दोस्त की बीवी को सुहागरात में चोदा

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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम विक्की है, मैं एक जिगोलो हूँ. यह कहानी मेरी पहली चुदाई की है. इस कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने जिगरी दोस्त की बीवी को उसकी शादी की रात को चोदा. मैं कोई लेखक नहीं हूँ इसलिए अगर कोई ग़लती हो जाए, तो माफ़ कर दीजिएगा. उम्मीद करता हूँ कि मेरी यह कहानी आपको पसन्द आएगी.

पहले मैं अपने बारे में बता दूँ, मैं पुणे महाराष्ट्र से हूँ. मेरी उम्र छब्बीस साल है. मेरी हाइट पांच फुट ग्यारह इंच है, रंग गोरा है और मैं दिखनें में काफ़ी स्मार्ट हू. मेरे लंड का साइज़ सवा छह इंच लंबा और दो इंच मोटे पाइप जितना है.

मेरी कहानी की नायिका का नाम पूनम है, ये बदला हुआ नाम है. वो दिखने में बड़ी मस्त है. गेहुंआ रंग साढ़े पांच फुट की हाइट और 32-26-34 का मादक फिगर है. उसकी पूरी बॉडी में मुझे हमेशा से उसके गोल-गोल चूतड़ बहुत पसंद हैं.

यह बात उन दिनों की है जब मेरा दोस्त पूनम को लेकर मेरे कमरे पर आता था. जाहिर है कि वो उसे चोदने के लिए लाता था. एक दिन की बात है, वे दोनों मेरे कमरे में थे और मैं पूनम की आहें सुन रहा था. लेकिन तभी मेरे दोस्त का फोन बजा और उसे अर्जेंट कहीं जाना था. पूनम उसपे गुस्सा हो गयी कि वो उसे ऐसे कैसे छोड़ कर जा सकता है. लेकिन मेरे दोस्त ने कहा कि वो जल्दी वापस आ जाएगा.

अब आप ही सोचिए कि जब लड़की को गर्म कर के छोड़ दिया जाए, तो क्या वो लंड के बिना रह सकती है?
खैर.. मेरा दोस्त उसे मेरे कमरे पर छोड़ कर चला गया. फिर मैंने अन्दर कमरे जा कर पूनम से कहा कि मुझे नहाना है.
तो पूनम उठ कर बाहर के कमरे में चली गयी और मैं नहाने अन्दर चला गया.

मुझे तो उसे चोदने का मन था, तो मैंने जानबूझ कर बाथरूम का डोर लॉक नहीं किया क्योंकि मैं जानता था कि उसकी चूत गीली है और जो भी करना है वो आज ही करना होगा.

मै जानता था कि पूनम तांकझांक ज़रूर करेगी. इसीलिए मैं पूनम को याद करके अपना लंड सहलाया, जिससे वो पूरी तरह खड़ा हो गया. अब बस उसे मेरे लंड का दीदार करवाना था. मैंने पूनम को आवाज़ लगाई और टॉवेल देने को कहा.
वो आई और उसने मुझे टॉवेल देने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो मैंने पूरा डोर ओपन कर दिया और जैसा कि मैंने सोचा था. पूनम की नज़र सीधे मेरे खड़े लंड पे गयी, जिसे वो देखती रही. फिर जब मैंने उसको छुआ, तब उसे होश आया.

उसने मुझे टॉवेल दिया और चली गयी फिर मैं भी उसके नाम की मुठ मार के बाहर आ गया और ऐसे बर्ताव किया मानो कुछ हुआ ही नहीं.

मैं देख रहा था कि मेरा लंड देखने के बाद उसकी क्या प्रतिक्रिया थी. मैंने देखा वो काफ़ी शर्मा रही थी. मैंने सोचा कि यही सही मौका है उसे चुदाई के लिए राज़ी करने का. लेकिन उतने में ही मेरा दोस्त आ गया. मुझे थोड़ा डर भी लगा कि कहीं पूनम उसे कुछ बता ना दे. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं और बात आई गयी हो गयी.

इसी तरह दिन बीतते रहे और पूनम और मेरा दोस्त मेरे कमरे में चुदाई करते रहे, लेकिन मैंने एक बात नोटिस की, पूनम अब पहले से ज़्यादा चिल्ला चिल्ला के चुदाई का मज़ा लेती थी. एक दो बार तो ऐसा तक हुआ कि उसने दोस्त के नीचे लेटे हुए ही मेरा नाम लेकर जोक करना शुरू कर दिया ताकि मेरी झांटें सुलगा सके. मेरा दोस्त भी हंस हंस कर उसे चोदता था और मुझे आवाज देकर मजाक करता था.

मैं समझता था कि पूनम मुझे बिस्तर पर बुलाना चाहती थी. शायद वो मेरे साथ थ्रीसम भी कर लेती, लेकिन उन्हीं दिनों मेरे दोस्त ने पूनम से शादी करने का फैसला कर लिया. उसके बाद पूनम के साथ कभी मौका नहीं मिला.

उसके कुछ समय बाद मेरे दोस्त ने मुझे अपनी शादी में बुलाया. शादी एक होटल से थी. वो पूनम से ही शादी कर रहा था. उन दोनों के लिए मैं काफ़ी खुश हुआ.

फिर मैं शादी के दिन वहां गया, दिन की ही शादी थी. मेरी नज़र सिर्फ़ दुल्हन को घूर थी ताकि उसको कम से कम मन ही मन चोद सकूं.
लेकिन कुछ देर बाद मुझे एक लड़की ने बुलाया और कहा कि दुल्हन को आपसे मिलना है.
मैं सोच में पड़ गया कि आख़िर उसे मुझसे क्या काम आ गया. खैर मैं उसके कमरे में गया, तो पूनम वहां शादी के जोड़े में बैठी थी. लड़की मुझे वहीं छोड़ कर बाहर चली गयी.

दोस्तो, यह दूसरी बार था कि मैं पूनम के साथ अकेला था. मैं जानता था कि कुछ होने वाला नहीं है. लेकिन जब पूनम ने कुछ कहने के लिए अपना मुँह खोला, तो जो मैंने सुना उस पर मुझे विश्वास ही नहीं हुआ.
पूनम मेरे करीब आई और धीरे से मेरे कान में कहा- आज की रात मेरी सुहागरात है इसी कमरे में … तुम आज रात को यहीं बगल के कमरे में रुकना. तुम्हारे लिए बुक किया हुआ है.
मैंने कहा- क्यों?
पूनम- सीधी सी बात है. तेरे पास तगड़ा लंड ज़रूर है, लेकिन जिगर नहीं कि मुझे पाने की पहल कर सके. इसलिए जब रात को राहुल कमरे में आएगा, तो मैं उसे नींद की गोली दे दूंगी, ताकि हम दोनों अपने दिल के अरमान पूरे कर सकें.

दोस्तो, सच कहूँ तो उसका खुला निमंत्रण से मेरे लंड महाशय सर उठा चुके थे, लेकिन थोड़ी नौटंकी तो बनती ही है ना.
मैंने कहा- लेकिन तुम तो उससे शादी कर रही हो और वो मेरा दोस्त है. मैं उसके ऐसा नहीं कर सकता.
पूनम- अगर ऐसा ही था तो मुझे अपना लंड क्यों दिखाया था? उसे देखने के बाद मैं जब भी राहुल से चुदवाती थी, तो तुम्हें सोच कर. और वैसा मज़ा मुझे कभी नहीं आया. इसलिए आज मैं तुमसे चुदना चाहती हूँ.

यह सब सुनके मुझे तो बहुत खुशी हुई कि चलो आख़िरकार ऊपरवाले ने मेरी सुन ली. फिर मैं रात होने का बेसब्री से इंतज़ार करने लगा. जैसे तैसे रात हुई. मैं दुल्हन के साथ वाले रूम में रुका हुआ था.

रात करीब दो बजे किसी ने मेरे कमरे पर दस्तक दी. जैसे ही मैंने दरवाजा खोला पूनम अपनी शादी के लिबास में खड़ी मुझे खा जाने वाली नज़रों से घूर रही थी. मैं कुछ कहता, उससे पहले ही वो मेरे ऊपर कूद पड़ी और पागलों की तरह मुझे चूमने लगी. मैंने भी फिर उससे बांहों में उठाया और बिस्तर पर पटक दिया.

मैंने सोचा था कि आज मैं पूनम की चुत फाड़ दूंगा, लेकिन हुआ बिल्कुल उसके उल्टा, मैंने जैसे ही पूनम को बिस्तर पर लिटाया उसने मेरी शर्ट फाड़ दी और पैन्ट उतारने लगी.
उसे मैंने कहा- इतनी जल्दी क्या है जानेमन अब तो सारी रात अपनी है.
पूनम- चुप साले हरामी, इतने दिन तेरे कमरे में अपनी चुत चुदवाती रही, फिर भी कभी हिम्मत नहीं हुई तेरी मुझे चोदने की और आज मुझे सिखा रहा है.
मैं चुप था.

फिर उसने कहा- चल आजा मेरे घोड़े … चढ़ जा मेरे ऊपर मेरी चुत पहले से ही काफ़ी गीली है. पेल दे अपना लंड मेरी फुद्दी में … कब से तेरे लंड के लिए तड़प रही थी.
मैंने भी उसकी बात मान ली और बिना देर किए उसकी चुत में अपना लंड घुसा दिया और उसने भी बड़ी आसानी से लंड निगल लिया.

दोस्तो, जब मैं चुदाई करता हूँ, तो मेरी एक आदत है कि मैं गाली देना पसंद करता हूँ.

खैर अब पूनम मेरे नीचे लेटी थी, उसकी टांगें हवा में थीं, उसका लहंगा उसकी कमर पर सरका आया था. पेंटी फर्श पर पड़ी थी. मैं पूरी ताक़त से उसे पेले जा रहा था.
पेलते हुए ही मैंने ऐसे ही उसे पूछ लिया कि साली रंडी एक बार में पूरा लौड़ा निगल गयी. ना जाने कितनों से चुद चुकी है कुतिया. फिर मेरे दोस्त से शादी की. बोल साली छिनाल कितने लंड गए है तेरी चुत में?
इस पर पूनम ने कहा- साले भैन्चोद … मेरी चुत तो चुदने के लिए ही बनी है. मैं जब उन्नीस की थी, तभी पहला लंड ले लिया था. वो भी अपने सगे मामा का लंड लिया था. एक के बाद एक ऐसे तीन मामाओं ने मुझे चोदा था. मैं खेतों में चुदाई करवाती थी. तब से लेकर आज तक तेरी यह पूनम रंडी बहुतों से चुदी है.

मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ, लेकिन पूनम सच कह रही थी. उसने बाद में मुझे अपने मोबाइल में करीब दस अलग अलग लंड की तस्वीरे दिखाईं, जो अब तक उसे चोद चुके थे.

खैर इसी तरह हम दोनों चुदाई करते रहे. मैंने उसे तीन बार चोदा, जिसमें से एक बार मैंने उसे अपने लंड का पानी पिलाया और दो बार उसकी चुत में भर दिया.

फिर सवेरे करीब पांच बजे मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई. मैं बुरी तरह घबरा गया कि कहीं हम पकड़े तो नहीं गए. उतने में पूनम ने नंगे बदन ही दरवाजा खोला, तो सामने पूनम की वही सहेली खड़ी थी, जिसने मुझे पूनम से मिलने बुलाया था.
वो सीधा अन्दर आ गयी और बोली- जल्दी से अपने कमरे में जा, निकलने की तैयारी करनी है.
फिर वो मेरे पास आई- क्या हुआ मेरे डरपोक राजा? डर गए थे क्या?
वो मुझे आंख मार के हंस दी.

मैंने भी राहत की साँस ली और कपड़े पहनने लगा. लेकिन पूनम ने मुझे रोक दिया. उसने कहा- ये टीना है, ये भी तुमसे चुदना चाहती है.
तब मैंने टीना को गौर से देखा वो तो पूनम से ज़्यादा कयामत थी.
लेकिन टीना ने मना कर दिया, वो बोली- अभी वक़्त नहीं है, मैं फिर कभी तुमसे मिलूंगी.

उसने मेरा नंबर लिया. लेकिन मैं उसे रोक लिया और कुछ पल बात करने को कहा. पूनम हंसती हुई चली गई.
उसने जाते हुए कहा- टीना, एक बार लंड देख ले, बड़ा मस्त है.
टीना भी रुक गई और उसने मेरा लंड मुँह में लेके काफ़ी देर तक चूसा और तभी छोड़ा, जब मैं उसके मुँह में झड़ गया. हालांकि उस वक्त उसे कोई जरूरी काम था इसलिए चुदाई न हो सकी.
उसकी चुदाई कहानी फिर कभी.

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