किराना दुकान वाली पड़ोसन भाभी

हिंदी Xxx भाभी की चुदाई का मजा मुझे दिया कॉलोनी में दुकान चलने वाली भाभी ने! मैं उनकी दूकान पर बैठता था और उनकी मदद कर दिया करता था. तो चुदाई कैसे हुई?

सभी दोस्तों का स्वागत है मेरी कहानी में!

सबसे पहले सभी दोस्तों और भाभियों का धन्यवाद जो इस कहानी को आप पढ़ रहे हो।

तो चलते है आगे की ओर!

यह Hindi Xxx Bhabhi Ki Chudai आज से तकरीबन 5 साल पहले की है.

सबसे पहले मेरा परिचय:
मेरा नाम हरिराम बुंदेला है. (बदला हुआ नाम)
मेरी उम्र 25 वर्ष है.
मैं इंदौर का रहने वाला हूं.

मेरे पड़ोस में इंदौर रोड के किनारे पर हमारे 5-6 घर हैं, जिनमें मेरा घर सबसे अंत में है.
तथा उस पड़ोस वाली भाभी का घर का नम्बर है.

अब भाभी के बारे में बता दूँ.
भाभी का नाम अनीता था, भाभी एकदम गोरी चिट्टी कयामत थी. उसकी उठी हुई गांड, मुलायम चेहरा, गोरा बदन … क्या बताऊं एकदम कयामत थी.

अनीता भाभी दो बच्चों की माँ थी पर लगता नहीं था कि वह दो बच्चों की माँ है.
वह तो मेरे दिल दिमाग में आज भी बसी है।

बात तब की है जब मैं कॉलेज में पढ़ रहा था, इंजीनियरिंग का दूसरा साल चल रहा था.
तो मैं कॉलेज कभी जाता था, कभी नहीं जाता था.
जब जाता था तो कॉलेज बस से जाता था.

मेरे पड़ोस में किराना की दुकान थी उन भाभी के पति की. अक्सर वहीं पर मेरा उठना-बैठना था.
अनीता भाभी और मेरी पहले से ही अच्छी दोस्ती थी.

भाभी का पति किराना दुकान का समान लेने मार्केट चला जाता था तो दिन भर नहीं आता था.
उसका मार्केट जाना लगभग रोज का काम था.
तो किराना दुकान पर अनीता भाभी का बैठना, मेरा दुकान उठना बैठना रोज का काम था.

जब पड़ोसी मार्केट जाता था तो भाभी और मैं यूंही बातें करते रहते थे.

एक दिन जब भाभी ने मुझे दुकान के अंदर कुछ सामान निकालने के लिए बुलाया.
तो मैं गया और सामान निकाल कर भाभी को दिया.

जब भाभी सामान को नीचे रख कर कुछ देख रही थी, तब मेरी नजर भाभी की गांड पर पड़ी.
तब भाभी ने मुझे देख लिया था.

फिर भी भाभी अपनी गांड दिखाए वैसे ही सामान देखती रही थी.

मैं भी ऊपर से उतर कर नीचे आया और बाहर निकलने के बहाने भाभी की गांड पर मेरा लन्ड टच करवाया और बाहर बैठ गया।

भाभी भी मेरी वासना को समझ गई थी.

कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा.
मेरे मन में भाभी को चोदने कि इच्छा थी.
पर क्या करूं … बोल नहीं पाया.

फिर एक दिन भाभी को मैंने बोला- भाभी, एक बात कहूं>
तो भाभी बोली- कहो ना!
तबी भी मेरी हिम्मत नहीं हुई.

फिर दूसरे दिन भाभी को कुछ लेडीज सामान लेने मार्केट जाना था और भाभी का पति दुकान पर था.
उसने भाभी के साथ मुझे भेजा.

जब मैं ओर अनीता भाभी मार्केट बाइक से गए तो भाभी ने बाइक पर मुझेसे चिपक कर बैठ गई.
तब मैं समझ गया कि भाभी के मन में क्या है.

फिर मार्केट से वापस आते वक्त भाभी ने खुद ही बोल दिया- हरि राम, गाड़ी थोड़ी धीरे चला, घर ही तो जाना है।
मै- हाँ भाभी, धीरे ही चला रहा हूं.

भाभी- एक बात कहूं मैं?
वह मेरे से चिपक कर बोली.

मैं- कहो भाभी?
भाभी- मैं तुमको बहुत चाहती हूं और तेरे साथ सब कुछ करना चाहती हूं. तू समझ रहा है ना कि क्या कह रही हूं मैं?
मैं- हाँ भाभी, मैं भी तेरे से बहुत प्यार करता हूं.

मैंने कहा- उस दिन मैंने आपको पीछे से टच किया था ना दुकान पर!
भाभी ने कहा- हाँ … पर मैं तो तुझे कब से चाहती हूं।

इस तरह बात बात करते करते हम घर आ गए.

जब हम घर आए तो भाभी का पति मार्केट गया.
उनके बच्चे तो स्कूल जा ही चुके थे.

बाद में भाभी अंदर घर में गई और मेरे को इशारा किया.
मैं अंदर गया और भाभी मेरे ऊपर टूट पड़ी, पागलोंज की तरह किस करने लगी.

तो मैं भी भाभी को किस करने लगा.
फिर भाभी बाहर आईं ओर आसपास देखा.

गर्मी का टाइम था, दोपहर के समय धूप में कौन बाहर दिखे!

भाभी अंदर आईं और फिर से किस करने लगी और जल्दी जल्दी अपनी पेंटी निकाल कर चुदवाने के लिए तैयार हो गई.

मुझे भी सब्र नहीं हो रहा था तो मैंने भी आव देखा न ताव … भाभी के साथ खड़े खड़े ही मस्ती करने लगा.

फिर भाभी पलंग पर लेट गयी, भाभी ने टांगें फैला कर कहा- अब करो!

मैंने जैसे ही उसकी चूत में लंड डाला, भाभी एकदम सटपटा गई.
शायद भाभी बहुत दिनों से चुदी नहीं थी.

भाभी बोली- धीरे से डाल … दर्द हुआ. तेरा लंड बहुत मोटा है!

मैं भाभी को देर तक चोदता रहा.
भाभी वासना भरी आवाज निकाल रही थी और मुझे किस कर रही थी.

मैं भी भाभी की कमर पकड़ कर चोदता रहा और भाभी की चूत में झड़ गया.
भाभी ने पानी बहुत जल्दी छोड़ दिया था.

फिर हम उठे और भाभी बाहर आई और मुझे धीरे से बाहर बुलाया.

तब भाभी ने मेरा मोबाइल नंबर मांगा.

मैंने दे दिया अपना नम्बर और भाभी का नंबर भी ले लिया रात के प्रोग्राम के लिए!

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फिर रात को करीब 12 बजे भाभी का कॉल आया- छत के ऊपर आ जाओ.

हमारे सारे घर छत से जुड़े हुए हैं और मैं छत पर ही सोता था.
तो मैं अपनी छत से, एक छत से दूसरी छत होते हुए भाभी की छत पर आ गया.

भाभी का पति व बच्चे नीचे अंदर सो चुके थे.

मैंने भाभी की पेंटी निकाल कर भाभी की चूत में लन्ड भरा और चोदने लगा.
भाभी भी अपनी चूत चुदवाने को बेताब थी.

फिर हम करीब 15 मिनट में झड़ गए.

फिर भाभी और मैंने किस करी और भाभी नीचे चली गई.
मैं मेरे घर वापस छत पर आकर सो गया.

फिर उसके बाद से भाभी और मैं दुकान पर बैठते थे तो वहीं धूप का समय देखकर अंदर जाते और सीढ़ियों पर सेक्स करते. खड़े खड़े ही भाभी को चोदना पड़ता.
कोई झट से आ जाए … यह डर भी बना रहता था.
क्या करेन … पर चुदाई तो करना पड़ता है ना!

कुछ दिन इसी तरह चलता रहा.

फिर एक दिन की बात है.
भाभी का पति कुछ काम से बाहर गया. तो उस दिन उसने मुझे शाम के टाइम हिसाब के लिए दुकान पर रहने का बोला.

मुझे और भाभी को तो बड़ी खुशी हुई कि आज हमारी तमन्ना पूरी होगी.

उस दिन करीब 8 बजे दुकान बंद करी. मैं घर गया, खाना खाया और छत पर सोने चला गया.
तब तक भाभी के बच्चे भी सो गए थे.

फिर भाभी का कॉल आया और मैं छत से होते हुए उसके घर पर चला गया.
जैसे ही गया तो देखा कि भाभी मेरा बहुत ही बेचैनी से इंतजार कर रही थी.

उसने बरामदे में हमारा बिस्तर भी लगा लिया था.
बच्चे अंदर सोए हुए थे

मैं गया और भाभी को किस किया और फिर भाभी की धीरे धीरे साड़ी उतारी और भाभी का ब्लाउज भी उतारा.

तब भाभी का फिगर देखकर मैं दंग रह गया.
भाभी इतनी गोरी थी कि क्या बताऊं!

भाभी की कांख में एक भी बाल नहीं था. भाभी कयामत लग रही थी.

फिर मैंने भाभी की पेंटी उतारी और उसकी गोरी चूत को आराम से निहारता रहा.

क्योंकि भाभी की चूत तो मैं चोद चुका था पर असली दर्शन तो आज हुए थे.

इस तरह मैंने भाभी को पूरी नंगी कर दिया और भाभी ने मुझे भी नंगा कर दिया.

फिर बारी थी चुदाई की!
मेरा लन्ड भाभी की चूत को देख कर इतना जोर पकड़ रहा था कि भाभी की चूत अभी फाड़ दूँ.

फिर मैंने भाभी को मेरा लंड मुंह में लेने को कहा तो भाभी ने मना कर दिया.
इस पर मैंने जोर दिया तो भाभी ने मेरा लौड़ा मुंह में ले लिया.

पर शायद उसको मुंह में लंड लेने का अनुभव नहीं था. फिर भी मैंने भाभी को 5 मिनट तक मेरा लंड भाभी के मुंह में दिया.

फिर मैंने भाभी के बोबों को चूसा और चूमते चूमते नीचे आया.

तब भाभी की चिकनी चूत को देखते हुए मुझे जोश आ गया और मैं भाभी की चूत को मेरी जीभ से चोदने लगा.
इस पर भाभी को काफी जोश आ गया था और वह कामुक आवाजें निकालने लगी, मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी.

फिर भाभी झड़ने वाली थी तो मैंने सिर हटा कर भाभी की चूत की फांकों के बीच अपना लन्ड रखा.
जिस भाभी बोली- जल्दी से डाल दो अंदर! आज रात भर चुदूंगी मैं! फाड़ दो मेरी चूत!

मैंने भी आव देखा न ताव … भाभी की चूत को चीरता हुआ मेरा लन्ड भाभी की नाभि तक पहुंच गया.

इस भाभी की आंखों से खुशी के आंसू आ निकले.
फिर हम चुदाई करने लगे.

करीब 20 मिनट की चुदाई में भाभी 2 बार झड़ चुकी थी.

फिर मैंने भाभी को पीछे घूमने के लिए कहा.
भाभी पीछे घूम गई.

मैंने पीछे से भाभी की चूत पर लंड रखा और जोर से धक्का मारा.
जिससे भाभी की आवाज निकल गई.
भाभी बोली- ऊऊ ऊई मा मर गई … धीरे से चोदो ना!

वह आ आ ऊ हुईं आ करती रही और मैं भाभी की चुदाई करता रहा.

करीब 5 मिनट के जोरदार धक्कों के बाद में मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया।
फिर भाभी और मैं करीब 15 मिनट तक पड़े रहे.

भाभी भी थक गई थी.

कुछ देर बाद भाभी उठी और पानी लाई.
मैंने पानी पिया तो जान में जान आई.

हमने उस रात 3 बार सेक्स किया.

उसके बाद मैंने कई बार हिंदी Xxx भाभी की चुदाई का मजा लिया.
और कई बार तो बियर पीकर चोदा क्योंकि भाभी घर में दारू भी रखकर बेचती थी.

इस तरह भाभी ने मेरा बहुत साथ दिया. चुदवाने से लेकर मुझे पैसे भी दिए.
भाभी मुझे अक्सर अच्छा अछा खाना बना कर खिलाती थी.

जब मेरा कॉलेज कंप्लीट हो गया और बात शादी की आई तो उसने मेरे साथ भागने तक का बोल दिया- चल अपन भाग जायें.
पर भागने से क्या मिलता!

मैंने कहा- चुदाई तो अपनी हो जाएगी शादी के बाद भी!

फिर क्या … मेरी शादी हो गई और भाभी के पति को हमारे चुदाई के चक्कर के बारे में पता भी चल गया.

इसलिए भाभी आज मुझसे बात नहीं करती।

इस तरह करीब 5 साल तक मैंने भाभी की चुदाई की है.

आपको मेरी हिंदी Xxx भाभी की चुदाई कहानी कैसी लगी?
मुझे बताएं.
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