देसी GF फर्स्ट सेक्स स्टोरी में मेरी क्लासमेट मेरी गर्लफ्रेंड बनी. हमने कभी किसी से सेक्स नहीं किया था. हम सेक्स की बातें करने लगे और सेक्स करने की इच्छा करने लगे.
दोस्तो, मेरा नाम कौशल है.
मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं.
ये मेरी पहली सेक्स कहानी है जो मेरी जीएफ के साथ हुई चुदाई को लेकर लिखी गई है.
मेरी जीएफ का नाम अनुष्का है.
हम दोनों एक दूसरे को बहुत पहले से जानते थे परंतु हम दोनों की मुलाकात बहुत कम हुआ करती थी.
यह Desi GF First Sex Story उस समय की है, जब हम दोनों 18 साल के थे और 12वीं कक्षा में पढ़ाई करते थे.
वह मेरे साथ ही पढ़ाई करती थी.
हम दोनों एक ही कॉलेज व एक ही कोचिंग में पढ़ाई करने जाते थे.
इसी दौरान हमारे बीच प्यार हुआ और हम दोनों एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करने लगे.
हमने एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें भी खाईं.
कुछ दिन बाद हम दोनों के बीच में प्यार बढ़ने लगा.
हमारे बीच प्यार भले बढ़ गया था लेकिन हम दोनों बस कोचिंग में मिल लिया करते थे, उसके अलावा कहीं नहीं मिला करते थे.
थोड़े दिनों बाद हमारे प्यार की कहानी में एक नया मोड़ आया.
अब हमारी बातें नॉर्मल बातों से सेक्स वाली बातों की तरफ बढ़ चली थीं.
सेक्स के प्रति आकर्षण बढ़ते ही हम दोनों एक दूसरे को अपने शारीरिक अंगों को दिखा देते थे और एक दूसरे से प्यार भरी बातें किया करते थे.
हम लोग सेक्स की बातें जरूर किया करते थे, पर कभी भी हम दोनों में से किसी ने सेक्स नहीं किया था.
मतलब न ही आपस में सेक्स किया था और न ही किसी अन्य के साथ सेक्स किया था.
सेक्स हम दोनों के लिए ही पहली बार वाला मामला था.
फिर एक दिन मैं अपनी जीएफ के घर पर गया था.
उस दिन उसके घर पर कोई नहीं था.
वहां जाकर मैंने उसके साथ बात की तो मालूम हुआ कि वह घर पर अकेली है.
जब उसने मुझसे अकेली होने की बात कही, तो मैंने देखा कि उसकी आंखों में शरारत थी.
अब आग तो दोनों तरफ लगी हुई थी तो मैंने उसकी तरफ अपनी बांहें फैला दीं और वह किसी कटी पतंग की तरह मेरी बांहों में आ गई.
मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया तो वह भी मेरा साथ देने लगी.
इतने दिनों के बाद आज हम दोनों ने किस किया था, तो बहुत अच्छा लग रहा था.
पहली बार का चुंबन सच में हम दोनों किसी मदहोशी के आलम में बहाता चला गया था.
यह चुंबन हम दोनों को प्यार के दरिया में इतना गहरा डुबोता गया कि मैंने उसके दूध सहलाने शुरू कर दिए और वह मादक आहें व कराहें भरने लगी.
जब उसे अच्छा लगा तो मैंने उसके दोनों मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही खूब मसला.
उसके बाद तो समझो भूसे में आग लग गई थी और पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारना शुरू कर दिए.
एक बार कपड़े उतरना शुरू हुए तो बस केले के छिलके की तरह हम दोनों एक दूसरे के सारे कपड़े उतारते चले गए.
अब हम दोनों एक दूसरे के अंग से अंग रगड़ खाने लगे थे और कुछ भी होश नहीं रहा था.
मैं उसके दूध दबाने लगा था और वह मेरा लंड अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी थी.
यूं ही हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स भरी बातें करने लगे और किस करते गए.
उस दिन हम दोनों ने बस यहीं तक किया था क्योंकि हम दोनों ही अपने चरम को पा चुके थे.
उसके बाद मैं अपने घर वापस आ गया.
इस घटना के बाद हम दोनों सेक्स करने का मौका ढूंढने लगे थे.
क्योंकि हम दोनों के अन्दर ही सेक्स की आग भड़क चुकी थी और लगातार सुलग रही थी.
अब हम एक दूसरे को सेक्स के वीडियो भेज कर चैट करते थे और रात में कुछ चुदाई संबंधी बातें भी करते थे.
मैं अपनी जीएफ से कहता था कि आज बाबू मैं आपकी चुत को चोद दूंगा.
तो वह मुझसे कहती थी कि हां आप मेरी चुत को चोद दो ना, मेरी चुत का भोसड़ा बना दो. मुझे रंडी बनाकर चोद दो. मैं आपकी रखैल हूँ. मेरी चुत में अपना लौड़ा डालकर मेरी चुत का भोसड़ा बना दो.
यही सब बातें करते हुए हम दोनों चुदाई भरी बातों का मजा लेते थे.
कुछ दिनों के बाद ऐसे ही बातें आगे बढ़ने लगीं.
वह मुझसे कहने लगी कि प्लीज मेरी चुत को चोद दो, मेरी चुत में बहुत आग लगी हुई है.
मैंने कहा कि मैं तुम्हारी चुत को चोद दूंगा, परेशान क्यों होती हो मेरी जान.
एक दिन मैंने उसे अपने घर पर बुलाया.
वह मेरे घर आते ही मुझसे चिपट कर गले मिलने लगी.
फिर पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों आपस में मिल गए और एक दूसरे को किस करते हुए एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.
देखते ही देखते हम दोनों एक दूसरे के सामने नंगे हो गए.
उस दिन मैंने सोच कर ही रखा था कि आज इसकी चुत का भोसड़ा बना कर ही रहूँगा.
मैंने 69 में होकर उसकी चुत में अपना मुँह लगा दिया और उसके मुँह में लंड देने लगा.
वह लंड चूसने से मना करने लगी. वह कहने लगी कि नहीं, मुझे अच्छा नहीं लगेगा.
मैंने उसकी बात मान ली और मैं उसकी चुत में उंगली करने लगा, उसे गर्म करने लगा.
जल्द ही वह भी बहुत गर्म हो गई थी.
वह कह रही थी कि आज जल्दी से अपना लंड मेरी चुत में डाल दो और मेरी चुत की धज्जियां उड़ा दो. मेरी चुत में आग लगी हुई है. आज मुझे चोद दो, मैं तुम्हारी हूं.
मैंने कह दिया कि तेरी चूत को तो आज फाड़ ही दूंगा, साथ में तेरी मां भी चोद दूंगा बहन की लौड़ी.
यह सुनकर उसकी आंखों से आंसू आ गए.
मैंने समझ लिया कि इसको मेरी बात का बुरा लग गया है.
मैंने उसे पुचकारा कि बेटू मेरा मतलब बिल्कुल भी यह नहीं था. वह तो अति उत्तेजना में मेरे मुँह से निकल गया.
वह कुछ नहीं बोली, बस गुमसुम हो गई थी.
मैं मन ही मन अपना सर पीटने लगा कि साला जल्दीबाजी के चक्कर में लौड़े की मां चुद गई.
खैर … मैंने फिर से उसको अपनी बांहों में भर लिया और उसे प्यार करने लगा.
जल्दी ही वह वापस गर्मा गई और इस बार मैंने गाली को तिलांजलि दे दी.
मैं सीधे सीधे उसकी चुत में लौड़े को सैट करने की तैयारी करने लगा.
बिस्तर पर उसे चित लिटा कर मैंने उसकी चुत में लंड सैट कर दिया और दबाव देने लगा.
जैसे ही लंड ने चुत में प्रवेश किया, उसकी दर्द भरी आह निकलने को हुई.
मैंने झट से उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और बिना सोचे समझे एक करारा झटका मार दिया.
उसकी सील फट गई और वह छटपटा उठी.
मैं रुक गया और उसे अपने हाथ से सहलाते हुए शांत करने की कोशिश करने लगा.
मेरा लंड लगभग पूरा ही उसकी चुत के अन्दर जा चुका था.
अब लौड़े ने भी चुत के अन्दर अपने लिए जगह बनानी शुरू कर दी.
कुछ ही समय बाद उसका दर्द खत्म हो गया और मैंने धीरे धीरे चोट लगानी शुरू कर दी.
तभी उसके मुँह से आवाज निकलने लगी- आज तूने मेरी मां की चुत की चोद दी साले … मेरी फाड़ दी है तूने कुत्ते.
मैं समझ गया कि अब बंदी को गाली देने का मूड हो गया है.
मैंने उसकी एक चूची को अपने मुँह में भरा और उसकी ताबड़तोड़ चुदाई की रेल चला दी.
वह आह आह करने लगी और उसके शरीर में अकड़न आ गई थी.
वह झड़ने लगी और यह कहने लगी कि जानू मैं तुम्हारे लंड की प्यासी हूं. मुझे अभी और चुदना है.
मैं कुछ नहीं बोला, उसे झड़ जाने दिया.
कुछ पल बाद उसकी चुत से रस बाहर को आने लगा था तो मैंने लंड बाहर निकाला और उसे घोड़ी बनने को कहा.
वह बोली- नहीं ऐसे ही कर लो. मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- तुम्हारा दर्द ही तो खत्म करना है जानू … बिना दर्द खत्म किए घर कैसे जाओगी!
वह मान गई और औंधी हो गई.
मैंने उसकी चुत में पीछे से लवड़ा सैट किया और धकापेल मचा दी.
उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों से भींच कर मैंने उसकी मस्त चुदाई की और उसकी चुत में से लंड बाहर खींच कर उसकी गांड के पहाड़ पर वीर्य छोड़ दिया.
वह बहुत थक गई थी और मैं भी निढाल हो गया था.
हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेट गए और अपनी अपनी सांसें नियंत्रित करने लगे.
देसी GF फर्स्ट सेक्स के बाद कुछ मिनट के लिए तो हम दोनों की नींद ही लग गई थी.
करीब आधा घंटा बाद वह मुझे हिलाने लगी.
मैंने उसकी तरफ देखा तो वह मुस्कुरा रही थी.
हम दोनों फिर से प्यार भरी बातें करने लगे.
वह बोली- हम्म … तो तुम मेरी मां के लिए क्या कह रहे थे?
मैं हंस दिया और कान पकड़ कर सॉरी बोला.
वह भी हंस दी और हम दोनों एक दूसरे को फिर से लिप किस करने लगे.
जल्द ही हम दोनों के बीच दूसरा दौर शुरू हो गया.
मैंने इस बार उसको लंड के ऊपर बिठा कर चोदना चालू किया.
वह मस्ती से मेरे लौड़े की सवारी कर रही थी.
हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख कर वासना से खौलने लगे थे.
वह मेरे मुँह में अपने एक निप्पल को देने लगी और मैं भी उसके दूध को खींच कर चूसते हुए उसकी चुदाई करने लगा.
थोड़ी देर बाद वह मेरे लंड से उतर गई और घोड़ी बन गई.
मैंने उसकी चुत में लंड पेल दिया और उसकी गांड में अपनी एक उंगली करने लगा.
उसकी गांड बहुत लचीली थी.
उसे अपनी गांड में उंगली करवाने में बहुत अच्छा लग रहा था.
तभी मैंने उससे पूछा- गांड में करूं?
वह बोली- कुछ होगा तो नहीं?
मैंने कहा- पहली बार में दर्द होता है. वह तो जैसे आगे हुआ था, ऐसे ही पीछे होगा.
वह चुप रही.
मैंने चुत से लंड निकाला और उसकी गांड में थूक कर लंड पेल दिया.
उसकी गांड फट गई.
वह चिल्लाने को हुई.
वह चीख पड़ी- आह मर गई!
मगर मैंने अपने हाथ से उसका मुँह बंद कर दिया था.
मैंने उधर ही लंड रोक दिया और उसकी चूचियों को मींजने लगा.
कुछ देर बाद मैं वापस लंड को आगे पीछे करने लगा, जिस वजह से उसे भयंकर वाला दर्द हो रहा था और वह रोने लगी थी.
उसकी चीख सुनकर मैंने अपना लंड उसकी गांड से खींच लिया और वापस चुत में ठेल दिया.
अब उसे राहत मिल गई थी.
मैंने कुछ मिनट उसकी चुत में लंड चलाया और जैसे ही झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लंड निकाल कर आगे आकर उसके मुँह में डाल दिया.
वह मना करने लगी, पर मैंने उसके मुँह में लंड डाल दिया.
थोड़ी देर बाद वह भी मजा करने लगी और मेरे लंड को आराम आराम से चूसने लगी.
अब तो वह मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपॉप चूसता है.
उसके मुँह में लंड देने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.
ऐसे ही करते हुए मैंने उसके मुँह में ही अपने लंड का पानी निकाल दिया.
वह कुछ समझ ही सकी और मेरे लंड का पानी पी गई.
बाद में जब उसे अहसास हुआ कि उसने मेरे वीर्य को खा लिया है, तब वह कहने लगी कि अच्छा स्वाद था.
अब हम दोनों लेट कर सो गए.
जब कुछ देर तक सोने के बाद मुझे लगा कि मेरे लंड में कुछ गीला गीला सा हो रहा है तो मैंने उठ कर देखा.
वह मेरे लंड फिर से अपने मुँह में लेकर चूस रही थी.
मुझे जागा हुआ देख कर वह बोली- मुझे भी अपनी चुसवानी है.
यह सुने ही मैंने तुरंत उसे उल्टा लेटा दिया और उसकी गांड में अपने मुँह को लगा कर चूसने लगा व उंगली करने लगा.
वह कुछ नहीं कह रही थी तो मैंने उसकी गांड में सरसों का तेल डाला और उसे पोजीशन में लेकर अपना लंड गांड में घुसा दिया.
उसकी गांड बहुत टाइट थी, पर मारने में बड़ा मजा आ रहा था.
मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया.
अब वह भी मजा लेने लगी थी.
करीब 20 मिनट तक गांड मारने के बाद मैंने लंड को गांड से निकाल कर उसकी चुत में डाल दिया.
अब मैं उसकी चुत चोदने लगा और उसके झड़ने के बाद मैं भी लंड बाहर निकाल कर झड़ गया.
अब वह जाने का कहने लगी थी.
काफी समय भी हो गया था.
हम दोनों उठ कर बाथरूम में गए और अपने आपको साफ करके अपने कपड़े पहनने लगे.
वह कुछ देर बाद अपने घर चली गई.
तो दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी थी.
देसी GF फर्स्ट सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं.