मामी हॉट Xxx कहानी मेरी जवान मामी की चूत और गांड की चुदाई की है. मैं मामी के घर गया हुआ था. हम आपस में खुली बात कर लेते थे. तो मैंने मामी को कैसे गर्म किया?
दोस्तो, मेरा नाम अरशद है और मेरी उम्र 22 साल है. मैं बी कॉम फाइनल का छात्र हूं.
मेरा रंग गोरा है और मेरे लौड़े की लंबाई साढ़े पाँच इंच है ये चार इंच मोटा है.
मैं पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के एक गांव का रहने वाला हूं.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है और अपनी मामी के साथ हुई पहली चुदायी की कहानी है.
और यह Mami Hot Xxx Kahani सन 2018 की है.
मेरी मामी का नाम उजमा (कहानी में सभी किरदारों के नाम बदले हुए हैं) है.
उनकी उम्र 32 साल है और फिगर 36-30-34 का है.
मामी के तीन बच्चे हैं, एक लड़का और 2 लड़कियां हैं.
उजमा मामी के साथ उनकी बड़ी बहन कौसर की लड़की गुलशन भी रहती है.
गुलशन की उम्र 20 साल है. वो बीए के प्रथम वर्ष की स्टूडेंट है. गुलशन की अम्मी कौसर एक अपराध करने के कारण जेल में बंद हैं.
मेरे मामा उम्र 35 साल की है. वो दिल्ली में एक कंपनी में जॉब करते हैं.
मैं शाम के लगभग 7 बजे मामा जी के घर गया.
उनका घर मेरे घर से 10 मिनट की ही दूरी पर है.
मामी ने मुझे पानी देते हुए कहा- आज फ्रिज खराब हो गया है, तो पानी ठंडा नहीं है.
मैं- अरे फ्रिज में क्या हुआ. चलिए मामी, मैं देख लेता हूं. छोटी मोटी कमी हुई, तो मैं ही दूर कर दूंगा.
मैंने देखा तो फ्रिज का प्लग जल चुका था.
मैं वहीं फ्रिज के पास खड़ा होकर प्लग चेंज करने लगा.
मेरे पीछे खड़ी हुई उजमा मामी मुझे फ्रिज सही करते हुए देख रही थीं.
मैंने मामी से पूछा- गुलशन कहां गई है?
उजमा मामी- वह आज अपनी सहेली के बर्थडे में गई है.
मैंने कुछ नहीं कहा.
उजमा- क्या बात है आज कल बहुत ध्यान रखा जा रहा है गुलशन का, कुछ बात है क्या?
मैं- नहीं नहीं मामी, ऐसी कोई बात नहीं है. मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था.
उजमा मामी- अच्छा.
तभी मेरी कोहनी पर मुझे उजमा मामी की गर्म चूची के टच होने का अहसास हुआ.
मामी ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
तभी मैंने अपनी कोहनी हल्की से पीछे करके मामी की चूची को दबाते हुए कहा- लो मामी जी, आपका फ्रिज भी ठीक हो गया.
फिर एक साइड को हटते हुए मैंने वापस कहा- मामी जी, अपने शुभ हाथों से फ्रिज के प्लग को बिजली के बोर्ड में लगाकर चालू करो.
अब उजमा मामी फ्रिज के आगे खड़ी हो गई थीं और मैं उनके पीछे!
उजमा मामी- तो मैकेनिक साहब कितने पैसे हुए आपके!
मैं- अब अपनों से भी पैसे लेंगे हम? हमें तो किसी ने जो कुछ दे दिया, उतना ही काफी है. अच्छा मामी मैं चलता हूं.
उजमा मामी- आज यहीं खाना खाकर जाना. बस अभी बना रही हूं.
मैं- ओके मामी.
खाना बनाते हुए उजमा मामी ने कहा- और सुना … तेरी वाली के क्या हाल हैं?
मैं- वो भी खाना बना रही होगी किसी के लिए … या खा रही होगी.
तभी मामी के बच्चे ट्यूशन से आ गए.
फिर हम सबने मिलकर खाना खाया.
रात के 8:30 बजे थे.
उजमा मामी- एक काम करो, आज यहीं सो जाओ और घर फोन करके बता दो.
मैं मामी और उनके बच्चे बेड पर बैठकर टीवी देख रहे थे.
मामी ने सफेद रंग की पंजाबी कुर्ती और चौड़ी मोहरी का प्लाजो पहना हुआ था.
टीवी देखते देखते उजमा मामी के तीनों बच्चे सो गए.
तभी उजमा मम्मी ने दोनों हाथों को ऊपर करते हुए अंगड़ाई लेने के अंदाज में अपने दोनों वक्षों के उभार को ऊपर उठाती हुई बोलीं- दूध पियोगे?
मैंने उजमा मामी के मोटे मोटे उभारों की तरफ देखते हुए दोहरे अर्थ के अंदाज में पूछा- कौन सा दूध … चार थनों वाली का या दो थनों वाली का?
तभी उजमा मामी ने मेरे गाल पर हल्की सी चपत लगाते हुए कहा- बेशर्म!
वे बेड से उठकर जाने लगीं.
उजमा मामी- रुक, अभी दूध गर्म करके लाती हूं.
अभी एक मिनट भी नहीं हुआ था कि मामी किचन से भागी हुई आईं और कहने लगीं- बारिश आ रही है और कपड़े ऊपर सूखने के लिए फैले हुए हैं.
तभी मैं और मामी ऊपर छत पर कपड़े उतारने चले गए.
कपड़े उतारते वक्त मामी की ब्रा मेरे हाथ लग गई.
तभी मेरे मुँह से निकल गया- वाह, दूध पीने की कटोरी हाथ लग गई.
तभी मामी मेरी तरफ देखने लगीं.
मैंने देखा कि मामी बारिश में भीग रही हैं तो मैंने कहा- जल्दी जल्दी कपड़े कमरे में रख दो.
हमने सभी कपड़े ऊपर छत पर बने कमरे में रखे संदूक पर रख दिए.
कमरा फालतू के सामानों से खचाखच भरा हुआ था.
बरिश भी बहुत तेज हो गई थी.
मैंने मामी से कहा- जब तक बारिश होती है, हम यहीं कमरे में रुके रहते हैं. वरना भीग जाएंगे.
कमरे में खड़े होने की भी जगह मुश्किल से थी. कमरे में गेट के सामने ही संदूक रखा हुआ था.
मामी संदूक से सट कर खड़ी थीं. मामी से सटकर उनके पीछे मैं खड़ा था.
मौसम की ठंडक और मामी के बदन की गर्मी मेरे कड़क हो चुके लंड में हलचल पैदा कर रही थी.
मैं मामी के पीछे उनके चूतड़ों से सट कर खड़ा हुआ था.
तेज बारिश की बूंदें मेरी कमर को भिगो रही थीं.
मैंने मामी की लचीली कमर व चूतड़ों पर दबाव बनाकर आगे होते हुए अपने हाथ पीछे ले जाकर गेट को बंद कर दिया.
इस दबाव से हम दोनों के जिस्मों में एक अहसास पैदा हो गया.
मैं और उजमा मामी के जिस्म आपस में इस कदर चिपके हुए थे कि किसी ने जबरन हमारे जिस्मों के बीच कपड़े डाल दिए हों.
मेरे बदन की गर्मी से मामी मस्त हो चुकी थीं. उन्हें भी मेरे कड़क हो चुके लौड़े का अहसास मिल रहा था.
तभी उन्होंने अपनी कमर को चला कर मेरे लौड़े को दबाया.
उसी पल मैंने उजमा मामी के कान के नीचे हल्का सा चुंबन कर दिया जिससे मामी के मुँह से आह की आवाज निकल गई.
मैं- मामी मज़ा …
उजमा मामी ने मेरी आधी बात पकड़ी और कहा- हां आ रहा है.
मैंने अपनी पैंट की जिप खोलने के लिए अपनी कमर को हल्का सा पीछे किया.
जिससे मामी ने भी अपनी गांड को मेरे गर्म सख्त लंड पर पीछे होते हुए चिपका दिया.
मैंने मुश्किल से दाहिने हाथ की मदद से अपना लंड जिप खोलकर बाहर निकाल लिया.
मामी ने जो चौड़ी मोहरी का प्लाजो पहना हुआ था, वो काफी ढीला था.
मैंने बिना नीचे झुके अपने दाहिने पैर से मामी का एक पायंचा ऊपर उठाते हुए उनके घुटने तक ले आया.
फिर प्लाजो के पायंचे को एक हाथ में पकड़कर ऊपर गांड के छेद तक उठा दिया.
मामी ने पैंटी नहीं पहनी हुई थी.
उजमा मामी हल्की हल्की आहें भर रही थीं.
मैंने अपने हाथ की हथेली में बहुत सारा थूक भरते हुए अपने लंड के टोपे पर चिपड़ दिया.
फिर अपने लंड का टोपा मामी की गांड के सुराख पर भिड़ा दिया.
सीधी खड़ी मामी की गांड में लंड जाने में दिक्कत हो रही थी.
मामी थोड़ा थोड़ा झुकती गईं और मैं पीछे से थोड़ा थोड़ा लंड अन्दर सरकाता चला गया.
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क्या मस्त अहसास था दोस्तो!
आज मेरी फैंटेसी वाली मामी मेरे आगे घोड़ी बनी थीं और घोड़ी बनकर अपनी गांड में मेरा पूरा लंड समेटे खड़ी थीं.
मैंने मामी की कमर पकड़कर एक जोरदार धक्का मारा तो प्लाजो दिक्कत देने लगा.
तो मैंने अपना लंड उजमा मामी की गांड से बाहर निकाला.
मैंने मामी के प्लाजो की इलास्टिक में उंगलियां फंसाते हुए प्लाजो को नीचे सरका दिया.
वाह दोस्तो … एक शादीशुदा लड़की के दोनों मटके जैसे कूल्हे मेरे सामने थे.
कमरे में जीरो वॉट का बल्ब जला हुआ था.
पैरों में पड़े हुए प्लाजो को दूर करने के लिए जैसे ही मामी सीधी खड़ी हुईं.
मैंने उजमा मामी को अपनी तरफ पलटते हुए अपने होंठ सीधे मामी के होंठों पर रख दिए.
मेरे लंड से ज्यादा प्यासे मेरे होंठ थे.
मामी की गांड में जाकर आ चुका मेरा खड़ा सख्त लंड फटने को तैयार था.
मैं मामी के होंठ तो कभी जीभ को चूस रहा था.
हमारे बीच घमासान चुदायी का मौसम था, लेकिन कमरे में चुदायी हेतु जगह नहीं थी.
मैंने लगभग 5 मिनट तक मामी के होंठ चूसे.
फिर मामी की कमीज पकड़कर उतारने लगा.
मामी की कमीज़ की सिलाई के टांके टूटने की आवाज आई तो मामी ने खुद अपने हाथों से अपनी कमीज उतार दी.
अब उजमा मामी मेरे सामने जन्मजात नंगी खड़ी हुई थीं.
मैंने फिर सामने से मामी की कोली भरते हुए अपने होंठ मामी के होंठों से भिड़ा दिए.
उजमा मामी अपने दोनों हाथ मेरे कंधे पर रखकर मुझे नीचे की ओर दबाने लगीं.
यह होंठ चूसने का विरोध और चूत चूसने का इशारा था.
मैंने नीचे बैठते हुए अपने होंठ मामी की छोटी झांटों वाली चूत पर रख दिये और उजमा की चूत में जीभ फिराने लगा.
उनकी चूत का पानी रिस रहा था.
उजमा मामी की चूत का रस बकबका सा था.
कमरे में रखे संदूक से सटकर टांगें चौड़ी करके खड़ी हुई उजमा मामी के नीचे बैठकर मैं उनकी चूत में जीभ फिराने लगा था.
उजमा मामी की चूत के काले चमड़े (क्लिटोरिस) को दाहिने हाथ की उंगलियों की चुटकी से मीसने के साथ साथ अपने बाएं हाथ से उनकी चूची के खड़े दाने को बारी बारी से मीस भी रहा था.
इस तिहरे प्रहार से उजमा मामी, लंड को गुदगुदाने वाली आहें भर रही थीं.
तभी उजमा मामी की हल्की सी आवाज आई- ओह … अब बर्दाश्त नहीं होता … जल्दी से कुछ कर दे!
तभी डोर बेल बजी.
मामी अपने कपड़े जल्दी जल्दी पहनकर नीचे जाने लगीं.
अब बारिश भी रुक चुकी थी.
शायद गुलशन बर्थडे पार्टी से वापस आ गई थी.
मामी ने नीचे जाकर गेट खोले तो सामने गुलशन खड़ी थी.
उजमा मामी- आ गई गुलशन. कोई परेशानी तो नहीं हुई है न!
गुलशन- नहीं मौसी, लेकिन मैं बहुत थक गई हूं … तो सोने जा रही हूं.
मैं अभी ऊपर ही था. नीचे जाकर देखा तो उजमा मामी किचन में दूध गर्म कर रही थीं और गुलशन अपने कमरे में जाकर सो चुकी थी.
मैंने पीछे से जाकर मामी को पकड़ लिया. उनसे सटकर खड़े होते हुए उनके दोनों चूचे अपने दोनों हाथों में भरकर भींच दिए.
उजमा मामी ने आह भरते हुए और धीरे से कान में फुसफुसाते हुए कहा- अभी गुलशन के सो जाने के बाद अपने कमरे में करेंगे.
लेकिन मैं नहीं माना और गैस बंद करते हुए मामी को वहीं किचन में फर्श पर लेटा दिया.
मैंने उनका प्लाजो नीचे सरका दिया और उनकी चूत चाटने लगा.
कुछ मिनट तक चूत चाटने के बाद मैंने मिशनरी पोजिशन में अपने लंड का सुपारा उनकी चूत के मुहाने पर रखते हुए एक जोरदार धक्का मारा.
फक्क की आवाज के साथ मेरा पूरा लंड उनकी चूत में उतर गया और मामी का मुँह खुला का खुला रह गया.
उजमा मामी की चीख न निकल जाए, इसके डर से मैंने अपना हाथ उनके मुँह पर रख दिया और धीरे-धीरे उनकी चूत में धक्के लगाने लगा.
मामी को थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था.
समय के साथ मामी हॉट Xxx दर्द चुदाई के मजे में बदल गया.
मैंने अपने धक्के तेज कर दिए.
उजमा मामी ऊँह आह करती हुई लौड़े का मजा लेने लगीं.
वे कहने लगीं- आह और तेज तेज कर आह बड़ी आग लगी है …
किचन में फच फच की आवाज आने लगीं.
चुदायी के मजे में हम ये भी भूल गए कि गुलशन अभी सोई नहीं है.
इस बीच उजमा मामी एक बार झड़ चुकी थीं और मैं झड़ने के चरम पर था.
तभी मैंने उजमा मामी की चूत में दो-चार झटके जोर-जोर के जड़ दिए जिससे मेरा लंड तेज पिचकारियों के साथ मामी की चूत में झड़ गया.
मामी की चूत सफेद पानी से लबालब भर गई.
उजमा मामी धीरे से मेरे कान में बोलीं- क्या बात है हीरो … कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना! हासिल करने चले थे शराब और कब्ज़ा लिया मयखाना!
मैंने मामी के ऊपर लेटे-लेटे कहा- मामी एक बात पूछनी है?
उजमा मामी- हां हां पूछो पूछो?
मैं- मामी आपके पीछे इतनी आराम से कैसे चला गया?
उजमा मामी- अब अरशद मियां सबसे पहले तो आप मुझे मामी-मामी कहना बंद करो.
मैं- ओके उजमा मेरी जान!
उजमा- इस छेद का एक टॉप सीक्रेट है.
‘टॉप सीक्रेट?’
उजमा- हां टॉप सीक्रेट.
मैं- कैसा टॉप सीक्रेट?
उजमा- यह टॉप सीक्रेट किसी से मत बोलना वरना रिश्तेदारी और बिरादरी में बहुत बदनामी होगी.
मैं- ओके.
उजमा- गुलशन एक शीमेल है.
मैं- क्या? क्या बकवास है ये? मैं ही मिला था चूतिया बनाने को आपको?
उजमा- अरे … मैं झूठ क्यों बोलूंगी?
कौशर बाजी और जीजाजी की गुलशन को लेकर इसी मुद्दे पर लेकर लड़ाई होती थी, जिससे कौसर बाजी ने जीजा की हत्या की थी. जीजा जी गुलशन को मार डालना चाहते थे, इसीलिए गुलशन बाजी ने जीजाजी की हत्या की.
अब मुझे धीरे-धीरे सब चीजें समझ आने लगी हैं. यह इतना बड़ा राज कोई नहीं जानता था.
दोस्तो, मैं अपनी अगली कहानी में बताऊंगा कि गुलशन की चुदाई कैसे हुई?
आपको मेरी मामी हॉट Xxx कहानी कैसी लगी, आप मुझे ईमेल पर बता सकते हैं.
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