि सोनी दूसरी जाति की थी.
अगर घर वालों को सोनी के बारे में बता देता तो पता नहीं मेरे घर वाले क्या करते.
इसलिए मैं कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता था.

मैं दिमागी रूप से काफी परेशान हो गया था.
कई दिनों तक सोचने के बाद मेरे दिमाग में एक आईडिया आया जो मेरे लिए थोड़ा अजीब और रिस्की तो था पर उसके सिवा मेरे पास और कोई विकल्प भी नहीं था.

मैं वो आईडिया आजमाने के लिए सही मौके का इंतजार कर रहा था और जल्दी ही वो मौका मुझे मिल गया.

एक दिन मैं दोपहर में घर पर खाना खा रहा था और उस वक़्त घर पर सिर्फ मैं और भाभी ही थे.
मेरी भाभी से अच्छी जमती थी.

ऐसे ही बातों बातों में भाभी ने मेरी शादी की बात को छेड़ दिया और मुझसे पूछने लगीं- राजीव, सच सच बताओ, तुम हर रिश्ते के लिए मना क्यों कर रहे हो? कोई और लड़की पसंद है क्या? अगर कोई पसंद है तो बताओ, उसके घर वालों से बात की जाए.
मैं- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है.

भाभी- फिर क्यों हर रिश्ते को मना कर रहे हो?
मैं- सच कहूं भाभी? आप किसी से कहोगी तो नहीं ना?
मैं थोड़ा गंभीर होते हुए बोला.

भाभी- नहीं, किसी से नहीं कहूंगी.
मैं- भैया से भी नहीं ना?
भाभी ने खीझते हुए कहा- नहीं बाबा, किसी ने नहीं कहूंगी.

मैं- भाभी मुझमें शारीरिक समस्या है, मैं अभी शादी नहीं कर सकता, अभी इसका इलाज करा रहा हूं. डॉक्टर ने बोला है कि एक डेढ़ साल तक इलाज कराना पड़ेगा, उसके बाद मैं ठीक हो जाऊंगा.

मेरी बात सुनकर भाभी चौंक गयी और मुझे ऊपर से नीचे तक देखने लगीं.
उनके मुँह से कोई शब्द ही नहीं निकल रहा था.

मैं अच्छी तरह जानता था कि ये बात भाभी भैया को जरूर बताएंगी क्योंकि कोई भी औरत कोई भी बात पचा नहीं सकती और धीरे धीरे ये बात सबको पता चल जाएगी.

जैसी मुझे उम्मीद थी, वही हुआ.
उस रात जब हम सब साथ में खाना खाने बैठे, तब किसी ने भी मेरी शादी की बात नहीं छेड़ी. सब चुपचाप खाना खाकर उठ गए.

सब मुझसे नज़र बचा कर बड़ी अजीब ही नज़रों से मुझे देख रहे थे … खासतौर पर भैया भाभी.
उस दिन के बाद मेरे लिए रिश्ते आने बंद हो गए, एकाध जो आ जाते, भैया उन्हें कोई ना कोई बहाना बना कर मना कर देते.

अब मेरे सर से एक टेंशन कम हो गया था, मैंने ये शारिरिक कमजोरी वाली बात सोनी को कभी नहीं बताई.

मुझे क्लासेज में पढ़ाते हुए करीब डेढ़ से दो महीने हो गए थे, उसी क्लासेज में एक लड़की रेसेप्सनिस्ट के तौर पर काम करती थी और उसका नाम शिल्पा था.

वो भी लगभग मेरे ही उम्र की थी. क्लासेज में 5-6 घंटे बिताने की वजह से और हमउम्र होने की वजह से जल्दी ही उसकी और मेरी दोस्ती हो गयी.
मेरे और शिल्पा के बीच व्हाट्सअप पर भी चैटिंग होने लगी थी.

वो मुझे हमेशा सर ही कह कर बुलाती.

धीरे धीरे शिल्पा और मेरे बीच काफी बातचीत होने लगी.
क्लासेज के टाइम को छोड़कर भी शिल्पा अक्सर मुझे मैसेज करती और मैं भी उसको रिप्लाई कर देता.

कभी कभी जब मैं सोनी के साथ होता, तब भी शिल्पा का मैसेज आ जाता.

मैंने सोनी को शिल्पा के बारे में पहले ही बता दिया था.
शिल्पा ने मुझे अपने बॉयफ्रेंड और मैंने उसे सोनी के बारे में बता दिया था.

हम दोनों को एक दूसरे के बारे में पता था, इसलिए कभी कभी हमारे बीच एडल्ट जोक भी हो जाता.

जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि जब से मैंने क्लासेज में पढ़ाना शुरू किया, तब से मैं और सोनी सामान्यतः मिल नहीं पा रहे थे.

उससे पहले हम हर दूसरे तीसरे दिन किसी ना किसी रेस्टोरेंट या कॉफ़ी शॉप पर मिल जाते थे.
पर क्लासेज में जाने की वजह से अब वो सब बंद हो गया था.

जब हमें सेक्स करना होता तो हम सुबह ही सोनी के कॉलेज के टाइम ही निकल जाते और एक डेढ़ बजे तक वापस आ जाते.
इधर मेरे और शिल्पा के बीच व्हाट्सएप पर बातचीत भी ज्यादा होने लगी थी.

सोनी फिर से मेरे और शिल्पा के बारे में सोच कर असहज होने लगी थी और बात बात पर मुझ पर कटाक्ष करती और कहती- सेक्स करने के लिए टाइम है तुम्हारे पास … और ऐसे मिलने के लिए टाइम नहीं है. क्या तुम्हारा मुझसे मन भर गया है?

मैं उसकी मनोदशा अच्छे से समझता था और उसे हालात के बारे में समझाता भी था, पर उसके दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था.

इसलिए मैंने चालू बैच खत्म करके वहां पढ़ाना छोड़ दिया और फिर से अपनी दुकान पर आ गया.

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