कॉलेज गर्ल्स ने ग्रुप चुदाई की अपने कॉलेज के लड़कों के साथ. उस दिन बारिश हो रही थी और एक लड़की घर में अकेली थी. उसने अपनी दो सहेलियों और 4 लड़कों को बुला लिया.
College Girls Group Chudai Kahani में आगे:
उस दिन जब सवेरे मेरी नींद खुली तो घनघोर बरसात हो रही थी।
ऐसे में मैं बड़े रोमांटिक मूड में आ गई।
लेखक की पिछली कहानी थी: मुट्ठ मार के लंड चूसा फिर फड़वाई बुर
मैंने मोबइल उठाया और सीधे अपनी सहेली को मिला दिया।
मैंने फोन पर तान्या से कहा- यार, आज मुझे सवेरे सवेरे लंड की बड़ी याद आ रही है। मुट्ठ मार कर लंड चाटने का मन कर रहा है। उस दिन जब मैंने तेरे साथ समीर के लंड का मुट्ठ मारा था तो बड़ा मज़ा आया था। कितना मस्त और स्वादिष्ट था उसका बहनचोद लंड। मैं तो बिना रुके उसका सारा वीर्य चट कर गयी थी.
तान्या बोली- तूने तो मेरे मन की बात कह दी है यार! मैं भी आज सवेरे से ही लंड की याद कर रही हूँ। मुझसे ज्यादा मेरी चूत ससुरी लंड लंड चिल्ला रही है। यार प्रिया, कुछ करो न प्लीज। मुझे भी लंड की बड़ी तलब लगी है। समीर का लंड वाकई बड़ा मस्त था। वैसा ही कोई लंड मिले तो मज़ा आ जाए!
मैंने कहा- यार, जब से मैंने सुना है कि लंड का माल पीने से खूबसूरती बढ़ती हैं, मम्मे बड़े बड़े हो जाते हैं और शरीर में कोई भी बिमारी नहीं होती तब से मुझे लंड से बड़ा प्यार हो गया है। मैं तो हर दिन लंड का रस पीना चाहती हूँ। हर दिन लंड का मुट्ठ मारना चाहती हूँ।
वह बोली- अरे यार, अपने कॉलेज के लड़कों को ले लो न? एक से एक भोसड़ी वाले स्मार्ट और हैंडसम हैं लड़के! वे सब साले तेरी गांड के पीछे लगे रहते हैं।
मैंने कहा- हां यार, तूने सही याद दिलाया। अब मैं अभी सब से बात करती हूँ।
फिर मैंने बिस्तर पर लेटे ही लेटे सबसे बात की.
और मजे की बात यह हुई कि सब लोग ग्रुप चुदाई के लिए तैयार भी हो गए।
मैंने कहा- ठीक है, मैं आप सबको पूरे डिटेल के साथ दुबारा फोन करती हूँ।
संयोग से मेरे मम्मी पापा कल ही कुछ दिन के लिए यात्रा पर निकल गए थे तो मैं अकेली ही घर थी।
मेरा नाम प्रिया है दोस्तो, मैं 22 साल की हूँ और एक कॉलेज से एम बी ए कर रही हूँ।
मेरे साथ कई लड़कियां भी पढ़ती हैं।
मेरी सबसे अच्छी खासी दोस्ती है।
मैं खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और बोल्ड भी बहुत हूँ। मैं खुल कर बोलती हूँ.
मुझे गन्दी गन्दी बातें करने में बड़ा मज़ा आता है।
लड़कियां भी आपस में खूब मस्ती से गन्दी गन्दी मजाक करती हैं।
लंड बुर चूत भोसड़ा बोलने में किसी को कोई परहेज नहीं है।
सब की सब बुर चोदी खुल्लम खुल्ला बातें करती हैं, गालियों की तो भरमार रहती है।
ऐसी कोई माँ की लौड़ी लड़की नहीं है जो गाली न देती हो!
लड़के हमारी गालियां बड़े प्रेम से सुनते हैं और एन्जॉय करते हैं।
मैंने कुछ हैंडसम लड़कों को छाँट लिया है।
वे थे टोनी, जग्गू और ऋषि।
हम दोनों के साथ एक और लड़की थी सकीना।
बस मैंने उसी दिन इन सबको अपने घर बुला लिया।
तान्या सबसे पहले आ गई।
मैंने कहा- वो सकीना ससुरी कहाँ माँ चुदा रही है अपनी? अभी तक आई नहीं?
तब तक वह पीछे से आवाज़ आई- अरे यार, मैं यहीं तेरे घर में ही अपनी माँ चुदा रही हूँ।
मैंने कहा- अरे तू आ गयी माँ का लौड़ी। अच्छा बता कि तुझे सबसे अच्छा क्या लगता है?
वह बोली- लंड!
मैंने फिर पूछा- लंड से ज्यादा क्या अच्छा लगता है?
वह बोली- लंड का टोपा!
मैंने फिर सवाल किया- लंड के टोपा से ज्यादा क्या अच्छा लगता है?
वह बोली- तेरी माँ का भोसड़ा, और क्या?
इसी बात पर हम तीनों हंस पड़ी।
मैंने कहा- देखो, आज बड़ी मस्त बरसात हो रही है। आज हम सब अपने कॉलेज के लड़कों के साथ ग्रुप चुदाई का खेल खेलेंगी। अब तुम बताओ किसी को कोई शर्म तो नहीं आएगी?
वे दोनों बोली- शर्म की माँ की चूत। हम सब बड़ी बेशर्म हैं। हम सबके साथ चुदाई करने के लिए तैयार हैं।
फिर एक एक करके टोनी, जग्गू और ऋषि भी आ गए।
सब लोग एक दूसरे से जी भर कर गले मिले।
लड़कियां सब लड़कों से लिपट कर मिलीं और एक दूसरे के बदन को सहला सहला कर मिलीं।
लड़के भी सब गले मिले और बड़े प्यार मोहब्बत से मिले।
मैंने लड़कों से कहा- आज तुम सब भोसड़ी वालों से मिलकर बड़ा मज़ा आ रहा है।
इसका जवाब ऋषि ने दिया।
वह बोला- हमें भी तुम सब हरामजादियों से मिलकर बड़ा अच्छा लग रहा है।
सकीना ने कहा- अच्छा, तू माँ का लौड़ा हमारी नक़ल कर रहा है। आज मैं तेरी गांड मारूंगी।
तब तक टोनी बोला- यार, लंड तो मेरा ही इस्तेमाल करोगी न गांड मारने के लिए? तेरे पास लंड तो है नहीं?
वह बोली- जिनको गांड मारने की लत होती है न, वे लौड़ा जेब में रखती हैं माँ के लौड़े टोनी!
इसी बात पर सब हंस पड़े।
मैंने कहा- हंसी मजाक बंद करो। अब मेरी सुनो। सबसे पहले लड़कियों के बीच लड़कों के लंड का मुट्ठ मारने का कम्पटीशन होगा. लड़कियां नंगी नंगी लड़कों के लंड का सड़का मारेंगी यानि मुट्ठ मारेंगीं। इसलिए अब तुम लोग कपड़े उतार कर नंगी होकर एक एक पर्ची उठाओ. जिसमें जिस लड़के का नाम लिखा होगा उसी लड़के के लंड का मुट्ठ मारना होगा। जो लड़की सबसे पहले लंड खलास कर देगी वह फर्स्ट आएगी; उसको इनाम दिया आएगा।
फिर क्या … हम तीनों लड़कियां अपने अपने कपड़े उतारने लगीं।
जैसे ही हमारे मम्मे खुले वैसे ही लड़कों ने खूब तालियां बजाईं।
मम्मे बहनचोद हम तीनों के ही बड़े बड़े थे।
मादक भी थे और रसीले भी!
तीनों ने बड़ी मस्ती से हमारी चूचियों के अलावा हमारी चूत देखी, हमारे बड़े बड़े चूतड़ देखे, हमारी मस्तानी गांड देखी और हमारी केले के तने जैसी मोटी मोटी चिकनी चिकनी जांघें भी देखीं।
सब भोसड़ी वाले मस्त हो गए; अपने अपने होंठ चाटने लगे।
पहली बार वो तीनों लड़के तीन तीन मस्त जवान लड़कियों को एकदम नंगी देख रहे थे।
ऐसा नज़ारा उन लोगों ने पहले कभी देखा नहीं था।
इसलिए लड़के सब के सब बड़ी देर तक हमारे मम्मे ही देखते रहे, हमारा नंगा जिस्म देखते रहे और ऐसे में तीनों के लण्ड साले पैंट के अंदर ही खड़े हो गए।
इतने में सकीना आगे बढ़ी और एक पर्ची उठा ली, उसे खोल कर देखा तो उसमें ऋषि का नाम लिखा था।
वह ऋषि के कपडे खोल कर उसे नंगा करने लगी।
दूसरी पर्ची तान्या ने उठाई.
उसमें टोनी का नाम लिखा था।
तान्या मुस्कराती हुई टोनी के कपड़े उतारने लगी।
मेरे हक़ में जग्गू के नाम की पर्ची आई तो मैं फ़टाफ़ट जग्गू को नंगा करने लगी।
मुझे भी जल्दी थी जग्गू का लंड देखने की!
मैं फटाफट अपने हाथ चलाने लगी और सबसे पहले मैंने ही जग्गू को पूरा नंगा कर दिया।
उसका खड़ा लंड टन्न से मेरे गाल पर लगा तो मुझे बहुत मज़ा आया।
मैंने लंड मुट्ठी में लिया उसे खूब प्यार से चूमा और बोली- वाओ, बड़ा गज़ब का लौड़ा है यार तेरा जग्गू! कितना प्यारा लग रहा है तेरा भोसड़ी का लंड!
मैं लंड हिला हिला कर मज़ा लेने लगी।
तब तक सकीना ने कहा- यार, लंड तो इस मादरचोद ऋषि का भी बड़ा जबरदस्त है। देखो कैसे घोड़े की तरह हिनहिना रहा है।
उधर तान्या भी टोनी को नंगा कर चुकी थी, उसका लंड पकड़ कर बोली- हां यार, इसका लौड़ा भी बड़ा हक्कानी है बहनचोद! मुझे मालूम नहीं था कि इसका लंड इतना मोटा तगड़ा होगा.
हम तीनों ने तीनों लंड पर नज़र डाली और मस्त हो गईं।
मजे की बात यह थी कि तीनों लंड एकदम चिकने थे; झांट का कहीं नामोनिशान नहीं था।
तान्या और सकीना दोनों ने कहा- यार प्रिया, तूने आज का प्रोग्राम बहुत अच्छा किया। आज हम सबको मालूम हो रहा है कि हम सब असल में जवान हो गईं हैं क्योंकि हमें लंड अच्छे लगने लगे हैं। हमें लंड की सख्त जरूरत है। बिना लंड के अब हम लोग एक दिन भी नहीं रह सकती.
हम तीनों ने पहले तो लंड खूब हिलाया, चूमा, चाटा और प्यार किया।
फिर हम सब एक एक कुर्सी पर बैठ गई और लड़कों को नंगे नंगे सामने खड़ा कर लिया।
मेरे सामने जग्गू, तान्या के सामने टोनी और सकीना के सामने ऋषि खड़ा हो गया।
उनके लंड हमारे मुंह के सामने आ गए।
मैंने बायें हाथ से जग्गू के पेल्हड़ थामे और दाहिने हाथ से उसका लंड मुट्ठी में ले लिया।
मैं फिर लंड आगे पीछे, ऊपर नीचे करने लगी।
यानि मैं लंड का मुट्ठ मारने लगी।
मुट्ठी नीचे आती तो लंड का सुपारा पूरा खुल जाता।
मैंने ऐसा ही करने के लिए सबसे कहा।
लंड का सुपारा जब बार बार पूरा खुल कर चमकता है तो बड़ा मज़ा आता है।
यही तरीक़ा है मुट्ठ मारने का!
इस तरह हम तीनों लड़कियां लंड का सटासट मुट्ठ मारने लगीं।
अब सबके मन में था की लंड जल्दी से जल्दी खलास करना है, इसका वीर्य निकालना है.
तो सब धीरे धीरे मुट्ठ मारने की रफ़्तार बढ़ाने लगीं।
ग्रुप चुदाई कम्पटीशन के जोश में हमारे मुंह से कुछ न निकलने लगा।
मैंने प्यार में अपने दांत पीसते हुए कहा- हाय मेरे लंड राजा, तू जल्दी से निकाल दे अपना मक्खन! मुझे फर्स्ट आना है यार! तू बड़ा प्यारा लग रहा है मुझे!
सकीना बोल रही थी- तू तो भोसड़ी का बड़ा खूबसूरत लग रहा है मुझे लंड बाबा! मैं तो तेरी गुलाम हो गई हूँ। जल्दी से पिला दे मुझे अपना वीर्य … पूरा का पूरा निकाल दे मेरे मुंह में! तेरी माँ की चूत … जल्दी से खलास हो जा!
तान्या बोली- मुझे जीतना है ये कम्पटीशन … समझ में आया लंड महाराज? तू अब देर न कर माँ के लौड़े … अभी तू मेरे मुंह में मार दे अपने वीर्य की पिचकारी। फिर मैं तुझे अपनी मस्तानी चूत में पेलूँगी। तब तू पूरा मज़ा ले लेना, चोद लेना मेरी बुर!
सबने अपना अपना मुंह लंड के सामने ही खोल रखा था।
सब चाहती थीं कि लंड से वीर्य का एक बूँद भी बाहर न गिरे, सारा का सारा मुंह में ही गिरे।
उधर लड़के भी सब सिसिया रहे थे।
इतनी मस्ती से किसी भी लड़की ने नंगी होकर आज तक उनके लंड का मुट्ठ नहीं मारा था।
एक नंगी लड़की से मुट्ठ मरवाने का सबका पहला मौक़ा था।
उत्तेजना से सभी भरे हुए थे तीनों लड़के … वासना सबके सर पर सवार थी।
आनंद सबको आ रहा था।
मुट्ठ मारने का यह खेल अपने चरम सीमा पर जा पहुंचा।
तभी ऋषि के लंड ने उगल दिया सारा वीर्य सकीना के मुंह में और सकीना फर्स्ट आ गयी।
उसके एक सेकंड बाद टोनी के लंड ने तान्या के मुंह में पिचकारी मार दी।
तान्या भी सारा वीर्य गटक गई और अपने दोनों हाथों से लंड का टोपा चाटने लगी।
उसी समय जग्गू भी मेरे मुंह में ही झड़ गया और मैं भी झड़ता हुआ बड़े प्यार से चाटने लगी।
लंड का वीर्य पीने का इरादा तो हम सबका था ही!
धीरे धीरे तीनों लंड ढीले पड़ गए।
हम तीनों लड़कियों को बड़ा मज़ा आया।
फिर हम सब लोग एक जगह बैठ कर खूब गन्दी गन्दी बातें करने लगे।
प्यार से गाली बहनचोद मादरचोद भोसड़ी के सब आपस में होने लगा।
तब तक सकीना ने कहा- अरे यार प्रिया, तूने अभी तक कोई इनाम नहीं दिया मुझे?
मैंने कहा- थोड़ा सबर कर बुरचोदी सकीना … इनाम तुझे तेरी गांड में मिलेगा।
इस पर सबने ताली बजाकर मज़ा लिया।
बात करते करते मेरा हाथ टोनी के लंड पर चला गया.
तान्या भी मस्ती से ऋषि का लंड सहलाने लगी और सकीना ने बड़े प्यार से जग्गू का लंड हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी।
अभी तान्या ने टोनी के लंड का सड़का मारा था मगर अब वह ऋषि के लंड का मज़ा लेने के मूड में थी।
ऋषि का लंड उसे पसंद आ गया तो वह नंगी नंगी अपनी टांगें फैलाये हुए उसका लंड चाटने लगी।
और ऋषि का भी दिल तान्या पर आ गया तो वह तान्या की बुर चाटने लगा।
दोनों बहनचोद 69 बन गए।
फिर उसे देख कर सकीना भी 69 बन कर जग्गू का लंड चाटने लगी और जग्गू उसकी चूत!
मैं इन सबको देख कर मन ही मन खुश हो रही थी कि मेरा यह प्लान सफल हो रहा है।
मैंने टोनी को नंगा अपनी गोद में लिटा लिया जैसे कोई औरत अपने बच्चे को लिटा लेती है।
मैं उसका लंड अपने हाथ से मुठियाने लगी और वह मेरी चूचियाँ चूसने लगा जैसे बच्चे दूध पीते हैं।
उधर बरसात भी हमारी चूत में आग लगा रही थी।
बरसात में चुदाई का मज़ा ही और होता है।
अब तक माहौल बिल्कुल गर्म हो चुका था।
चूत सबकी उबल रही थी।
लंड सबके तनतना रहे थे एकदम लोहे की तरह!
फिर किसी से रहा न गया।
ऋषि ने लंड गच्च से पेल दिया तान्या की चूत में!
तान्या के मुंह से उफ़ निकला- हाय रे मर गई मैं … बड़ा मोटा है लंड तेरा!
लेकिन फिर वह भी मस्ती से भकाभक चुदवाने लगी।
ऐसे चुदवाने लगी जैसे वह वर्षों से चुदवा रही है अपनी चूत।
ऋषि को भी उसकी बुर चोदने में मज़ा आने लगा।
उधर जग्गू ने लंड सकीना की बुर में बेधड़क घुसा दिया।
वह धकाधक लेने लगा सकीना की बुर!
सकीना तो चिल्ला भी नहीं पाई कि 8-10 शॉट में उसे भी मज़ा आने लगा।
वह भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी।
फिर मैंने भी टोनी का लंड पेलवा लिया अपनी चूत में!
मुझे दर्द तो हुआ लेकिन मैं बोली नहीं … चुपचाप बरदाश्त कर गई.
लेकिन थोड़ी देर बाद जो मज़ा आने लगा … उसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती।
चुदवाने का मज़ा बहुत अच्छा होता है इसीलिए औरतें चुदवाने के लिए बेताब रहतीं हैं।
कुछ तो खुल्लम खुल्ला चुदवातीं हैं और कुछ छुप छुप कर!
उन्हें तो बस लंड चाहिए किसी भी कीमत पर!
इस तरह हम तीनों लड़कियां अपनी अपनी चूत चुदाने में जुट गई और दूसरे की चुदती हुई चूत देखने में भी जुट गई।
सामूहिक चुदाई का यही तो मज़ा है कि अपनी बुर चुदवाओ और दूसरे की बुर चुदती हुई देखो।
हमारे पूरे घर में चुदाई की आवाज़ गूंजने लगी और चुदाई की महक से पूरा घर महकने लगा।
तान्या बोली- हाय मेरी हरामजादी प्रिया, तूने आज हमको बता दिया कि हम सब बहनचोद चुदक्कड़ लड़कियां हैं। रंडी की तरह चुदवाने वाली लड़कियां हैं।
मैंने कहा- इसमें कोई शक है क्या? तुम सब लड़कियां बहुत बड़ी अय्याश हो गई हो. तुम लोगों का मन एक लंड से नहीं भरता, तुम्हें चाहिए नए नए कई लंड। तेरी माँ का भोसड़ा।
इतने में सकीना ने कहा- भोसड़ा तो तेरी माँ का भी मादरचोद प्रिया! तेरी बहन का भी भोसड़ा! मुझे नहीं मालूम था कि आज तू हम सबकी चूत चुदवा चुदवा कर भोसड़ा बना देगी।
तान्या ने तंज कसा- आज तेरा दिन है माँ की लौड़ी प्रिया! कल मेरा भी दिन आएगा तो मैं एक साथ दो दो लंड पेलूँगी तेरी चूत में!
इसी तरह की मस्त मस्त बातें कर के हम सब चुदाई का मज़ा लूटने लगे।
जग्गू बड़ी तेज गति से सकीना की बुर चोदने में लगा था, टोनी मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा था और ऋषि तान्या की चूत ढीली करने में जुटा हुआ था।
तीनों चूत का बाजा एक साथ बज रहा था।
बाहर घनघोर बारिश हो रही थी और अंदर हम सब की चूत चुद रही थी।
बाहर की ठंडी ठंडी हवा और अंदर के गरमागर्म लंड बड़ा मज़ा दे रहे थे।
सकीना ने जग्गू को नीचे लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच अपना मुंह घुसेड़ कर घुटनों के बल बैठी हुई उसका लंड चूसने लगी।
उसकी गांड पीछे से उठी हुई थी।
तब तक उधर से अनुज आ गया। अनुज भी हमारे कॉलेज का एक लड़का ही था।
उसे भी मैंने फोन करके बुलाया था पर उस समय उसने मुझे आने से मना कर दिया था, उसे कुछ काम था तो उसने कहा था कि गर जल्दी फ्री हुआ तो वह आ जाएगा.
उसके लिए मैंने मेन गेट खुला रख छोड़ा था.
अभी अभी फ्री हुआ तो वह मेरे घर आ गया.
हमारी चुदाई देख कर वह पूरी तरह उत्तेजित हो गया।
मेरे इशारे पर उसने भी अपने सभी कपड़े उतार दिये और नंगा हमारे सामने आ गया।
उसका लंड खड़ा हो गया था।
लंड उसका भी बड़ा जबरदस्त था। लंड का टोपा एकदम पहाड़ी आलू की तरह था।
मैंने फिर इशारा किया तो उसने अपना लंड सकीना की गांड में ठोक दिया।
सकीना चिल्ला पड़ी- ये कौन है मादरचोद जिसने लंड मेरी गांड में पेल दिया।
मैंने कहा- यह तेरा इनाम है सकीना! तू लंड का सड़का मारने में फर्स्ट आयी थी न … यह लंड उसी का इनाम जो तेरी गांड में घुसा है।
अनुज दनादन उसकी गांड चोदने लगा।
सकीना को भी मज़ा आने लगा तो वह जग्गू का लंड चूसते हुए अनुज से अपनी गांड मरवाने लगी।
अब महफ़िल में 3 की जगह 4 लंड हो गए।
फिर अचानक ऋषि ने लंड तान्या की चूत से निकाला और मेरी चूत में घुसेड़ दिया।
मेरी चूत को एक नया लंड मिला तो मज़ा दूना हो गया।
उसे देख कर जग्गू ने सकीना की चूत से लंड निकाल कर तान्या की चूत में घुसेड़ दिया और टोनी ने लंड मेरी चूत से निकाल कर सकीना की चूत में घुसा दिया।
इस तरह हम तीनों के लंड बदल गए तो और ज्यादा मज़ा आने लगा।
लड़कों को भी नई चूत मिली चोदने को तो वे दुगुने जोश में आकर घपाघप चोदने लगे।
इसी बीच तान्या अनुज का लंड अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी।
वह दो दो लंड का मज़ा लेने लगी।
इस तरह हम तीनों लड़कियों ने इन चारों लड़कों के लंड का मज़ा बारी बारी से खूब लिया।
बाहर न बरसात रुक रही थी और अंदर न हम लोगों की चुदाई!
हम सबने यह तय किया कि जब तक बरसात होती रहेगी तब तक हमारी चुदाई भी होती रहेगी।
न लंड रुकेगा और न चूत!
तो मेरे मित्रो, कैसी लगी मेरा ग्रुप चुदाई कहानी? मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं
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