सास दामाद Xxx कहानी में मैंने अपनी ससुराल में अपनी सास को ब्लू फिल्म देखकर चूत में उंगली करते देखा. मैंने तभी सोच किया मैं इस गर्म औरत को चोदूँगा.
हैलो, मेरा नाम राज है. मैं कामुकताज डॉट कॉम से कई सालों से जुड़ा हूँ. मुझे इस पर प्रकाशित सेक्स कहानी पढ़ना बहुत पसंद हैं.
गर्म और सेक्स से भरपूर मजा लेते हुए मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं भी अपनी एक वास्तविक घटना को सास दामाद Xxx कहानी का रूप देकर आप लोगों के साथ साझा करूं.
तो बिना देरी किए हुए मैं अपनी सेक्स कहानी की नायिका अपनी सास के बारे में आप बता देता हूं.
मेरी सास का नाम शिवानी है. उनकी उम्र 45 साल है. सासू मां का फिगर 38-34-40 का है. रंग हल्का सांवला सा है लेकिन वो देखने में बहुत मस्त माल दिखती हैं.
एक दिन की बात है, जब मैं अपनी पत्नी को उसके मायके छोड़ने गया.
तो उसकी मम्मी, मतलब मेरी सास ही घर में अकेली थीं. ससुर जी शहर से कहीं बाहर गए थे.
उसी समय इत्तेफाक से एक फोन आ जाने के कारण मुझे कुछ जरूरी काम निकल आया.
वो काम मेरी ससुराल के शहर में ही था, तो मुझे अपनी ससुराल में रुकना पड़ गया.
मैं अपनी बीवी के साथ जब ससुराल पहुंचा था, तो उस वक्त रात भी काफी हो चुकी थी.
हम सभी लोगों ने मतलब मैं, मेरी पत्नी और मेरी सास ने साथ में बैठ कर खाना खाया.
खाने के बाद मेरी पत्नी अन्दर वाले रूम में सोने चली गई.
मैं गेस्ट रूम में सोफे पर लेट गया. मेरी सास का कमरा गेस्ट रूम के ठीक सामने था, जिसकी खिड़की हमेशा खुली रहती थी.
मैं काफी रात तक फोन चलाता रहा.
फिर मैं बाथरूम जाने के लिए उठा तो देखा सास के कमरे से मोबाइल में वीडियो चलने की आवाज आ रही थी.
मैंने खिड़की के नजदीक खड़े होकर देखा तो सास अपनी साड़ी को ऊपर किए अपनी चूत में उंगली कर रही थीं.
शायद वो मोबाइल में सेक्स वीडियो देख कर ही अपनी चूत में उंगली अन्दर बाहर कर रही थी.
मुझे ये सीन काफी हॉट लगा, तो मैं खिड़की की आड़ में खड़ा होकर सास का हस्तमैथुन देखता रहा.
उनकी मादक जवानी को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मैं अपना लंड हिलाते हुए मुठ मारने लगा. कुछ ही देर में मेरे लंड का पानी वहीं निकल गया और मैं हाथ में लंड पकड़े हुए बाथरूम में चला गया.
बाथरूम से आने के बाद मैं गेस्ट रूम में सोफे पर लेट गया और सो गया.
सुबह जब मेरी नींद खुली तो मेरी सास एक ब्लैक साड़ी में मेरे सामने चाय लेकर खड़ी थीं.
मैं सास को देखता रहा.
सास ने मुस्कुरा कर पूछा- क्या हुआ दामाद जी … चाय पी लीजिए.
मैं कुछ नहीं बोला और रात का सीन इमेजिन करके अपनी सास की चुत और मम्मों की नंगी छवि को अपने मन मस्तिष्क में उकेरने लगा.
सास ने मुझे मम्मों को ताड़ते देखा, तो वो हंस कर चली गईं.
मैं अब भी रात के बारे में सोच रहा था. मैंने ठान लिया था कि सास को चोदने के बाद ही मैं यहां से जाऊंगा.
उतने में मेरी पत्नी भी तैयार होकर आ गई.
वो बोली- मैं जरा अपनी सहेलियों के यहां होकर आती हूं. आप खाना खा लेना और अपना जो भी काम हो, वो कर लेना.
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ. मुझे ऐसे ही किसी वक्त का इंतजार था.
मैंने अपनी पत्नी से बोल दिया- ठीक है, जब तुम अपनी सहेलियों के पास से लौटना, तो आने से पहले मुझे एक कॉल जरूर कर लेना ताकि मैं भी अपना काम समेट लूं.
वो हां कह कर चली गई.
मैं वहीं बैठे बैठे टीवी देखने लगा.
उतने में सास जी मेरे पास आईं और बोलीं- नाश्ते में आप क्या खाएंगे?
मैंने बोला- आपका जो मन करे, वो बना लीजिए.
सास बोलीं- ठीक है … आप नहा लीजिए. मैं अभी नाश्ता बना देती हूं.
इसके बाद सास मेरी तरफ गांड करके मटकते हुए किचन में चली गईं.
मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया और उनसे पूछने लगा- लाइये मैं आपको कुछ हेल्प कर देता हूँ.
वो हंस कर बोलीं- नहीं नहीं … मैं कर लूंगी.
मैंने भी स्माइल करके उनको देखते हुए दांत दिखा दिए.
इतने में उनकी साड़ी का पल्लू गिर गया, तो वो उठाने को नीचे झुक गईं.
आए हाय … उनके मस्त गोल मम्मों की घाटी देख कर लंड टन टन करने लगा.
मैं अपनी सास की चूचियां देख कर मदहोश हो गया था और बस उनके दूध देखता ही रह गया.
उसी समय सास ने मुझे देख लिया और वो समझ गईं कि मैं उनके मम्मों को देख रहा हूँ.
सास बोलीं- क्या हुआ … ऐसे क्या देख रहे हैं?
मैंने झट से नजरें हटाईं और बोला- क..कुछ नहीं ऐसे ही.
फिर मैंने हिम्मत करके पूछ ही लिया कि आप रात में क्या कर रही थीं?
मेरी इस बात पर वो चौंक गईं और बोलीं- कब?
मैंने बोला- रात में जब मैं बाथरूम जाने लिए उठा था तो खिड़की से आपको देखा था. आप मोबाइल में देखते हुए कुछ कर रही थीं.
वो ये सुनकर शर्मा गईं और बोलीं- कुछ नहीं … बस यूं ही गाने सुन रही थी.
मैंने उनको पीछे से पकड़ लिया और बोला- अब बता भी दीजिए मुझसे क्या शर्माना!
सास बोलीं- छोड़ो मुझे … आप ये क्या कर रहे हैं.
मैंने बोला- वही, जो आपको चाहिए है और उसी के लिए आप अपनी उंगली को परेशान कर रही थीं.
मेरे इतना बोलने के बाद वो भी चुप हो गईं और उन्होंने अपने हाथ पैर हिलाना बन्द कर दिए.
मेरी सास मुझसे बोलने लगीं कि बहुत दिनों से तुम्हारे ससुर जी बाहर हैं … तो खुद से करना पड़ता है.
मैंने बोला- खुद से क्यों … मैं तो हूं!
मेरी सास ये सुनते ही बोल पड़ीं- अगर प्राची को पता चल गया तो?
प्राची मेरी पत्नी का नाम है.
मैंने बोला- उसे कुछ पता नहीं चलेगा. उसके आने से पहले सब हो जाएगा.
इस बात पर मेरी प्यासी सास हंस दीं.
उनको हंसते देख कर मैंने एक मिनट की भी देरी नहीं की. मैंने पीछे से उनके मम्मों को पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगा.
वो भी गर्म आहें भरने लगीं- उफ्फ आह्ह्हह!
मैंने सास को सीधा करके अपने सीने से लगाया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा.
साथ ही मेरे दोनों हाथ सास की गांड के ऊपर रख कर उनकी मखमली गांड को दबाने लगा.
सच में बड़ी मस्त और एकदम टनाटन गोल गांड थी.
इतने में सास ने मेरे लोवर में अपना हाथ डाल दिया और मेरे लंड को जोर से दबाने लगी.
मुझे इससे और भी ज्यादा मजा आने लगा.
मैं उनकी साड़ी को उतारने लगा. सास की साड़ी उतार कर मैंने किचन के फर्श पर फेंक दी और उनको गोद में उठा कर गेस्ट रूम में ले आया.
इधर मैंने उनको सोफे पर लिटा दिया और मैं सास के ऊपर चढ़ गया.
अब हम दोनों किस करने लगे.
मैं अपनी सास के मम्मों को जोर जोर से दबाते हुए उनकी आंखों में वासना से देखने लगा.
साथ ही मैंने सास के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए. मेरी सास अन्दर ने काली ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें वो और भी मस्त माल लग रही थीं.
वो बोलीं- अब मत तड़पाओ दामाद जी. जल्दी से मेरी आग शांत कर दो.
मैं उनके ऊपर से उठा और अपनी टी-शर्ट निकालने लगा.
उतने में उन्होंने भो उठ कर मेरा लोअर नीचे कर दिया और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मैंने भी जोर जोर से उनके मुँह में अपना लंड पेलना चालू कर दिया.
इसी बीच मैंने सास का ब्लाउज उतार कर अलग कर दिया और उनके बाल पकड़ कर अपना लंड चुसवाने लगा.
कुछ मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मैंने उनको सोफे पर लिटा दिया और उनका एक पैर ऊपर करके उनकी झांट रहित चूत में थूक लगा दिया.
फिर सास की लपलप करती चुत में मैंने अपना लंड रख दिया. लंड का सुपारे सास की चुत से टच हुआ तो सास की एक मादक सिसकारी निकल गई.
मैंने उनकी सिसकारी सुनी, तो झटका दे दिया.
सास की कराह निकल गई. वो अपने पैरों से मेरी कमर को जकड़ने लगीं.
मैंने सास की चुत में आधा लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
वो मस्ती से ‘आह्हह उफ्फ ..’ करने लगीं और बोलीं- आह मजा आ गया … आप पूरा लंड पेल दो दामाद जी.
मैंने दूसरे झटके में पूरा लंड उनकी चूत की जड़ तक पेल दिया.
वो ‘आई आह्हहह मर गई ..’ करने लगीं.
मैं जोर जोर से उनको चोदने लगा और सास ‘उफ्फ आह्ह उफ्फ ..’ करती रहीं.
मैंने उन्हें चोदते हुए ही उनकी ब्रा को उतार दिया और उनके दोनों मम्मों को बारी से चूसने लगा.
सास मस्ती से मचलते हुए चुत चुदवा रही थीं.
कुछ देर बाद मैंने लंड चुत से खींचा और उनको औंधा होने के लिए कहा.
सास समझी नहीं, तो मैंने उनसे घोड़ी बनने को बोला.
सास एक चुदासी रंडी की भाषा में बोलीं- चाहे जिस पोज में चोद लो दामाद जी … बस आज मेरी फाड़ दो. आप मेरी गांड भी मार लो … आह आज से मैं आपकी रंडी सास हूं. मुझे जोर जोर से चोदो.
सास जैसे ही घोड़ी बनी तो मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और पीछे से उंगली करके सास की गांड में भी थूक लगा दिया.
फिर सास के बाल पकड़ कर मैंने उनकी गांड में लंड सैट कर दिया.
सुपारा गांड के फूल को खोलने लगा, तो वो ‘आईआ … ऊऊऊ उफ्फ आह्ह ..’ करने लगीं.
मैंने जोर से झटका मारा, तो लंड का आगे का हिस्सा सास की गांड में घुसता चला गया.
सास ‘ऊऊऊऊ उफ्फ़ आहह ..’ करने लगीं.
मगर वो बोलने लगीं- रुकना मत … आह आज फाड़ दो मेरी गांड.
मैंने बोला- हां ले मेरी रंडी सास … साली आज तेरी गांड फाड़ ही दूंगा.
बस मैं अपनी सास को गाली देते हुए जोर जोर से उनकी गांड में लंड पेलने लगा.
दस मिनट तक सास की गांड मारने के बाद मैंने उनकी गांड के अन्दर ही लंड का पानी निकाल दिया.
सास हांफते हुए बोलीं- दामाद जी … आह आज मैं बहुत खुश हूं. तुमने मुझे मस्त कर दिया.
फिर हम दोनों अलग हो गए.
सास ने अपने कपड़े उठाए और अपने कमरे में चली गईं.
मैं बाथरूम में चला गया.
कुछ ही देर में मेरी बीवी का फोन आ गया.
मैंने उससे कह दिया कि थोड़ी देर लग जाएगी, अभी काम नहीं हो पाया है.
फिर मैं घर से निकल गया और एक घंटे बाद वापस आ गया.
उस दिन मैंने ससुराल में ही रुकने का मन बना लिया था.
सास ने भी मनुहार करके रुकने के लिए कहा … तो मेरी बीवी भी कहने लगी- हां आज रुक जाओ, कल चले जाना.
मैं मान गया और शाम को दारू का इंतजाम करने के लिए बाजार चला गया.
मेरी बीवी को मालूम है कि मैं दारू पीता हूँ.
मैंने उससे कहा कि आज शाम को कुछ स्पेशल बना देना.
वो समझ गई.
बाद में सास ने पूछा तो मैंने उन्हें दारू की बात कह दी, तो वो धीरे से मेरे नजदीक आकर बोलीं- मेरे लिए भी ले आना.
बस अब क्या था. रात को मैंने बीवी को नींद की दवा खिलाने का जिम्मा सास को दे दिया और उन्होंने दूध में मिला कर मेरी बीवी को नींद की दवा पिला दी.
प्राची सोई तो सास और दामाद की दारू पार्टी शुरू हो गई.
उस रात मैंने अपनी सास की दो बार चुत चोदी और एक बार गांड मारी.
सुबह मैं ससुराल से निकल गया.
इसके बाद से जब भी मुझे मौका मिलता, तो मैं अपनी सास को बाजारू रंडी बना कर चोद लेता हूं.
आप लोगों को मेरी सास दामाद Xxx कहानी कैसी लगी. प्लीज कमेंट जरूर करके बताएं.