कमसिन साली को सैट करके चुदाई की कोशिश

जीजा साली सेक्स की कहानी मेरी 19 साल की साली के साथ की है. मैं उसकी जवानी को भोगना चाहता था तो मैंने उससे नजदीकियां बनानी शुरू की लेकिन …

दोस्तो, मैं इस साइट का बहुत पुराना पाठक हूँ और यहां प्रकाशित हुई लगभग सभी सेक्स कहानियां मैंने पढ़ी हैं.

आज मैंने सोचा मैं भी अपनी जीजा साली सेक्स की कहानी लिखूं.

कामुकताज डॉट कॉम पर यह मेरी पहली गंदी कहानी है. अगर मुझसे कोई गलती हो जाए तो माफ करना दोस्तो और मेल करके जरूर बताना.

मेरा नाम प्रेम है. मेरा शरीर औसत है और लंड भी ऐसा है कि किसी को भी संतुष्ट कर सकता हूँ.

मैं फरीदाबाद हरियाणा का रहने वाला हूँ और यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी साली की है. मेरी साली का नाम रीता (बदला हुआ) है

सात साल पहले मेरी शादी हुई थी और हमारी सेक्स लाइफ एकदम मस्त चल रही है.

मेरी शादी के समय मेरी साली 19 साल की थी. मैंने उसे शादी तय होने वाले दिन ही देखा था.

जैसे ही उसकी मचलती जवानी मेरी कामुक आंखों में पड़ी तो मैं रीता को देखता ही रह गया.

रीता एक बला की खूबसूरत लौंडिया थी. उसका फिगर 32-28-34 का था. मगर अब मैंने उसकी चूचियां दबा-दबा कर 36 इंच की कर दी हैं.

शादी से पहले भी और बाद में भी हम फोन पर घंटों बातें करते थे और हंसी मजाक करने लगे थे.

रीता जॉब करती थी और आने जाने के लिए उसने एक ऑटो लगाया हुआ था.
अक्सर जब ऑटो नहीं आता था, तो वो मुझे घर छोड़ने के लिए बुलाने लगी थी.

रास्ते में मैं उसे कुछ खिला देता था या हम दोनों थोड़ी देर पार्क में बैठ कर हंस मजाक करने लगते थे.

हमारे बीच शुरूआती दौर में ऐसा कुछ नहीं था.
लेकिन कहते हैं ना किस्मत में चूत लिखी हो, तो मिल ही जाती है.

शादी होने के बाद मैं उसे अक्सर शनिवार को अपने घर ले आता था और रात को वो हमारे साथ ही सो जाती थी.
दूसरे दिन संडे होता था तो उसे भी जाने की फ़िक्र नहीं होती थी.

एक बार मेरे घर में कोई प्रोग्राम था और मेरे घर में काम भी चल रहा था तो मैं रीता को दो दिन पहले ही घर ले आया था.

प्रोग्राम वाले दिन और भी मेहमान आ गए थे.

रात को सभी को एक ही कमरे में सोना पड़ा था.

मैं फर्श पर कोने में सोने लगा.
रीता को कहीं जगह नहीं मिली तो वो मेरे पास ही आकर लेट गई.

मैं उसे अपने बाजू में देखकर खुश हो गया.

थोड़ी देर बाद सब लोग सो गए थे, शायद रीता भी सो गई थी.

मैंने उसके चेहरे पर हाथ रख दिया. वो कुछ नहीं बोली.
फिर मैंने उसे अपनी तरफ खींचा, तो भी बड़े प्यार से सरक आई.

पता नहीं जागी हुई थी या सोई हुई.

फिर मैंने उसके होंठों को पीना शुरू कर दिया और मुझे वो मजा आया, जो आज तक किसी के साथ नहीं आया.

थोड़ी देर बाद वो मुझे हटाने लगी और कान में बोली- ये आप क्या कर रहे हो जीजू?
मैंने कहा- प्यार.

रीता- ये गलत है.
मैं- साली आधी घरवाली होती है और मैं अपनी आधी घरवाली को प्यार कर रहा हूँ.

रीता- प्लीज मत करो, कोई जाग जाएगा.
मैं- अंधेरा है यार … किसी को कुछ नहीं दिखेगा.

वो चुप हो गई.

मैं उसे फिर से किस करने लगा.

वो थोड़ी देर तक तो मेरा साथ देती रही लेकिन थोड़ी देर बाद विरोध करने लगी.

इस बीच मैंने बहुत बार उसकी चूची और चूत को छूने का प्रयास किया, लेकिन उसने ऐसा एक बार भी नहीं होने दिया.
बस थोड़ी देर किस करने देती और फिर हटा देती.

मैंने बहुत बार अपने प्यार का इजहार किया और इस तरह 4 बज गए.

फिर वो बोली- जीजू अब दिन निकल आया है यार … अब तो सोने दो. मेरे सर में दर्द होने लगा है.

मैंने भी उसे छोड़ दिया और मैं भी सो गया.

सुबह 10 बजे सोकर उठा तो वो ना मेरी तरफ देख रही थी और ना ही बात कर रही थी.

मैंने कई बार उससे बात करने की कोशिश की लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया.

दोपहर में वो अपनी दीदी के साथ छत पर चली गई तो मैं भी वहीं चला गया.

मैंने अपनी बीवी को बहाने से नीचे भेजा और उससे पूछा- क्या हुआ?
वो रोने लगी.

रीता- मैं आपको इतना अच्छा समझती थी और आपने मेरे साथ ऐसा किया … मैं दीदी को बताऊंगी.
मैं- सॉरी यार, मुझे लगा तुम भी मुझसे प्यार करती हो.

रीता- सभी जीजू अपनी सालियों के साथ ऐसे ही करते होंगे, जैसा आपने किया.
मैं- हां करते तो बहुत हैं और वो तो बहुत कुछ करते हैं.

रीता- आप मुझे मेरे घर छोड़ दो.
मैं- अब कब आओगी?

रीता- आपको अब भी लगता है कि मैं यहां कभी आऊंगी?
मैंने उसे मनाने की बहुत कोशिश की, पर वो नहीं मानी तो मैं उसे घर छोड़ने निकल पड़ा.

मैंने रास्ते में उससे पूछा- क्या खाओगी?
वो बोली- कुछ नहीं, पहले ही इतना खिला दिया … जो कभी नहीं भूलूंगी.

मैंने भी गुस्से में तेज बाईक चलानी शुरू कर दी और कहा- ठीक है, घर जाकर मैं भी कुछ नहीं खाने पीने वाला.
वो बोली- क्यों क्या हुआ?

मैंने कहा- तुम इतनी गुस्सा क्यों हो?
उसने कहा- मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी है.

मैं उसे घर छोड़ आया और कुछ दिन हमारी कोई बात नहीं हुई.

फिर एक दिन उसका फोन आया और बोली- अब तो आपको मेरी याद भी नहीं आती है?
मैंने कहा- बात करना तुमने बंद किया है, मैंने नहीं!

इस तरह से हमारी फिर से बात होने लगी और मैं अक्सर उससे उस रात वाली बात छेड़ देता और वो चुप हो जाती.

एक दिन मैंने उसे फोन पर आई लव यू बोल दिया तो वो फिर गुस्सा हो गई.
लेकिन मैंने उसे मना लिया और उसने भी आई लव यू टू बोल दिया.

मैं उससे मिलने के लिए बोलने लगा.
वो बोली- आप ही देख लो, कुछ मैं क्या बताऊं!

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मैंने दो दिन बाद उसके ऑफिस से उसे पिक किया और पार्क में ले गया.

वहां से मैंने उससे पूछा- मेरे घर चलोगी?
वो बोली- अपने घर क्या बोलूंगी और आप दीदी से क्या बोलोगे?
मैंने कहा- दीदी की तुम चिंता मत करो, बस तुम घर बोल दो कि आज देर लगेगी.

उसने ऐसा ही कह दिया और मैं उसे तुगलकाबाद किले में ले गया.
किले में कुछ कपल पहले से ही चूमाचाटी कर रहे थे.

वहां जाकर मैंने उससे किस मांगी तो वो शर्मा कर मना करने लगी.
मैंने दोबारा बोला तो बोली- उस दिन भी मुझसे पूछ कर किया था … जो आज पूछ रहे हो?

बस मुझे सिग्नल मिल गया और मैं उसके होंठों को चूसने लगा.
आज वो भी खुल कर साथ दे रही थी.

फिर मैं उसकी चूची को कमीज के ऊपर से दबाने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- यहां नहीं.
वो कहने लगी- यहां से चलो.

मैंने कहा- ओके अब घर बोलो कि ऑटो नहीं आया … जीजू को बुला लिया है. वो घर ले जा रहे हैं.

उसे उसके घर से परमिशन मिल गई और मैं उसे लेकर घर आ गया.

घर पर भी मैंने वही बोला, जो उससे बुलवाया.

रात को जब सोने की बारी आई तो हम जीजा साली लूडो खेलने लगे और लाईट बंद कर दी.

मैं उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा. कभी मैं उसकी चुची पकड़ लेता, तो कभी उसकी जांघ पर हाथ फेरने लगता.

कुछ देर बाद जब मेरी बीवी सो गई तो मैंने उसे फर्श पर अपने पास ही सोने को बोला.

वो नीचे आ गई तो मैंने उसे अपने साथ लिटा कर अपनी बांहों में भर लिया.

मैं रीता को किस करने लगा.
अब वो धीमी आवाज में आह उह करने लगी.

फिर मैं उसके शर्ट के ऊपर से ही चूचियों को मसलने लगा.
उसकी बिल्कुल रूई जैसी मुलायम चूचियों को मसल कर मैं मस्त होने लगा.

मैंने उसका कमीज और ब्रा ऊपर करके चूचियों को बाहर निकाला और चूसने लगा.
वो मस्ती में मेरे सर को अपनी चूचियों पर दबाने लगी और सिर पर हाथ फेरने लगी.

मैं उसकी चूचियों को चूसते हुए पेट और नाभि को भी चूमने लगा.
उसकी नाभि बहुत गहरी है.

हम दोनों ही मस्त होने लगे.

अचानक से मैंने उसकी लैगी और पैंटी में में हाथ घुसा दिया.
इस हमले से वो एकदम सिहर गई और ऊपर से मेरा हाथ पकड़ने लगी.

लेकिन सब बेकार था.
तब तक मैं उसकी चूत को पकड़ चुका था.

एकदम चिकनी चूत थी, बाल का कोई नामोनिशान नहीं था.
शायद उसने आज ही साफ की होगी. उसकी साफ़ चुत से मुझे कुछ कुछ अंदाज तो लग गया था कि बंदी आज चुदवाने का मूड बना कर आई है.

मैं उसकी चूत को सहलाने लगा और वो बेकाबू होकर सिर इधर-उधर पटकने लगी.

फिर मैं उठा और उसकी लैगी को उतारने लगा लेकिन उसने कस कर पकड़ ली और मना करने लगी.

मैं उसको मनाने लगा तो वो बोली- उतारो मत!
मैंने कहा- उतार नहीं रहा, बस थोड़ी नीचे करके एक बार किस करूंगा.

वो नहीं मानी.

मैं फिर से नीचे गया और इस बार उसके पैरों को चूमने लगा.
कभी उसके तलवे चूमता, कभी उंगलियों को!

वो जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी और मुझे ऊपर खींचने लगी.

जब इस बार उसकी लैगी में मैंने हाथ डाला तो उसने नहीं रोका. मैं चूत को सहलाने लगा. अब तक उसकी चूत रिसने लगी थी.

मैंने चूत में उंगली डालनी चाही तो उंगली भी नहीं घुस रही थी.
मेरी कमसिन साली ने चूत से मूतने के अलावा और कोई काम नहीं लिया था.

इधर मेरे लंड का बुर हाल हो रहा था. वो फटने को हो रहा था.

मैंने भी अपनी पैंट उतारी और अंडरवियर में आ गया. उसका हाथ पकड़ कर अंडरवियर में डाल कर उसको लंड पकड़ाने लगा.

वो हाथ खींचने लगी तो मैंने जबरदस्ती पकड़ा दिया और उसका हाथ पकड़ कर लंड ऊपर नीचे करवाने लगा.

मैं उसकी चूत को सहलाता रहा और उसके दाने को रगड़ता रहा.
मेरी कमसिन साली मेरे लंड को मुठिया रही थी.

हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के हाथ में झड़ गए और मैंने अपने हाथ को बाहर निकाल कर चाट कर साफ कर लिया.

फिर वो उठी, उसने अपने कपड़े ठीक किए और बाथरूम में जाकर अपने हाथ और चूत धोकर आ गई.

फिर मैं भी जाकर मूत आया.

उसको अपनी बांहों में लेकर लेट गया और बातें करने लगा.

मैंने कहा- यार, तुम्हारी चूत तो बहुत मस्त है.
वो बोली- आप कितने गंदे हो, ऐसे बोलते हो.

मैंने कहा- मेरी जान ऐसे बोलने में ही मजा आता है.
वो कुछ नहीं बोली.

मैंने उससे कहा- मुझे चूत चाहिए.
तो वो बोली- जितना कर लिया, उतना ही बहुत है. कल को मेरी शादी होगी और अगर मेरे उसे पता चल गया तो!

मैंने कहा- कुछ पता नहीं चलता.
वो बोली- नहीं जीजू, मुझसे नहीं होगा. उंगली में ही इतना दर्द हो रहा है. जब उंगली ही नहीं घुसी, तो वो कैसे घुसेगा.

मैंने उसे छेड़ते हुए पूछा- वो क्या?
तो वो बोली- मुझे नहीं पता.

मैंने उसे कसम देकर पूछा- अब बोलो कि तुमको नहीं पता ये क्या है?
वो बोली- रुको अभी बताती हूँ.

यह कह कर उसने लंड को पकड़ कर नाखून से नौंचा और बोली- अब पता चला कि ये क्या है!
मैंने उसे कसम देकर पूछा, तो बोली कि मुझे शर्म आती है. ये सब बोलना अच्छा भी नहीं लगता.

मैंने कहा- कोई बात नहीं आज मैंने कसम दी है, मेरे लिए बोल दो.
तब उसने शर्माते हुए कहा- लंड.

इसी तरह से मैंने उससे चूत लंड गांड चुदाई सब बुलवाया और फिर से उसकी चूत को कुरेदने लगा.

अब मैंने उससे पूछा- तुम्हारा बीएफ है तुमने तो खूब मजे किये होंगे.
वो बोली- क्या जीजू … मेरा कोई बीएफ नहीं है. अगर होता तो अभी आपके साथ नहीं होती.

मैंने उससे फिर से पूछा- रीता मुझे कैसे भी तुमको चोदना है.
वो बोली- कहां करोगे?

मैंने कहा- होटल में.
वो बोली- नहीं, किसी ने देख लिया तो आफत हो जाएगी.

मैंने कहा- कोई नहीं देखेगा.

मैंने उसे होटल में चलने को मनाने की बहुत कोशिश की पर वो होटल जाने को तैयार नहीं हुई.

उसके बाद क्या हुआ, ये मैं अगली सेक्स कहानी में लिखूंगा. तब तक लंड वाले अपने लंड हिलाते रहें और चूत वालियां अपनी चूत को सहलाती रहें.

मुझे मेल करके जरूर बताएं कि जीजा साली सेक्स की कहानी कैसी लगी.
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