सम्भ्रान्त पत्नी से मैं बॉस की रखैल बन गई

Xxx फक बेब कहानी में मेरी सुंदरता के कारण मेरी शादी जल्दी हो गयी. मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते थे. एक दिन मैंने उन्हें उनकी भाभी के साथ सेक्स करते देख लिया.

दोस्तो, मैं रत्नदत्त.
मेरी पिछली कहानी थी:
दो गए तो तीन लंड मिले मुझे

यह नई कहानी मेरी एक पाठिका सोनम ने नाम बदलकर मुझे भेजी है ताकि मैं इस लिख कर प्रकाशित करवाने में उसकी मदद करूं.

मैंने कहानी को सम्पादित किया है और इसे थोड़ा ज्यादा सेक्सी बनाकर लिखा है.

आप सोनम की Xxx Fuck Babe Kahani उसी की जुबानी सुनें.

हैलो, मैं सोनम मिडिल क्लास से हूँ.
मेरी एक दो साल छोटी बहन है.

हमारा परिवार पुराने विचार वाला है.

उन्नीस साल की उम्र में मैंने कॉलेज में दाखिला लिया.

मैं गेहुंए रंगत की सुंदर लड़की हूँ.
उस समय मेरा फिगर 32बी-28-34 का था. मेरे लम्बे बाल मेरी सुंदरता को बढ़ाते हैं.

मैं अपने परिवार के साथ एक शादी में गयी थी.
उधर एक 22 साल की उम्र का स्मार्ट युवक मुझे काफी देर से निहार रहा था.

कुछ देर बाद एक विवाहित महिला ने मुझसे कहा- मुझे तुम्हारी माँ से मिलना है.
मैं उन्हें माँ के पास ले गयी.

महिला ने माँ से कहा कि मेरे देवर विनय को आप की लड़की पसन्द है!
उन्होंने स्मार्ट युवक को भी बुला लिया.
वह हमारी जाति के ही थे.

दोनों परिवार मिले, मुझे विनय से मिलने दिया

विनय का परिवार धनी था, उसके घर में उसके माँ पिताजी, बड़ा भाई भाभी थे. उनका बिजनेस था.
मेरी शादी बिना दहेज हो गयी, सभी खुश थे.

विनय की भाभी लतिका हंसमुख थीं, वे काफी मजाक करती थीं.
उनका बदन काफी भरा हुआ बदन था और वे काफी सुंदर महिला थीं.

शादी तय होते ही भाभी ने मुझे गर्भ निरोधक पिल देकर कहा- यह लेती रहना.

जिस दिन मेरी सुहागरात थी, उस दिन सुबह भाभी ने मुझसे पूछा- तुम्हें पता है कि सुहागरात में क्या होता है?
मैंने कहा- नहीं पता! मेरी माँ ने नहीं बताया. मेरी सहेलियों की भी अभी शादी नहीं हुई है इसलिए उन्हें भी कुछ पता नहीं है.

भाभी ने मुझे शारीरिक संबंध के बारे में बताया. योनि को चूत और लड़कों के लिंग को लंड कहते हैं.
इतना कह कर वे रुक गईं तो मैंने उनकी तरफ सवालिया नजरों से देखा.

वे आगे बोलीं- जब पति चूत में लंड डालता है, तो पहले दर्द होता है, थोड़ा खू/न निकलता है. तुम घबराना नहीं, बाद में आनन्द आता है.

फिर भाभी ने मुझे पार्लर ले जाकर मेरे शरीर के अनचाहे बाल निकलवा दिए.

रात को मैं सजकर पलंग पर बैठी.
मेरे पति विनय ने अन्दर आकर दरवाजा बंद किया.

मेरा घूंघट को उठाकर मेरे सौन्दर्य की तारीफ की, मुझे उपहार में गहना दिया.
हमने कुछ देर बातें की.

विनय- सोनम तुम अपने गहने उतार दो, सोने के समय चुभेंगे!
मैंने उतार दिए.

मुझे लिटाकर विनय मुझे चूमने लगे, मेरे चूचे दबाने लगे.
धीरे धीरे उन्होंने मेरे और अपने कपड़े उतार दिए.

मुझे शर्म आ रही थी.
विनय मेरे चूचे चूसने लगे, मुझे अच्छा लग रहा था और मेरी चूत गीली होने लगी थी.

विनय ने अपने लंड पर तेल लगाया और मुझे चित लिटाकर मेरी कमर के नीचे टर्किस टॉवल रखा.
वे मेरी चूत में लंड डालने लगे.

मुझे दर्द हो रहा था.
भाभी के कहे अनुसार मैंने शरीर ढीला छोड़ दिया.

विनय पूरा लंड डाल दिया और वे मेरे चूचे दबाने लगे.
मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो विनय आहिस्ता आहिस्ता मुझे चोदने लगे.

मुझे दर्द के साथ मजा आ रहा था.
कुछ देर बाद विनय ने मेरी चूत वीर्य से भर दी.

मुझे ऐसे सकून मिला, जैसे गर्मी के बाद बरसात हो गई हो.
टर्किश टॉवेल पर खून लगा था.

विनय ने बताया कि टर्किस टॉवल कमर के नीचे रखने और लंड पर तेल लगाने का सुझाव भी भाभी ने ही दिया था.

सुबह भाभी ने हम दोनों से पूछा- रात सब ठीक रहा?
हम दोनों ने शर्माकर सर हिलाकर हां कहा.

हम रोज रात सम्भोग का आनन्द लेते और सेक्स वीडियो देखकर तरह तरह के आसन आजमाते.

विनय ने मुझे लंड चूसने को कहा, मैंने लंड चूमा, चूसने की कोशिश की.
मुझे अच्छा नहीं लगा.

विनय ने जबरदस्ती नहीं की.
मैं बहुत खुश थी.

पारिवारिक मित्रों की पार्टी में मुझे नयी सहेलियां मिलीं, मैं उनकी किटी पार्टी में जाने लगी.
विनय शॉपिंग, पार्टी के लिए मुझे काफी रूपए देते.

ऐसे ही 6 महीने बीत गए.

बंगले में ग्राउंड फ्लोर में किचन, बैठक और सास ससुर का बेडरूम था.
फर्स्ट फ्लोर में मेरा और भाभी का बेडरूम था, एक गेस्ट रूम था.

विनय की भाभी से दोस्ताना संबंध था और उन दोनों में काफी हंसी मजाक चलता था.

एक दिन खबर आयी कि मेरे जेठ का एक्सीडेंट हो गया है और वे हॉस्पिटल में हैं.

हम सभी हॉस्पिटल गए.
जेठजी को कमर में चोट लगी थी, भाभी ने उनकी बहुत सेवा की.

लगभग 15 दिन बाद जेठजी हॉस्पिटल से घर आ गए.

वे वॉकर की सहायता से चल रहे थे.
उनकी कमर की हालत ठीक नहीं थी.
डॉक्टर ने बताया कि उन्हें ठीक होने में कई वर्ष लगेंगे.

एक महीने बाद जेठजी काम पर जाने लगे.
अब भाभी उदास रहती थीं.

विनय भाभी को खुश करने उनके साथ समय बिताते, उन्हें शॉपिंग पर ले जाते.

जेठजी के एक्सीडेंट 3 महीने बाद की यह घटना है.

उस शाम मुझे किटी पार्टी में जाना था, मैं रात 10 बजे लौटने वाली थी, यह बात मैं विनय को बताकर चली गयी.

किसी कारण किटी पार्टी कैंसल हो गयी तो मैं बीस मिनट में ही घर वापस आ गयी.
बाहर विनय की कार खड़ी थी.

विनय घर में दिखाई नहीं दिए.
मुझे गेस्टरूम से आवाज़ सुनाई दी, दरवाज़ा बंद था, खिड़की का पर्दा थोड़ा सरका हुआ था.

मैंने देखा भाभी और विनय नंगे बिस्तर पर एक दूसरे को चूम रहे थे.

कुछ ही देर बाद विनय भाभी को मिशनरी पोजीशन में चोदने में लगे थे.

भाभी की जांघें मांसल थीं.
उनके 36 बी के चूचे विनय के हर झटके के साथ मस्त हिल रहे थे.

मैं दुबली थी और मेरे चूचे 32 बी के थे.

थोड़ी देर बाद भाभी ने विनय को चित लिटा दिया और कमर उछालकर लंड की सवारी करने लगी.
उनके भरे हुए चूचे काफी तेज रफ्तार से उछल रहे थे, विनय उनके चूचे दबा रहे थे.

भाभी बीच बीच में रूककर विनय को अपने दोनों चूचे बारी बारी से पिला रही थीं.

भाभी का बदन मुझसे ज्यादा सेक्सी था और वे काम कला में माहिर थीं.

मुझे लगा कि विनय को सम्भोग में भाभी मुझसे ज्यादा मजा दे रही थीं.
तो मुझे जलन और असुरक्षा की भावना हुई.
मैं वहां से हट गयी.

जब विनय भाभी को चोद कर वापस हमारे बेडरूम में आए.
तो मैंने बिंदास कह दिया- मैंने आपको भाभी के साथ सम्भोग करते देखा है, मुझे तलाक चाहिए! जब जेठजी को मालूम होगा … तब हंगामा होगा!

विनय- सोनम समझने की कोशिश करो, भैया कमर की तकलीफ के कारण सेक्स नहीं कर सकते. भाभी जवान हैं, उनकी शारीरिक जरूरत मैं पूरी करता हूँ. घर की बात है. मैं तुम्हें कोई कमी नहीं होने देता. भैया ने भाभी को इस की अनुमति दी है. भैया भाभी को प्यार करते हैं, उनकी जरूरत समझते हैं.

मैं अपनी बात पर अड़ी रही.
सुबह मैं अपनी माँ से मिलने गयी.

माँ को सब बात और विनय ने क्या कहा बताकर कहा- मैं तलाक लूँगी.
माँ ने मुझे समझाया- तेरे तलाक लेने से तेरी छोटी बहन की शादी में अड़चन आएगी. घर की बात है, तुझे तो कोई कमी नहीं है. यदि तुमने तलाक लिया तो तेरे लिए इस घर के दरवाज़े बंद हैं.

मैं एक नारी एनजीओ के दफ्तर गयी.
वहां मुझे दो महिलाएं मिलीं.
उन्हें सब बात बताकर मैंने तलाक लेने में उनसे मदद मांगी.

एक महिला बोली- तुम जो आरोप पति पर लगा रही हो, उसका कोई प्रमाण है क्या? कोर्ट में सिद्ध नहीं कर पायी तो पति तुम पर मान हानि का केस कर देंगे. तुम आपसी सहमति से तलाक ले लो.
उन्होंने तलाक का नोटिस बना दिया.

‘तुम बारहवीं तक पढ़ी हो, कोई नौकरी दिला देंगे, पर तनखाह कम होगी और तुम विमेंस हॉस्टल में रहोगी!’

मैंने घर जाकर विनय को तलाक के पेपर में दस्तखत करने को कहा.
विनय- सोनम, मैं तुम्हें प्यार करता हूँ, एक बार सोच लो, नोटिस के बाद हमें एक साल अलग रहना पड़ेगा, उसके बाद तलाक होगा.

मैं अपनी बात पर अड़ी रही.

विनय ने दस्तखत करते हुए कहा- यदि तुम वापस आना चाहो तो आ सकती हो.

मैं विमेंस हॉस्टल चली गयी.
वहां का खाना बेकार था, एक कमरे में तीन लड़कियां रहती थीं.

मुझे ऐशो आराम की जिंदगी की आदत पड़ गयी थी इसलिए मुझे असुविधा हो रही थी.

एनजीओ की मदद से मुझे एक ऑफिस में डाटा एंट्री की नौकरी मिल गयी.
इंटरव्यू के समय बॉस मुझे प्यासी नज़र से देख रहे थे.

बॉस का नाम विशाल था और वे करीब 40 उम्र के थे.
तगड़ा शरीर कुछ सांवले रंग का था.

बॉस ने कहा- मुझे तुम्हारी कहानी पता है.
ऑफिस में बॉस ने कह दिया कि मैं उनकी दूर की रिश्तेदार हूँ, ऑफिस के लोग मेरा लिहाज करते.

बॉस मुझे काम सिखाने अपने केबिन बुलाते, मीठी बातें करते.
बॉस- सोनम तुम्हारा हॉस्टल बहुत दूर है, ऑफिस के पास मेरे दोस्त का फर्निश्ड फ्लैट ख़ाली है, तुम वहां रहने आ जाओ.

उन्होंने मुझे दस हज़ार रूपए देकर कहा कि बर्तन रसोई का सामान खरीद लेना.
मुझे समझ आ गया कि बॉस मेरे प्रति यौन आकर्षण रखते हैं.

मैंने सोचा कि मैं पति के बेवफाई का बदला बॉस से संबंध बनाकर लूंगी.
मैं फ्लैट में रहने लगी.

तीन दिन बाद मेरा जन्म दिन था.
बॉस ने बताया था कि वे शाम को आएंगे.

मैं तैयार होकर बैठी थी.
बॉस मेरे फ्लैट में केक, शराब की बोतल, चखना लेकर आए. मुझे गले लगाकर जन्म दिन की बधाई दी.

मैंने किटी पार्टी में शराब पी थी.

मैंने केक काटा, एक दूसरे को केक खिलाया.
मैं बॉस को सर कह रही थी.

बॉस- तुम घर में मुझे विशाल कहो.
दूसरे पैग के समय, विशाल ने मुझे अपनी गोद में बिठाया, मुझे अपने गिलास से शराब पिलाई.

वे मुझे चूमने लगे और मेरे चूचे दबाने लगे.
मैं भी लंड की प्यासी थी तो वासना से सिसकारी लेने लगी.

विशाल मुझे गोद में उठाकर बेडरूम ले गए.
हम दोनों आलिंगन में एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.

हम एक दूसरे के कपड़े उतारकर नंगे हो गए.
विशाल का लंड काला और तगड़ा था.

विशाल ने मुझे लंड चूसने को कहा, मैंने मना कर दिया.
मैंने उन्हें अपनी चूत भी चूसने नहीं दी.

मैंने पलंग पर लेटकर पाँव फैलाकर विशाल को उंगली के इशारे से बुलाया.
मेरी इस अदा पर विशाल को जोश आ गया, उन्होंने मेरी घमासान चुदाई की.

उनके मोटे लंड के प्रहारों से मेरी चूत बहुत फ़ैल गयी और मुझे भी एक अलग ही मजा आया.
विशाल काफी देर टिके, मेरे झड़ने के बाद ही झड़े, मेरी चूत वीर्य से भर दी.

मैं गर्भनिरोधक दवा ले रही थी.
ऑफिस ज्वाइन करने के सात दिन बाद ही मैं चुद गयी.

अगले चार दिन विशाल रोज आए.
मैंने उनके मूसल लंड की मस्त सवारी की, घोड़ी बनकर चुदाई के समय विशाल मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मारते, तब दर्द के साथ मजा आता.

पांचवे दिन विशाल किसी से कह रहे थे कि स्कूल की छुट्टी है. बीवी 10 दिन के लिए मायके जा रही है.

विशाल शाम को शराब और अपने कपड़े लेकर मेरे घर आए और उन्होंने कहा- मैं 10 रात यहीं रहूँगा.
अगले दिन ऑफिस की छुट्टी थी.

हम दोनों ने खूब शराब पी.
विशाल ने लंड चूसने का वीडियो दिखाकर कहा- लंड चूस!

मैं मना करने लगी.

विशाल ने मेरे बाल पकड़कर मेरे गाल पर चांटा मारकर कहा- साली बीवी के जैसे नखरे मत कर, तू मेरी रखैल है.
मेरी मज़बूरी थी क्योंकि फिलहाल विशाल मेरे एक मात्र सहारा थे.

मैं घुटनों पर खड़ी होकर लंड चूसने लगी.
विशाल मेरा सर पकड़कर मुँह चोदने लगे.

जब उनका हैवी लंड गले तक जाता मेरी साँस रुक जाती.

विशाल के लंड से वीर्य की पिचकारी निकली, तब मुझे उनका वीर्य भी पीना पड़ा.

उसके बाद एक पैग पिया और डिनर करने लगे.

उसके थोड़ी देर बाद विशाल फिर से कामुक हो गए.

विशाल- मैं अब तेरी गांड मारूंगा.
मैं- मैंने कभी पीछे से नहीं लिया है!

विशाल- आज तेरी कुवारी गांड की सील तोड़ूँगा.
मुझे पेट के बल लिटाकर मुझे गांड ढीली कर कूल्हे हाथ से फ़ैलाने को कहा.

मैंने कहावत सुनी थी कि जब चुदाई से बच नहीं सकते, तो उसका आनन्द लो. मैंने गांड ढीली की.

विशाल- पहले थोड़ा दर्द होगा, चीखना मत!
विशाल ने मेरी गांड के अन्दर तक उंगली से तेल लगाया और अपने लंड पर भी तेल लगाया.

फिर एक झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड में पेलकर मेरे ऊपर लेट गए और मेरे मुँह पर अपना हाथ रख कर उसे बंद कर दिया.
मुझे तेज दर्द हुआ, मेरे मुँह से घुटी चीख निकली.

थोड़ी देर में दर्द थोड़ा कम हुआ, मैंने शरीर ढीला छोड़ दिया.
विशाल मेरी गांड मारने लगे.

मुझे दर्द हो रहा था और मैं छटपटा रही थी, रो रही थी.

कुछ देर में विशाल गांड में झड़ गए.
मैं मुश्किल से चलकर बाथरूम से गांड धोकर आयी.
मेरी गांड दुःख रही थी.

मैं दर्द से कलपती हुई अपनी गांड दबा कर नंगी ही सो गयी.

सुबह विशाल के साथ ऑफिस गयी.
अगली रात विशाल ने फिर से मेरी गांड मारी.

आज दर्द कम हुआ, मजा ज्यादा आया.
विशाल को यहां रहते तीसरा दिन था.

अगली शाम को एक 40 – 42 उम्र का आदमी आया.
विशाल ने उसका परिचय दिया कि ये फ्लैट के मालिक अजय जी हैं.

विशाल ने मुझे अलग ले जाकर कहा- सोनम, अजय फ्लैट का भाड़ा नहीं लेगा यदि तुम उसे खुश करो.
मेरी तनखाह कम थी, भाड़ा नहीं दे सकती थी.

विशाल ने मिनी स्कर्ट और बिना बांह का टॉप मुझे दिया था.
मैं तैयार होकर आयी.

वे दोनों पी रहे थे, उन्होंने मुझे गोद में बिठाकर शराब पिलाई, मेरे चूचे दबाए, जांघ पर हाथ फेरा.

विशाल के कहने पर मैंने दोनों के लंड चूसे.
अजय मुझे नंगी कर बिस्तर पर लिटाकर चूत चोदने लगा.

कुछ देर बाद विशाल ने अजय को रोका.
विशाल ने चित लेटकर मुझे लंड की सवारी करने कहा.

मैं सवारी करती करती थक गयी तो थोड़ा रुकी.

मैंने देखा अजय अपने लंड पर तेल लगा रहा है.
अजय ने मेरी गांड में लंड पेल दिया. दोनों मेरे दोनों छेद चोदने लगे, मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था, पर एक साथ दोनों छेद चुदवाने में एक नया मजा आ रहा था.

उन दोनों ने कुछ ही देर बाद मेरी चूत गांड वीर्य से भर दी.

विशाल- मेरी फंतासी है कि खुले आसामान के नीचे चुत चोदूं!

विशाल ने मेरे नाम से पास के हिल स्टेशन में एक रिसॉर्ट में कॉटेज बुक किया, दोपहर हम तीनों वहां पहुंचे.

कॉटेज दूर दूर थे और काफी प्राइवेसी थी.

रात को हमने शराब पी. तीनों नंगे हो गए.
विशाल अजय मुझे चूमने लगे और मेरे चूचे दबाने लगे.

कॉटेज के सामने एक बेंच और झूला था, हल्की रोशनी थी.
विशाल झूले पर बैठे, मैं उनके लंड को अपनी चूत में डालकर विशाल की गोद में बैठ गयी.

हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूमने लगे, अजय झूला झुलाने लगा.
एक नया मजा आ रहा था.

फिर मैं अजय के लंड पर बैठी, विशाल ने झूला झुलाया.
हम दोनों झूले से उतरे.

मैं बेंच पर हाथ रखकर झुककर घोड़ी बन गयी, दोनों ने मेरी चूत और गांड को घमासान चोदा.

उस रात हमने एक और बार सम्भोग किया.
सुबह मैंने दोनों का लंड चूसकर वीर्य पिया, साथ नहाये.

हम वापस फ्लैट में आ गए.

विशाल दस दिन मेरे साथ रहे, हर रात अजय आ जाता, रात भर रुकता.

वे दोनों मेरी सुंदरता की तारीफ करते, मुझे प्यार से गर्म करते और मेरी चुदाई करते.

अजय खुश होकर रूपए भेंट में देता.
मैं अच्छा खाना बनाती.

दस दिन बाद विशाल और अजय की पत्नियां वापस आ गईं.
दोनों पत्नियां आपस में सहेलियां थीं.

वे दोनों अब रात भर नहीं रुकते थे.

रात को कभी विशाल, कभी अजय आ जाते.
वे घर जाने की जल्दी में होते, तो कभी अकेले में मेरी ले लेते या दोनों लोग मेरी चूत गांड एक साथ मारते.

कभी सिर्फ लंड चुसवा कर वीर्य पिलाकर चले जाते.
वे मुझे रूपए भी देते.

उनका मेरी सुंदरता की तारीफ करना कम हो गया था.

मुझे दो मर्दों का अटेंशन मिल रहा है, इससे मैं खुश थी.
मुझे पति से अलग हुए 45 दिन हो गए थे.

मेरा मासिक धर्म चल रहा था, पिछले महीने मासिक धर्म के समय विशाल ने सम्भोग नहीं किया था.
विशाल ने सम्भोग के लिए बोला

मैं- मेरा मासिक धर्म चल रहा है, चार दिन बाद सेक्स करेंगे!

विशाल- अरे तो आगे का छेद बंद है, मैं तेरी गांड मारूंगा.
मेरे मना करने पर विशाल को गुस्सा आ गया.

वे मुझे बेल्ट से पीटकर कहने लगे- साली रंडी है तू … तुझे मना करने की परमीशन नहीं है. चल बिस्तर पर पेट के बल लेट जा.

मैं मार सहन नहीं कर सकी, कमर तक नाइटी उठाकर लेट गयी.

विशाल ने मेरी गांड मारी.
मैं सुबक रही थी.

इतने में अजय आए, उसने भी मेरी गांड मारी, फिर वे दोनों चले गए.
उस समय शाम के 7 बजे थे.

मैं बहुत दुखी हो गयी और समझ गयी विशाल अजय के लिए मैं सिर्फ उपभोग की वस्तु हूँ.
मैं तैयार होकर एनजीओ के दफ्तर में गयी; उन्हें अपनी समस्या कही- मुझे दूसरी नौकरी दिलवा दीजिए.

उन्होंने कहा- तुम सिर्फ बारहवीं पास हो, एक बुजुर्ग बीमार महिला की देखभाल की नौकरी है. उधर तुम्हें 24 घंटे रहना पड़ेगा. उनको साफ़ करना, नहलाना होगा. तुमको नर्सिंग ब्यूरो का कॉन्ट्रैक्ट साइन करना होगा. यदि तुम वह काम छोड़ना चाहो, तो जब तक दूसरी आया नहीं मिल जाती, तुम जा नहीं सकती.

मैं निराश होकर पैदल फ्लैट वापस जा रही थी.
उस रास्ते में विनय का कपड़ों का शो रूम था.

मैं उसके सामने रुक गयी.
मुझे अपने पति विनय की याद आ रही थी. वह मेरा कितना ख्याल रखते थे. विनय ने मुझे देख लिया.

वे बाहर आए.

विनय- सोनम, तुमने अपना क्या हाल बना लिया है!
मैं रोने लगी.
वे मुझे कार में बिठाकर एक ढाबे में ले गए.

उधर एक केबिन में बैठकर उन्होंने डिनर का आर्डर दिया.

विनय- तुम क्या काम करती हो और क्यों रो रही थी … मुझे सब बताओ!
मुझे विनय का प्यार भरा व्यवहार अच्छा लगा.

मैंने सब सच बताने का निर्णय किया.

मैं- मैं नौकरी कर रही हूँ, ऑफिस के बॉस के दोस्त के फ्लैट में रहती हूँ. बॉस और उनके दोस्त के साथ मेरा शारीरिक संबन्ध हो गया है. मैंने सम्बन्ध यह सोचकर बनाया था कि जब तुम भाभी से संबंध बना सकते हो तो मैं क्यों नहीं, पर अब पछता रही हूँ. दोनों सिर्फ मेरा उपभोग करते हैं, प्यार नहीं. मैं वहां से निकलना चाहती हूँ.

विनय- तुम पागल हो. तुम यदि वापस आना चाहो तो आ सकती हो. घर वापस आने के बाद मैं तुम्हें जाँच करवाने डॉक्टर के पास ले जाऊंगा कि तुम्हें कोई यौन बीमारी तो नहीं हो गयी है. यदि हुई है तो तुम्हारा इलाज करवाऊंगा!
मैं राजी हो गयी.

दूसरे दिन मैंने काम से इस्तीफा दे दिया.
बॉस विशाल ने आपत्ति नहीं की.

मैं अपने पति विनय के घर आ गयी.

इसके आगे की कहानी अगले भाग में पढ़ें.

आपको यह Xxx फक बेब कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं.
मेल भेजते समय कहानी का नाम अवश्य लिखें.
मैंने अनेक कहानियां लिखी हैं, इसलिए यह आवश्यक है.
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Xxx फक बेब कहानी का अगला भाग:

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