भाभी की बहन की शादी से पहले चुदाई-3

देसी XXX गर्ल हॉट कहानी मेरी भाभी की बहन की चुदाई की है. उसे मैंने उसी के घर में उसकी शादी से कुछ दिन पहले चोदा. कैसे हुआ ये सब?

हैलो फ्रेंड्स, मैं यश हॉटशॉट एक बार फिर से आपकी खिदमत में पेश हूँ.

मैं आपको अपनी कहानी के पिछले भाग
भाभी की बहन के साथ बिस्तर में
में बता रहा था कि मैं भाभी के घर में उनकी बहन निशा की शादी आया हुआ था. उधर भाभी की चचेरी बहन शिल्पा भी मेरे लंड को कड़क किये दे रही थी. आज की रात मुझे निशा से काफी उम्मीद लगी हुई थी.

अब आगे Desi XXX Girl Hot Kahani:

फिर घर वापस आया, खाना खाकर जब सब सोने चले गए तो अब मैं भी निशा के रूम में चला गया और फिर से वैसे ही लेट गया.

रात में निशा गुलाबी रंग वाली सिल्की शर्ट और पजामा पहन कर लेटी थी, वो बहुत प्यारी लग रही थी. उस पर पिंक रंग तो और भी निखरता था.

निशा ने शिल्पा की तरफ मुँह कर रखा था और अपनी गांड को हल्के से पीछे कर रही थी.
मैं भी इस बात पर बार बार ध्यान कर रहा था.

इस बार जब निशा ने अपनी गांड पीछे की, तब तक मेरा लंड खड़ा हो चुका था और टाइट भी हो चुका था.

इस बार जैसे ही निशा की गांड पीछे आई … उसी समय मैंने भी आगे की तरफ धक्का दे दिया जिससे मेरा लंड लोअर के अन्दर से ही उसकी गांड को रगड़ गया.

कमाल की बात ये थी कि इस रगड़न से मुझे उसकी मुलायम गांड का अहसास कुछ ज्यादा ही हो गया था मगर बंदी ने कुछ नहीं कहा.
वो शिल्पा से बातें करने में मस्त रही.

अब वो बातें करते करते अपने आप ही अपनी गांड में लंड रगड़वाने का मजा ले रही थी.

ऐसे करते हुए काफी देर हो गई थी लेकिन शिल्पा कमरे में थी, तो मैं पूरा खुल कर नहीं कर पा रहा था.

इतने में शिल्पा बोली- अब मैं सोने जा रही हूँ, तुम दोनों बातें करो.
इस बार मैंने जानबूझ कर और जोर से निशा की गांड को रगड़ना शुरू किया.

इस बात पर निशा भी अपनी गांड को कुछ मस्ती से पीछे करके लंड की रगड़ कर मजा लेने लगी थी.

कुछ देर बाद निशा ने मेरी तरफ करवट ले ली और मुझे देखने लगी.
कुछ देर ऐसे ही देखते हुए उसने एकदम से मेरे होंठों को चूम लिया.

मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ.
मेरी भी हिम्मत बढ़ी तो मैंने भी उसको अपने पास खींच लिया और उसके होंठों पर अपने होंठों को रख कर चूमने लगा.

निशा ने कुछ नहीं कहा पर उसके आंसू निकल रहे थे.
आंसू देखकर मैं हटने लगा.

मगर तभी उसने मेरा चेहरा पकड़ लिया और जोर जोर से मेरे होंठों को चूमने लगी.
मैंने भी देरी ना की और उसके आंसू पौंछे और हल्के से उसके गाल पर हाथ फिराते हुए अपने हाथ को उसकी गर्दन पर ले आया.

फिर गर्दन सहलाते हुए मैंने नीचे को आकर उसके एक चुचे पर अपना हाथ रख दिया.
जैसे ही मैं दूध सहलाने लगा, उसकी हल्की सी आवाज निकल गई.
अब मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमाए और हल्के हाथ से उसके चुचे को दबाना शुरू कर दिया.

निशा मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने अब एक हाथ उसकी शर्ट के अन्दर डाला और देखा कि उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
जैसे ही मेरा हाथ उसके कोमल चुचे पर गया, उसकी हल्की सी सिसकारी निकल गई.

पहली बार मैं निशा के चूचों को छू रहा था. बहुत ही कोमल मुलायम मम्मे थे. मेरा उन्हें देखने का बहुत मन हुआ.

मैंने हल्के से कहा- मुझे देखना है.
निशा बोली- अभी नहीं, शिल्पा को अच्छे से सो जाने दो … अभी ऐसे ही काम चलाओ.

फिर मैंने दूसरे चूचे को भी सहलाना शुरू कर दिया और उसके निप्पल को जैसे ही दो उंगलियों के बीच में लेकर मसलना शुरू किया, निशा मानो तड़पने लगी थी. उसकी मादक आवाज निकली जा रही थी.

अगले ही पल मैंने उसकी शर्ट के सारे बटनों को खोल दिया और उसके एक चुचे को अपने मुँह में ले लिया.

जैसे ही मैंने निप्पल को खींचा, उसकी एक तेज आवाज निकल गई- ओहह हह … मर गई!
मैंने झट से उसका मुँह बंद किया और अब अपनी जीभ से उसके चुचे के निप्पल को सहलाने लगा.

निशा अब गर्म होने लगी थी.
इतने में ही निशा ने मेरे लोअर के अन्दर हाथ डाल दिया.

मैंने आज जानबूझ कर अंडरवियर नहीं पहनी थी.
जैसे ही निशा ने मेरे लोअर के अन्दर हाथ डाला, तो उसका हाथ सीधा मेरे टाइट लंड पर आ गया.
निशा के कोमल प्यारे हाथों का छूना मुझे बहुत अच्छा लगा.
अब निशा ने मेरे लोअर को नीचे कर दिया और मेरे लंड को पकड़ कर आगे पीछे करने लगी.

मैंने भी देर ना की. मैंने भी निशा के पजामे में हाथ डाल दिया. जैसे ही उसकी चूत की गर्माहट मेरे हाथ को महसूस हुई, तो मेरे अन्दर आग भड़क गई.

उसने भी अन्दर कुछ नहीं पहना था यानि आज वो भी पूरे मन से चुदने के लिए मूड बना कर आई थी.

मैंने उसकी चूत के दाने को जैसे ही सहलाना शुरू किया, वैसे ही निशा की सांसें तेज होने लगीं.
इसलिए मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को पर लगा दिए और चूसने लगा ताकि इसकी आवाज बाहर न निकले.

अगले ही पल मैंने चूत का मजा लेना शुरू कर दिया.

जैसे ही निशा की चूत में एक उंगली डाली, वो ऊपर की तरफ हो गई और उसने एक जोर की सिसकारी ली.
पर उसका मुँह बंद होने से उसकी आवाज अन्दर ही रह गई.

अब मैंने उंगली को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया, जिससे निशा ने अपनी गांड को हिलाना शुरू कर दिया.

कुछ ही पल बाद जब मुझे लगा कि अब चूत ज्यादा गीली हो गई है तो मैंने दो उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं.
मेरी उंगलियाँ थोड़ी टाइट जा रही थीं और इससे उसको थोड़ा सा दर्द भी हो रहा था पर मैंने कुछ नहीं देखा और अपनी दो उंगलियों को अन्दर बाहर करता रहा.

इस बीच निशा अपनी गांड को जोर जोर आगे पीछे करने लगी और वो मेरे लंड को भी जोर जोर से आगे पीछे कर रही थी.

थोड़ी देर ऐसे ही करते हुए मेरा सारा पानी निकल गया और कुछ पल के लिए मैं शांत हो गया.

कुछ पल बाद मैं फिर से जोर जोर से उसकी चूत में उंगली करने लगा था, साथ ही मैंने एक हाथ से उसके मुँह को दबाया हुआ था.

थोड़ा समय बीतने के बाद निशा जोर जोर अपनी पूरी बॉडी को हिलाने लगी और एक जोर की सिसकारी लेते हुए वो भी शांत हो गई.

उसी समय शिल्पा की आवाज आई- निशा सही से सो ना …
मैं शिल्पा की आवाज सुनकर उसकी तरफ देखने लगा, पर उसने अपनी आंखें नहीं खोली थीं.
मुझे महसूस हुआ कि शिल्पा को कुछ शक हो रहा है.

फिर निशा उठी और बाथरूम में फ्रेश हो कर आई.

उसने मुझे होंठों पर एक जोरदार चूमा लिया और कानों में बोली- अभी सोना मत, शिल्पा को सो जाने दो. फिर नीचे लेट कर करेंगे.
मैंने कहा- ठीक है.

मैं भी बाथरूम में फ्रेश होकर आ गया.
पर मैंने एक काम किया. बेड की एक तरफ चादर पड़ी थी. मैंने उसको डबल करके नीचे बिछा दी. अब हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे और मेरा हाथ फिर से उसके चूचों को सहलाने लगा.

फिर कब मैं सो गया, पता ही नहीं चला.
शायद निशा भी सो गई थी.

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रात में अचानक मेरी नींद खुली देखा, तो निशा मेरे लंड को सहला रही थी.
फिर उसने जैसे ही मेरे लंड को अपने मुँह में लिया, मेरी आवाज निकलने वाली हो गई थी.

जैसे तैसे मैंने मुँह पर अपना हाथ रख कर खुद को रोका.
अब निशा जोर जोर से मेरे लंड को चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मन कर रहा था बस ये ऐसे ही चूसती रहे.

मैंने निशा को हाथ से पकड़कर अपने पास खींचा और उसके कान में बोला कि बेड के नीचे आओ.
निशा नीचे आकर कपड़े उतारने लगी.

मैंने कहा- शिल्पा ने देख लिया तो?
निशा बोली- उसकी फिक्र मत करो और मुझे प्यार करो, जितना कर सकते हो.

मैंने भी देर न करते हुए उसको पीछे से पकड़ कर उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ लिया. उसे अपनी तरफ खींचा, इससे उसकी गांड और मेरा लंड बहुत जोर से रगड़ने लगा था.
मैं पीछे से उसके चूचों को दोनों हाथों से दबाने लगा.

निशा का हाथ मेरे लोअर के अन्दर था और वो मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी.

कुछ पल ऐसे ही करने के बाद मैंने निशा को पीठ के बल लेट गया और उसकी शर्ट को उतार कर उसके चूचों को जोर जोर से दबाने लगा.

इसी के साथ मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा. निशा मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैंने उसका पजामा भी उतार दिया.

जैसे ही पजामे को निकाला तो देखा एकदम सफ़ेद और चिकनी चूत सामने थी.

मैं देर न करते हुए उसके चूचों को जोर जोर से चूसने लगा.

अब निशा सिसकारियां लेने लगी थी- अअअ आआ आह ऊऊऊ ओह्ह … और जोर जोर से चूसो … ऊओहह बहुत अच्छा लग रहा है.

मैं बिना रुके उसके एक चुचे को जोर जोर से मसले जा रहा था.
निशा काफी गर्म हो रही थी.

मैं अब निशा की टांगों के बीच में आ गया.
उसकी चिकनी टांगें बड़ी सुडौल थीं. मैं बारू बारी से दोनों जांघों को किस कर रहा था.

कुछ पल बाद मैं हल्का सा ऊपर हुआ और उसकी नाभि पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगा.

निशा की मादक आवाजें मेरे सुरूर को बढ़ा रही थीं- ऊओह ह्ह ऊओ ह्हह आअह्ह आःह्ह्ह आःह आआहह!
फिर निशा बोली- यश डाल दो ना!

मैं दुबारा से उसकी टांगों के बीच आ गया और उसके चूत के दाने को चाटने लगा.

निशा- आअह ऊओह्ह ह्हह ऊओ ह्ह आआ ह्ह्ह और जोर से चाटो … आह जोर जोर से चाटो आहह!

मैं जोर जोर से उसकी चूत के दाने को चाटने लगा.
उसकी चूत गीली हो गई थी.

मैं उसकी चूत को चाटने में लगा रहा. निशा जोर जोर से सांस लेने लगी और सिसकारियां ले रही थी- ‘ऊऊह हह्ह आआ आह्ह ह्हह ह्हह!

अपनी दो उंगलियां मैं निशा की चूत में डालने लगा, उसकी चूत काफी टाइट थी … तो पहले दो उंगलियां एक साथ अन्दर नहीं जा रही थीं.

फिर मैंने एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली, निशा की आवाज निकल गई- ओओह्ह.

मैंने उंगली को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. फिर जल्दी ही मैंने दो उंगलियां डाल दीं और वो और जोर से ओओ ह्ह्ह करने लगी.

कुछ पल तक मैं ऐसे ही उंगलियां चूत में अन्दर बाहर करता रहा.
उसकी चूत रस छोड़ने लगी थी.

फिर मैंने उसकी चूत में ढेर सारा थूक लगाया और अपने लंड पर भी थूक लगा लिया.

मैं लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
कुछ देर रगड़ने पर निशा बोली- यश अब डाल भी दो यार … कितना तरसाते हो तुम!

मैंने निशा की चूत पर अपना लंड रख कर हल्के से धक्का मारा. निशा की दर्द भरी कराह निकल गई- ओओ आह्ह ऊऊह!
उसकी आवाज कुछ तेज निकली थी. मुझे डर था कि कहीं शिल्पा की नींद न खुल जाए.

मेरा लंड निशा की चूत में अभी थोड़ा सा गया था. मैं ऐसे ही बिना कुछ करे कुछ पल के लिए रुक गया ताकि निशा शांत हो जाए.

कुछ पल बाद जब लगा कि उसको अच्छा लगा रहा है तो मैंने देर ना की और हल्के से धक्के मारते हुए लंड को अन्दर करने लगा दिया.
जब जब लंड निशा की चूत में अन्दर जाता, उसको दर्द होता.

फिर मैं कुछ पल रुक कर ऐसे ही उसके चूचों को चूसने लगा.
निशा भी मस्ती से अपनी गांड हिला रही थी.

मैंने भी धीरे धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए और साथ ही उसके चूचों को भी दबा रहा था.

मेरे लंड के अन्दर बाहर होते ही निशा ‘ऊओह ह्ह आअ ह्ह्ह ऊओईई …’ की जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी.

उसकी आवाज तेज होने की स्थिति में आ सकती थी इसलिए मैंने पहले ही निशा का मुँह अपने एक हाथ से दबा दिया कि आवाज न निकले.

फिर लंड को बाहर निकाल कर पूरी दम से निशा की चूत में धक्का मार दिया.

‘उई मम्मी मीआहह … ऊईई ईई मर गईई ऊऊईईई ….’
निशा की चूत में लंड पूरा अन्दर चला गया था. उसकी चूत की धज्जियां उड़ गई थीं.

कुछ पल रुकने के बाद मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज कर दी और जोर जोर से निशा की चुदाई करने लगा.

वो ‘ह्हाआ ह्ह्ह ऊओह्ह ह्ह आअह ह्ह्ह्ह …’ की मादक आवाजें निकाली जा रही थी.
जब वो ऐसी आवाज निकालती तो मैं और जोर जोर से उसकी चुदाई करने लगता.

ऐसे ही चुदाई करने के बाद अब मैंने निशा की एक टांग को ऊपर अपने कंधे पर किया और फिर से उसकी जोर से चुदाई करना शुरू कर दिया.

अब वो लंड का मजा ले रही थी- आह ऊऊईई ईईह ऊओह आअह्ह ह्हहा … ऐसे ही और चोदो और जोर से ऊह हह्ह!

फिर कुछ देर में मैं रुका और लंड निकाल कर निशा को घोड़ी बना दिया.

उसके पीछे से मैंने लंड लगाया.
उसकी कमर इतनी मस्त लग रही थी कि लंड गांड की तरफ देखने लगा. उसकी गोरी गोरी गांड को देख कर मुझे और भी जोश आ रहा था.

मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और एक जोर के धक्के में आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में पेल दिया था.

मैं हल्के हल्के लंड को अन्दर बाहर करने लगा और उसकी चुदाई जोर जोर से करने लगा.
निशा की कामुक आवाजें ‘ऊऊऊह हह्ह्ह ह्ह श्श्ह आह्हू ऊओ हहह्ह् चोदो और जोर जोर से ऊऊह्ह …’ मुझे मजा दे रही थीं.

मैं उसके ऊपर चढ़ा था और उसकी चूचियां पकड़ कर धकापेल चुदाई कर रहा था.

काफी देर तक चुदाई होने के बाद निशा अपने हाथ से इशारा करने लगी कि वो शांत होने वाली है पर मैं उसकी बात समझे बिना उसकी चुदाई किए जा रहा था.
कुछ धक्के मारने के बाद निशा ने अपना मुँह दबा लिया और वो हिलती हुई शांत हो गई.

उसका गर्म रस मेरे लंड पर पड़ा तो कुछ धक्के मारने के बाद मुझे भी लगा कि मेरा होने वाला है.
मैं भी और जोर जोर से चुदाई करने लगा और जोर जोर से धक्के मारने लगा. मैं और निशा पूरे पसीने से नहाए हुए थे. वो अपना मुँह दबाये रखी थी.

कुछ धक्के मारने के बाद मैंने सारा पानी उसकी गांड के ऊपर गिरा दिया और शांत हो गया.

हम दोनों नीचे कुछ पल के लिए लेट गए. फिर निशा ने कपड़े उठाए और बाथरूम में फ्रेश होकर कपड़े पहन कर बाहर आ गई.

उसके बाद मैं भी फ्रेश होकर आ गया और हम दोनों साथ में लेट गए.

निशा बोली- यार, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी.
मैंने कहा- ये तो आराम से किया है ताकि तेरी आवाज ना निकले. अभी तो काफी दिन है, कभी मौका मिलेगा तो असली चुदाई करूंगा.

निशा ने मेरे होंठों को चूमा.
मैंने उससे कहा- शिल्पा की भी दिलवा दो यार!

निशा बोली- ठीक है कुछ करूंगी … अभी के लिए गुड नाईट.
ये बोल कर वो सो गई और मैं भी सो गया.

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