स्वैपिंग सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे जीजू ने मेरी दीदी को अपनी बहन और उसके पति के साथ वाइफ स्वैप के लिए मनाया. जीजू अपनी फुफेरी बहन को चोदना चाहता था.
हैलो फ्रेंड्स, मैं अंशित एक बार फिर से आपको अपनी बहन की चुत चुदाई की कहानी का अगला भाग सुनाने के लिए हाजिर हूँ.
Swapping Sex Kahani के पहले भाग
जीजू ने मेरी बहन को स्वैपिंग के लिए मनाया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी बहन मुझे सुलाने के लिए दूध में दवा मिला कर देने वाली थी. वो उसने अपने एक रात के ठोकू से कहा, तो मैं उस वक्त समझ नहीं पाया.
अब आगे स्वैपिंग सेक्स कहानी:
फिर थोड़ी देर बाद दीदी ने कहा- अंशित मुझे नींद आ रही है. चल तू ये दूध पी ले. मैं भी रसोई साफ करके सो जाऊंगी. तेरे मोनू जीजा यहीं बाहर वाले रूम में सो जाएंगे.
मैंने बोला- ठीक है.
वो गिलास में दूध डाल लायी और मुझे देकर चली गयी.
मैंने उसे पीछे से देखा तो कसम से आज उसकी चाल कुछ और ही थी. उसके एकदम मस्त चूतड़ हिल रहे थे.
भाई होने के बावजूद भी मेरा मन डोला हुआ था. अब आप कुछ समझ लो कि मेरी बहन कितनी हॉट होगी.
मेरे मन में एक बात आई कि पहले तो कोमल ने ऐसे कभी दूध नहीं दिया था.
वो बोलती थी कि जितना पीना है, पतीले से डाल कर पी लो लेकिन आज उसने गिलास में डालकर क्यों दिया है!
मैं समझ गया कि मेरे दूध में इसने नींद की गोली मिलाई है.
तभी ये बाहर की साइड गयी थी. दवा का कवर कचरे में फैंकने में गई होगी.
मैं गिलास लेकर उठा और पीछे की तरफ से जाकर सारा दूध वाशबेसिन में डाल दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने बोला कि मैंने दूध पी लिया और अब मैं सोने जा रहा हूं.
कोमल बोली- हां, मैं भी बस लॉक करके सो रही हूं.
दोस्तो, रात के 10.15 का टाइम हो गया था. मैं सोने के लिए ऊपर चला गया.
जैसा कि मैंने पहले ही बता दिया था कि मैं ऊपर सोता था और दीदी के रूम के पीछे से सीढ़ी चढ़ी हुई थी. वहीं दीदी के रूम की खिड़की भी थी.
मैं ऊपर जाकर फ़ोन चलाने लगा.
दस मिनट में किसी के मेरे रूम के सामने से किसी के आने की आवाज आई.
मैं फ़ोन बंद करके सोने का नाटक करने लगा.
कोमल मेरा नाम लेती हुई ऊपर आयी और मुझे आवाज देती हुई बोलने लगी.
मैं बोला ही नहीं. मैंने ऐसे एक्टिंग की जैसे मैं बहुत गहरी नींद में हूँ.
उसने मुझे उठाया और बोली- डोर तो लॉक कर ले.
मैंने कुनमुनाते हुए कहा- हां ठीक है, आप जाओ … अब मुझे बहुत तेज से नींद आ रही है.
वो बोली- हां मुझे भी.
दोस्तो, पिछले 15 दिन से मैं दीदी के घर में था. वो कभी दरवाजे के बारे में पूछने नहीं आती थी क्योंकि घर तो सारा बन्द रहता था तो फिर चोरी का क्या डर था.
लेकिन उसे तो कुछ और देखना था न कि उसकी नींद की गोली ने कितना काम किया है.
रात के 10.30 बजे वो मेरे रूम में आई थी और उसने अपना लहंगा अभी भी नहीं चेंज किया था.
मैं समझ गया कि आज वो ये लहंगा किसी और से ही उतरवाने के मूड में है.
वो नीचे चली गई.
उसके जाते ही मैं भी उठ गया और 10 मिनट बाद नीचे आ गया.
पर्दे के बीच की दरार से मैंने देखने का प्रयास किया मतलब दो पर्दो के बीच इतना गैप था कि मैं आराम से सब देख सकता था.
मैंने देखा दीदी ने खाना एक टेबल पर लगा रखा है और मेरा एक रात का जीजू सोफे पर बैठा है. सामने दारू की बोतल और गिलास भी रखा है.
कोमल पानी वगैरह लाकर उसके सामने बैठ गयी. दोनों के बीच की बातें भी मुझे साफ सुनाई दे रही थीं.
मोनू- कोमल, आप इस ड्रेस में बहुत सुंदर लग रही हो.
कोमल ने हंसकर थैंक्स कहा.
मोनू- तुम्हारा भाई कहां है … उसे वो पिल्स दे दी न?
कोमल- हां वो दोनों पिल्स दे दीं.
मोनू- ओह यार, एक देनी थी, अब वो काल 12 बजे तक नहीं उठने वाला.
कोमल- वो दवा सेफ तो है ना!
मोनू- हां यार एकदम सेफ है.
अब मोनू ने सामने दारू की बोतल उठाई और पैग बनाया.
उसने कोमल से बोला- इसे थोड़ा मीठा कर दो जान.
लेकिन कोमल बोली- नहीं मोनू, मैं पीती नहीं हूँ.
वो बोला- पीती नहीं, पिला तो सकती हो.
कोमल ने हल्की सी स्माइल दी.
मोनू- पास तो आओ, इतनी दूर क्यों बैठी हो.
कोमल उसके पास आ गई और उसने दारू का गिलास कोमल को दे दिया.
मोनू ने मेरी बहन का हाथ पकड़कर उसे अपनी गोद में बैठा लिया.
ये सब मैं देख रहा था.
मेरी बहन उसकी गोद में बैठ कर उसे दारू पिलाने लगी.
उसने 3 पैग लिए और खाना खाया.
फिर कोमल ने टेबल को साफ कर दिया. वो बिस्तर पर आ गयी.
मोनू सोफे पर ही बैठा था.
कोमल- लाइट बन्द कर दूँ?
मोनू ने मना कर दिया, वो बोला- कोमल मेरे पास आओ.
वो बोली- हां बोलो.
उसने कोमल का हाथ पकड़कर खींच लिया और कोमल को अपनी गोद में बैठा लिया.
कोमल थोड़ा शर्मा रही थी.
दोस्तो सही बताऊं तो कोमल एकदम सेक्स परी लग रही थी.
उसके कसे हुए मम्मे कहर ढा रहे थे. उसके होंठों पर लगी पिंक रंग की लिपस्टिक उसकी खूबसूरती में 4 चांद लगा रही थी.
थोड़ी देर बात करने के बाद बाद मोनू ने उसके होंठों पर चुम्बन करना शुरू कर दिया.
मेरी दीदी बस मानो अपने आप को उसे सौंप चुकी थी लेकिन अपनी रूचि नहीं दिखा रही थी.
मोनू तो बस लगा पड़ा था; वो कभी उसके होंठों को चूसता, तो कभी गालों पर काटता.
थोड़ी देर बाद वो बोला- क्या हुआ कोमल, आपको मेरा टच अच्छा नहीं लगा क्या?
कोमल- नहीं ऐसी कोई बात नहीं.
मोनू- देखो कोमल, मैं आपको पसंद करता हूँ और फिर ये सब मेरी पत्नी भी तो आपके पति के साथ कर ही रही होगी न. जिंदगी में आये हैं, तो कम से कम खुल कर जी तो लो. हम किसी का नुकसान नहीं कर रहे हैं.
कोमल बिना कुछ बोले बस गर्दन झुकाए सुनती रही.
वो बोला- क्या हुआ खुश नहीं हो क्या?
कोमल- नहीं ऐसी कोई बात नहीं, बस मेरा पहली बार है, सो थोड़ा नर्वस हूँ.
मोनू- यार, मुझे दूसरा मत समझो, ये समझो कि मैं आपका पति हूँ और आज हमारी सुहागरात है … ओके … ओके ना?
कोमल ने बिना कुछ बोले गर्दन हिलाते हुए अपनी सहमति दे दी.
कोमल को मोनू ने बांहों में ले लिया.
उसने कोमल के बालों से क्लिप निकाल कर फैंक दी.
अब मेरी दीदी खुले बालों में और भी मस्त लग रही थी.
मोनू ने कोमल को पूरे चेहरे पर किस किया और अपनी जीभ से उसका मुँह चाटने लगा.
कोमल ने भी उसे बांहों में भर लिया. दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और अपनी जीभ एक दूसरे के मुँह में देने लगे.
मोनू का हाथ कोमल के बालों से खेलने लगा. मोनू कोमल के बदन पर हाथ फिराने लगा, कपड़ों के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबाने लगा.
ये सब करीब 15 मिनट चला. ये सब देखकर मेरा लंड पूरा तन गया.
मैंने खुला लोअर डाला था तो मैं अपना लंड सहलाने लगा.
मोनू मेरी बहन को पागलों की तरह चूमने लगा. बहन की रासलीला देखकर मुझे बहुत मजा आ रहा था.
तभी मोनू ने मेरी बहन के ब्लाउज के ऊपर की डोरी खोल दी.
दीदी का ब्लाउज उतर गया.
मेरी बहन ने काले रंग की ब्रा पहनी थी. इस रंग की ब्रा में उसका गोरा बदन बहुत मस्त चमक रहा था.
दोस्तो, दीदी का बदन बहुत गोरा था. मोनू उसके कमर पेट पर हाथ मसलने लगा.
दोनों अब मूड में आ गए थे. मोनू ने ब्रा के हुक खोल दिए.
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वाह … क्या नजारा था … मोनू मेरी बहन कोमल की चूचियां दबा रहा था.
जैसे ही जोर से वो मेरी बहन के मम्मों को अपने दोनों हाथ से दबाता, कोमल सिहर उठती.
वो दोनों मम्मों को बारी बारी से पीने लगा. बहुत देर तक यही सब चलता रहा.
मोनू ने अपनी टी-शर्ट उतार दी. दोनों एक दूसरे से चिपक गए.
अब मोनू सोफे पर बैठ गया था और मेरी बहन उसकी तरफ मुँह करके उसकी गोद में बैठी थी. कोमल की टांगें मोनू के कमर के पीछे थीं. मतलब ये बैठा हुआ मिशनरी पोज़ था.
कोमल के मम्मों की साइज बहुत मस्त थी और मोनू उन्हें लगभग नौच रहा था.
अब तो वो बहुत जोर से मेरी बहन के दूध दबाने लगा.
जब वो किसी आटे की लोई के जैसे मेरी दीदी के दूध मसलता तो मेरी बहन कोमल दर्द से ऊपर की तरफ उठ जाती.
अब इस सब में मेरा हाल बहुत बुरा था … लंड एकदम से अकड़ गया था और मैं अपना लंड सहला ही रहा था कि तभी मेरा पानी निकल गया.
लेकिन में अपनी बहन की लाइव चुदाई देखता रहा क्योंकि मुझे पता था कि ये मौके रोज रोज नहीं मिलते.
ऐसे ही करीब 45 मिनट गुजर गए. मोनू ने कोमल को खड़ा कर दिया और उसके लहंगे को खोल दिया.
लहंगा माफ़ी मांगता हुआ नीचे गिर गया.
कोमल ने पिंक रंग की पैंटी डाली थी.
मोनू ने अपनी पैंट भी उतार फैंकी और वो दोनों ब्लू फिल्म के स्टार्स के जैसे खड़े हो गए.
मेरी बहन सिर्फ पैंटी और उसका एक रात का पति सिर्फ कच्छे में था.
मैंने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा दिन देखना मुझे कभी नसीब होगा.
मोनू के हाथ मेरी दीदी कोमल के पूरे बदन से खेलने लगे थे. सही में दोनों इन पलों का पूरा लुत्फ़ उठा रहे थे.
कोमल गीली हो चुकी थी जो उसकी पैंटी में साफ दिख रहा था.
मेरी बहन ने मोनू के कच्छे के ऊपर से उसके लंड को पकड़ा तो मोनू ने अपना अंडरवियर उतार दिया.
मैं तो उसका लंड देख कर चौंक गया.
मेरे हिसाब से 7-8 इंच का होगा.
वो दोनों अब खड़े थे. दीदी का मुँह मोनू की हाइट के हिसाब से उसकी गर्दन पर लग रहा था.
दोनों ने जबदस्त किस चालू थी.
मेरी दीदी की टांगें बहुत सुंदर थी, एकदम लंबी लंबी और सुडौल.
मोनू का लंड कोमल की जांघों में फंसा था.
तभी कोमल बोली- बस बाबू, अब मुझसे खड़ा नहीं रहा जा रहा.
मोनू ने नीचे की तरफ इशारा किया, लेकिन कोमल ने लंड चूसने से साफ मना कर दिया.
मोनू बोला- ओके टच.
कोमल ने मोनू का लंड अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी.
फिर मोनू बोला- चलें बेड पर?
कोमल बोली- लाइट ऑफ कर दूँ.
लेकिन वो बोला- अरे यार कौन है हम दोनों के सिवाए घर में … प्लीज रहने दो न.
मोनू ने कोमल को गोद में उठा लिया.
ये बड़ा मस्त नजारा था.
उस गैर मर्द ने मेरी दीदी को बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
दोनों किस करते करते बहुत कामुक हो गए.
मोनू ने कोमल के हर अंग को चूसा और पीठ पर और गर्दन पर चूचियों पर बाईट भी किया जिससे कोमल ने दर्द भी फील किया.
मोनू अब कोमल की टांगों के बीच में लेटकर उसकी चूत चूसने लगा.
इससे कोमल का बुरा हाल हो गया था. वो अपना सर पटक रही थी और चादर को दोनों हाथों से नौच रही थी.
कमरे में ‘आह आह ओह …’ की मादक आवाजें आ रही थीं, जिन्हें मैं आराम से सुन सकता था.
कोई 5 मिनट की चूत चुसाई के बाद वो उठा और कोमल से बोला- जान, अब आप डॉगी पोजीशन में आ जाओ.
मुझे याद आया कि मेरी बहन जो कभी नाक पर मक्खी नहीं बैठने देती थी, आज पराये मर्द के आगे झुकी हुई थी. उसकी चूचियां लटक रही थीं जो हिलती हुई बहुत मस्त लग रही थीं.
दोस्तो मोनू ने जैसे लंड पेला, कोमल आगे जा गिरी.
वो बोली- मोनू नहीं, दर्द हो रहा है. आपका मेरे पति से काफी बड़ा है और मोटा है.
मोनू बोला- जान थोड़ी देर की बात है बस!
इसी बीच मैं अपने पजामे में फिर से निकल चुका था.
फिर मोनू ने लंड सैट करके धक्का दिया लेकिन दर्द से मेरी बहन फिर से आगे हो गई.
मेरे एक रात वाले इस जीजा का लंड फिर से बहन की चुत से बाहर हो गया.
मैंने इधर एक बात नोट की. जैसे ही मोनू का लंड चुत से बाहर निकला, मैंने देखा उसके लंड से वीर्य की बूंदें टपक रही थीं.
ये दृश्य आज से पहले मैंने सिर्फ एक बार देखा था, जब हमारी भैंस को भैंसा चोद रहा था. भैंस आगे होती, तो झोटे के लंड से ऐसी ही बूंदें टपकने लगतीं.
वही बात मुझे याद आ गयी कि मोनू झोटे की तरह दमदार है, आज ये कोमल का बुरा हाल करेगा.
फिर मोनू ने उसकी कमर पकड़ ली और जोर से धक्का दे मारा.
कोमल दर्द से कराहने लगी; इस बार वो खुद को छुड़ा न पाई.
थोड़ी देर बाद मोनू ने उसे अपने नीचे ले लिया और मेरी दीदी की टांगें कंधे पर रखकर चोदने लगा.
ये सब रात को 3 बजे तक चला.
इस बीच उसने कोमल को हर स्टाइल में चोदा. कभी बेड पर हाथ रखवा कर पीछे से पेलता, तो कभी गोद में उठा कर चोदता.
मेरा तो पानी निकल निकल कर बुरा हाल हो गया था.
फिर जब वो कोमल को बहुत तेजी से चोदने लगा, तो कोमल समझ गई कि अब ये झड़ने वाला है.
वो मोनू से बोली- अन्दर मत गिराना प्लीज.
मोनू ने सीधी धार मारी जो कोमल की चूचियों और मुँह पर जा लगी. मोनू के वीर्य की मात्रा बहुत ज्यादा थी जिससे कोमल के बाल मुँह छाती सब जगह वीर्य से सन गया था.
वो हांफ रहा था और हांफता हुआ ही मेरी दीदी के बाजू में लेट गया.
कोमल ने कपड़े से अपने को और मोनू को साफ किया और मोनू की बांहों में लेट गयी.
वो मीनू को किस करने लगी.
मोनू बोला- आपका हुआ?
कोमल बोली- यार, मैं तो तीन बार खाली हो चुकी हूं. जबकि आप केवल एक बार.
मोनू- तुमने अन्दर क्यों नहीं लिया?
कोमल- आपके इस गाढ़े माल जैसे वीर्य से मुझे प्रेग्नेंट नहीं होना यार!
ये बोलकर दोनों हंस पड़े.
तभी मेरे जीजा का फ़ोन आया.
मोनू ने कहा- ये तो जयदीप का फ़ोन है!
वो बोली- मोनू स्पीकर ऑन करके बात करो.
मोनू- हैलो क्या हुआ जयदीप भाई!
जयदीप- सो गया क्या? यार तेरी पूनम तो बड़ी हॉट है. सही में मस्त माल है फुल मस्त कर दिया मुझे … और सुना कोमल कहां है?
तभी कोमल ने उंगली का इशारा मोनू की तरफ किया.
मोनू समझ गया.
मोनू- नहीं यार, हमारे बीच इस प्रकार का कुछ नहीं हुआ. कोमल नहीं मानी बस उसने एक दो बार किस किया और अलग रूम में जाकर सो गई.
जयदीप- चल तू देख ले भाई, जैसे भी हो … अब तेरी मर्जी. रखता हूँ बाय.
फ़ोन काटते ही मोनू और मेरी दीदी जोर से हंसे.
फिर दीदी बोली- यार, मुझे बॉडी पर थोड़ी जलन सी हो रही है, आपने बड़े गहरे बाइट्स लिए.
मोनू ने कहा- ये तो प्यार का मजा है … असली निशानी प्यार की.
फिर लाइट बंद करके दोनों नंगे ही लिपट कर सो गए.
मैं भी बहन की चुदाई सोचता हुआ सो गया.
सुबह मेरी आंख 10.30 पर खुली तो मैं नीचे आया.
मैंने देखा कि बाहर वाले रूम में मोनू जीजू सो रहा था.
कोमल नहा चुकी थी उसने लोअर और एक खुली सी ड्रेस पहनी थी. उसका टॉप पीछे से बड़ा खुला था और गहरे गले वाला था. उसके मम्मे साफ़ दिख रहे थे.
कोमल मुझे देख कर बोली- उठ गया भाई.
मैंने कहा- हां.
वो सोच रही थी कि इसे उन पिल्स का नशा हुआ होगा तो देर तक सोया लेकिन मैं मन में सोचकर बोल रहा था कि दीदी मुझे आपकी लाइव चुदाई देखने का नशा चढ़ा था, जिस वजह से देर से उठा.
फिर मैंने दीदी की बैक में मोनू के काटने के निशान को देखा, जो हल्का सा लाल सा दिख रहा था.
मैंने कहा- दीदी ये आपके पीछे लाल लाल क्या हुआ, अरे ये तो आपकी गर्दन के नीचे भी हुआ है.
दीदी हंस कर बोली- अरे कुछ नहीं ये तो प्यार की निशानी है.
मैं बोला- मतलब?
वो बोली- अरे भाई मच्छर कितने ज्यादा हो गए हैं … सारी रात काटते हैं, ये उन्हीं के काटे के निशान हैं.
ये कह कर वो दूसरी तरफ मुँह करके हंसती रही.
दोस्तो ये मेरी बहन की स्वैपिंग सेक्स कहानी थी, यदि आपको पसंद आई हो तो मुझे जरूर बताना … और कोई गलती हो तो माफ करना.