रियल वर्जिन गर्ल हॉट स्टोरी में एक लड़की को चुदाई की जरूरत थी तो वो मेरे ऑफिस में आई और उसने पहली बार मेरा लंड अपनी चूत में लेकर सेक्स का मजा लिया.
दोस्तो, मैं आपका राजू शाह पुन: आपको अपनी सेक्स कहानी में स्वागत करता हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
सेक्सी लड़की बुर चुदवाने आई
में अब तक आपने पढ़ा था कि वर्जिन गर्ल निकिता ने अपनी पहली बार के सेक्स में मुझसे मस्ती से चुदने का मजा लेना शुरू कर दिया था.
अब आगे Real Virgin Girl Hot Story:
निकिता की चूत मेरे लंड के बीच हर झटके के साथ निकिता अपनी गांड को अच्छी तरह से निछावर कर रही थी.
वो अपने हाथों का दबाव मेरी कमर के ऊपर बना रही थी. उसने एकदम कसके पकड़ा हुआ था.
क्या स्टाइल से चुद रही थी निकिता … उसकी गोल मटोल गांड … आह आह … लग रहा था कि लंड तो जैसे जन्नत में घुस गया हो.
“आह राजू … राजू मेरे राजू शाह … लंड के बादशाह … कितने दिनों से तड़प रही थी मैं … चूत की खुजली ने मुझे पागल बना दिया था … आह कर दो मुझे तृप्त और मेरी इस पगली चूत को भी!”
उस वर्जिन गर्ल की रियल हॉट बातें सुनकर मेरी समझ में आ गई कि लौंडिया चुदने मचल रही है.
वो अभी भी आँख बंद करके बड़बड़ा रही थी- मुझे इतना परेशान और विवश कर दिया था इस निगोड़ी चूत ने … आज तुम्हारे इस लक्की लौड़े की दीवानी हो गयी है मेरी चूत. आज मुझे आपके इस दमदार हथियार ने एक औरत होने का सुख और अहसास दिया है!
मैं उसे चूमता रहा.
“आज मुझे अहसास हो रहा है कि क्यों मुझे ये चूत आपके लौड़े के नीचे खींच कर ले आई है. आह राजू … भर दो मेरी चूत को गहराई तक अपने लंड के झटकों से … वाह मेरे लंड के राजा, चुदाई में कोई कसर नहीं छोड़ना!”
उसकी ये आवाजें मेरे लंड को और ज्यादा गर्म कर रही थीं.
“आज तो चाहे चूत को फाड़ कर रख दो. ये तुम्हारे लंड की रानी यही तो चाह रही थी इतने दिनों से … जो इसको आज नसीब हुआ है.”
मैंने कहा- हां जान मैं तुम्हें चोद दूँगा.
“हाय राजू मैं सपना तो नहीं देख रही हूँ न ये. मैं अब इस लौड़े के स्वाद के बिना नहीं रह पाऊंगी, क्या पता था मैं अपनी चूत में लंड लेकर इतने मजे ले सकती हूं.”
“हां जान, तुमको लंड लेकर मजा आएगा.”
“अरे राजू मेरी जान … आह मार दिया आपके लौड़े ने मुझको … मेरी चूत नहीं रह पाएगी अब आपके लंड के बिना … हाय अपनी बना लो इसे चोद-चोद कर बना दो इसका भुर्ता … आह राजू चोद डालो इसको …”
“हां जान आज तेरी चुत का भरता ही बना दूँगा मैं!”
“बहुत परेशान किया मुझे इस निगोड़ी चूत ने मुझको बहुत दिनों तक संभाला है लेकिन … अब आपके लक्की लौड़े के वश में है. यह आपका लौड़ा चूत को किस हालत में रखता है.”
“हां जान!”
“आहां .. ऊहं राजू निकाल दो इसका पानी … बहुत परेशान करती है यह मुझको. मेरी चूत को सही से पेल दो.”
उसकी इस तरह की आवाज और मीठी-मीठी चीखों के साथ निकिता मेरे अन्दर चुदाई की वासना को और भी ज्यादा जगा रही थी.
पूरे कमरे में फच-फच, फच-फच की आवाज ही गूंज रही थी.
निकिता नीचे लेटे लेटे टांगें उठा कर पूरा लंड अपनी कसी हुयी चूत में गचागच गचागच ले रही थी.
लंड भी पूरे जोश के साथ फच-फच, फच-फच चूत की पूरी बैंड बजा रहा था.
हालांकि हम चुम्मा-चाटी में एक दूसरे को पूरी तरह से एकदम काट काट कर खा रहे थे.
इसी बीच निकिता का शरीर एकदम से अकड़ रहा था और मुझे कस कर अपने ऊपर दबाकर वो अपनी अंतिम आहें भर रही थी- आहा … आआह ओह यस राजू … आह मेरी जान … मैं गई आह राजू … मैं गई … हाय राजू तुम्हारा यह लक्की लौड़ा … आह राजू … मेरी चूत झड़ गई.
बस ये कह कर निकिता ने मुझे एकदम से कसकर जकड़ लिया और मैं भी अपने हथियार को पूरा जड़ तक निकिता की चूत में पेल कर उसके ऊपर पूरा वजन डालकर लेट गया था.
मुझे लंड के पास एकदम से कुछ गर्म-गर्म सा पानी महसूस हो रहा था, जो अब लंड के साईड से चूत से बाहर बह कर निकल रहा था.
मुझे महसूस हो रहा था कि शायद निकिता का हो चुका था … क्योंकि उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था.
वाह क्या गजब का फव्वारा फूट रहा था चूत से!
लेकिन मेरा अभी तक नहीं हुआ था, तो मैं निकिता की चूत के ऊपर लंड के पूरे वार करने लगा.
अब निकिता को चूत में लंड लेने में बहुत परेशानी होने लगी थी क्योंकि निकिता पहली बार चुदवा रही थी.
निकिता का शरीर एकदम शिथिल पड़ रहा था और वो मेरा चुदाई में साथ नहीं दे रही थी.
उसकी आंखों से आंसू भी बह रहे थे क्योंकि निकिता की चूत मेरे लंड की गर्मी से बुरी तरह जल रही थी.
मेरा लंड निकिता की चूत में फंसा हुआ था. वह मुझे भी महसूस हो रहा था.
वैसे निकिता की चूत ने मेरे लंड को दांतों से जकड़ रखा होगा, ऐसा महसूस हो रहा था.
मैंने निकिता से कहा- मेरा तो हुआ ही नहीं है.
निकिता बोली- राजू, थोड़ी शांति रखो आपका भी करवाऊंगी … आपके लंड के लिए ही तो मैं यहां पर आई हूं मेरे राजू, आपके लंड को भूखा नहीं रहने दूंगी मैं. उसकी भूख मिटाकर ही जाऊंगी.
मैं नहीं माना और लंड सरकाने लगा.
इससे निकिता पूरी तरह से छटपटाने लगी और कहने लगी- आह राजू निकालो निकालो लंड को … इसने कर दिया चूत का काम तमाम आज तो … गई मेरी चूत काम से … राजू निकाल लो एक बार लंड … थोड़ा प्लीज राजू आप अपने लंड को … भूखा नहीं रहने दूंगी प्लीज़ थोड़ा सा बाहर निकाल लो राजू … आह थोड़ा सा रहम कर लो आपके इस जुल्मी लौड़े ने मेरी चूत की मां चोद दी है.
मैंने कुछ नहीं कहा, बस उसे चूमता रहा.
वो बोली जा रही थी- आह राजू, एक ना एक दिन तो यह होना ही था मेरी चूत की बैंड बजने वाली ही थी; खुलने वाला ही था इसका दरवाजा. यह आपका लक्की लौड़ा, कितना लक्की लौड़ा है जो आज पहली बार चूत को इतनी बुरी तरह से फाड़कर, इसका दरवाजा तोड़कर, इतनी बुरी तरह से घुसकर, गृह-प्रवेश किया और मजा भी दिया. हाय राजू, मैं आपका यह अहसान कभी नहीं भूलूंगी और यह चूत अब आपकी ही अमानत है, जब चाहे बुला लेना इसको … मैं तैयार हूँ, जहां बुलाओगे, मैं चूत पर तेल लगाकर दौड़ी चली आऊंगी, लेकिन अब थोड़ा सा रहम कर लो प्लीज … थोड़ा सा बाहर निकाल लो. मेरी चूत में बहुत जलन हो रही है राजू निकाल लो थोड़ा सा. एक बार प्लीज!
मैंने कहा- जान अन्दर ही रहने दी ना!
निकिता- प्लीज़ … मेरी बात सुनो ना. मैं सही में आपके लंड को भूखा नहीं रहने दूंगी. प्लीज, आपको मना नहीं करूंगी आप जैसे चाहे कर लेना, लेकिन 2 मिनट के लिए मुझे नॉर्मल हो जाने दो. अब तो मेरी चूत भी आपके इस मोटे हथियार की रखैल बन चुकी है. ये इसकी गुलाम बन चुकी है. आप जब चाहो इसको चोद लेना.
Video: जवान गर्म लड़की की चूत गांड चुदाई
निकिता के इतना रिक्वेस्ट करने पर मैंने लंड को निकिता की चूत से थोड़ा सा बाहर खींच लिया.
मैंने देखा तो निकिता की चूत के खून से और निकिता की चूत के पानी से लंड पूरा सन गया था.
सामने देखते ही निकिता की आंखें फटी की फटी रह गईं- हाय मां मर गई … आज तो सही में मेरी चूत की बैंड बजा दी. बुरी तरह से फाड़ दिया इसको. पता नहीं कितनी चौड़ी कर दी छोटी सी चूत को. इसका तो भोसड़ा बना दिया है आपका लंड कितना जालिम है.
निकिता ने अपने बैग में से रूमाल निकाला और पहले लंड को साफ किया फिर वह चूत को साफ करने लगी.
हालांकि मैं निकिता की टांगों के बीच में उसके सामने ही बैठा-बैठा देख रहा था कि चूत ने कितना पानी छोड़ दिया था.
निकिता की चूत के पानी और खून से पूरा तकिया एकदम भीग चुका था.
सही बताऊं तो अगर तकिए को उठाकर निचोड़ा जाता, तो कम से कम आधा लीटर तो पानी ऩिकल ही सकता था.
क्या चुदाई हुई थी … वास्तव में मजा आ गया.
अब मैं निकिता को सामने बैठ कर देख रहा था.
हम दोनों बैठे-बैठे ही आपस में एक दूसरे को कसकर पकड़े हुए थे … चुम्मा चाटी कर रहे थे.
मैंने निकिता को बैठे-बैठे ही दूसरी साइड घुमा दिया और खुद निकिता के पीछे की साइड आ गया.
चार पांच मिनट तक ऐसे ही पीछे से कभी उसकी चुचियों को, तो कभी उसके पेट को, कभी उसके चूतड़ों को अपने हाथों से सहलाता रहा और अपना लंड निकिता के चूतड़ों के ऊपर रगड़ने लगा.
उसके एकदम मटके के जैसे गोल-मटोल चूतड़ों में लंड आनंदित हो रहा था.
मैंने निकिता को डॉगी स्टाइल बना दिया था और लंड का सुपाड़ा निकिता की चूत पर रख कर धीरे-धीरे घुसा दिया.
निकिता चीखने लगी- राजू, धीरे चोदना थोड़ा सा … आहा राजू … सही में चूत में बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने चूत का कचूमर बना डाला था.
बाकी सब काम छोड़ कर निकिता की कमर को पकड़ा और उसके चूतड़ों के ऊपर इतना प्यार से लंड बजाने लगा था कि पूरे कमरे में छपक छपक … छपक छपक की आवाजें गूंज रही थीं.
हर झटके के साथ निकिता चिल्ला रही थी- आह आह मर गई मम्मी रे ऊई मम्मी … मैं मर गई.
एक बात के लिए निकिता को मानना पड़ेगा कि क्योंकि उसने जो वादा किया था, उस हिसाब से चुदाई का वो मुझे पूरा मजा दे रही थी.
निकिता खुद परेशानी में रहकर भी मेरे लंड को इतना प्यार से चूत में गटक रही थी कि पूछो मत.
अब तो मेरे लंड पर भी मजे का सुरूर दौड़ने लगा था और मैंने चोदने की स्पीड को बढ़ा दिया था.
इतने में निकिता बोली- राजू, थोड़ा सा धीरे करो, आपका यह हथौड़े जैसा लौड़ा मेरी बच्चेदानी पर जा जाकर ठोकर मार रहा है. मेरी बच्चेदानी को भी फाड़ कर रख दोगे क्या? आपका लंड इतना दमदार है यार कि ये मेरी चूत के साथ-साथ मेरे जिस्म को भी फाड़ कर रख देगा.
मैंने बस अपनी ही धुन में लंड बजा रहा था.
‘आह राजू आपका लंड गर्म-गर्म एकदम हथौड़े के जैसा लग रहा है … आह.’
मैं बहुत बेताब होकर पीछे हट-हटकर एकदम चूत के ऊपर लंड की ठोकरें मारने लगा था क्योंकि अब मेरा भी होने वाला था और मैंने निकिता की कमर को एकदम कस कर पकड़ा हुआ था.
कुछ 10-12 झन्नाटेदार झटके मारकर ‘आह आह …’ करते हुए और एकदम पूरा लंड घुसा कर मैं पिघलने को होने लगा.
‘ओह्ह आह राजू …’
अब निकिता का शरीर भी अकड़ने लगा था.
निकिता ने भी अपने गोल-मटोल चूतड़ एकदम लंड के आगे दीवार की तरह लगा दिए थे. मतलब वो एकदम हार्ड चुदाई चाहते थे.
अब क्योंकि निकिता का अब दूसरी बार होने वाला था तो 8-10 झटके जोर से मार कर निकिता के गांड को खच-खच, खचाखच बुलाकर मैं भी निकिता की कमर पकड़कर उससे चिपक गया.
“आह निकिता … आह … निकिता … मैं गया आह!”
मैं उसके ऊपर ही निढाल हो गया. मेरे लंड से पचक-पचक, पचक-पचक कर वीर्य की धारा बह निकली.
यह रसधार निकिता की चूत की गहराई में बहने लगी थी.
क्या बताऊं दोस्तो, पहली बार निकिता की चूत में कितना मजा आया … मेरे लंड का तो यह हाल था कि वो तो बाहर निकलने को भी राजी नहीं था.
2 मिनट तक मैं निकिता के ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा. मेरा दिल तो कर रहा था कि बस ऐसे ही निकिता की गांड के ऊपर पड़ा रहा हूं. लंड को उसकी चूत में ठोककर बस यूं ही लेटा रहूँ.
मैं 2 मिनट के बाद निकिता के ऊपर से खड़ा हुआ और देखने लगा.
खून से और लंड और चूत के पानी से निकिता की गांड पूरी तरह से भीग चुकी थी.
खून के साथ ही लंड का और चूत का पानी भी बहुत ज्यादा बह रहा था.
अब निकिता अपने चूतड़ तकिए के ऊपर टिका कर सीधा लेट गई और अपनी चूत पर हाथ घुमाने लगी.
उसकी चूत पर बहुत सूजन आ गई थी, वो एकदम लाल हो चुकी थी.
निकिता ने रूमाल ऊठाया और पहले मेरे लंड को साफ किया, फिर अपनी चूत पर लगे रस और खून को साफ किया.
मैंने निकिता को खड़ा किया और बाथरूम की तरफ ले गया क्योंकि निकिता से अच्छे से चला भी नहीं जा रहा था.
उसकी चूत में बहुत ज्यादा सूजन की वजह से उसको चलने में तकलीफ हो रही थी.
निकिता ने बाथरूम में जाकर अपनी चूत और चूतड़ दोनों साफ किए.
फिर मैंने अपने ऑफिस के टेबल में पड़ी हुई एक दर्द निवारक गोली लाकर निकिता को दी.
निकिता बाथरूम से बाहर आकर मुझसे एक नागिन की तरह लिपट गई.
मैं उसे सहलाने लगा.
वो मेरे गले में बांहें डाल कर और रूंआसी होकर बोली- राजू शाह … लंड के बादशाह … मेरी चूत बहुत दर्द कर रही है, अब क्या होगा?
वो मुझसे कसकर लिपट कर सुबकियां लेने लगी.
मैंने उसे चूमना सहलाना जारी रखा.
“राजू, मैंने लंड को प्यासा तो नहीं छोड़ दिया न … इसको मैं कभी चूत का भूखा नहीं रखूंगी, ये आपकी निकिता की चूत का वादा है.”
मैंने बोला- कोई बात नहीं यह गोली ले लो, थोड़ी देर में आराम हो जाएगा.
उसने वैसा ही किया, गोली ली और चड्डी पहनने लगी. फिर ब्रा पहन ली.
और हम दोनों सोफे पर बैठ गए.
निकिता अपना मुँह मेरे लंड पर झुका कर लेट गई.
मैं धीरे-धीरे निकिता के गदराये शरीर पर हाथ फिराता रहा.
दस मिनट बाद निकिता ने अपनी जींस उठाई और पहनने लगी.
उसके चूतड़ों में जींस बहुत टाइट से फंस रही थी.
यह पोजीशन देखकर मेरा लंड फिर से निकिता की चूत को सलामी देने लगा.
मेरे लंड का इरादा देखकर निकिता बोली- बस राजू और नहीं होगा, आज के लिए सिर्फ इतना ही … अगली बार आऊंगी तब जितनी मर्जी चोद लेना क्योंकि अब मुझे भी अहसास हो गया है कि मेरी चूत अब इस लंड से ही तृप्त हो सकती है, अन्यथा यह मुझे बहुत तड़पाती है.
मैंने निकिता को जींस पहनने में मदद की क्योंकि उसकी जींस तो बहुत टाइट फिटिंग की थी.
एकदम गोल-मटोल चूतड़ों के ऊपर जोर से खींचकर पहनाई गई.
उसने टॉप पहना, अपने बैग से कंघी निकालकर अपने बाल अच्छी तरह संवारे और हमने सोफे पर बैठे बैठे ही एक लंबा किस किया.
“सही में राजू, आज तो मजा ही आ गया हालांकि चूत तो फट ही गई लेकिन भविष्य के लिए इसका रास्ता साफ हो गया है. अब अगली बार चुदाई करेंगे तब मजे ही मजे मिलेंगे.”
अब हम ऑफिस से निकले बाहर जाकर नाश्ता किया और एक गर्भ रोकने वाली गोली निकिता को लाकर दी.
फिर निकिता खुशी-खुशी अपनी स्कूटी लेकर घर की तरफ निकल गई और मैं भी अपने घर आ गया.
तो यह थी वर्जिन गर्ल निकिता और मेरी पहली चुदाई की कहानी.
अब तो लगभग हमारी चुदाई नियमित ही हो चुकी थी. कभी निकिता को जंगलों में, कभी खेतों में ले जाकर चोदा, कभी होटल में कभी ऑफिस पर बुलाकर, तो कभी घूमने के बहाने बाहर जाकर हमने चुदाई की.
हां तो प्रिय पाठको/पाठिकाओ, मेरी और निकिता की सेक्स कहानी एक रोंग नंबर से शुरू होकर जिंदगी के मजे तक … या कहें चुदाई के सफर तक आ पहुंची.
कैसी लगी हमारी रियल वर्जिन गर्ल हॉट स्टोरी. कमेंट करके जरूर बताना!
मेरी सिर्फ आप बीती ही कहानियां हैं, कोई मनगढ़ंत कहानियां नहीं हैं.
रियल वर्जिन गर्ल हॉट स्टोरी पर आप अपने कमेंट और अपनी राय जरूर भेजें.
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