आज मैं जवान हो गई हूं- 3

हॉट न्यू गांड सेक्स कहानी में एक भाभी के अपनी कुंवारी ननद को अपने यार से चुदवा दिया. चूत के बाद अब उसका आशिक ननद की गांड मारने की जिद करने लगा.

कहानी के दूसरे भाग
बांके मर्द ने तोड़ी कमसिन लड़की की चूत की सील
में अब तक आपने पढ़ा कि एक दिन रंडी बनने की ख्वाहिश रखने वाली हया धीरे-धीरे सफेदपोश रंडी बन जाती है।
ऐसे ही एक दिन उसका आशिक दिलावर उसके साथ रंगरेलियां मना रहा होता है कि तभी उसकी ननद जास्मिन आ धमकती है और बहुत गुस्सा होती है।
हया अचानक उस को पीछे से पकड़ लेती है और दिलावर को उसे सेक्स का मजा देने कहती है।
दिलावर हया की बात मानकर बेरहमी से जास्मिन की सील तोड़ चुदाई कर देता है।

अब आगे Hot New Gand Sex Kahani:

जास्मिन अपनी पहली चुदाई के बाद उठ कर बाथरूम की ओर गै.

तो दिलावर हया के अचानक पैंतरा बदलने की तारीफ करने लगा.
हया भी दिलावर की चुदाई की तारीफ करते हुए बोली- अब तो मेरी तरह वह भी तेरे लंड पर फिदा हो गई है।

दिलावर अपनी तारीफ सुन के खुश हो गया.
फिर उसने कहा- अब तो यार हया, जास्मिन की गांड भी मारने की इच्छा हो रही है. आज साली की गांड और दिला दे. तभी मेरे लंड और दिल को तसल्ली मिलेगी।
हया बोली- अपने लंड पे ठंड रख, वो भी मिल जायेगी। अब तो वह अपनी मुट्ठी में है, बच के जायेगी कहां!

जब जास्मिन वॉशरूम से लौटी तो देखती क्या है कि दिलावर लेटा हुआ है, उसके पैर पलंग से नीचे लटके हुए हैं और हया साइड में बैठी दिलावर का लंड चूस रही है।

जास्मिन ने पूछा- अब तुम दोनों का क्या इरादा है?
हया बोली- तेरी सील तोड़ने वाला चोदू कह रहा है कि आज तेरी गांड मार के ही यहां से जाएगा. इसलिए इसका लंड खड़ा कर रही हूं।

हया की बात से जास्मिन बजाए परेशान होने के, एक बार और दिलावर के लंड से मिलने वाली मस्ती का तसव्वुर कर के मुस्कुरा उठी।
जास्मिन बोली- जरूर भाभी, आज तो मैं मेरे चोदू राजा को खुश करके ही भेजूंगी।

उसने भी लंड को तैयार करने के लिए हया का सहयोग करने का तय किया और दिलावर के आंड चाटना और दोनों अंटियों को बारी-बारी से चूसना शुरू कर दिया।

दिलावर का लंड दो कामुक हसीनाओं के होंठों और जुबान का दुलार पा के इठलाने लग गया।
कुछ देर बाद जास्मिन पलंग पर चढ़ी और दिलावर के सिर की तरफ से कुतिया की तरह झुक कर अपने कचौरी जैसे स्तन उसके मुंह पर रख के उनको चुसवाने लगी।

दिलावर भी दोनों हाथों से उसके बूब्स पड़कर चूसने लगा।

जब दिलावर का लंड फिर तन्ना गया तो दिलावर पलंग से उतरा और जास्मिन के पीछे जाकर उसकी पतली कमर को पकड़ के अपनी ओर खींचा।

जास्मिन अभी भी नंगी थी, उसके सुडौल दूधिया चूतड़ देख के दिलावर के मुंह से लार टपक रही थी।
उसकी गांड ऐसी लग रही थी जैसे गुलाबी कमल के दो बड़े फूलों के बीच भूरा भंवरा बैठा हो।

हया दिलावर को बोली- कुत्ते की तरह जास्मिन की गांड को घूर मत! चल अब जल्दी से ताज़ा ताज़ा खिले इस नए फूल की गांड मारने की हसरत भी पूरी कर ले।

जास्मिन अब मस्ती और शरारत से चिल्लाई- अरी मादरचोद रंडी, आज मेरी कोरी गांड भी फड़वा के मानेगी क्या?
हया बोली- साली, चुदाई के इतने मजे लेने के बाद भी नाटक कर रही है? देख री … पहली बार तो चूत में भी लंड घुसता है तो दर्द होता है. फिर मजा आता है या नहीं? दिलावर का लंड तेरी गांड में घुसने को बेचैन है, खुश हो के मरवा, डर मत कुछ नहीं होगा। तेरी गांड को भी तो इसके मोटे लंड के मजे दिलवा। चल अब देर मत कर, जल्दी से कुतिया बन जा।

जास्मिन हया की बात सुनकर मुस्कुराती हुई चुपचाप घुटनों के बल गांड मरवाने की पोजीशन में हो गई।

दिलावर केवल चूत चाटने का शौक ही नहीं रखता था बल्कि गांड का भी पूरा-पूरा मजा लेकर ही गांड मारता था।
उसे औरत के बदन से आने वाली मीठी महक से हट कर गांड से आने वाली अजीब सी मादक गंध से सनसनी मिलती थी।

पहले उसने अपनी जुबान की नोक से जास्मिन की गांड के छेद को छुआ.
जास्मिन को उसकी जुबान का पहला स्पर्श भीतर तक गुदगुदा गया।

उसने तो सोचा था कि जैसे वह गांड में तेल लगा के बैंगन डालती है उसी तरीके से आज लंड भी घुसेगा.
लेकिन दिलावर की जुबान ने उसकी गांड को और अधिक उत्तेजना से भर दिया।

उसके बाद दिलावर ने गांड के भीतर तक चाट चाट कर खूब सारे थूक से गांड को लंड लेने के लिए तैयार कर दिया।

एक बार तो जब उसने होंठों से हॉट गांड के छेद को जकड़ के जुबान से चूसा तो जास्मिन का पूरा जिस्म झनझना गया।

जास्मिन के मुंह से एक सिसकारी के साथ निकला- जल्दी लंड डाल दे गांडू!
दिलावर ने गांड में लंड डालने के पहले इस बार अपने लंड को तेल लगाकर चिकना किया क्योंकि मामला हया की गंडमरी गांड का नहीं बल्कि जास्मिन की टाइट गांड का था।

जब जास्मिन की न्यू गांड के छेद में दिलावर ने दम लगा के लंड को घुसेड़ना चाहा.
तो पहले तो जास्मिन ने शरारत से हॉट गांड को भींच लिया.
दिलावर का लंड जास्मिन की गांड पर सिर्फ दस्तक दे कर रह गया।

बेताब दिलावर ने जास्मिन को बोला- गांड क्यों भींच रही है भेंचौद, मेरा लंड तोड़ेगी क्या?
जास्मिन हंस के बोली- पहली बार मेरी न्यू हॉट गांड में लंड घुस रहा है, इतनी आसानी से घूसने दूंगी क्या?

फिर दिलावर ने जब दूसरी बार लंड घुसेड़ने की कोशिश की तो उस पर तरस खाकर जास्मिन ने बाहर की ओर जोर लगाया जिससे गांड का छेद थोड़ा बड़ा हो गया.

उसके बाद दिलावर को बड़ा आश्चर्य हुआ, जब उसका मोटा लंड भी अपेक्षाकृत आसानी से जास्मिन की न्यू गांड में घुसने लगा।

जास्मिन के मुंह से चीख तो निकली लेकिन इस बार उसमें दर्द कम था, मस्ती अधिक थी।
कुछ ही देर की कोशिश में पूरा लंड धीरे धीरे उसकी गांड में घुस चुका था।

एक कुंवारी लड़की की सील तोड़ने के बाद, फख्र से भरा हुआ दिलावर, जास्मिन की कमर पकड़ के, हौले हौले उसकी कसी हुई गांड मारने का, पूरा पूरा लुत्फ उठा रहा था।

जास्मिन सिसकारी भरी चित्कारों के साथ अधिक से अधिक आनन्द लेने के लिए लगातार अपनी चूत में उंगली कर रही थी और अपने क्लिटोरिस को छेड़ रही थी।

हया बैठी हुई जास्मिन के दोनों स्तनों को मसल रही थी और बीच में झुक झुक कर उसकी निप्पलों को चूस भी रही थी।
करीब आधा घंटे तक जम के जास्मिन की गांड मारने का मज़ा लेने के बाद दिलावर का चेहरा और शरीर स्खलन पूर्व के तनाव से भर गया।

कुछ ही पलों में जास्मिन को अपनी गांड की रिंग पर दिलावर के लंड की फड़कन महसूस हुई।

उत्तेजना के इस वातावरण के साथ हया के स्तन चूषण और चूत में लगातार हलचल मचाती हुई खुद की उंगलियों के कारण जास्मिन भी एक बार और जोरों से झड़ने लगी।

उसकी आंखें आनन्द में बंद हो चुकी थीं, सांसें भरी हुई थीं और शरीर इस गाँडू ऑर्गेज्म के कारण थिरक रहा था।
दिलावर का बेकाबू लंड भी जास्मिन की गांड में वीर्य के फव्वारे छोड़ रहा था।

जब लंड पूरा खाली हो गया तो उसने जास्मिन को आगे की ओर धकेला और उसकी पीठ पर औंधा लेट के अपनी मीठी थकान का मजा लेने लगा।

जास्मिन दिलावर के बोझ के नीचे दबी हुई लंबी लंबी सांसें ले रही थी।

कुछ ही समय तक वह दिलावर के बोझ को झेल पाई, उसके बाद उसने करवट बदली और दिलावर को अपने ऊपर से हटा दिया.

जब वह सामान्य हुई तो वह सोचने लगी कि आज दिलावर के लौड़े से चुदाई में अपना कुंवारापन गंवा कर उसने कोई गलती नहीं की। अरे भेनचोद, मुझे पहले पता होता कि चुदाई के इस खेल में इतना आनन्द मिलता है तो बहुत पहले ही मैं अपनी चूत और गांड में कई कई लंड, कई कई बार, ले चुकी होती।

दिलावर दो दो बार वीर्य स्खलित करने के बाद बहुत बुरी तरह से थक गया था.

वह बिस्तर पर निढाल होके पड़ा था.

हया आगे बढ़ी और उसे अपनी बांहों में ले लिया।
जास्मिन अपनी गांड में लगे वीर्य के एनिमा के कारण वॉशरूम की ओर दौड़ी और फ्रेश होकर वापस आई और दिलावर की मस्त चुदाई से खुश, पीछे से वह भी उसके नंगे बदन से चिपक के लेट गई।

कुछ ही देर में दिलावर और जास्मिन सुकून भरी मीठी नींद में खो चुके थे।

करीब एक डेढ़ घंटे बाद दिलावर की नींद खुली, उसके शरीर में हुई हलचल से जास्मिन भी उठ बैठी।

जास्मिन को दोनों तरफ से बजा के पूरी तरह से तृप्त, दिलावर की वासना ठंडी हो चुकी थी और उसके लंड में भी अब कुछ और करने का दम नहीं रह गया था।

इसलिए वह नंगी पड़ी हुई हया और जास्मिन से गले मिल के और फिर आने का कह के निकल गया।

उसके जाते ही अचानक जास्मिन उठी और … हया से लिपट गई, बोली- थैंक यू यार भाभी, यू आर रियली ग्रेट! गजब की स्कीम बनाई यार तुमने। दिलावर को रत्ती भर शक नहीं हुआ कि मैं तो खुद उसके लंड से अपनी सील तुड़वाना चाह रही थी।

जास्मिन, अदभुत आनन्द के इन पलों को हया के कारण ही हासिल कर पाई थी।
आखिरकार उसकी, लंड के लिए बेकरार कुंवारी चूत को, हया के कारण, एक मजबूत चोदने वाला लंड मिल पाया था।

जिस तरीके से बहुत भूखे व्यक्ति को भोजन के अलावा कुछ सुझाई नहीं पड़ता है, जास्मिन की हालत भी बहुत समय से इसी प्रकार की हो रही थी।

पिछले कई महीनों से हया की सिसकारियों को सुन सुन के उसकी चूत लंड के लिए तरस रही थी।
उसकी इच्छा होती थी कि कोई दमदार लंड, प्यार से या जबरदस्ती चोद के उसकी उफनती चूत को, बेचैन जिस्म को, वासना भरे दिमाग को राहत दे दे।

ऐसी स्थिति में उसकी हया भाभी उसकी ख्वाहिश पूरी करने वाली कामुक जादूगरनी के रूप में सामने आई थी।
उसने सोचा कि इससे अच्छा क्या हो सकता है कि मैं मेरी भाभी की पहरेदारी में उसी के यार से चुदाई करवाऊं.
ना पोल खुलने का डर, ना भाई द्वारा डांटने, डपटने का खौफ।

हया तो खुद चुदाई और नए नए लंड की शौकीन थी, उसने जास्मिन की जिस्मानी जरूरत को समझते हुए उसे समझाने वाले अंदाज में कहा- जास्मिन, सच तो यह है कि औरत का अपने जिस्म की भूख को मिटाने के लिए मर्जी से किसी से चुदवाना एक ऐसी समस्या है जो अमूमन सब घरों में पाई जाती है।

उसने आगे कहा- इसे यूं समझ कि यदि भाभी किसी गैर मर्द से चुदवाना चाहती है तो ननद उसकी राह में रोड़ा बनती है। ननद को यदि अपनी चूत में किसी लड़के का लंड लेना है तो उसे भाभी से डर लगता है। देवरानी का कहीं टांका भिड़ा है तो जेठानी उसके ऊपर नजर रखती है, अगर जेठानी किसी मर्द को घर बुलाकर, उसके साथ थोड़ी मौज मस्ती करना चाहती है तो उसे देवरानी का खुटका लगा रहता है।

यही हाल बुआ भतीजी, मौसी भानजी और कुंआरी एवं शादीशुदा बहनों, सहेलियों का भी है।
हर औरत की नए लंड की हसरत को पूरी करने में कोई न कोई दूसरी औरत ही बाधा बनती है।
जबकि कुदरत ने चूत को ऐसा बनाया है कि लंड लेने में हर चूत को मज़ा आता है तो जाहिर तौर पर या चोरी छुपे सब औरतें अपनी जिंदगी में नए नए लंड से चुदाई का मजा लेना चाहती हैं।
सब अपनी अपनी जिंदगी को आनन्द से भरना चाहती हैं तो फिर एक दूसरे को नीचा दिखाने के बजाय आपस में सहयोग क्यों नहीं करती? एक दूसरे की राजदार क्यों नहीं बनती ?
घुट घुट के जीने वाली, शराफत के मुखौटों वाली, पाखंड से भरी जिंदगी, जिसमें मस्ती कम है तनाव अधिक है, ऐसी जिंदगी आखिर सब जीती क्यों हैं?
क्यों नहीं सब मिलजुल के ‘मज़े करो और करने दो, खूब चुदो और चुदने दो’ का फलसफा अपना लेती हैं?
अब आज जैसे तूने अपनी शरम छोड़ी तो मेरे साथ मिलकर चुदाई का आनन्द उठाया या नहीं?

जास्मिन बोली- हां भाभी, खूब उठाया। भाभी, सब घरों में सभी कामसुख प्रेमी औरतें यदि अपने-अपने पतियों एवं बॉयफ्रेंड को, थोड़ी आजादी दे दें तो बदले में उन्हें भी नए लंड के मज़े लेने के ज्यादा मौके मिलेंगे।

हया बोली- और क्या … लेकिन ताज्जुब की बात है, सभी औरतों को अपनी शरीफ दिखने की चिंता रहती है, भले ही जिंदगी झांट हो रही है। एक दिक्कत यह भी है कि शराफत का चोला उतारने की पहल कौन करे? मेरी राय में इसमें पहल हमेशा रिश्ते में जो भी बड़ी है, उस औरत को करनी होगी।
जब वह पहल करेगी तब उसे पता चलेगा कि जिसको वह अपने से अलग, भोली, शरीफ, सती सावित्री समझ रही है, वह भी भीतर से उसी की तरह, लालसाओं से भरी हुई, आनन्द को तलाश रही, एक सामान्य लड़की अथवा औरत है। तू खुद सोच, क्या मैं गलत बोल रही हूं?

जास्मिन बोली- नहीं भाभी, तुम सौ टका सच बोल रही हो और इसमें गलत भी कुछ नहीं है. वास्तव में तो कुदरत ने इंसान को हर तरह के सुख को प्राप्त करने के लिए ही ये खूबसूरत जिस्म, हर सुख को महसूस करने वाली इंद्रियां और एकरसता से ऊबने वाला दिमाग देकर दुनिया में भेजा है। फिर भाभी, इंसान में स्वाभाविक तौर पर आनन्द उठाने की प्रवृति क्यों नहीं होती?

इस पर हया बोली- इंसान में आनन्द उठाने की प्रवृत्ति के साथ-साथ असुरक्षा की भावना और एकाधिकार वाली प्रवृत्ति भी होती है। इस कारण सभी एक दूसरे को कड़े पहरे में रखना चाहते हैं। मर्द और औरतें, अधिक से अधिक जिस्मानी सुख भोगना तो चाहते हैं और अवसर मिलने पर चोरी छुपे चुदाई का आनन्द लेते भी हैं। यदि वास्तव में चुदाई का अवसर न भी मिले तो कल्पना में तो वे कोई कसर नहीं छोड़ते।

जास्मिन बोली- भाभी सही कह रही हो. मैं भी यदि अपने को शरीफ दिखने के चक्कर में, अपनी हसरतों को छुपाती तो आज भी बेचैन, बेबस और लंड को तरसती हुई चूत ले कर घूमती रहती।

उसके बाद हया ने फिर जास्मिन को भविष्य के लिए आगाह करते हुए कहा- जास्मिन, चुदाई के इस रंगीन खेल में दिक्कत केवल तब होती है जब किसी के साथ शारीरिक संबंधों के साथ भावनात्मक संबंध भी पनप जाएं। यदि संबंध केवल नया सुख, नई सनसनी, नई लज्जत हासिल करने तक सीमित रहे तो ना सिर्फ सबके संबंधों में अंतरंगता और मधुरता बनी रहेगी बल्कि नवीनता के कारण उनके संबंधों में कभी बासीपन नहीं आएगा, कभी ऊब पैदा नहीं होगी।

जास्मिन बोली- वाह भाभी, तुम्हारे सारे फलसफे एकदम साफ हैं। उसी के चलते तुम जिंदगी के मजे लूट रही हो और आज तो तुमने दिलावर को उकसा के मेरा जो काम करवाया है, उसकी मस्ती में तुम समझ सकती हो कि मेरे लिए गुस्से और दुखी होने की एक्टिंग करना कितना मुश्किल हो रहा होगा?

हया हंस पड़ी.
फिर उसने पूछा- अच्छा एक बात तो बता कि तूने आज पहली बार गांड मरवाई फिर दिलावर का इतना मोटा लंड, तेरी गांड में इतनी आसानी से कैसे घुस गया?

जास्मिन बोली- वह क्या है यार भाभी, तुम्हारे कमरे से आने वाली कामुक आवाजों के असर में, मैं वक्त से पहले जवान हो रही थी। शरीर में उठते वासना के ज्वार के मारे मैं बदहवास हो जाती थी लेकिन मैं चाहती थी कि मेरी चूत की सील बरकरार रहे इसलिए मैंने चूत में तो डर के मारे कुछ नहीं डाला, केवल सहला सहला के काम चलाया। लेकिन चूंकि गांड में कुदरत ने कोई सील नहीं लगाई, इसलिए गांड में पतले बैगन से शुरुआत करी, बाद में धीरे-धीरे बैंगन मोटा होता गया और बैंगन के अलावा केला, खीरा, भुट्टा जो भी लंबी और मोटी चीज मेरे हाथ में आती, मैं उसे बेहिचक गांड में डाल के लंड की कल्पना करने लगती। इसी कारण मेरी गांड, लंड लेने लायक हो गई थी.

कह आगे बोली- पर भाभी, तुम से बेहतर यह कौन समझ सकता है कि लंड आखिर लंड होता है. इसके जैसा आनन्द किसी और चीज से मिल नहीं सकता। मैं भी कब तक नकली चीजों से आधा अधूरा मजा लेती? इसलिए मैंने अपनी कामवासना के आगे हार मान ली और जी भर के लंड से चुदने की नीयत से मैंने तुम्हें अपना उस्ताद मान लिया।

हया बोली- ओह तो यह बात है! तभी मैं कहूं कि दिलावर का इतना मोटा तगड़ा लंड जो पहली बार में किसी भी औरत की गांड फाड़ दे, तूने इतनी आसानी से अपनी गांड में कैसे ले लिया?

तब हया ने हंसते हुए कहा- लेकिन तूने मेरे पास आकर ठीक किया मेरी प्यारी कामुक कुतिया। अब ना तुझे कभी लंड की कमी रहेगी और ना कभी पैसे की!

यह कहते हुए उसने जास्मिन को बांहों में भींच लिया और एक और शॉक देते हुए कहा- मैंने सिर्फ तेरी चुदने की इच्छा ही पूरी नहीं करवाई है कमीनी, यह ले, उसने निकाल के जास्मिन को एक 500 के नोटों की गड्डी दी।

जास्मिन चौंक गई, बोली- यह क्या है?
हया ने कहा- यह तेरी चूत की पहली कमाई है. एक तरीके से कोठे की भाषा में कहें तो यह तेरी नथ उतराई है।

जास्मिन को समझ नहीं आ रहा था कि कैसे वह अपनी बेइंतहा खुशी का इजहार करे!

हया ने आगे बताया- दिलावर की बहुत इच्छा थी कि वह किसी सील पैक नई चूत की सील तोड़े! तो मैंने सोचा मोटा मुर्गा खुद हलाल होने मेरे पास चल कर आया है तो क्यों ना उससे एक मोटी रकम वसूली जाए। मुझे पता था कि वह हमेशा तुझ पर, तेरे बूब्स और चूतड़ों पर लार टपकाता था इसलिए मैंने उसको तेरी चूत का लालच दिया कि मैं तुझे अपनी ननद जास्मिन की सील पैक चूत दिलवा दूंगी।

आगे हया बोली- उसने पूछा कि क्या वह मान जाएगी? मैंने कहा कि तुम मेरे आशिक हो दिलावर, वह माने या ना माने मैं तुम्हें भरोसा दिलाती हूं कि उसकी चूत जरूर दिलवाऊंगी।

हया बताती रही- अब एक राज की बात सुन, मैं जानबूझ कर तुझे गर्म करने को ही तेज आवाजें निकालती थी।
जास्मिन शरारत से बोली- बहुत हरामी चीज़ हो यार भाभी!

हया ने हंसते हुए कहा- दिलावर ने फिर जब मुझ से तेरी चूत की कीमत पूछी कि कितने लगेंगे? इस पर मैंने कहा ‘यार रकम तो तगड़ी लगेगी, क्योंकि मेरी ननद तीखी लाल मिर्च है। वो आसानी से नहीं मानेगी।’ मुझे जास्मिन को शायद जबरदस्ती चुदवाना पड़ेगा और बाद में उसके गुस्से को ठंडा करने के लिए मोटी रकम भी उसको देना पड़ेगी। उसने मेरी बात काटते हुए कहा कि मैं मुंह मांगी रकम दूंगा पर चूत सील पैक निकलना चाहिए। इस पर मैंने तेरी बिन चुदी चूत की गारंटी दी और कहा मोटी रकम लूंगी पर जवानी की दहलीज पर खड़ी, तुम्हारी मनपसंद नई नई चूत, तुम्हारे लंड के नीचे होगी और तुम जितनी बार, जितनी देर और जैसे चाहो वैसे रगड़ना। यह सुनकर वह तुरंत मान गया, फिर अपने मंसूबे के मुताबिक जो कुछ हुआ वह तेरे सामने है। जास्मिन एक बार फिर, हाय मेरी प्यारी भाभी, कह के खुशी के मारे लिपट गई।

मेरे कामुक पाठको, कैसी लगी एक बगिया की कली के, जंगली फूल बनने वाली ये हॉट न्यू गांड सेक्स कहानी?
मुझे आपकी शालीनता भरी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतज़ार रहेगा।
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