देवर भाभी जेठ बहू के प्यार की कहानी

फेमिली Xxxx स्टोरी में मैंने अपने पति को भाभी की चुदाई करते देखा तो मैं बहुत गुस्सा हुई. बाद में मुझे अहसास हुआ कि यह उन दोनों की मजबूरी थी और बीमार जेठ जी भी यह जानते थे.

दोस्तो, मैं रतन दत्त.
आपने मेरी इस सेक्स कहानी के पहले भाग
सम्भ्रान्त पत्नी से मैं बॉस की रखैल बन गई
में पढ़ा था कि 19 साल की उम्र सोनम की शादी 22 उम्र के विनय से हुई.
शादी के 6 महीने अच्छे कटे. विनय के बड़े भाई का एक्सीडेंट हो गया, वे कमर दर्द के कारण सेक्स में असमर्थ हो गए.
उसके बाद विनय का अपनी भाभी से शारीरिक संबंध हो गया. सोनम को जब पता चला तो उसने तलाक लेने का फैसला किया.
सोनम अलग रहकर नौकरी करने लगी, बॉस और उसके मित्र की रखैल बन गयी.
45 दिन में सोनम को समझ आ गया कि उसने भारी गलती की है. वह अपने पति विनय के पास वापस आ गयी.

आगे की Family Xxxx Story सोनम की जुबानी.

भाभी ने मेरा स्वागत किया.

तलाक के कागज पर साइन करते समय विनय ने कहा था कि कानून से एक साल हमें अलग रहना होगा, फिर तलाक होगा. यदि इस बीच तुम वापस आना चाहो तो स्वागत है. तलाक की बात किसी को नहीं बताना, कहना कि तुम्हारी दादी बीमार है, तुम उनकी सेवा के लिए जा रही हो.

तलाक की बात सिर्फ विनय और भाभी भैया को मालूम थी.
मेरे सास ससुर लड़की के पास विदेश गए थे.

विनय मुझे डॉक्टर के पास ले गए.
विनय ने डॉक्टर को मेरा नाम अंजलि बताया. उन्होंने डॉक्टर से कहा कि अंजलि का किसी से अनसेफ सेक्स हो गया है, पता करना है कि इसे कोई यौन या अन्य बिमारी तो नहीं हो गयी है!

डॉक्टर ने जाँच की, खून के नमूने लिए और दो दिन बाद आने को कहा.

दो दिन बाद डॉक्टर ने बताया कि अभी तो कोई बीमारी नहीं लगती पर तीन महीने बाद फिर से जाँच होने के बाद ही पक्का पता लगेगा.
उसने कहा कि तब तक अंजलि को सेक्स से दूर रहना चाहिए.

मैं अपने बेडरूम में रहती, पति विनय मुझसे अच्छा व्यवहार करते पर शारीरिक दूरी बनाये रखते.

विनय भाभी के साथ गेस्टरूम में यौन आनन्द लेते.

मैं अपनी सहेलियों की किटी पार्टी जाने लगी.
एक रात किटी पार्टी के बाद एक सहेली का पति उसे लेने आया.

मैंने देखा सहेली के पति मेरे पुराने बॉस विशाल थे, जिन्होंने मुझे रखैल बना कर रखा था.

विशाल ने मुझे नहीं पहचानने का नाटक किया.
मैंने भी ऐसा दिखाया कि मैं उन्हें नहीं पहचानती हूँ.

रात को मुझे याद आता कि विनय कैसे प्यार से मेरे साथ सम्भोग करते थे.

मैं उस समय 20 साल की थी.
मैं तीन महीने बिना सेक्स के तड़फती रही.

मुझे भाभी की मज़बूरी और जरूरत समझ आ गयी.
भाभी के पति सेक्स में असमर्थ थे.

मेरे पति विनय के साथ उनका यौन संबंध मुझे गलत नहीं लगा.

मैं विनय से कहा- मुझे भाभी और आपके यौन संबंध पर कोई आपत्ति नहीं है.

मेरा और भाभी का बेडरूम और गेस्टरूम फर्स्ट फ्लोर में था. किचन डाइनिंग रूम ग्राउंड फ्लोर पर था.

विनय के बड़े भाई जो उनसे 3 साल बड़े थे, उनको विनय ‘भैया’ कहते थे.
मैं भी उनको भैया कहती थी.
भैया हंसमुख थे.

हम चारों साथ डिनर करते, हंसी मजाक करते.

इलाज से भैया का कमर दर्द कम हो रहा था.

मैंने तय किया कि पहले मैं विनय का लंड नहीं चूसती थी, उनसे गांड नहीं मरवाती थी, अब सब करूंगी.

मैं भाभी के साथ थ्रीसम सेक्स भी करूंगी. मैंने लेस्बियन सेक्स वीडियो देखा था, यदि भाभी राजी होंगी, तो उनके साथ लेस्बियन सेक्स भी करूंगी.

अब सिर्फ तीन महीने बाद की जाँच बाकी थी.

तीन महीने बाद हम डॉक्टर के पास गए, जाँच हुई, दो दिन बाद रिपार्ट आ गयी कि कोई बीमारी नहीं है.
मैं बहुत खुश थी.

भाभी और विनय भी खुश थे.

शाम को भाभी मुझे पार्लर ले गईं, मेरे शरीर की वैक्सिंग कराई, फेशियल कराया.
घर लाकर मुझे वही कपड़े पहनाये जो मैंने सुहागरात को पहने थे.

उन्होंने मुझे दुल्हन की तरह सजाया.

उन्होंने कहा- सोनम यह तुम्हारी दूसरी सुहागरात है, खुश रहो!
मेरा नया सेक्स जीवन शुरू हुआ.

पति विनय ने मेरा घूंघट उठाकर उपहार दिया, मुझे लिटाकर चूमने लगे.

मैं साथ दे रही थी.
पता नहीं चला कब हम दोनों नंगे हो गए.

पहले सेक्स के समय विनय एक बार कहते थे कि लंड चूसोगी? मैं मना कर देती थी.
आज जब विनय ने लंड चूसने को कहा, तो मैं बोली- कोशिश करती हूँ.

मैंने विनय के लंड को चूमा चाटा फिर चूसने लगी.
विनय सिसकारी लेने लगे.

विनय- मुझे चूत चूसनी है, तुम मेरे ऊपर आकर चूत मेरे मुँह की तरफ करो, तुम लंड चूसो … मैं चूत चूसूँगा.

हम दोनों 69 की पोजीशन में चूसने लगे.
विनय कमर हिलाकर मेरा मुँह चोद रहे थे.

कुछ देर में मेरी चूत से कामरस का फव्वारा निकला, मैं निढाल हो गयी. पर लंड चूसना जारी रखा.

विनय मेरे मुँह में झड़ गए.
मैंने वीर्य पी लिया.

हम बाथरूम से लंड चूत धोकर आए, हम दोनों ने कपड़े नहीं पहने, दोनों के दिल में फिर एक बार सेक्स की इच्छा थी

हम दोनों पलंग पर लेट गए.

विनय- कैसा लगा लंड चूसकर?
मैं- मजा आया, वीर्य स्वादिष्ट था.

मैं विनय के बालों में हाथ फेरने लगी.
विनय मेरे बदन को सहलाने लगे, जल्द ही हम दोनों चूमा-चाटी करने लगे, इसलिए हमें जोश आ गया.

मैं पैर फैलाकर चित लेट गयी.
विनय मेरे ऊपर आकर मुझे चोदने लगे, मैं अपने पैर आसमान की तरफ लेकर चुदाई का आनन्द ले रही थी.

कुछ देर बाद मैंने कहा- अब मेरी बारी है.
यह कहकर मैं विनय को चित लेटाकर उनके लंड की सवारी करने लगी.

विनय मेरे चूचे दबाने लगे.

विनय ने अपनी उंगली में वैसलीन लगाई और उंगली मेरे गांड में डाल दी.
मेरे उछलने से उंगली अन्दर बाहर हो रही थी.
मैंने पहले की तरह विरोध नहीं किया.

मैं थककर उतरकर पलंग के किनारे घोड़ी बनकर खड़ी हो गयी.
विनय फर्श पर खड़े होकर मेरी कमर पकड़कर पीछे से मेरी चूत चोदने लगे.

मैंने अपनी हथेली से अपने कूल्हे पर चपत मारी.
विनय समझ गए, वे चोदने के साथ मेरे कूल्हों पर चपत मारने लगे.

चपत से मैं और उत्तेजित होकर कमर हिलाकर लंड और अन्दर ले रही थी.
हम दोनों साथ झड़ गए और नंगे ही सो गए.

सुबह फ्रेश होने के बाद हम साथ नहाये, बाथरूम में मैंने विनय का लंड चूसा.

विनय ने मुझे वाशबेसिन पर हाथ रखकर घोड़ी बनाकर खड़ा किया और मेरी चूत चोदी, मेरी गांड में उंगली भी की.

विनय कपड़े पहनकर ग्राउंड फ्लोर की बैठक में चले गए.
मैं तैयार होकर बाहर निकली.

भाभी बाहर खड़ी थीं.

भाभी- कैसी रही रात? बाहर तक आवाज़ आ रही थी!

मैंने भाभी को कसकर आलिंगन में ले लिया और उनके होंठों पर लम्बी चुम्मी देकर कहा- इतना मजा पहली बार आया.

मेरे चूचे भाभी के चूचे आपस में दबे थे.
मुझे नया मजा आया.

शायद भाभी को भी मजा आया, उनके हाथ मेरी पीठ पर कसे थे.
इससे हमारे लेस्बियन संबंध की शुरुआत हुई.

नाश्ते के बाद विनय चले गए.

मैं- भाभी, आज की रात विनय के साथ आप रहना!

उस रात मुझे शांति की नींद आयी.
भाभी विनय गेस्टरूम में सोये.

सुबह भाभी खुश थीं.

विनय और भैया के काम पर जाने के बाद भाभी ने मुझे आलिंगन में लेकर चूमकर कहा- सोनम, तुम्हारे वापस आने से विनय बहुत खुश है, रात हमने इत्मीनान से मजे किये, बदन दुःख रहा है.

मैं- भाभी, मैं आपकी मालिश कर देती हूँ.
मैंने भाभी को सब कपड़े उतारकर पलंग पर लेटने कहा.

भाभी शर्मा रही थीं.
मैंने अपने कपड़े उतारकर कहा- अब आप भी उतारो.

मैं छरहरे बदन की थी.
मेरा फिगर 32-बी-28-34 का था.

भाभी भरे बदन की थीं. उनका फिगर 36सी-32-38 का था.
उनकी मोटी मांसल जांघें थीं.

मैंने पेट के बल लिटाकर भाभी की पीठ कंधों और भरे कूल्हों की मालिश की.
भाभी को चित लेटाया, उनके चूचों की मालिश के समय चूचे दबाये, निप्पल मरोड़े, भाभी सिसकारी ले रही थीं.

मैं- अब मैं आपकी बॉडी टू बॉडी मालिश करूंगी.
मैंने वीडियो देखा था.

मैंने अपने चूचों पर तेल लगाया और भाभी के ऊपर लेटकर अपने चूचे भाभी के चूचों पर घिसने लगी.
उसके बाद मैंने कहा.

मैं- विनय चूत चूसते है, चूत चूसने में कैसा मजा आता है, मुझे देखना है. भाभी क्या मैं आपकी चूत चूसकर देखूँ?
भाभी ने हां में सर हिलाया.

मैं भाभी की चूत चूसने लगी.

भाभी मचलने लगीं, कमर उठाने लगीं.
जल्द ही उनकी चूत से कामरस निकला तो भाभी निढाल हो गईं.

उसके बाद भाभी ने मेरी बॉडी टू बॉडी मालिश की मेरी चूत चूसी.

आज रात विनय मेरे साथ सोने वाले थे.
मैंने तय किया कि मैं विनय को गांड मारने का मजा दूंगी.

रात फोरप्ले के बाद मैं बोली- विनय उस रात तुम मेरी गांड में उंगली डाल रहे थे, तुम्हें गांड मारने की इच्छा है क्या? मेरी किटी की सहेलियों ने बताया गांड मरवाने में पहले थोड़ा दर्द होता है. फिर अलग ही मजा आता है. गांड को उंगली में लुब्रिकेशन डालकर तैयार करना होता है.

विनय तुरंत राजी हो गए.
मैं जब बॉस की रखैल बनकर थी, उन्होंने मेरी गांड मारी थी, पर हमने तय किया था कि उन दिनों की चर्चा नहीं करेंगे.

मैंने वैसलीन की डिब्बी विनय को दी, पेट के बल लेकर मैंने अपने कूल्हे हाथ से फैला दिया और गांड ढीली छोड़ दी.

विनय ने गांड के अन्दर उंगली से वैसलीन लगाई, अपने लंड पर भी वैसलीन को लगाया.

फिर मेरी गांड में लंड डालने लगे.
इन तीन महीनों में मेरी गांड टाइट हो गयी थी, इसलिए मुझे विनय का लंड अपनी गांड में लेने में दर्द हुआ.

मैं- पूरा डालकर मेरे ऊपर लेट जाओ, जब दर्द कम होगा … तब शुरू करना.
विनय मेरे ऊपर लेटकर मेरी गर्दन चूमने लगे.

थोड़ी देर में मेरा दर्द कम हुआ.
मैं- अब शुरू हो जाओ पर धीरे धीरे.

विनय मेरी गांड मारने लगे.
मुझे दर्द कम मजा ज्यादा आ रहा था. मैं- आह … और जोर से.

विनय घमासान गांड मारने लगे, कुछ देर में मेरी गांड वीर्य से भर दी.

विनय- बहुत मजा आया.
मैं- मुझे भी. अब आप लंड साबुन से धो लीजिए, गांड के कीटाणु से इन्फेक्शन हो सकता है.

उस रात के बाद हमने कई बार गांड चुदाई का मजा किया.
मिसनरी पोजीशन, घोड़ी बनकर गांड में लंड लिया.

विनय कभी भाभी, कभी मेरे साथ सोते. इस तरह से 6 महीने बीत गए.

एक बार जब मैं और भाभी के बाद लेस्बियन सेक्स के बाद नंगी लेटकर आराम कर रही थीं, तब की बात है!

भाभी- एक्सीडेंट के पहले मैं मेरे पति अनय के साथ खूब यौन आनन्द लेती थी. एक्सीडेंट के दो महीने बाद जब अनय थोड़े ठीक हुए, तो हमने चूमा चाटी की. पर उन्हें कमर हिलाने से दर्द होता था. मैंने लंड की सवारी करने की कोशिश की, पर मेरा वजन 70 किलो है. इससे उनकी कमर में ज्यादा दर्द होने लगा. मैंने उनका लंड चूसकर उन्हें ठंडा किया. तब से मैं फोरप्ले के बाद उनका लंड चूसती हूँ.

मैंने उनकी तरफ सवालिया नजरों से देखा.

भाभी- एक रात अनय ने कहा कि मेरा तो हो जाता है, पर तुम प्यासी रह जाती हो. तुम्हारी विनय के साथ अच्छी दोस्ती है, तुम उसके साथ यौन आनन्द लो, घर की बात घर में रहेगी. तो मैंने विनय से बात की और उससे संबंध बनाया. मैं अभी भी अनय का लंड चूसकर उन्हें ठंडा करती हूँ.

मैं चुप थी और भाभी की तरफ ही देख रही थी.
भाभी आगे बोलीं- सोनम, अनय की कमर की हालत काफी सुधरी है. तुम्हारा वजन 50 किलो है, यदि तुम अनय के लंड की सवारी करके उन्हें यौन आनन्द दो तो उन्हें और मुझे अच्छा लगेगा. अनय का लंड विनय के लंड से थोड़ा कम लम्बा है, पर काफी मोटा है, तुम्हें आनन्द आएगा!

मेरे बॉस का लंड काफी मोटा था, मैं जब उनकी रखैल बनी थी.
मैंने उसका आनन्द लिया था, मोटे लंड से चूत बहुत फ़ैल जाती थी.

थोड़ी देर मैंने सोचा, तब बोली- भाभी मैं आपकी चिंता समझ गयी. मेरे पति विनय को आपको राजी करना होगा. आप विनय को यह प्रस्ताव दीजिये, उनसे कहिये यदि उन्हें आपत्ति नहीं है, तो आप मुझसे बात करेंगी.

भाभी ने विनय से बात की, विनय राजी हो गए.

भाभी ने अनय को राजी कर लिया.
उसके बाद मैंने भाभी के प्रस्ताव के बारे में विनय से बात की.

विनय- यदि इससे भैया को सुख मिलता है और तुम राजी हो, तो मैं तैयार हूँ. मेरा भी तो भाभी से यौन संबंध है.

अगली रात भाभी ने मेरे बेडरूम में शराब पार्टी रखी, जिससे मेरी और अनय की आपसी झिझक मिट जाए.
मैंने और भाभी ने काफी झीनी नाइटी पहनी हुई थी.

हंसी मजाक और अश्लील जोक हुए.
दो पैग के बाद भाभी विनय के साथ गेस्टरूम चली गईं.

मैं अनय के साथ उनके बेडरूम में आ गयी.

हम दोनों नया स्वाद पाने को उत्सुक थे.

अनय- सोनम बेडरूम में तुम मुझे भैया नहीं अनय कहना.
हम खड़े होकर चूमा चाटी करने लगे, अनय चूमने में माहिर थे.

धीरे धीरे मेरे कपड़े उतार रहे थे. मेरा बदन चूम रहे थे.
जब उन्होंने मेरी कांख (आर्मपिट) चूमी चाटी, तो मैं सिहर उठी.

जल्द ही हम दोनों नंगे हो गए.

मैंने देखा कि अनय का लंड बहुत मोटा है. मोटे लंड को देख कर मेरी चूत गीली हो गयी.
मैंने अनय को चित लिटाया और उनका लंड चूमा चाटा.

फिर मैं अनय के ऊपर आकर लंड चूत में डालने लगी, पहले थोड़ा दर्द हुआ पर मैंने पूरा लंड चूत में डाल लिया.
थोड़ा रूककर मैं धीरे धीरे लंड पर उछलने लगी.

मैं- अनय कमर दुःख रही है क्या?
अनय- तुम्हारा वजन काफी कम है, कमर दर्द नहीं हो रही है.

मैं थोड़ी देर उछलती, फिर रूककर सामने झुककर चूचे अनय के मुँह के पास ले जाती.
अनय मेरी चूची दबाते चूसते, फिर मैं सीधी होकर लंड पर उछलने लगती.

काफी देर बाद हम दोनों झड़े.

अनय- बहुत महीनों बाद यौन सुख मिला, सोनम धन्यवाद.
मैं- मुझे भी मजा आया.

उसके बाद से मैं कभी अनय कभी विनय के साथ सम्भोग करती.
भाभी सिर्फ विनय के साथ सम्भोग करतीं.

मैं भाभी के साथ लेस्बियन सेक्स का आनन्द भी लेती.

अनय भैया बिज़नेस के काम से एक हफ्ते दूसरे शहर गए थे.
मैंने भाभी और विनय को थ्रीसम सेक्स वीडियो दिखाया.

वे राजी हो गए.

रात हम तीनों ने गेस्टरूम में फोरप्ले के बाद एक दूसरे के कपड़े उतार दिए.
विनय को खड़ा करके मैं और भाभी घुटनों पर बैठकर लंड गोटी चूसने लगे.

फिर भाभी घोड़ी बनकर पलंग के किनारे खड़ी हुईं.

विनय फर्श पर खड़े होकर पीछे से भाभी की चूत चोद रहे थे, कूल्हे पर चांटे मार रहे थे.

मैं भाभी के चूचे दबा रही थी, उनके होंठ चूम रही थी.

भाभी सिसकारी ले रही थीं.
फिर भाभी झड़ गईं.

विनय ने अपना लंड बाहर निकाला, जल्द झड़ने से बचने के लिए लंड को जड़ से पकड़ लिया और लम्बी साँस लेने लगे.

अब मेरी बारी थी.
मैं घोड़ी बनकर खड़ी हो गई.

विनय मुझे चोदने लगे थे, मेरे कूल्हे पर चांटे मार रहे थे.
भाभी मेरे चूचे दबा रही थीं, होंठ चूस रही थीं.

मेरे झड़ने के बाद हम दोनों बारी बारी से विनय का लंड चूसने लगे.
विनय ने मेरे मुँह में वीर्य की पिचकारी छोड़ी.

मैंने भाभी को मुँह खोलने कहा और आधा वीर्य भाभी के मुँह में डाल दिया, हम दोनों ने वीर्य पी लिया.
अनय के वापस आने तक हमने अलग अलग आसनों में थ्रीसम सेक्स किया

इस तरह से दो साल बीत गए.
अनय भैया की कमर की हालत काफी ठीक हो गयी थी, वह कभी मुझे कभी भाभी को मिसनरी पोजीशन में धीरे धीरे चोदने लगे.

भाभी ने उनके लंड की सवारी की कोशिश की, पर भैया भाभी के 70 किलो वजन को नहीं झेल सके. उनकी कमर में दर्द होने लगा.
सिर्फ मैं उनके लंड की सवारी करती, मेरा वजन 50 किलो था.

मैं और भाभी परिवार नियोजन की पिल्स ले रही थीं.
भाभी की शादी हुए 4 साल हो गए थे.

सास कहने लगीं कि बच्चे का मुँह कब दिखाओगी.

भाभी ने पिल्स लेना बंद कर दिया, वे गर्भवती हो गईं.
बच्चा अनय या विनय का है, मालूम नहीं था.

फिर 4 महीने बाद डॉक्टर ने भाभी को सेक्स करने से मना कर दिया.
मैंने अनय विनय दोनों को संभाला, कभी कभी तो दोनों एक ही रात में अलग अलग बेडरूम में मुझे चोद देते.

भाभी ने लड़के को जन्म दिया.

बच्चा एक साल का होने के बाद मैंने पिल्स लेना बंद कर दिया.
मेरे गर्भवती होने पर भाभी ने अनय विनय को संभाला.

मुझे भी लड़का पैदा हुआ, उसका बाप अनय या विनय है, मालूम नहीं था.

मेरी शादी को 7 साल हो गए हैं.
बच्चे थोड़ा बड़े होने के बाद से हमारे सास ससुर के बेडरूम में सोते हैं.

मैं और भाभी बदल बदल कर अनय विनय के साथ सम्भोग का आनन्द लेते हैं.
अनय भैया की कमर ठीक हो गयी है, वे दोनों को घमासान चोदते हैं.

आपको यह फेमिली Xxxx स्टोरी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
पर मेल भेजते समय कहानी का नाम अवश्य लिखें.
इसका कारण यह है कि मैंने अनेक कहानियां लिखी हैं, नाम लिखने से उत्तर देने में सुविधा रहती है.
[email protected]

Share this Post :