माँ की चूत पर बेटे की नजर-1

मॉम सन Xxx कहानी में पढ़ें कि सेक्सी माँ का जवान बेटा अपना मम्मी को वासना भारी दृष्टि से देखता था. माँ भी अपने बेटे के मन की बात समझती थी.

यह मॉम एंड सन Xxx कहानी है. जो पाठक इस तरह की कहानी नहीं पढ़ना चाहते, वे कोई और कहानी पढ़ लें.

आज रोहन बहुत खुश था. उसकी खुशी का कारण यह था कि वो आज अपने घर पूरे दो वर्ष बाद लौट रहा था.
रोहन जब 18 वर्ष का था, तब उसे आगे की पढ़ाई के लिए हॉस्टल भेज दिया गया था.

रोहन एक बहुत ही शांत स्वभाव का लड़का था, जो ना तो किसी से कोई मतलब रखता था … और न ही किसी से कोई फालतू की बात करता था.
वो बस अपने ही ख्यालों की दुनिया में ही खोया रहता था.

देहरादून से रोहन नई दिल्ली स्टेशन पर पहुंचने वाला था, उसके पिताजी उसे लेने आये थे.
रोहन के पिताजी का नाम शेखर है और वो एक बिजनेसमैन हैं. उनकी उम्र 48 वर्ष है और वो दिखने में बहुत स्मार्ट और एक अच्छे शरीर के मालिक हैं.

उन्हें अभी स्टेशन पहुंचे दस मिनट ही हुए थे कि रोहन की ट्रेन आती हुई दिखी.

ट्रेन रुकने के बाद वो तुरंत ही रोहन के डिब्बे के पास पहुंचे, तो दरवाजे पर उन्हें रोहन खड़ा मिल गया.
रोहन अपने पिताजी से गले मिला और वो दोनों सामान लेकर बाहर आ गए.
फिर वो दोनों अपनी कार से घर की ओर चल दिए.

रोहन आज पूरे 2 वर्ष बाद अपनी मॉम से मिलने वाला था.
वो बहुत रोमांचित हो रहा था और उसका होना भी लाजिमी था.

रोहन ने जब अपनी युवावस्था में कदम रखा था, तभी से उसका अपनी मॉम के प्रति आकर्षण था. इसी आकर्षण की वजह से वो हर वक्त बस इसी कोशिश में रहता था कि किसी तरह मॉम के जिस्म को ताड़ पाए और उन्हें बहाने से इधर उधर छू सके.

रोहन की मॉम को भी जब उस पर थोड़ा शक हुआ तो उन्होंने रोहन के पापा से बोलकर इसे हॉस्टल में डलवा दिया था.

आज रोहन की मॉम कुसुम भी बहुत खुश थी. उसने अपने बेटे रोहन के लिए उसकी हर तरह की पसंद के पकवान बनाए थे.
एक ही तो बेटा था उसका, जिसे वो अपनी जान से ज्यादा प्यार करती थीं. रोहन उसके लिए सब कुछ था.

उसको रोहन को दूर भेजने का बिल्कुल भी मन नहीं था, पर ये कुसुम की मजबूरी थी … जिसकी वजह उसे रोहन को अपने आप से अलग करना पड़ा था.
कुसुम को पता था कि ताक झांक के चक्कर में रोहन का पढ़ाई में बिल्कुल भी में नहीं है, इसलिए उसने रोहन को खुद से अलग कर दिया था.

करीब आधे घंटे के सफर के बाद रोहन अपने घर पहुंच गया. रोहन और उसके पिताजी दरवाजे पर दस्तक देने वाले थे कि रोहन की मॉम भागी भागी आ गई.
रोहन की मॉम ने दरवाजा खोल दिया, शायद उसने गाड़ी के आने की आवाज सुन ली थी.

दरवाजा खुलते ही सामने रोहन खड़ा था.
कुसुम ने तुरंत अपने लाल को अपने गले से लगा लिया.

पिछले दो साल में ये एक ऐसा क्षण आया था, जिसमें कुसुम को सुकून मिला था.
पर रोहन अपनी मॉम के गले लगते सनसना गया. उसके मन कुछ और ही घंटी बजी.
कुसुम के गले लगते ही रोहन को अपने सीने में अपनी मॉम के 38 साइज के बूब्स का बहुत मादक अहसास हुआ. उसे ऐसा लगा, जैसे दो फूले हुए गुब्बारे उसके और उसकी मॉम की बीच में दब रहे हों.

शेखर- रोहन बेटा, तुम अपने कमरे में जा कर नहा धो लो, फिर हम खाने पर मिलते हैं.
ये कहकर रोहन के डैड अन्दर चले गए.

रोहन भी अपने कमरे में सामान रखकर वॉशरूम में नहाने चला गया.

वॉशरूम में अन्दर रोहन को अपनी पैंट में तम्बू बना दिख रहा था. उसका लंड अपनी मॉम को देखते ही खड़ा हो गया था … और जब वो अपनी मॉम के गले लग कर मिला था, तब तो उसे लगा था कि उसका लंड पैंट फाड़कर ही बाहर आ जाएगा.

रोहन अब भी उस अहसास को भूल नहीं पा रहा था, जो उसे अभी थोड़ी देर पहले अपने सीने पर महसूस हुआ था.
ये सब सोचते हुए रोहन अपने हाथ को लंड पर ले गया और तेजी से लंड हिलाने लगा.

वो लंड हिलाते हुए अपनी मॉम के बारे में ही सोच रहा था. उसकी आंखें बंद हो गई थीं और मन में सिर्फ मॉम की चूचियों की रगड़न का ही अहसास हो रहा था.

तभी उसके लंड से वीर्य की पिचकारी तेजी से निकल कर सामने की दीवार से जा टकराई और उसके मुँह से ‘ओह मॉम ..’ निकल गया.

उसी समय ये सब कुसुम ने सुन लिया था क्योंकि वो रोहन के झड़ने के कुछ पल पहले ही यहां पर उसे तौलिया देने आई थी.

जब कुसुम को अपने बेटे रोहन की मादक सिसकारियां सुनाई दीं, तो वो सकते में आ गई और वापस जा ही रही थी कि ‘ओह मॉम ..’ सुनकर उसकी आंखें फैल गईं.
कुसुम को अहसास हो गया कि रोहन मेरे बारे में सोचकर मुठ मार रहा था.

ये अहसास कुसुम को अन्दर तक झिंझोड़ गया था. साथ ही न जाने क्यों उसकी चूत में भी गीलापन आ गया था.

फिर कुसुम ने एकदम से अपना सर झटका और अपने बेटे को आवाज लगाकर कहा- बेटा बाहर तौलिया टेबल पर रखी है … ले लेना.
ये कह कर वो नीचे चली गईं जहां शेखर पहले ही बैठा इंतजार कर रहा था.

कुसुम भी नीचे आकर नॉर्मल हो गई.

थोड़ी देर में रोहन भी तैयार होकर नीचे आ गया. सभी साथ में लंच करने लगे.

कुसुम की नजर इस समय अपने बेटे पर थी. वो उसे निहारे जा रही थी.
वो देख रही थी कि उसका बेटा इन दो सालों में कितना बड़ा हो गया था. उसकी दाढ़ी मूंछ भी आ गए थी और हाइट भी पहले के मुकाबले ज्यादा हो गई थी. कुसुम सोच रही थी कि रोहन शायद देहरादून में जिम भी जाता होगा. उसकी बॉडी भी अच्छी खासी मॉडलों जैसी हो गई थी.

शेखर- मैं ऑफिस के लिए निकल रहा हूं. रोहन तुम्हें कुछ चाहिए हो, तो फोन पर बता देना. मैं शाम को बाहर से लेता आऊंगा.

ये बोलकर शेखर ऑफिस के लिए निकल गया. रोहन भी खाना खाकर अपने रूम में आराम करने चला गया.

कुसुम किचन में बर्तन धोने के साथ साथ पुरानी यादों में खो गई. वो सोच रही थी कि रोहन में जरा भी बदलाव नहीं आया है. वो अभी भी मेरे प्रति आकर्षित है.

पर इस बार हालात अलग थे. इस बार कुसुम को भी अपने बेटे के प्रति आकर्षण लग रहा था. उसे भी रोहन को देख कर मां बेटे के प्यार से अलग किसी और ही प्यार का आभास अपने अन्दर हो रहा था.

शाम को कुसुम रोहन को उठाने के लिए उसके रूम में गई.
रोहन का दरवाजा खुला ही था. वो अन्दर चली गई. अन्दर रोहन अपने सपने में खोया हुआ था. वो किस तरह के सपने में खोया था, ये उसकी पैंट में बना तम्बू बयान कर रहा था.

कुसुम रोहन के पास उसे उठाने के लिए गई, पर वो उसकी पैंट में बने तम्बू को देखकर उसी में खो गई.
वो अंदाज़ा लगाने लगी कि तम्बू के हिसाब से उसके बेटे का हथियार कितना बड़ा होगा.
उसके बेटे का लंड साधारण तो नहीं था, इतना उसे पता लग चुका था.

उसी समय अचानक से रोहन ने करवट बदली, जिससे कुसुम की तंद्रा टूट गई. उसे एकदम से ख्याल आया कि वो इस रूम में क्यों आई थी.
ध्यान आते ही वो बिना रोहन को जगाए बाहर आ गई और अपनी सांसों पर काबू पाने की कोशिश करने लगी.

अगली सुबह रोहन बिना किसी को बताए एक्सरसाइज करने के लिए बाहर निकल गया था.
कुसुम रोज की तरह उठ कर बाथरूम गई. फिर तैयार होकर किचन के कामों में व्यस्त हो गई. उसे लगा था कि रोहन अभी सो रहा होगा.

कुसुम किचन में अपनी धुन में मस्त होकर नाश्ता बना रही थी. तभी रोहन आ गया और वो अपनी मॉम को किचन में देखकर रुक गया.

वो किचन की तरफ गया. अन्दर उसकी मॉम एक चुस्त नाइटी में ब्रेकफास्ट बना रही थी.
रोहन अपनी मॉम को इस हालत में देख कर गर्म होने लगा था. क्योंकि इस समय उसकी मॉम की गांड नाइटी के ऊपर से ही बहुत सेक्सी लग रही थी.
शायद कुसुम ने ब्रा पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी, जिस वजह से जरा सा हिलने उसके मम्मे और गांड पर साफ़ नुमाया हो रहे थे.

अचानक से कुसुम के हाथ से एक चम्मच छूट कर नीचे गिर गई, जिसे उठाने के लिए वो नीचे झुकी.
इससे कुसुम की गांड एकदम से उभर कर रोहन के सामने आ गई.

अपनी मॉम की मादक गांड की दरार देख कर रोहन का लंड फिर से पैंट फाड़ने को तैयार हो उठा.
उस अद्भुत नजारे को छूने के लिए रोहन के हाथ अपने आप बढ़ गए और उसने अपना एक हाथ मॉम के एक चूतड़ पर रख दिया.

उसी समय कुसुम को अपनी गांड पर कुछ अहसास हुआ, तो वो अचानक से घूम गई.

अचानक घूमने से वो रोहन से सामने से टकरा गई. इस वक्त कुसुम के होंठ रोहन के होंठों के सामने थे और कुसुम की चूचियां रोहन की छाती में धंसी हुई थीं. कुसुम को अपनी चूत पर रोहन के कड़क हथियार का आभास हो रहा था.

करीब दस सेकंड तक दोनों समझ ही नहीं पा रहे थे कि क्या करें … वो दोनों बस आपस में खोए हुए थे.

रोहन ने धीरे से अपने मुँह को कुछ आगे को किया और उसने अपनी मॉम के होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
इस हरकत से कुसुम की आंखें फैल गईं और उसे समझ में आ गया कि ये क्या हो रहा है.

उसी पल वो रोहन से अलग हो गई और भाग कर अपने रूम में चली गई.
अपने रूम में आकर कुसुम अपनी सांसों पर काबू पाने की कोशिश करने लगी थी.

रोहन अभी भी किचन में खड़ा था और अपने किए पर शर्मिंदा था.
उसे लग रहा था कि उसने जो किया, वो ग़लत था.
वो समझ ही नहीं पा रहा था कि अब वो अपनी मॉम का सामना कैसे कर पाएगा.

इसी के बारे में सोचते हुए वो अपने रूम में आकर फिर से लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा.

उधर कुसुम भी कुछ पल बाद संयत हुई और बाहर आकर उसने देखा कि रोहन बाहर नहीं है.
एक दो पल बाद वो अपना ध्यान घर के बाकी के कामों में लगाने लगी.

कुछ देर बाद शेखर भी उठ गया और नित्य क्रिया से फारिग होकर वो तैयार हुआ और बाहर ब्रेकफास्ट के लिए डाइनिंग टेबल पर आ गया.
वो रोहन का इंतजार करने लगा.

ऑफिस जाने से पहले आज शेखर अपने बेटे से कुछ बात करना चाहता था क्योंकि जब से रोहन आया था, वो उससे ठीक से मिल ही नहीं पाया था.
इसी सोच विचार में शेखर रोहन को बुलाने के लिए आवाज लगाने को हुआ.

तभी कुसुम ने उसे मना कर दिया- आप नाश्ता करो … वो सो रहा है. मैं उसे बाद में जगा कर नाश्ता करा दूंगी.
शेखर ने चुपचाप नाश्ता किया और ऑफिस के निकल गया.

अब कुसुम और रोहन ही घर में अकेले थे. कुसुम रोहन को ब्रेकफास्ट के लिए बुलाने गई.
उस समय रोहन लेटा हुआ उन्हीं पलों के बारे में सोच रहा था.

कुसुम वहां आ गई और रोहन को इस तरह खोया देख कर वो समझ गई कि वो क्या सोच रहा है.

कुसुम ने कमरे के बाहर से ही रोहन को ब्रेकफास्ट के लिए नीचे आने का बोला और नीचे चली गई.

नीचे रोहन और कुसुम दोनों डाइनिंग टेबल पर बैठे ब्रेकफास्ट कर रहे थे. दोनों की नजरें नीचे थीं. दोनों को ही उस घटना को लेकर अजीब सा महसूस कर रहे थे.

दोनों ब्रेकफास्ट खत्म करने के बाद अपने अपने रूम में चले गए.

कुसुम अपने रूम में आने के बाद उस पल को भूल ही नहीं पा रही थी, उसके हाथ अपने आप अपनी चूत पर चले गए थे.
वो आंखें बंद करके अपनी चूत को रगड़ रही थी और रोहन के लंड के बारे में सोच रही थी.

किचन में उसे अंदाज़ा हो गया था कि उसके बेटे का लंड मामूली नहीं है. वो किसी की भी चीखें निकलवा सकता है. यही सोचते सोचते वो झड़ने लगी.
आज झड़ने पर कुसुम को जो संतुष्टि मिली थी, वो उसे शेखर से सेक्स के दौरान भी नहीं मिलती थी.

ऐसा नहीं था कि कुसुम की सेक्स लाइफ अच्छी नहीं थी. शेखर हफ्ते में दो तीन बार अच्छे से उसकी चुदाई की खुराक पूरी कर देता था.
पर ये आकर्षण और अहसास उस नए कड़क लंड का था, जो उसके बेटे का उसने महसूस किया था.

उधर रोहन समझ नहीं पा रहा था कि क्या करना चाहिए.
एक तरफ तो उसका दिल कह रहा था कि ये सब गलत है. उसे इन सब चीजों में ध्यान नहीं देना चाहिए … आखिरकार वो उसकी मॉम है.
परन्तु दिमाग कह रहा था कि कोई फर्क नहीं पड़ता, वो मॉम होने से पहले एक औरत हैं … वो भी इतनी सेक्सी.

रोहन इसी कमोवेश में खोया सोच रहा था कि क्या करना चाहिए.
फिर उसने फैसला कर लिया कि उसे मॉम के पास जाकर माफी मांग लेनी चाहिए और इन बातों को यहीं खत्म कर देना चाहिए.

यही सोचकर रोहन अपनी मॉम के पास आया.

वो अभी मॉम के कमरे के दरवाजे पर दस्तक देने वाला ही था कि अचानक से रुक गया. क्योंकि अन्दर से उसकी मॉम की सिसकारियों की आवाज आ रही थी.

ये वही पल था, जिसमें कुसुम अन्दर आकर अपने बेटे के बारे में सोच कर अपनी चुत में उंगली कर रही थी.

रोहन ने मादक आवाजों को सुना, तो उससे रहा न गया. उसने धीरे से रूम का दरवाजा धकेला तो दरवाजा खुल गया.

शायद कुसुम ने दरवाजा लॉक नहीं किया था. रोहन ने अन्दर का नजारा देखा कि उसकी मॉम अन्दर नंगी बेड पर लेटी हुई थी और उसकी आंखें बंद थीं.
वो तेज़ तेज़ अपनी चूत को रगड़ रही थी.

उसकी मॉम की चूत एकदम चिकनी थी और एकदम गोरी गुलाबी चूत थी.
ये देखकर रोहन के मुँह में पानी आ गया और तभी कुसुम रोहन का नाम लेते हुए झड़ गई.

पहले तो रोहन अपना नाम सुनकर चौंक उठा … फिर वो तुरंत वापस मुड़ा और अपनी मॉम के पता चलने से पहले अपने रूम में आ गया.

दोस्तो, ये मॉम एंड सन Xxx कहानी आपको कितना उत्तेजित कर पाई है, प्लीज़ मेल करें.
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मॉम एंड सन Xxx कहानी जारी है.

इस कहानी का अगला भाग: माँ की चूत पर बेटे की नजर-2