अंजलि अरोड़ा की कपड़े फाड़ चुदाई

इन्स्टाग्राम फंतासी सेक्स स्टोरी में मैं अंजली अरोड़ा कंटेंट क्रिएटर की गांड मारने के सपने देखता था. तो मैंने अपनी कल्पना का मजा लेने के लिए यह फर्जी कहानी लिखी है.

दोस्तो, मेरा नाम मजनू (काल्पनिक) है.

इस कहानी में मैं आपको अपनी आपबीती सुनाऊंगा कि मैंने फेमस इंस्टाग्रामर अंजलि अरोड़ा की चूत और गांड कैसे मारी.

सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ.
मेरी हाइट 5 फीट 8 इंच है, लंड 7 इंच का है और बॉडी काफी अच्छी है क्योंकि मैं पिछले 3 साल से लगातार जिम कर रहा हूँ.

मुझे लड़कियों की गांड बहुत पसंद है.
जिस तरीके से वे मटक मटक कर चलती हैं ना, उन्हें देखकर मन करता है कि बस वहीं पटक कर चोद दूँ.
ऐसा नहीं कि गांड सिर्फ बड़ी हो, तो ही मस्त लगती है. उसका शेप और साइज़ भी बहुत मायने रखता है.

Instagram Fantasy Sex Story शुरू करता हूँ.

एक दिन की बात है, मैं इंस्टाग्राम पर रील देख रहा था.

अचानक मेरे सामने अंजलि अरोड़ा की रील आ गई.
उसमें वह लाल नाइट सूट में नाच रही थी.
नाच क्या रही थी, साली अपनी गांड दिखा रही थी.

मैंने उसे पहली बार देखा था और देखता ही रह गया.
करीब 5 फीट 7 इंच की हाइट, मस्त 36-28-38 का कातिल फिगर और उस पर डी शेप की उभरी हुई गांड.

नाचने पर जिस तरह से वह हिल रही थी, उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे दो विशाल पर्वत आपस में टकरा कर उस की चुस्त पैंट से निकलने को तड़प रहे हों.
मैंने उसी दिन ठान लिया था कि इसकी गांड तो जरूर मारूँगा.

बस फिर क्या था … उस दिन से मैं सोचने लगा कि कैसे इसकी गांड मारी जा सकती है.
मैंने हर जगह मैसेज करके देखा, लेकिन इस गांड महारानी ने कहीं कोई जवाब नहीं दिया.
मैं हिम्मत हार चुका था.

एक दिन की बात है, मैं अपनी बुलेट पर कहीं जा रहा था.
अचानक से मैंने देखा कि एक कार का एक्सीडेंट हो गया था.
चूंकि जगह सुनसान थी, तो मुझे लगा कि कहीं किसी को कुछ हुआ न हो.

मैं जल्दी से गाड़ी के पास पहुंचा तो देखा कि एक अमीर सी दिखने वाली लड़की, जो ड्राइविंग सीट पर थी, उसके सिर पर चोट लगी थी और वह बेहोश थी.

उसके चेहरे पर बाल बिखरे हुए थे.

मैंने बड़ी मुश्किल से उसे गाड़ी से बाहर निकाला और अपनी फर्स्ट-एड किट निकाल कर उसके चेहरे से खून साफ करने लगा.

जैसे ही उसके चेहरे का खून साफ हुआ, मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई.
वह मेरी गांड महारानी अंजलि अरोड़ा थी.

मैंने जल्दी से उसके चेहरे पर पानी की बूंदें डालीं तो वह थोड़ा-थोड़ा होश में आने लगी.

मेरा घर नजदीक था, तो मैंने सोचा उसे वहीं ले जाना सही रहेगा.

मैंने उसे अपनी बाइक पर पीछे बिठाया.
चूंकि वह होश में नहीं थी, मैंने अपनी शर्ट खोलकर उसे अपने से बांध लिया ताकि वह गिरे न.

जैसे ही वह मुझसे सटी, मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया.
उसकी मुलायम चूचियां ऐसी लग रही थीं जैसे मेरी पीठ में छेद कर देंगी.

मैंने बड़ी मुश्किल से खुद पर कंट्रोल किया और उसे अपने घर ले गया.

फोन करके पास के एक डॉक्टर को बुलाया.
उसने घर आकर उसे चेक किया, दवाई दी और चला गया.

वह अभी भी होश में नहीं आई थी.
मैं पास में बैठ गया और उसे देखने लगा.

उसके कपड़े खून की वजह से काफी गंदे हो गए थे, तो मैंने सोचा उसके कपड़े बदल दूँ.

मैंने उसका सिर पकड़ कर उसे उठाया और पहले उसका टॉप उतारा.

उसने अन्दर काले रंग की ब्रा पहन रखी थी. उसकी चूचियां इतनी बड़ी थीं कि आधी तो ब्रा से बाहर निकल रही थीं.
ये देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा.

मैंने किसी तरह खुद पर कंट्रोल किया और उसकी जींस की तरफ बढ़ा.

मैंने जींस का बटन खोला और नीचे खींचा लेकिन उसकी गांड बड़ी होने की वजह से वह खुली नहीं.

मैंने उसे कमर से उठाकर जींस एक झटके में खींची तो वह गांड से बाहर निकल आई.
अन्दर उसने काले रंग की पैंटी पहनी थी.

अब वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में लेटी थी और यह सीन देख कर मेरे पैंट में तंबू बन चुका था.

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
उसकी दोनों चूचियां फड़फड़ाते कबूतरों की तरह आज़ाद होकर बाहर आ गईं.

उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे वे मुझे बुला रही हों.
‘आओ और मसल दो हमें … पी लो हमारा सारा दूध!’

मैंने दोनों हाथों से उसकी चूचियां पकड़ीं और जोर से मसलीं.
फिर एक-एक करके चूसने लगा.
उसके बाद उसके अंडर-आर्म्स को चाटने लगा और चाटते-चाटते नीचे उसकी चूत तक पहुंच गया.

उसकी पैंटी से एक अलग, भीनी-भीनी खुशबू आ रही थी.

मैंने दांतों से उसकी पैंटी पकड़ कर नीचे खिसका दी.
उसकी चूत नंगी हो गई. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, ऐसा लग रहा था जैसे आज ही शेव की हो.

मैंने बिना सोचे मुँह लगाकर चाटना शुरू कर दिया. ऐसा लग रहा था जैसे कोई शहद चाट रहा हूँ.

तभी ऐसा लगा कि उसे होश आने लगा है.
मैं जल्दी से उससे अलग हुआ, उसे पैंटी और ब्रा पहनाई और अपना शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन कर बाहर आ गया.

सबसे पहले बाथरूम में जाकर मुठ मारी, तब जाकर थोड़ी सी शांति मिली.

शाम होते-होते अंजलि को होश आ गया.
होश आने के बाद वह काफी परेशान हो गई और चिल्लाने लगी- मैं कहां आ गई हूँ? ये सब क्या है … मेरे कपड़े किसने बदले … फलाना ढिमाका?

मैंने बड़ी मुश्किल से उसे सब समझाया और भरोसा दिलाया कि वह यहां सुरक्षित है.
तब जाकर वह शांत हुई.

जब मैंने बताया कि उसके कपड़े मैंने बदले, तो वह थोड़ा हिचकिचाई.
लेकिन अपने एक्सीडेंट के बारे में सोचकर कि मैंने उसकी जान बचाई, उसने कुछ नहीं कहा.

फिर मैं उसके लिए जूस, फल वगैरह लाया.
उसके लिए माफिक खाना बनाया, मतलब उसका काफी अच्छे तरीके से ध्यान रखने लगा.

वह मेरे इस व्यवहार से काफी खुश थी.
खाना खाते समय वह मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी- तुम करते क्या हो?
मैं- कुछ नहीं, नौकरी की तलाश है.

अंजलि- अच्छा, अकेले रहते हो?
मैं उसकी तरफ देखते हुए बोला- अभी अकेला नहीं हूँ, लेकिन हमेशा रहता हूँ.

अंजलि- मुझे जानते हो कि मैं कौन हूँ?
मैं मुस्कुराते हुए बोला- बहुत अच्छे से.

अंजलि- कौन हूँ मैं, बताओ?
मैं- अच्छे से बताऊं?

अंजलि- मतलब?
मैं- खाना खा लेते हैं, फिर तुम्हें एक बात बताऊंगा, लेकिन वादा करो कि बुरा नहीं मानोगी.

अंजलि ने कुछ सोचते हुए कहा- ठीक है यार, तुमने मेरी जान बचाई है. नहीं मानूँगी बुरा … प्रॉमिस.

खाना खाने के बाद वह पूछने लगी- क्या बताने वाले थे … बताओ?
मैं थोड़ा डर रहा था कि कहीं कुछ उल्टा-पुल्टा न हो जाए. फिर सोचा, जो होगा देखा जाएगा.

मैंने अंजलि को बताना शुरू किया कि कैसे मैंने उसकी वीडियो देखी और उसका फैन हो गया.
मैंने बस यह नहीं कहा कि मैं उसकी गांड का मुरीद हो गया.

मैंने उसे बताया कि मैंने तुमको हर जगह मैसेज भी किया, लेकिन तुमने कोई जवाब नहीं दिया.

इसके बाद उसने जो मुझसे कहा, उसे सुनकर मेरे होश उड़ गए और मेरी गांड भी फट गई.

अंजलि ने कहा- तुमने जो मैसेज किए थे, वह मैंने सारे पढ़े थे और तुम्हारी तरफ आकर्षित हो गई थी. तुम्हारा लंड मुझे बहुत पसंद आया था. मैसेज में भेजा था न तुमने … लेकिन इस वजह से कुछ जवाब नहीं दिया कि कहीं बदनामी न हो जाए … और आज जब तुम मेरी चूत और बूब्स चूस रहे थे, तभी मुझे होश आ गया था, लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था क्योंकि तुम मेरी चूत बहुत अच्छे से चाट रहे थे. इसलिए मैंने नहीं रोका!

ये सब सुनकर मेरी गांड फट गई. जबकि वह हंस रही थी.
मैं सिर झुकाकर बैठा था.

तभी वह बिस्तर से उठी, मेरे पास आई, मेरा सिर ऊपर की तरफ उठाया और मुस्कुराई.
फिर धीरे-धीरे वह अपने होंठ मेरे होंठों के पास लाने लगी.

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है.
वह धीरे-धीरे होंठ और पास लाती गई.
उसके होंठों की खुशबू से मैं मदहोश हो रहा था.

मैं बहुत कुछ करना चाहता था लेकिन उस समय कुछ कर नहीं पा रहा था.

उसने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए लेकिन मेरी तरफ से कोई रिस्पॉन्स न देखकर उसने मेरे होंठ काटे.

फिर भी मैंने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया.
इससे वह चिढ़ गई, थोड़ा पीछे हट गई.

फिर मेरे गाल पर एक तमाचा मारकर बोली- चूतिया है क्या? तेरा लौड़ा खड़ा नहीं हो रहा है? उस टाइम तो बड़ा जॉनी सिन्स बन रहा था, अब क्या हुआ?

उसकी इस रंडी वाली हरकत से अचानक पता नहीं क्या हुआ, मैंने उसकी तरफ देखा, उसने मेरी तरफ देखा.

वह बोली- प्लीज मुझे जोर जोर से चोदो!

मैं उसके नजदीक आया, उसे धक्का देकर दीवार के सहारे खड़ा किया और उसके दोनों बूब्स पकड़ कर किस करने लगा.
किस करते-करते कब उसकी टी-शर्ट और मेरी शर्ट खुल गई, पता ही नहीं चला.

अब वह सिर्फ ब्रा में थी.
मैंने पीछे से उसकी ब्रा पकड़ी और जोर से खींच कर फाड़ दी.

उसके दोनों चूचे बाहर आकर लटकने लगे.
मैंने दोनों को पकड़ लिया और एक-एक करके चूसना शुरू कर दिया.

अंजलि आंखें बंद करके सिसकारियां लेने लगी.
उसकी आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी.

फिर मैं धीरे-धीरे उसकी कमर के रास्ते से नीचे आया और उसे पीछे घुमा दिया.
उस शॉर्ट में उसकी गांड पूरी अच्छे से नहीं दिख रही थी.

वह मेरी शॉर्ट थी और उसकी गांड मेरे मुकाबले काफी बड़ी थी.

मैंने धीरे से शॉर्ट खोली और पैंटी के दोबारा दीदार किए.

फिर पैंटी के ऊपर से ही उसकी गांड की खुशबू सूंघने लगा.
धीरे से उसकी पैंटी उतारी और गांड के बीच में मुँह घुसाकर उसकी गांड चाटने लगा.

अंजलि मेरी इस हरकत से पूरी पागल हो चुकी थी.

उसने मुझे उठाया और बोली- मेरी चूत में जल्दी से अपना लंड डाल दो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी.

मैंने कहा- मेरे शहजादे को तो निकालो.

वह घुटनों के बल बैठ गई और मेरी पैंट खोलने लगी.
जैसे ही चड्डी खोली, मेरा लंड बाहर निकल कर उसकी ठुड्डी से जाकर लगा और हम दोनों हंसने लगे.

उसके बाद उसने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
जब उसने मेरा लंड चूसा तो मुझे ऐसा लगा, जैसे मैं जन्नत पहुंच गया हूँ.

फिर मैंने उसके बाल पीछे से पकड़ कर अपना पूरा 7 इंच का लंड उसके मुँह में घुसा दिया.
मेरा लंड उसके गले तक पहुंच गया था.

अगले 5 मिनट तक उसने मेरा लंड, अंडों सहित चूसा.
मुझे लगने लगा कि कहीं मेरा जूस न निकल जाए.

मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और किस करते हुए बिस्तर के पास ले गया.
उधर मैंने उसे बिस्तर पर फेंक दिया.

उसके बाद उसके ऊपर चढ़कर उसकी चूत चेक की, तो पता चला कि वह पूरी गीली हो चुकी थी.

मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और धीरे से घुसा दिया.
मेरा लंड बहुत आराम से अन्दर जा रहा था.

मैं उसके होंठ चूसते-चूसते पूरा लंड उसकी चूत में घुसा चुका था और धीरे-धीरे चोदने लगा.
अंजलि को बहुत मजा आ रहा था.

वह कसमसा कर बोली- आह जोर जोर से चोदो न राजा!

मैं घुटनों के बल बैठ गया, उसकी दोनों चूचियां पकड़ीं और तेज-तेज चोदने लगा.

इस तरह चोदते-चोदते करीब 10 मिनट हो गए थे.
इस दौरान वह दो बार झड़ चुकी थी.

मैंने थोड़ी देर पहले ही हिलाया था, तो मैं नहीं झड़ रहा था.

हम दोनों पसीने में गीले हो चुके थे.

फिर मैंने उससे कहा- घोड़ी बनो, अब डॉगी स्टाइल में चुदाई होगी.

वह जैसे ही घोड़ी बनी, उसकी उभरी गांड देखकर मैं पागल हो गया.
उसकी इसी गांड पर ही तो मैं पागल था.

मैंने दोनों हाथों से उसकी गांड पकड़ी और एक बार में पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.

मैं उसकी गांड पर थप्पड़ मारते हुए चोदने लगा.

करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं काफी थक रहा था.
मैंने अंजलि को ऊपर आने के लिए कहा.

वह तुरंत ऊपर आ गई और मेरे लंड पर बैठकर उछलने लगी.

उसकी दोनों चूचियां ऊपर-नीचे हो रही थीं, जिन्हें देखकर मेरे लौड़े का तनाव बढ़ता ही जा रहा था.

अचानक वह बहुत तेज ऊपर-नीचे होने लगी और निढाल होकर मेरे सीने पर गिर गई.

उसका रस निकल गया था लेकिन मेरा अभी बाकी था.

मैंने वैसे ही उसकी चूचियां मुँह में लेकर नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए.
वह कुछ भी नहीं कर पा रही थी.

अचानक मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है.
मैंने उसे बताया और पूछा- कहां निकालूं?

वह बोली- मेरे मुँह में निकाल दो.
मैं जल्दी से खड़ा हुआ और पीछे से उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह को चोदने लगा.

मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था.
उसकी आंखें ऊपर जा रही थीं.

अचानक मेरा बांध टूट गया और मेरा सारा वीर्य उसके मुँह में निकल गया.

अंजलि ने भी पूरी रंडी की तरह एक बूंद भी व्यर्थ नहीं जाने दी और सारा माल पी गई.

इस आधे घंटे की चुदाई में हम दोनों बहुत थक गए थे.
उसके बाद हम कब सो गए, पता ही नहीं चला.

मेरी सुबह नींद खुली तो देखा अंजलि मेरे सीने से नंगी लिपट कर सो रही थी.

उसके उठने के बाद फिर से चुदाई का दौर शुरू हुआ और मैंने उसकी गांड भी मारी.

वह सब कैसे हुआ, मैं अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.

ये सेक्स कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है.
इस इन्स्टाग्राम फंतासी सेक्स स्टोरी का वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है.

तो यह था मेरी काल्पनिक सेक्स कहानी का पहला भाग … अगला भाग आना आपके कमेंट्स पर निर्भर करेगा.

आपको ये इन्स्टाग्राम फंतासी सेक्स स्टोरी कैसी लगी जरूर बताएं.
आप लोगों के मैसेज/कमेंट का इंतज़ार रहेगा.
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