प्यार में चुदाई का पहला अनुभव

GF लव सेक्स स्टोरी में मेरी गर्लफ्रेंड मेरे घर के सामने वाले घर में रहती थी. हम दोनों प्यार में चुदाई की फ़िराक में थे पर मौक़ा नहीं मिल रहा था. एक दिन वह मेरे घर आयी तो …

मित्रो, यह प्यार में चुदाई की कहानी तब की है, जब मैंने 12 वीं की पढ़ाई खत्म की थी और मेरा एडमिशन दूसरे प्रदेश में होने वाला था.

बारहवीं के बोर्ड एग्जाम से पहले ही मेरी एक गर्लफ्रेंड थी जो मेरे घर के सामने ही रहती थी.
उसका नाम मिली था.

घर पास पास में होने की वजह से हम कभी एक सीमा से आगे पहुंच नहीं पाए.
मतलब हम दोनों एक दूसरे से छिप कर मिलते थे, तब बहुत काम समय होता था और हमारे बीच सिर्फ चूमाचाटी और एक दूसरे के बदन को सहलाने तक का खेल ही हो पाता था.

हम दोनों के अन्दर ही सेक्स करने की आग भभक रही थी.
किस तरह से इस आग को बुझाया जाए, इसको लेकर हम दोनों की आंखें एक दूसरे से सवाल करती रहती थीं.

मैं खुल कर उससे कह देता था- चलो मिली, कहीं किसी होटल में चल कर अपने अरमान पूरे कर लेते हैं।
पर मिली को किसी भी होटल में जाने से डर लगता था कि कहीं कोई लफड़ा न हो जाए और उसकी सारी की सारी इज्जत किसी चौराहे पर नीलाम हो जाए.

एक दिन दोपहर का वक्त था जब मेरी GF Love Sex Story बन गयी.

मैं अपने कमरे में अकेला बैठा हुआ था और उसी वक्त मेरी गर्लफ्रेंड मिली का कुछ काम से मेरे घर आना हुआ.

वह आई तो थी मुझसे मिलने ही लेकिन किसी काम का बहाना लेकर ही आती थी.

उस दिन गर्मी ज्यादा होने की वजह से मैं बाथरूम से नहा कर बाहर निकला था.

मैं भी उसे घर में आया देख कर खुद को तैयार करने लगा ताकि उसके साथ कुछ प्यार के पल बिताने का आनन्द लिया जा सके.

मेरा घर दो मंजिला है. नीचे वाले हिस्से में मेरे घर वाले सो रहे थे. वह आती ही उसी समय थी जब मेरे घर में मम्मी दादी आदि सो रही हों।
वह उन्हें सोते देख कर ऊपर आ गई.

जब वह आई तो उस वक्त मैंने नहा कर आने के बाद अब तक कपड़े नहीं पहने थे; बस अंडरवियर के ऊपर तौलिया लपेटा हुआ था, ऊपर से नंगा ही था.

वह मेरे कमरे में आई और मुझे देखते ही मुझसे लिपट गई.
इतना करीब उसको महसूस करके मुझे भी कुछ कुछ होने लगा था.

मेरे अंडरवियर में हलचल होने लगी थी, जिसे हम दोनों महसूस कर सकते थे.

उसने अपनी जांघ से मेरे लंड पर दबाव बनाया.
मुझसे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा था.

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और करीब 5 मिनट तक हम दोनों में किस चलती रही.

उसके बाद मैंने कमरे का दरवाजा लगा दिया और कुंडी लगा दी।

वह वापस मेरे सीने से लग गई.

हमारी सांसें बहुत तेज हो चुकी थीं.
हम दोनों एक दूसरे की धड़कनें साफ साफ सुन सकते थे.

एक दूसरे के होंठों को चूस चूस कर हम दोनों का बुरा हाल हो रहा था.

किस करते करते मेरा हाथ उसके मम्मों पर चला गया.
ऊपर से ही मैंने उसके मम्मों दबाना शुरू कर दिया और वह मदहोश हुई जा रही थी.

उस समय उसके निप्पल बहुत टाइट हो चुके थे, बाहर से ही निप्पल नजर आ रहे थे.
मैंने उसके बूब्स दबाते हुए जोर से निप्पल मसल दिए … उसकी जोर से आह निकल गई.

जैसे ही मैंने हाथ अन्दर डालना चाहा, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मना करने लगी.
लेकिन उत्तेजना इतनी चरम पर थी कि मैं रुका ही नहीं.

मैंने उसे किस करते हुए दूसरे हाथ से दोनों बूब्स एक साथ दबा दिए.

अब वह खुद अपने आप पर कंट्रोल नहीं रख पा रही थी.
उसने भी मेरा लंड पकड़ कर जोर से दबा दिया और इस बार मेरे मुँह से जोर की चीख निकल गई.

उसने मेरा तौलिया गिरा दिया और अंडरवियर के ऊपर से ही लंड को सहलाने लगी.

मेरा लंड अब जवाब दे रहा था, नसें फूल रही थीं और थोड़ी देर पहले का मुरझाया हुआ लंड अब सलामी दे रहा था.

मैंने उसका टॉप उतार दिया.
वह काली ब्रा में गजब लग रही थी.

उसकी मादक जवानी देख कर मुझे लगने लगा था कि कहीं मेरा लंड पानी न छोड़ दे.

मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही बूब्स दबाना चालू रखे.
मम्मों को दबाते हुए ही हाथ अन्दर डाला और एक निप्पल को पकड़ लिया.

अब वह गिड़गिड़ाने लगी- आह … दर्द हो रहा है … धीमे से दबाओ.
लेकिन मुझे अब रुकना नामुमकिन सा लग रहा था.

मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके बूब्स आजाद हो गए.
मैं उसके एक चूचुक को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे दूध को हाथ से दबाते हुए मरोड़ने लगा.

वह कामुक सिसकारियां ले रही थी. वह अपने निप्पल के दाने को मेरी जुबान से लिकलिक करता हुआ देख कर अपना होश खो रही थी.

एक तरफ का दूध लाल हो चुका था अब बारी दूसरे वाले गुब्बारे की थी.
दूसरे का भी वही हाल होने वाला था.

इसी बीच मैंने उसकी पैंट खोल दी और अन्दर हाथ डाल दिया.
पैंटी के ऊपर जैसे ही चूत पर हाथ रखा, पूरी चूत पानी पानी हो रही थी.

वक्त बहुत कम था.
मैंने फटाफट से उसकी पैंट और पैंटी दोनों निकाल दीं.
उसने भी मेरा अंडरवियर खींच कर निकाल दिया.

मैंने इशारा किया कि मुँह में ले लो.
उसने मुँह में लेने के लिए मना कर दिया और मैंने ज्यादा फोर्स भी नहीं किया.

उसको दीवार के सहारे से लगा कर मैं पीछे से उसके मम्मों दबाने लगा.

वो तड़प रही थी और कहे जा रही थी- आह डाल दो डाल दो.
अब वह प्यार में चुदाई चाह रही थी, वह बार बार रिक्वेस्ट करने लगी.

मुझसे भी अब रहा नहीं गया और मैंने उसकी गीली चूत पर लंड रख दिया.
हम दोनों का ही ये पहली बार था, तो डर भी लग रहा था.

जैसे ही लंड का आगे का हिस्सा अन्दर गया, उसकी चीख निकल गई.
मैंने उसके मुँह को दबा दिया ताकि आवाज बाहर न आए.

उसकी आंख से आंसू निकल रहे थे.
लेकिन उसने बोला कुछ नहीं.

उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी और चूत का रस लंड के लिए लुब्रिकेशन का काम कर रही थी.

शांत होने के बाद मैंने फिर से धक्का लगाया और इस बार आधा लंड अन्दर जा चुका था.

चूत से खून निकलता देख कर दोनों डर गए लेकिन इस वक्त दोनों पर ही वासना हावी थी.

अब और देर न करते हुए मैंने फिर से लंड को धक्का लगाया और इस बार पूरा लौड़ा चूत के अन्दर जा चुका था.

चुदाई का खेल शुरू हो गया.
उसके छोटे छोटे मगर ठोस स्तन आगे पीछे हिल रहे थे जो मेरी वासना को और ज्यादा भड़का रहे थे.

दस मिनट की जोरदार चुदाई के बाद अब लंड जवाब देने वाला था.
मैंने लंड बाहर निकाल कर उसके मुँह में दे दिया.

उसने इस बार मना नहीं किया और चाटने लगी.
लंड का पानी निकलने को हुआ तो उसने मुँह से हटा कर अपने मम्मों पर कर दिया और मैंने सारा वीर्य उसके मम्मों पर गिरा दिया.

हम दोनों पसीने से काफी भीग चुके थे और एक दूसरे की सांसें सुन रहे थे.
दोनों का ही ये पहला अनुभव था.

वह बेहद खुश थी कि उसने अपनी कामेक्षा को पूरा कर लिया था.
फिर उसने जल्दी से मेरी तौलिया उठाई और उससे अपनी चूत पौंछ कर तौलिया मेरी तरफ बढ़ा दी।
मैंने उसकी चूत के रस से सनी तौलिया को नाक से लगा कर सूंघा तो वह मुस्कुरा दी.

अब तक वह अपने कपड़े पहन चुकी थी और मुझसे भी कपड़े पहनने के लिए कह रही थी।
मैंने चड्डी पहनी और एक लोअर व टी-शर्ट पहन ली।

वह एक बार फिर से मेरे सीने से लग गई और मुझे चूमने लगी।
मैंने उसके गाल को चूम कर कहा- अब तो आग और भड़क गई!

वह हंस दी और बोली- मौका देख कर फिर से बुझा लेना!
यह कह कर वह कमरे का दरवाजा खोल कर नीचे की आहट लेने लगी.

नीचे अभी भी मम्मी दादी सो रही थीं तो वह मुड़ कर एक फ्लाइंग किस देती हुई अपने घर चली गई.

बाद में मैंने उसे कई बार पेला.
पर जो पहली बार की चुदाई थी, वह आज भी नहीं भूल पाता हूँ.

दोस्तो, यह मेरी जिंदगी की पहली सेक्स कहानी है, जो मैंने कामुकताज डॉट कॉम पर आपके साथ साझा की.
पता नहीं ठीक से लिखी गई या नहीं, लेकिन लिखते हुए मेरा लंड फिर सलामी दे रहा है.
की-बोर्ड से ज्यादा टपाटप लंड हो रहा है.

दोस्तो, अगली सेक्स कहानी में मिलते हैं, तब तक के लिए अपना पानी निकालो और निकलवाओ.
GF लव सेक्स स्टोरी पर आप अपने सुझाव अवश्य दें.
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