रिश्ते में दूर की मामी को चोदा

सेक्सी मामी Xxx हिंदी कहानी में पढ़ें कि कुछ दिन के लिए मुझे रिश्ते में मामा के घर रहना था. मामी जवान थी और मुझे बहुत अच्छी लगती थी, मैं मामी को चोदना चाहता था.

दोस्तो, मैं वैभव तब 19 साल का हुआ था.
मेरी मामी की तबियत खराब हो गई थी तो मामा उनको लेकर 3 महीने के लिए इलाज के लिए चेन्नई गए थे.

तो मेरी नानी की देखभाल के लिए मेरी मम्मी और भाई उनके पास चले गए.

अब मैं घर में अकेला रह गया था. घर के बाजू में मेरे एक दूर के रिश्ते के मामा का घर भी था. मैं उन्हीं के घर रहने लगा था.

उधर वाली मामी का नाम कविता है. उनकी उम्र 32 साल की रही होगी.
कविता मामी देखने में एकदम किसी पॉर्न एक्ट्रेस के जैसी लगती थीं.

यह Sexy Mami Xxx Hindi Kahani उन्हीं मामी की है.

उनको देख कर पहली बार में ही किसी भी मर्द के लौड़े से पानी निकल जाए.
कविता मामी का फिगर 34-30-36 का था.

मैं उनकी ओर बड़ी वासना से देखने लगा था.
वे जब भी मुझे खाना देने या कुछ देने के लिए झुकती थीं तो मेरी नजरें उनकी चूचियों पर ही रहती थीं.

मामी मुझसे हंसी मजाक भी बहुत करती थीं.

जब उनकी शादी हुई और मामा के घर आई, तब केवल 22 साल की थीं.
कविता मामी मुझे बहुत पसंद करती थीं. मैं उन्हीं के सामने जवान हुआ था.

उनका घर बहुत बड़ा था और उनका जो बाथरूम था, वह घर से अलग था.
उनके घर में मेरे लिए एक रूम अलग से था. जब मैं उनके घर पढ़ने जाता था तो अपने लिए बने कमरे में ही सोता था.
मेरे बगल वाला रूम उनका था.

एक दिन सुबह जब मेरी नींद खुली तो उस समय 5 बज रहे थे.
मेरी नजर खिड़की पर गई तो देखा कि कविता मामी नहाने जा रही थीं.

उस समय वे केवल एक पेटीकोट में थीं और उसी से अपनी चूचियों को ढका हुआ था.
उनको उस तरह से देख कर मेरा तो लंड खड़ा हो गया.
वे बाथरूम में चली गईं.

मुझे रहा नहीं गया और मैं चुपके से बाथरूम के पीछे चला गया.
वहां कुछ ऊंचाई पर एक छोटी सी खिड़की लगी थी.

मैं कुछ ऊंची जगह पर खड़ा होकर उसमें से अन्दर देखने लगा.
मामी पूरी नंगी थीं और वे अपनी चूत में उंगली कर रही थीं.

मुझसे ये देख कर रहा नहीं गया और मैंने भी अपना लंड हिलाना चालू कर दिया.
कुछ ही देर में मैंने अपने लंड का पानी भी वहीं निकाल दिया और उधर से वापस आ गया.

अब मैं जान गया कि मामी को सेक्स का सुख नहीं मिल पा रहा है क्योंकि मामा जी काम की वजह से सारे दिन बाहर रहते हैं. रात में भी वे लेट आते हैं.
मैं उसी दिन से मामी को चोदने का प्लान करने लगा.

कुछ दिन बीत गए, कोई जुगाड़ नहीं बन पा रहा था.

एक दिन रात को मैं एक शादी से वापस आया तो रात ज्यादा हो गई थी.
जब मैंने घर की घंटी बजाई तो थोड़ी देर तक दरवाजा नहीं खुला.
मैंने सोचा मामी सो गई होंगी शायद.

फिर मैंने उन्हें फोन किया तो मामी ने उठा लिया.
जैसे ही मामी ने हैलो बोला तो उनके मुँह से आह की आवाज आई और उन्होंने फोन काट दिया.

मैं सोचने लगा कि ये तो मामला धकाधक वाला लग रहा है.

कुछ देर बाद मामी ने आकर दरवाजा खोला.
मैं तो उनको देखता रह गया.

उन्होंने जाली वाली काले रंग की नाइटी पहनी हुई थी जिसमें से उनका सब कुछ दिख रहा था.
सीन देख कर लगने लगा कि मामा आज उनको पेल रहे हैं क्योंकि वह बिना कुछ कहे तुरंत ही वापस हो गई थीं और अपना पिछवाड़ा मटकाती चली गईं.

मेरा तो मन किया कि यहीं पकड़ कर पेल दूं.
मगर मामा का लंड काम पर लगा था तो मैं अपने रूम में आ गया.

अब मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैं मामी को चुदते हुए देखना चाहता था.

जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैं उठ कर इधर उधर देखने लगा.
मेरे कमरे में थोड़ा ऊपर को एक छोटी खिड़की लगी थी.

मैंने टेबल पर चढ़ कर उसको खोला और मामी के कमरे में देखने लगा.
मामी पूरी नंगी लेटी हुई थीं और मामा उनको पेल रहे थे.
मामी धीरे धीरे आवाज कर रही थीं.

तभी मामा ने लाइट ऑन कर दी और उसी पल कविता मामी ने अचानक से खिड़की की तरफ देखा.
मेरी नजर मामी की नजर से मिल गई.
मेरी तो फट कर हाथ में आ गई कि सुबह क्या होगा?
मैं जाकर सो गया.

सुबह मैं देर से सो कर उठा.
मामा अपने काम पर निकल गए थे.

जैसे ही मैं कमरे से निकला.
मामी मेरे सामने आ गईं और मुझे चाय देती हुई बोलीं- अरे उठ गया. मैं चाय लेकर तुझे जगाने ही आ रही थी.

मैं कुछ नहीं बोला.

मामी ने मुझे चाय का कप पकड़ा कर कहा- तेरे मामा को दिल्ली जाना है. उनका टिफिन और सूटकेस लेकर उनके ऑफिस में जा कर दे आना. वे वहीं से दिल्ली निकल जाएंगे.

उस दिन मामी ने मुझे अजीब तरह से देखा.
मैं खुश था कि मामी ने और कुछ नहीं कहा.

कुछ देर बाद मैं चला गया.

फिर दिन भर इधर उधर दोस्तों के साथ घूमता रहा था.
उस दिन मामी ने मुझको कई बार फोन किया.

मैंने मन में सोच लिया था कि आज जो भी हो जाए, मामी को पेल कर ही रहूँगा.

शाम को जब मैं घर आया तो मम्मी का फोन आ गया.
वे मुझसे मामी से बात करवाने को बोलीं.
उन्होंने कहा कि मामी फोन नहीं उठा रही हैं.

मैं फोन ले गया तो मामी बाथरूम में थीं.
मैंने आवाज दी तो मामी ने थोड़ा सा दरवाजा खोला.
मैंने कहा कि मम्मी बात करना चाह रही हैं, लो फोन ले लो.
उन्होंने फोन ले लिया और मुझसे बोलीं- कमरे में से मेरे कपड़े ले आओ.

मैं गया तो वहां केवल पिंक कलर की ब्रा पैंटी थी, वे भी एकदम सेक्सी वाली.
मैं लेकर गया, तब तक वे फोन रख चुकी थीं.

मैंने आवाज दी, तो बोलीं- दरवाजा खुला है, अन्दर रख दो.

तब मैंने दरवाजा थोड़ा सा खोला और उनके कपड़े वहीं बनी तिपाई पर रख दिए.

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उन्होंने कहा- अपना फोन भी ले लो. मेरे हाथ में साबुन लगा है.
मैंने कहा- आप नहा लो, फिर ले लूँगा.

तब उन्होंने कहा- अब क्या शर्म कर रहे हो … रात में तो सब देख तो लिया था न!
मेरी तो एकदम से आवाज बंद हो गई.

उन्होंने फिर से कहा- आओ आ जाओ ना … शर्म मत कर. मेरे पीछे भी थोड़ा साबुन लगा कर मल दो.

मैं बड़ी हिम्मत करके अन्दर गया तो देखा कि वे मेरी तरफ पीठ करके बैठी थीं.
मैंने साबुन लिया और लगाना शुरू कर दिया.
मेरा हाथ धीरे धीरे नीचे की तरफ जा रहा था.

फिर मैंने जानबूझ कर एक उंगली उनके पीछे से गांड की लकीर में फेर दी.
वे कुछ नहीं बोलीं.

मैं जान गया कि आज उनका भी मन है.
बिना कुछ सोचे समझे मैं उनकी चूची दबाने लगा.
उनकी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे दोनों हाथों में थीं.

मामी उठ कर खड़ी हो गईं और मेरी तरफ मुँह कर लिया.

जैसे ही उनका मुँह मेरी तरफ हुआ, मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा.
वे भी मेरा साथ देने लगीं.
मैंने उनको कसके जकड़ लिया.

वे भी मेरे सीने से लिपट कर चुंबन में साथ देने लगीं.

हम दोनों ने 15 मिनट तक बिना रुके एक दूसरे के होंठों को खूब चूसा और जीभ भी चूस कर मजा लिया.
मैंने उनकी गांड भी दबायी.

उन्होंने मेरे हाथ हटाते हुए कहा- बस अब रात में!
यह कह कर मामी ने मुझे बाथरूम से बाहर कर दिया.

मैं बहुत खुश था कि आज तो कविता मामी को पेलूँगा.

फिर मैं कमरे में आकर टीवी देखने लगा.
इस बीच मामी नहा कर मेरे सामने आ गईं.

मैंने उन्हें अपनी गोद में खींच लिया और उनकी चूचियां दबाने लगा, गांड भी दबाई.
फिर वे मुझे धकेल कर उठ गईं और काम करने लगीं.

अब जब जब वे मेरे सामने पड़तीं, मैं कुछ न कुछ कर देता.

बड़ी मुश्किल से समय कट रहा था.
फिर रात में खाना खाने के बाद मामी ने कहा- मेरे कमरे में रहना, मैं अभी आ रही हूँ.

कुछ बीस मिनट बाद जब मामी कमरे में आईं तो क्या माल लग रही थीं.

कविता मामी पिंक ब्रा पैंटी में थीं और ऊपर से काली जाली वाली नाईटी पहन कर रूम में आ गईं.

मैंने उनको पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और किस करना शुरू कर दिया.
मैं पागलों की तरह उनको चूम रहा था, उनके गाल को अपने दांतों से काट लेता तो वे सिसिया जातीं.

कुछ देर बाद मामी बोलीं- इतनी जल्दी क्या है. मैं पूरी रात तुम्हारे पास हूँ.
फिर भी मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

मैंने उनके पूरे कपड़े उतार दिए.
अब मामी मेरे सामने पूरी नंगी थीं, मैं उनको देख रहा था.

उन्होंने कामुक नजरों से मुझे देखते हुए कहा- क्या हुआ?
मैंने कहा- मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि आप मेरे सामने ऐसे लेटी हो.

वे उठीं और मेरे होंठों को चूसती हुई बोलीं- अब हुआ विश्वास?
‘हां मामी.’

मैंने फिर से उनकी रसीली चूचियों पर हमला बोल दिया.
एक हाथ को उनकी नंगी चिकनी चूत पर लगा कर मैंने बीच की उंगली चूत में पेल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
मामी गर्म होने लगीं और अपनी गांड उठाने लगीं.

फिर मैं धीरे धीरे उनके पूरे बदन को चूमता हुआ उनकी चूत पर आ गया.
चूत पर मैंने अपनी जीभ रख दी और चाटने लगा, फिर अन्दर डाल कर उनकी चूत में जीभ को अन्दर बाहर करने लगा.

उन्होंने मेरा सिर पकड़ा और अपने हाथों से दबाने लगीं.

वे ऐसे कर रही थीं मानो अपनी चूत को मेरे मुँह में पूरी डाल कर ही मानेंगी.

करीब दस मिनट बाद उनकी चूत पूरी गीली हो गई थी और उनका पानी मेरे मुँह में आने लगा था.
वे झड़ कर ढीली हो गई थीं.

मैं अब खड़ा हुआ, मेरा लंड पूरा तैयार था.
मैंने अपना लंड उनके होंठों पर रखा और धीरे से उनके मुँह में दे दिया.

वे मेरा लंड चूसने लगीं और कुछ देर बाद कहा- अब जल्दी से अन्दर डाल दो. मुझसे रहा नहीं जाता. लौड़े को मैं बाद में चूस लूँगी.

मैं बेड से नीचे उतरा और उनके पैर उठा कर अपने कंधों पर रख कर अपना लंड उनकी चूत में सैट करके डालने लगा.

उनकी चूत गीली होने के कारण लौड़े ने मुँह मोड़ लिया और गांड की गली में सरक गया.

तब मामी ने अपने हाथों से लौड़े को छेद पर सैट किया और बोलीं- अब डालो.
मैंने जैसे ही झटका मारा तो मेरा आधा से ज्यादा लंड अन्दर घुस गया.

मामी के मुँह से आवाज निकल गई- ऊईईई मां मर गइई!
मैं रुक गया.

मामी अपने हाथ से मुझे रोक भी रही थीं.
वे बोलीं- क्या ऐसे डालना चाहिए? मैं कहीं भागी जा रही हूँ. आराम से पेलो. मैं तुम्हारा लंड मुँह में लेते ही जान गई थी कि आज पक्के में मेरी चूत फट जाएगी.

मैंने कहा- जब आप जान ही गई थीं, तो क्यों रोक रही हो … आज फड़वा ही लो ना.
यह कह कर मैंने दूसरा धक्का दे मारा.
मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.

मामी ने मिसमिसा कर अपने नाखून मेरी पीठ पर गाड़ दिए ‘ऊईईईई म्म्म्म्म ह्ह्ह्ह … रुक जा.’
पर मैं रुका नहीं और लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

कुल दो मिनट बाद मामी भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगीं ‘आह तेज करो ऊऊह्ह अअह …’

मैं उनकी चूची दबा रहा था और चोदे जा रहा था.
वे भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उनकी पीठ ऊपर कर दी.

मैं उनके ऊपर लेट गया और लंड को सैट करके फिर से चोदना शुरू कर दिया. मैं जितनी तेज धक्का मारता, उनकी गांड उतनी ज्यादा उछल जातीं.
कुछ मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मामी ने अपना मुँह तकिए से छिपाए जा रही थीं.

अब मेरा रस आने वाला था, मैंने बोला- मेरा आने वाला है. कहां निकालूँ!
मामी बोलीं- मेरा भी आने वाला है. एक साथ ही छोड़ेंगे, तुम मेरी चूत में निकल जाओ.
बस 5-10 धक्के के बाद हम दोनों एक साथ निकल गए.

मैं कुछ देर उनकी पीठ पर पड़ा रहा, बाद में नंगा ही उनसे चिपक कर लेट गया.
दोस्तो, इसके आगे का मजा अगली बार लिखूँगा.
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