मेरी देसी गर्लफ्रेंड की सीलतोड़ चुदाई

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दोस्तो मैं अंकित, सोनीपत हरियाणा का रहने वाला हूँ. मैं बी.ए. फाइनल ईयर का स्टूडेंड हूँ और मेरी उम्र 21 साल है. मैं हमेशा से यही चाहता रहा हूँ कि मैं हमेशा सेक्स करता रहूँ. सुबह शाम मुझे सिर्फ सेक्स करने का ही मन करता है.

आज मैं आपको अपनी जिन्दगी की एक सच्ची और मेरे पहले सेक्स की कहानी सुनाने वाला हूँ.

ये बात उस समय की है जब मैं उन्नीस साल का था और 12वीं में पढ़ता था. पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ. मैं एक गांव का रहने वाला हूँ. शुरू से ही मैं लड़कों के स्कूल में पढ़ा हूँ. मैं हमेशा से ही पढ़ने में अच्छा रहा हूँ, तो मुझे कभी भी पढ़ाई की वजह से किसी की सुननी नहीं पड़ी. मैं जिस भी स्कूल में जाता, वहां अपनी अच्छी छवि बना लेता था.

जब मैं आगे पढ़ने पास के गांव में गया, तब भी ऐसा ही हुआ. मैंने वहां जल्द ही सबका भरोसा जीत लिया था. मैं दिखने में अच्छा हूँ और मैंने अपना शरीर भी मैंने फिट करके रखा हुआ है. लेकिन शर्मीला होने की वजह से आज तक कोई लड़की नहीं पटा सका.

फिर मैंने हिम्मत करके एक लड़की को अपनी गर्लफ्रेंड बना ही लिया. उसका नाम ममता था. वो मेरी ही क्लास में पढ़ती थी. मैं ही उसका पहला बॉयफ्रेंड था. उसे पटाने के लिए मुझे 3 महीने मेहनत करनी पड़ी थी, तब जाकर वो लाइन पर आई थी.

शुरू में तो हमारे बीच सिर्फ फ़ोन पर बातें होती थीं और कुछ नहीं हुआ. हम फ़ोन पर घंटों बातें करते थे. फिर हम मिलने लगे और सेक्स की भी बातें करने लगे. लेकिन कभी उसके साथ लेटने का मौका नहीं मिला.

फिर जब हम दोनों 12वीं में आए, तो हमारी प्यार भरी लाइफ में सेक्स ने जगह बना ली थी. जब हमारा 12वीं का पहले छमाही का रिजल्ट आया, तब उसने मुझसे प्रॉमिस किया कि अगर वो इंटर में पास हो गयी तो मुझसे मिलेगी.

जब रिजल्ट आया, तो वो पास हो गयी थी. वो अपने वादे के मुताबिक़ मुझसे मिलने का तय करने आई. वो चाहती थी कि मैं उससे उसके घर के नजदीक ही कहीं मिलूं.

मैंने जगह का इंतजाम करने के साथ उसको नींद की गोलियां दे दी थीं … ताकि वो ये गोलियां अपनी फैमिली को खिला दे.

उसने वो गोलियां अपनी फैमिली के सभी सदस्यों को रात में दूध में मिला कर खिला दीं. साथ ही उसने मुझे फोन करके बता दिया कि आज रात को हम दोनों मिलेंगे.

मैंने अपने घर पर बोल दिया था कि मैं अपने भाई के दोस्त की शादी में जा रहा हूँ. इस वजह से मुझे भी घर से नदारद रहने में कोई दिक्कत नहीं आई. मैंने उसे उसके घर से लेकर अपने एक दोस्त के कमरे पर ले जाने का मूड बन गया था.

मैं उसके फोन आने का इन्तजार करने लगा. जब रात के 10.30 बजे तक भी उसका कोई फ़ोन नहीं आया, तो मैं गुस्से में आ गया और ड्रिंक करने लगा.

मैंने अभी 2 ही पैग लगाए थे कि 11 बजे उसका कॉल आ गया. वो बोली- मैं घर से बाहर नहीं आ सकती, तू मेरे ही घर आ जा.
मैंने पहले उससे बोला था कि तू घर से बाहर आ जाना बाकी का मैं देख लूंगा. वो मान भी गयी थी. लेकिन बाद में पता नहीं क्या बात हुई … या फिर शायद वो बाहर आने में ज्यादा डर रही थी, इसलिए उसने मना कर दिया था.

अब मैंने ही उसके घर जाने का फैसला कर लिया. अगर नहीं जाता, तो शायद फिर कभी ऐसा मौका ना मिलता. मेरे दो दोस्त रात को मुझे उसके घर के पास छोड़ आए. मैंने उससे फोन से पहले ही बोल दिया था कि दरवाजा खोल कर रखे.

मैं जैसे ही उसके घर के बाहर पहुंचा, उसने मुझे अन्दर करके दरवाजा बन्द कर दिया. मैं रात 12 बजे उसके घर पहुंच गया था. वो मुझे अपने कमरे में ले गयी.

कहानी आगे लिखने से पहले मैं आपको एक बात बता दूँ कि हर किसी लड़की की गांड और चूचे हमेशा मुलायम ही होते हैं, तो मैं ऐसा कुछ नहीं लिखूंगा कि उसकी चूचियां एकदम मुलायम थीं या फिर उसकी गांड बहुत ही गद्देदार थी. क्योंकि वो तो आपको उसके फिगर में बारे में जानने के बाद अपने आप ही पता लग जाएगा.

उसके चूचे इतने बड़े थे कि मेरे एक हाथ में उसका एक दूध पूरा नहीं आता था. उसका रंग थोड़ा सांवला था, लेकिन नैन नक्श की वजह से वो बहुत ही हॉट लगती थी. उसके चलने की अदा इतनी मस्त थी कि क्या बताऊँ. वो किसी को भी अपनी चाल से ही मार सकती थी.

उस रात उसने सलवार सूट पहना हुआ था. कुरते के नीचे उसने सफेद ब्रा और अन्दर काली पैंटी पहनी थी, जोकि उसने मुझे फ़ोन पर बता दिया था.

कमरे में जाते ही पहले मैंने देखा कि कहीं किसी ने देखा तो नहीं. जब ये पुख्ता हो गया कि मुझे किसी ने भी नहीं देखा, तो फिर मैंने उसे पकड़ लिया और किस करने लगा.

वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैं उसको अपनी बांहों में पकड़ कर उसके मम्मों को दबाने लगा. वो भी मेरी कमर पर अपने हाथ फेर रही थी. मैंने उसकी कमर पर हाथ फेरते हुए उसे इतने जोर से पकड़ लिया, जैसे मैं उसे अपने अन्दर समा लेना चाहता हूँ. बदले में उसने भी मुझे जोर से पकड़ लिया.

फिर मैं उसकी गांड दबाने लगा. उसकी गांड मुझे बहुत अच्छी लगती थी. आज हमारा इस तरह से मिलने का पहला अवसर था … लेकिन दोनों अच्छे से जानते थे कि क्या करना है.

धीरे धीरे किस करते हुए मैंने उसके कपड़े निकालने शुरू कर दिए. उसका 38-32-40 का फिगर बहुत ही मस्त था. मैंने उसके कुरते को निकाला. अन्दर उसने जालीदार सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी थी. मैं उसके मम्मों को अपने हाथों में ले कर मसलने लगा.

अब तक हम ऐसे ही खड़े थे. फिर मैंने उसे बिस्तर पर चलने को कहा. वो बेड पर बैठ गयी. मैंने उसे लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया.

उसके चूचे मैंने पहले ही नंगे कर दिए थे तो मैं उसके ऊपर चढ़ कर उसके एक चूचे को दबाने लगा और दूसरे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

वो एक हाथ से मेरी कमर को सहला रही थी और एक हाथ से मेरे बालों को सहला रही थी. दस मिनट तक हम ऐसे ही करते रहे. फिर मैं अपना एक हाथ नीचे की तरफ ले गया और उसके पेट को सहलाता हुआ उसकी जांघों के बीच पहुंच गया. मैं सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा और साथ में ही अब हमारी जीभें एक दूसरे के मुँह में थीं.

वो लंबी लंबी सिसकारियां ले रही थी. मैं लगातार अपने एक हाथ से जोर जोर से उसकी चूत को सहलाए जा रहा था. साथ ही मैं उसके होंठों को चूस रहा था. उसके मुँह में अपनी जीभ घुमा रहा था.

कुछ मिनट ऐसा करने के बाद मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और हाथ उसकी पैंटी पर रख दिया. मैंने उसकी सलवार को धीरे धीरे निकाल दिया. अब मैंने अपने भी पैंट और शर्ट निकाल दिए और सिर्फ अंडरवियर में रह गया.

वो मेरे सामने बस एक ज़रा सी काले रंग की पैंटी में पड़ी थी. मैंने उसे अपने ऊपर लेटा लिया और उसकी गांड को जोर जोर से दबाने लगा. मैं उसके होंठों को किस करता रहा.

हम दोनों ही एक दूसरे को ऐसे पकड़े हुए थे, जैसे दोनों एक दूसरे में घुस जाना कि चाहते हों.

फिर मैंने उसको अपने नीचे लेटाया और फिर से उसके ऊपर चढ़ गया.

मैं दुबारा से उसके मम्मों को चूसने लगा और एक हाथ उसकी पैंटी में डाल कर उसकी चूत पर रख दिया. उसकी चूत बहुत गर्म हो चुकी थी और पानी छोड़ कर गीली हो गयी थी.

फिर मैं उसकी पैंटी को धीरे धीरे नीचे करते हुए निकालने लगा. उसने भी अपनी गांड उठा कर मेरी मदद की. उसकी पैंटी निकलते ही मैंने भी अपना अंडरवियर निकाल दिया. अब हम दोनों ही नंगे थे और दोनों ही बहुत गर्म हो चुके थे.

मैंने देर ना करते हुए अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया. मेरा लंड 7 इंच लम्बा और 3.5 इंच मोटा है. जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा, वो अपनी कमर ऊपर उठाने लगी और मैं उसके होंठों को चूसने लगा.

फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत के मुँह पर रखा और मुझे इशारा किया, तो मैंने जोर लगा कर धक्का दे दिया. पहले ही झटके में मेरा 2 इंच लंड उसकी चूत में घुस गया. उसने दर्द से अपनी आंखें बंद कर लीं और होंठों को दांतों से दबा लिया. उसने अपने हाथों से जोर से मेरी कमर को पकड़ लिया. उसे असहनीय पीड़ा हो रही थी.

एक पल रुक कर मैंने एक और धक्का लगा दिया. इस बार मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया. उसकी झिल्ली टूट गयी थी और उसकी आंखों से आंसू आने लगे थे.

उसको दर्द हो रहा था. वो अपने दांत भींचे हुए थी. लेकिन तब भी उसने मुझे रोका नहीं.

मैंने एक और जोर से धक्का मारा और अपना पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर कर दिया. अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल कर ऐसे ही लेटा रहा. हमें कोई जल्दी नहीं थी, तो हम सब कुछ बिल्कुल आराम से कर रहे थे. क्योंकि उसके घर वालों को उसने नींद की गोली दी हुई थी और किसी का कोई डर नहीं था.

फिर थोड़ी देर बाद मैं आगे पीछे करने लगा. धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और जोर जोर से उसे चोदने लगा. वो भी नीचे से मेरा पूरा साथ दे रही थी.

लगभग 15 मिनट उसे चोदने के बाद मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही निकाल दिया … क्योंकि मैं पहले से ही 72 घंटे वाली गर्भ निरोधक गोली ले कर आया था. जब मैंने उसकी चूत में अपना पानी छोड़ा, तब तक वो 2 बार झड़ चुकी थी. जब मैंने उसकी चूत में अपना पानी छोड़ा, वो फिर से झड़ गयी और उसने मुझे जोर से पकड़ लिया. वो मेरे होंठों पर किस करने लगी.

मैंने उसे ‘आई लव यू जान …’ कहा और फिर से उसे किस करने लगा.

फिर कुछ मिनट बाद मैंने उसकी चूत में से अपना लंड निकाला. उसे अभी भी दर्द हो रहा था. उसके बाद मैंने उससे फिर से किस करना शुरू किया और उसके होंठों को चूसने लगा. उसके मम्मों को दबाने लगा.

दोस्तो, मैं बता नहीं सकता उस दिन मुझे कितना मजा आ रहा था. मेरी जिन्दगी का वो पहला दिन था, जब मैं किसी के साथ सेक्स कर रहा था. हर कोई यही सोचता हैं कि जो भी उसका मन करता है, वो सब वो आज ही कर ले … लेकिन सब कुछ नहीं हो पाता.

मैं भी ऐसे ही सोच रहा था कि ये और हो जाए, या वो और हो जाए. लेकिन उस दिन हमने बस सीधा सीधा लंड चूत का मिलन करने वाला सेक्स किया.

इसके बाद वो बेड पर पीठ के बल लेटी रही और मैं उसकी जांघों के बीच आकर उसकी चूत में आना लंड पेलता रहा. उस रात मैंने उसे सुबह 3.50 बजे तक तीन बार चोदा. फिर मैं चुपके से उसके घर से निकल गया.

उसके बाद हम बहुत बार मिले और बहुत चुदाई की अलग अलग पोजीशन में मैंने उसे चोदा. मैंने हर तरह से उसकी चूत में अपना लंड घुसाया. एक बार मैंने उसकी गांड भी मारी. मुझे सबसे ज्यादा उसे उल्टा लेटाकर और उसके ऊपर लेटकर उसकी गांड के पास से उसकी चूत में अपना लंड घुसा कर चोदने में मजा आता था.

मैंने उसे उसके घर, मेरे ऑफिस में, होटल में, खेत में … हर जगह चोदा था. उसने भी मुझे कभी चुदाई के लिए मना नहीं किया. वो मुझसे चुदवाने के लिए हमेशा तैयार रहती थी.

बाद में जब हमने कॉलेज में दाखिला लिया, तो हम साथ में ही आते और जाते थे. मैं हमेशा बस में भी मौका देख कर उसकी गांड और मम्मों को दबा देता था. उसके रहते मुझे कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं हुई. मैं और वो एक दूसरे से हमेशा खुश थे और एक दूसरे से बहुत प्यार भी करते थे.

हम दोनों 4 साल तक एक साथ रहे और हमने सेक्स के खूब मजे लिए. मैं जब तक उसके साथ रखा, मैंने उसे खूब चोदा. हर तरह से हर जगह पर चोदा. शुरू में तो हम लंड और चूत नहीं चाटते थे … लेकिन बाद में मैं उसकी चूत भी चाटने लगा और अपना लंड भी उसे चुसवाने लगा था. उसे भी मेरी इन सब बातों से कोई परेशानी नहीं होती थी.

उसके परिवार को भी हमारे बारे में पता चल गया था और मैंने उसकी माँ को भी बोला था कि मैं उससे शादी करने को तैयार हूं. वो भी मुझे शादी करने के लिए तैयार थीं, लेकिन किसी वजह से उसकी फैमिली नहीं मानी और हमें अलग होना पड़ा.

अब उसकी शादी हो गयी है और मैं अब फिर से अकेला हो गया हूँ.

अगर आप सबको मेरी ये सच्ची कहानी अच्छी लगी हो, तो कमेंट जरूर करना.

मैंने पहली बार कोई सेक्स कहानी लिखी है, अगर कोई गलती हुई हो, तो मुझे माफ़ करना.