सील पैक फुदी की चुदाई का मजा मेरी बीवी ने बहन की बेटी को मेरे से चुदवाया. असल में मेरी बहन ने ही मुझे कहा था कि अगर उसकी बेटी चुदाई के लिए मान जाये तो चोद देना.
दोस्तो, मैं आलम आपको अपनी सगी आपा की चूत चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पिछले भाग
आपा ने मुझे चुदाई का मजा दिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपनी बड़ी आपा को अलग कमरे में ले जाकर चोदने लगा था.
उनकी चूत में दर्द हुआ तो उनकी चीख से छोटी बहन से बनी मेरी बीवी महजबीं कमरे में आ गई.
अब आगे Seal Pack Fuddi Ki Chudai का मजा:
अन्दर मैं अमीरा आपा को ताबड़तोड़ चोद रहा था.
महजबीं- साली कुतिया, मेरे शौहर को अब तो बक्श दे! अब तुझे ससुराल में 3 लंड और भी तो मिल रहे हैं!
अमीरा- अह मेरी बहन, जो मजा भाई जान देते हैं, वह मजा और कहां. तुम तो रोज चुदती हो … कभी कभी तो मुझे भी मजे लेने दो भाई जान से … और वैसे भी साली, आधी घर वाली होती है.
उधर सीन देख कर महजबीं की चूत में भी चुनचुनी होने लगी थी तो वह भी अपने कपड़े उतार कर हमारे पास आ गई.
उसने अपनी चूत को अमीरा आपा के मुँह पर रख दी.
मैं अमीरा को चोदते हुए महजबीं के बूब्स को मसलने और चूसने लगा.
तभी अमीरा आपा का शरीर अकड़ने लगा- आह सिईई भाई जान मेज गयीईई … मजा आ गया भाई जान … आपके लंड में जादू है भाई जान मैं गयीईई!
अमीरा आपा ने मुझे कसके पकड़ लिया और अपने जिस्म को झटके देती हुई कुछ देर बाद शांत हो गईं.
उनके झड़ते ही महजबीं ने मुझे नीचे लिटाया और मेरे लंड को अपनी चूत में धीरे धीरे लेने लगी.
कुछ ही पल बाद अमीरा आपा अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर मेरे ऊपर बैठ गईं तो मैं उनकी चूत से टपकने वाला सारा रस चाटने लगा और चूत को चाट कर साफ कर दिया.
अब महजबीं मेरे लंड पर उछलने लगी और मैं भी नीचे से लंड उठा उठा कर उसे चोद रहा था.
फिर महजबीं नीचे लेट गई और मैं उसकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रख कर उसे दबादब चोदने लगा.
कुछ देर बाद हम दोनों भी झड़ गए.
महजबीं ने मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया और अमीरा आपा ने महजबीं की चूत चाट कर साफ कर दी.
फिर हम सबने कपड़े पहन लिए.
अमीरा आपा- देखो भाई जान, मैं आसमां को यहां छोड़ कर तो जा रही हूं, पर जब महजबीं ठीक हो जाए तो आसमां को आप खुद पहुंचा जाना!
मैं- आपा, आसमां तो खासी जवान हो गई है और आपसे भी सुन्दर है … इसने आज तक लिया नहीं क्या किसी का?
अमीरा- साले गांडू, मैं सब समझ रही हूं. अभी तक वह पाक है. उसकी चूत सील पैक है.
मैं- तो आपा मैं ही ओपनिंग कर दूँ क्या?
अमीरा- भाई जान, आपको कौन मना कर सकता है. पर उसकी मर्जी के बिना मत करना … अगर वह राजी ख़ुशी चुदने को तैयार हो, तो बेशक चोद लेना.
महजबीं- आपा, आप ये काम मुझ पर छोड़ दो. मैं उसको अपने खसम से चुदवा कर ही रहूंगी.
फिर अमीरा आपा सुबह अपने ससुराल चली गईं.
हम सब आपा को छोड़ने स्टेशन गए.
फिर पूरा दिन ऐसे ही निकल गया.
शाम को आसमां खाना बनाने चली गई.
मैं- यार महजबीं, मुझे तो आज ही इसकी सील तोड़नी है, कुछ करो न!
महजबीं- तुम चिंता मत करो, इसको आज ही आपके लिए पेश कर दूंगी. आप बस एक काम करना, रात को 12 बजे जाग जाना और मुझे उठा देना बाकी सब मैं देख लूँगी.
फिर आसमां खाना लेकर आ गई और हम सब खाना खाने लगे.
महजबीं- बेटा तुम हमारे साथ सो जाओ … अकेले में तुमको डर लगेगा!
उसने हामी भर दी और हम सब सो गए.
एक साइड आसमां एक साइड में और बीच में महजबीं.
रात को 11:30 बजे मैंने महजबीं का एक दूध दबाया और उसको उठा दिया.
फिर महजबीं मुझे चूमने लगी और मेरे लंड को पैंट के ऊपर से मसलने लगी.
मैंने भी आपा की कुर्ती को उतार दिया और महजबीं के बूब्स चूसने लगा.
कुछ देर बाद उसने मेरी पैंट और शर्ट उतार दी और लंड को मसलने लगी.
महजबीं- देखो जानू, मेरी भानजी की सील तोड़नी है तो जानबूझ कर जोर जोर से आवाजें निकालो जिससे वह जाग जाए. वह हमारी चुदाई देख लेगी तो रह नहीं पाएगी.
फिर महजबीं ने मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया और जोर जोर चूसने लगी.
मैं जानबूझ कर जोर जोर आवाजें निकालने लगा- आह मेरी जान … क्या लंड चूसती हो … मजा आ रहाआ है मेरी जान … और जोर जोर से चूसो … आह!
इस सबसे अब मेरी भानजी की नींद खुलने लगी.
यह देख कर मेरी बहन लेट गई और मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा.
मेरी बहन भी जोर जोर से सांसें लेने लगी.
मैं महजबीं के बूब्स से कमर और कमर से उसकी रानों तक चूमने लगा.
महजबीं- आअह्ह आह भाई जान … अब डाल दो ना अपना लंड … मेरी चूत में आग लगी हुई है!
यह कह कर मेरी महजबीं चित लेट गई और उसने खुद अपने हाथ से अपनी कमर के नीचे तकिया लगा लिया.
वह अपनी टांगें खोल कर चूत दिखा कर मुझे बुलाने लगी.
रसीली चूत देख कर मैंने भी उसकी टांगों के बीच में आसन जमा लिया.
फिर लंड के सुपारे को चूत पर सैट करके एक जोर का झटका दे दिया.
मेरा लंड सीधा बच्चेदानी से जा टकराया.
महजबीं की चीख निकल गई- आहहह अम्माम्मी … फाड़ दी मेरी चूत … हाय अब्बू … मैं मर गई … साले रांड नहीं हूँ मैं तेरी बीवी हूं … आराम आराम से चोद साले हरामी बहनचोद!
मेरी भानजी चीख सुनकर जाग गई और डर के कारण वह उठ कर बैठ गई.
उसने लाइट चालू कर दी.
‘क्या हुआ खाला?’ मेरी भानजी बोलते बोलते रुक गई.
उसकी नज़र हमारे नंगे बदन पर गई तो वह सकते में आ गई.
महजबीं- डरो मत बेटी, तेरे मामू तड़फ रहे थे और बहुत दिन से हम दोनों ने चुदाई नहीं की थी … तो हम दोनों से रहा नहीं गया. तुम सो जाओ अगर नींद नहीं आ रही है तो आओ मेरे करीब आ जाओ.
उसने चुदाई शब्द सुन कर शर्म से नजरें झुका लीं.
फिर आसमां महजबीं के करीब आ गई.
महजबीं- बेटी हम पास वाले रूम में चले जाएं!
आसमां- नहीं खाला, अब तो मैंने सब कुछ देख ही लिया है. तो आप लोग अपना काम निपटा लो. मैं अपना मुँह उस तरफ कर लेती हूं
महजबीं- अब ज़ब सब देख ही लिया है, तो उस तरफ मुँह क्यों? इधर ही मुँह करके लेट जाओ … और सब देखो चुदाई कैसे होती है. अब जल्दी से तेरी अम्मी अब्बू तेरी भी शादी करवाने वाले हैं. वे कोई अच्छा सा लड़का देख रहे हैं तेरे लिए, तुमको कोई पसंद है तो बता देना, मैं उसी से तेरी शादी करवा दूंगी.
आसमां- खाला, मुझे काली चाचा पसंद हैं. क्या उनसे मेरी शादी करवा सकती हो?
मैं अब अपना लंड आपा की चूत में आगे पीछे करने लगा.
महजबीं- शादी तो नहीं करवा सकती, पर हां तुझे मैं उसके लंड का स्वाद दिलवा सकती हूं.
आसमां- ठीक है खाला, वही सही!
महजबीं- काली कैसे पसंद आया तुझे?
आसमां- खाला, उनका औजार बहुत बड़ा है.
महजबीं- तूने कब देखा और उसको औजार नहीं बेटा लंड बोलते हैं.
आसमां- जब अब्बू नहीं होते हैं, तो दादा और चाचा अम्मी को जमकर चोदते हैं. कभी कभी तो दोनों साथ में चोदते हैं.
महजबीं- तुमने कभी किसी से चुदवाया है क्या?
आसमां- नहीं खाला, पर रोज चाचा और दादा मुझे अपनी गोदी में बिठा कर मेरी छाती पर हाथ फेरते हैं … और चाचा ने एक दिन मेरा हाथ अपने लंड पर भी रख दिया था. खाला मेरा मन तो बहुत करता है, पर चाचा का लंड देख कर मैं डर जाती हूँ.
अपनी भानजी की कामुक बातें सुनकर अब मैं अपनी फुल स्पीड से महजबीं को चोदने लगा.
महजबीं- आहह आह भाई जान … रुको ना … आराम से करो और मुझे अपनी भानजी से बात तो करने दो!
महजबीं- देख बेटी, मजा लेना है तो कपड़े उतारो और अपने मामू के लंड का स्वाद ले लो अभी … बाद में किसी दिन काली का लंड भी दिला दूंगी.
आसमां- नहीं खाला मुझे शर्म आ रही है.
महजबीं आसमां के बूब्स को मसलने लगी और उसके होंठों को चूमने लगी.
फिर उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर उसकी चूत पर हाथ फेरने लगी.
आसमां की चूत पूरी गीली हो गई थी.
महजबीं का हाथ पूरा गीला हो गया. वह अपने हाथ को मेरी नाक के पास ले आई.
“वाआह क्या कोरी चूत की महक आ रही थी … कच्ची कली की चूत के रस की सुगंध लाजबाव होती है.”
मैं- यार आसमां, अपने खालू को भी चूत के दर्शन करवा दो!
महजबीं- ले साले देख ले, मेरी भानजी की चूत … पूरा घर तो चोद लिया तूने … अब इसकी चूत का उद्घाटन करके भानजी चोद भी बन जा बहन के लौड़े … पर पहले मेरा पानी निकाल, उसके बाद इसको चोदना!
अब मैं आपा को ताबड़तोड़ चोदने लगा और मेरी बहन भी जल्दी ही अकड़ने लगी.
महजबीं- आहह हायय भाई जाआन … मैं आईई मेरा तो हो गया आह.
फिर वह मुझसे कसके लिपट गई.
उसकी सांसें धौंकनी की तरह चल रही थी.
अब मैं आपा से अलग होकर आसमां के पास चला गया.
दोस्तो, सच कह रहा हूँ कि मेरी भानजी आसमां की चूत एकदम मस्त लग रही थी … एकदम गुलाब की कच्ची कली जैसी.
उसकी चूत पर हल्के हल्के रोएँ जैसे भूरे भूरे बाल उगे थे जो उसकी चूत की खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे.
उसके बूब्स एकदम मस्त गोल मटोल से निम्बू से कुछ बड़े … और संतरे से जरा छोटे.
उसकी कमर एकदम पतली और नितम्ब का तो पूछो ही मत … दिल कर रहा था कि सारी जिंदगी अपना लंड उसकी गांड के छेद में फँसा कर रखूं.
अब मैं ठहरा एक नंबर का चोदू … जल्दी जल्दी नहीं करना चाहता था, सील पैक फुदी की चुदाई पूरा मजा लेना था मुझे … इसलिए मैं पहले उसे गर्म कर रहा था.
मैं अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया.
आसमां मेरा इशारा समझ गई और मेरे लंड पर जीभ फेरने लगी.
वह मेरा लंड अपने मुँह में आगे पीछे करने लगी.
उसके मुँह में मेरा पूरा लंड नहीं जा पा रहा था.
मैं तब भी जोर जोर से उसके मुँह को चोदने लगा.
उससे उसके मुँह से गों गों की आवाजें आ रही थीं और उसके आँसू भी बहने लगे थे.
कुछ धक्कों के बाद मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी जो सीधे उसके हलक से जा टकराई.
आसमां के मुँह से मेरा रस बाहर आने लगा.
अब मैंने आसमां को लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा, उसके लाल दाने को मसलने लगा.
वह सिसकने लगी और आह सिईई आह करने लगी.
फिर जब फिर से उसकी चूत गीली होने लगी तो मैंने आसमां को नीचे लिटा दिया.
मैंने उसकी चूत पर ढेर सारा थूक गिरा दिया और अपने लंड पर भी बहुत सारा थूक लगा दिया.
महजबीं- रुको आलम इसको दर्द होगा, इसकी आवाज़ बाहर तक जाएगी.
महजबीं आगे आई और वह उसके मुँह पर अपनी चूत रख कर बैठ गई.
उसने मुझे इशारा करके लंड डालने को कह दिया.
मैंने अपनी भानजी की चूत पर लंड सैट किया और एक जोर का झटका दे दिया.
मेरे लंड का सुपारा मेरी बहन की बेटी की कुंवारी बुर के अन्दर घुसा और वह तड़फने लगी.
वह मुझे हटाने की कोशिश करने लगी.
मैंने दाब दे दिया तो उसकी चूत फट गई और उसकी चूत से खून बहने लगा.
महजबीं- मुबारक़ हो भाई जान, भानजी की चूत का उद्घाटन हो गया.
जबकि अभी मेरे लंड का सिर्फ टोपा ही अन्दर गया था, तब मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मेरा लंड किसी भट्टी में डाल दिया हो. उसकी चूत से मानो लावा फूट रहा था.
बड़ी भारी तपिश थी.
उसकी चूत इतनी ज्यादा टाइट थी कि सील पैक फुदी की चुदाई से मेरे लंड में दर्द होने लगा था.
कुछ देर रुकने के बाद मैंने हिम्मत करके एक और झटका मारा और मेरा लंड आधा अन्दर चला गया.
मेरी भानजी छटपटाने लगी और उससे दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह बेहोश हो गई.
महजबीं- आलम रुकना मत … और घबराना मत. आसमां का पहली बार है. वह दर्द के कारण बेहोश हो गई है, तुम अब ताबड़तोड़ चोदो इसको … जब इसको होश आए, तब तक इसका सारा दर्द खत्म कर दो! याद है, जब तुमने मेरी सील खोली थी … तब मैं भी बेहोश हो गई थी.
मुझे भी महजबीं और मेरी सुहागरात याद आने लगी.
मैंने अब एक और झटका मार कर अपना पूरा लंड अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ देर बाद खून बहना बंद हो गया.
पर आसमां की चूत सूज के पाव रोटी जैसी हो गई.
कुछ देर बाद जब उसको होश आया तो वह रोने लगी- आहह खाला मर गई, खालू को बोलो अपना लंड निकाल ले … बहुत दर्द हो रहा है. मेरी चूत फट गई है आह खालू मुझे छोड़ दो, मैं आपके पैर पड़ती हूँ.
मैं- आसमां जितना दर्द होना था, वह हो गया … अब तो बस तुझे मजा आएगा.
अब मैं अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
उसकी चूत भी गीली होने लगी और चूत भी थोड़ी ढीली पड़ गई.
यह देख कर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
अब मेरी भानजी को भी मजा आ रहा था, वह भी नीचे से अपनी चूत उछाल उछाल कर पूरा लंड ले रही थी.
कुछ देर बाद उसका पानी निकल गया और वह मेरे सीने से कसके लिपट गई.
मैंने और स्पीड बढ़ा दी और कुछ धक्कों के बाद मेरा पानी भी निकल गया.
मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में गिरा दिया.
उस रात हम तीनों ने चुदाई का मजा लिया.
उसके बाद तो मैं रोज आसमां को चोदने लगा था.
फिर कुछ दिन बाद अमीरा का फोन आया- हैलो महजबीं, अब तबीयत कैसी है तेरी?
महजबीं- मैं अब ठीक हूं, आप सब कैसे हो!
अमीरा- सब ठीक हैं!
महजबीं- मुबारक़ हो आपा, अब आसमां लड़की से औरत बन गई है.
अमीरा- अरे वाह … आखिर भाई जान ने अपनी भानजी की चूत का उद्घाटन कर ही दिया!
महजबीं- हां और अभी भी चोद रहे हैं, लो आप बात करो अपने जीजा आलम से.
मैं- हैलो आपा सलाम!
अमीरा- भाई जान … नई चूत मुबारक हो.
मैं- आपा आपको भी अपनी बेटी की चूत का उद्घाटन मुबारक़ हो!
आसमां- अम्मीईई … खालू के लंड से चुदने में मजा आ गया.
अमीरा- अरे वे तेरे मामू भी हैं.
आसमां- हां मालूम है अम्मी पर मुझे खालू कहना ही अच्छा लगता है.
फिर महजबीं आपा अमीरा को वीडियो कॉल करके हमारी चुदाई दिखाने लगी.
उस तरफ अमीरा आपा भी नंगी हो गईं और अपनी चूत में उंगली करने लगीं.
मैंने भानजी को घोड़ी बनाया और उसके पीछे से लंड पेल कर उसे ताबड़तोड़ चोदने लगा.
कुछ देर बाद हम दोनों ने पोजीशन चेंज कर ली.
अब मैंने आसमां को अपनी कमर पर उठा लिया और उसको खड़े खड़े चोदने लगा.
कुछ देर बाद ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं और आसमां चुदाई से फ़ारिग हो गए.
अमीरा आपा का भी पानी निकल गया जिसको वह वीडियोकॉल में हमको दिखाने लगीं.
कुछ देर बाद सब शांत होकर बात करने लगे.
आसमां ने भी कपड़े पहन लिए.
अमीरा- देखो भाई जान, अब आसमां को भेज दो. मेरे देवर और आसमां के दादा का इसके बिना मन नहीं लग रहा है.
आसमां रोने लगी और वह जाने से इंकार करने लगी.
महजबीं- बेटी, अभी चली जाओ कुछ दिन बाद हम दोनों आप सबसे मिलने आएंगे.
अमीरा- हां बेटी, अभी आ जाओ तेरे दादा और तेरे चाचा तेरे लिए परेशान हैं.
महजबीं- अमीरा आपा, मेरी भानजी को काली का लंड पसंद आ गया है, तो आप काली को पटा लेना.
अमीरा- उसको क्या पटाना … वह तो खुद आसमां को चोदना चाहता है और इसका दादा भी इसको चोदना चाहता है. बेटी आ जाओ, तेरे चाचा और और दादा के साथ बहुत मजे करेंगे.
फिर आसमां तैयार हो गई और हम दोनों उसको स्टेशन छोड़ने गए.
वह मुझे चूमने लगी.
फिर महजबीं ने उसको मुझसे अलग कर दिया.
वह रोती हुई मुझसे विदा लेने लगी.
मेरी आंखें भी भर गईं.
उसे छोड़ कर हम अपने घर वापस आ गए और आसमां अपने घर चली गई.
आगे की सेक्स कहानी बाद में लिखूँगा.
उस सेक्स कहानी में काली और आसमां की चुदाई के साथ मिलते हैं.
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी सील पैक फुदी की चुदाई कहानी?
कमेंट्स में मुझे जरूर बताएं.
लेखक के आग्रह पर मेल आईडी नहीं दी जा रही है.
Share this Post :