ओल्ड गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी में मेरी दोस्त लड़की थी, उसकी शादी के बाद उसे बच्चा नहीं हो रहा था. उसका पति उसे खुश नहीं रखता था. तो मैंने उसे कैसे चोद कर खुश किया?
दोस्तो, मेरा नाम वीरेंद्र (बदला हुआ नाम) है और मेरी एक दोस्त है बबली (बदला हुआ नाम) है.
हम दोनों की दोस्ती 2011 में हुई थी.
उन समय उसकी शादी हो चुकी थी और मैं अभी कुंवारा था.
पहले हम अक्सर सोशल मीडिया पर बात किया करते थे.
पर जब हम दोनों की दोस्ती बढ़ती गई तो हम दोनों ने अपने फोन नंबर एक्सचेंज कर लिए और फोन पर बात करने लगे.
मैं अपनी दोस्त के बारे में बताऊं तो उसका फिगर 34-30-36 है.
वह एक खूबसूरत हुस्न की मालकिन है.
उसकी शादी उसके घर वालों ने ऐसे आदमी के साथ कर दी थी जो ना तो फाइनेंशियली उसको खुश रखता था और ना फिजिकली.
यह Old Girlfriend Sex Kahani इसी मैरिड लड़की की है.
हम फोन पर बातें करने लगे और हमारी बातें बहुत देर देर तक होती थीं.
जब भी उसके पास टाइम होता था, वह मेरे से … और मैं उससे बात करने का बहाना ढूंढ लेता था.
मैं भी हमेशा ऐसा सोचता रहता था कि हम दोनों कब मिलें, पर वह शादीशुदा थी तो बेचारी चाहती भी थी कि हम मिलें, पर डरती भी थी.
धीरे धीरे हमारी फोन वाली बातें सेक्स में बदलती रहीं.
वह भी कभी कभी सेक्स के बारे में बातें कर लेती थी क्योंकि मैंने पहले ही बताया कि उसका पति उसको खुश नहीं रखता था.
उस टाइम तक उसका बच्चा भी नहीं हुआ था और शादी को भी पांच साल से ज्यादा हो चुके थे.
एक दिन वह कहने लगी- तुम अपने ईश्वर से मेरे लिए प्रार्थना करो कि मुझे एक ब/च्चा हो जाए.
मैंने पहले तो सोचा कि इसमें भगवान को क्या परेशान करना, मैं ही ब/च्चे के लिए काफी हूँ.
फिर मैंने सोचा कि सब कुछ भगवान के हाथ में ही होता है तो मैंने उसके लिए भगवान से प्रार्थना की कि उसके घर उसका एक ब.च्चा पैदा हो जाए. ताकि उसके घर वाले उसको ताने कम मारें कि ये बांझ है या ब/च्चा पैदा नहीं कर सकती.
जब की समस्या उसके पति के अन्दर थी.
वह जैसे ही अपना लंड उसकी चूत में डालता था तो 30-40 सेकंड्स में अपना रस टपका कर साइड हो जाता था.
उसका पति बहुत शराब भी पीता था, तो वह कहती कि और करो तो वह उसे मार देता था.
इसलिए अब मेरी फ्रेंड ने उससे कुछ भी कहना बंद कर दिया था.
फिर एक समय ऐसा आया कि भगवान ने उसकी सुन ली और उसके घर एक नन्हे से ब/च्चे ने जन्म ले लिया.
वह बहुत खुश थी और उसके साथ मैं भी बहुत खुश था कि उसकी और मेरी प्रार्थना को भगवान ने सुन ली.
उसके बाद हमारी बातें और गहरी होती गईं.
फिर जब भी उसको टाइम मिलता, जब भी वह मुझे फोन लगाती तो हम दोनों बहुत बातें करते.
धीरे धीरे समय बीतता गया और ऐसे ही दो साल और निकल गए.
पर भगवान ने हमें कभी मिलाया नहीं.
फिर एक समय आया कि ऊपर वाले ने दोबारा हमारी सुन ली.
हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया और बताई हुई जगह पर हम दोनों समय पर पहुंच गए.
जब हम दोनों ने एक दूसरे को देखा तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
धीरे से हम दोनो ने एक दूसरे को जफ्फी डाल ली क्योंकि वहां हम इस से ज्यादा कुछ नहीं कर सके थे तो इसी से ही काम चलाया.
फिर वहां से हम होटल के लिए निकल गए.
क्योंकि शाम हो चुकी थी और मैं भी 300 किलोमीटर दूर से आया था तो थक भी गया था.
थोड़ी देर हमने मेट्रो में सफर किया, फिर कुछ दूर रिक्शा पर गए और होटल पहुंच गए.
हम दोनों ने होटल में चेक-इन किया और अपना आधार कार्ड दिया.
होटल वालों ने हमें कमरा दे दिया.
जैसे ही हम कमरे के अन्दर गए तो हम दोनों ही नर्वस थे.
वह नर्वस भी थी और खुश भी … और यही हाल मेरा भी था.
पर उस समय ना तो उसने कुछ सोचा और ना मैंने.
क्योंकि आग उसकी चूत में भी मेरे लंड को खाने की बहुत लगी थी और मेरे लंड को भी बहुत खुजली हो रही थी, मेरा लंड उसकी चूत में गोता लगाने की जल्दी में था.
जैसे ही हमने कमरे का दरवाजा बंद किया हमने एक दूसरे को जोर से जफ्फी डाल ली.
वह मुझे जोर से हग कर रही थी और मैं उसको जोर से पकड़ रखा था.
धीरे धीरे हमारा ये हग चुम्बन में बदल गया.
उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ चिपका दिए और मैंने अपने!
हम दोनों एक दूसरे बेहद गर्मजोशी से चूमते रहे और ऐसे ही समय का पता नहीं चला.
गर्मी का मौसम था तो हमने डिसाइड किया कि पहले खाना मंगवा लेते है.
मैंने होटल वाले को बोल दिया और होटल वाले ने बोला के खाना आने तक आधा घंटा लग जाएगा.
हम दोनों खुश हो गए और जब तक खाना आता तब तक नहाने का प्लान करके हम कपड़े उतारने लगे.
मैंने उसके कपड़े उतारे और उसने मेरे कपड़े उतारे.
धीरे धीरे हम दोनों कपड़ों से अलग हो गए, जैसा कि कभी हमने सोचा भी नहीं था कि ऐसा कभी होगा!
फिर शॉवर चला कर हम दोनों एक साथ नहाने लगे.
नंगे बदन एक दूसरे से रगड़ खाने लगे.
हमारा चूमना फिर से शुरू हो गया.
उस टाइम वह भी गर्म हो चुकी थी और मैं भी गर्म हो चुका था.
उसकी आवाज आई- मेरी चूत में अभी अपना लंड अन्दर डाल दो.
यह कह कर उसने अपनी एक टांग को बाथरूम में टॉयलेट सीट पर रखा और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सैट कर दिया.
मैंने थोड़ा सा अन्दर डाला तो उसको थोड़ी सी तकलीफ हुई.
मैंने और अन्दर नहीं डाला क्योंकि उसने मुझे यही बोला था कि हम बिना कंडोम नहीं करेंगे.
उसने मेरे लंड को सहलाया और मैंने उसकी चूत की अच्छे से मालिश की.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया और नहा कर बाहर आ गए.
उसने टी-शर्ट पहनी और नीचे अपनी पैंटी पहनी.
उसने पैंटी के ऊपर से कुछ नहीं पहना और एसी फुल पर चला कर कंबल ढक कर बैठ गई.
तब तक हमारे होटल के वेटर ने हमें खाना लाकर दे दिया.
कमरे का दरवाजा बंद करके हमने कंबल को साइड पर किया और दोनों ने खाना खाया.
उसने ऊपर टी-शर्ट पहनी थी और नीचे पैंटी और मैंने भी टी-शर्ट और अंडरवीयर पहना था.
समय को न गँवाते हुए हम जल्दी जल्दी खाना खाया और प्लेट साइड में रख कर हमने फिर से चुदाई का खेल शुरू कर दिया.
अब ना तो उसकी चूत ज्यादा समय गंवाना चाहती थी और ना मेरा लंड.
मैंने कंडोम निकाल कर बाहर रख लिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसके मम्मे दबाने लगा और चूसने लगा, उसे चुम्बन करने लगा.
हम दोनों एक दूसरे की जीभ को एक दूसरे के मुँह में डाल कर मजा लेने लगे थे.
जैसे जैसे वह गर्म होती गई और उसकी चूत की आग भड़कने लगी हम दोनों को और मजा आने लगा.
फिर उसने कहा कि यदि तुम लंड चुत में नहीं डालना चाहते हो तो चलो 69 करते हैं.
मैं झट से राजी हो गया और 69 का आसन बना लिया.
अब वह मेरे लंड को अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा.
ऐसे करते करते उसने जल्दी से बाजू में रखा हुआ कंडोम का पैकेट फाड़ा और उसे बाहर निकाल कर जल्दी से उसको मेरे लौड़े पर चढ़ा दिया.
मैं समझ गया कि यह बहुत चालू आइटम निकली.
साली ने लंड चूसने के बहाने से लौड़े को कंडोम पहना दिया है.
मैंने कहा- क्या हुआ? लंड को और नहीं चूसना क्या?
वह बोली- अब रहा नहीं जाता प्लीज अब जल्दी से पेलो और आज फाड़ दो मेरी चूत को जो पिछले कई साल से सोच रही थी कि उसे तुम्हारे लौड़े से चुदना है.
मैंने ओके कह दिया और चुदाई की पोजीशन में आ गया.
मैंने चुत पर लंड सैट किया और जैसे ही एक हल्का सा झटका मारा तो लंड उसकी चुत से टपकते पानी से स्लिप कर गया.
ओल्ड गर्लफ्रेंड फक के लिए उतावली थी, उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत के छेद पर सैट करती हुई बोली- पेल दो अब!
फिर मैंने जैसे ही अपने लंड को अन्दर ठाँसने की कोशिश की तो मेरे लौड़े का सुपारा अन्दर चला गया.
अब सुपारा जैसे ही उसकी सालों से बंद पड़ी चुत को चीरता हुआ अन्दर घुसा तो उसको दर्द हुआ, वह कसमसाई.
मैं समझ गया कि इसकी चुत फट रही है तो मैं उसे देख कर रुक गया.
उसने मुझे देखा और बोली- तुम रुको मत जान … आज यह दर्द मुझे सहना ही है … आह आज मुझे इस दर्द को महसूस करना है.
उसकी यह बात सुन कर मैंने जोर से झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.
अब मैं रुक गया कि उसको कहीं ज्यादा दर्द न हुआ हो.
बाद में उसने मुझे बताया था कि उसके पति का लंड छोटा सा था और जल्दी ही झड़ भी जाता था.
मैंने उसकी आंखों में झाँका तो वह बेहद दर्द से तड़फ रही थी मगर बंदी बहुत हिम्मत वाली थी कि उसके मुँह से एक आवाज तक नहीं निकल रही थी.
उसको मेरे लंड से दर्द तो हुआ, पर धीरे धीरे उसका दर्द कम होता गया और अंततः वह अपनी गांड उठाने लगी.
मैं समझ गया कि अब उसे मजा आने लगा है.
उसी वक्त उसने भी कहा- अब चोदो मुझे. आज पूरी रात मेरी फुद्दी का फुद्दा बना दो … फाड़ दो मेरी चूत को.
मैं लगातार धक्के मारने लगा और थोड़ी ही देर बाद उसके झड़ने का टाइम आ गया.
वह बोली- आज जितनी बार चोदोगे, उतना कम है … आह मैं गई.
वह झड़ गई, पर मेरे झड़ने में अभी टाइम था तो मैं लगातार झटके मारने में लगा रहा.
उस बीच वह फिर से गर्म हो गई क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइम से लंड के लिए भूखी थी.
वह फिर से मेरा साथ देने लगी और कुछ ही देर बाद जब मेरे लंड से भी माल निकलने वाला था तो वह वापस अपने चरम पर आ गई थी.
मैंने हु हुं करते हुए उससे कहा- आह जान मेरा आने वाला है!
तो उसने भी अपने शरीर को अकड़ाते हुए कहा- आह तुम बस पेलते रहो … आह मुझे चोदते रहो मैं भी आने वाली हूँ.
चूंकि कंडोम लगा था तो कोई खतरा नहीं था.
मैं तेज तेज अपने लंड को अन्दर बाहर करता रहा.
ऐसे ही 10-12 झटकों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और निढाल हो कर लेट गए.
फिर जब हम दोनों अलग हुए तो उसने मेरे लंड पर से कंडोम को निकाला और साइड में रख दिया.
वह मुझसे चिपक कर लेट गई.
उसकी चूत को संतुष्टि मिल गई थी पर वह अभी मुझे और चुदाई की बात कह रही थी.
मैं भी कहां रुकने वाला था.
उसने बिस्तर की चादर से मेरे लंड को पौंछा और थोड़ी देर बाद फिर से मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाना शुरू कर दिया.
लंड में जान आने लगी तो उसने नीचे होकर मेरे लौड़े को अपने मुँह में डालना शुरू कर दिया.
मेरा लौड़ा भी फिर से तैयार हो गया और हम दोनों फिर से चुदाई करने में लग गए.
उसने लंड को कंडोम पहन दिया और वापस धकापेल चालू हो गई.
ऐसे ही हम दोनों ने उस रात में 4 बार चुदाई की.
फिर वह मुझे जफ्फी डाल कर सो गई.
सब सुबह मेरी नींद खुली तो मैंने देखा वह मेरे से पहले उठ गई थी और मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर हिला रही थी.
यह नजारा देख कर मेरे लंड ने फिर से उसकी चूत को सलामी दी और उसकी चूत के अन्दर जाने की तैयारी कर ली.
हम दोनों फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गए.
हम सुबह सुबह एक बार फिर से चुदाई की और नहाने चले गए.
नहाने के बाद कपड़े पहने और मैं अपने घर के लिए निकलने लगा और वह अपने घर के लिए.
मेट्रो स्टेशन तक हम पैदल आए ताकि हम दोनों ज्यादा ज्यादा समय साथ बिता सकें.
इस घटना को बीते एक साल से ज्यादा हो गया पर इसके बाद हम बहुत कोशिश कर रहे हैं कि मिलें, पर अभी मिल नहीं पा रहे हैं.
जैसे ही हमारी मुलाकात होगी, तो सेक्स कहानी को पुनः लिखूँगा.
तो दोस्तो, आपको मेरी ओल्ड गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं.
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