मेरी फुफेरी बहन ने दूध पिला कर मेरा लंड लिया

Xx MILF सेक्स कहानी में मेरी बुआ की बेटी ने मुझे अपनी दूध भरी चूचियां दिखाकर ललचाया, दूध पिलाया और फिर मेरा कुंवारा लंड चूस कर मेरे जीवन का पहला सेक्स दिया.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रोहित है और आज मैं आपको लोगों को अपने पहले सेक्स अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ.
यह अनुभव मैंने अपनी बुआ की बेटी के साथ अनुभव किया था.

मेरी उम्र 21 साल की है और मैं बिहार राज्य के मुंगेर ज़िला में रहता हूँ.

यह Xx MILF Sex Kahani आज से डेढ़ साल पहले की है जब मैंने अपनी बुआ कि बेटी पायल के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाया था.

उनकी उम्र उस समय 30 की थी.
वे देखने में इतनी खूबसूरत थीं कि कोई भी मर्द अगर उन्हें एक बार नजर भर कर देख ले तो वह उसी पल से उनके जिस्म का दीवाना बन जाए और बिना अपने लंड को संभाले ना रह पाए.

उनकी शादी को उस समय सिर्फ 2 साल ही हुए थे.
उस वक्त तक वे एक बच्चे की माँ भी बन चुकी थीं.

माफ़ कीजिएगा, मैंने आप सभी को अभी तक उनके जिस्म के नाप के बारे में नहीं बताया.
दीदी का माप 34-28-36 का था, बाद में मैंने उन्हें 36-30-38 का कर दिया था.

अभी डेढ़ साल पूर्व की घटना पर चलते हैं. उस वक्त तक पायल दीदी का बेटा सिर्फ एक साल चार महीने का ही हुआ था.

दीदी अपने मायके में ही रहती थीं.
वैसे उनका ससुराल भी मुंगेर में ही है.
परन्तु उनके पति बंगाल में काम करते हैं और महीने में 2 या 3 बार ही घर आते थे, इसलिए भी वे अपने मायके में ही रहती थीं.

पायल दीदी चाहती थीं कि वे एक आत्मनिर्भर महिला बनें … इसलिए वे कंप्यूटर का एक कोर्स भी कर रही थीं.
परन्तु उम्र अधिक हो जाने के कारण उनकी किसी भी तकनीक को जल्दी समझने की क्षमता भी कम हो गई थी.

चूंकि मैंने 12 वीं करने के बाद कंप्यूटर का कोर्स किया था और कंप्यूटर के प्रति मेरे अच्छे ज्ञान के कारण मेरी बुआ ने मुझे पायल दीदी की मदद करने को कहा.

वैसे मेरी पायल दीदी से ज्यादा बात नहीं होती थी, फिर भी मैंने हामी भर दी.

मैंने शाम 4-5 का समय निर्धारित किया, जिससे किसी को आपत्ति नहीं थी.

अगले दिन मैं अपनी बुआ के घर आया.
उनका घर मेरे घर से 5 मिनट की दूरी पर ही था.

समय पर पहुंचा तो पायल दीदी ने ही दरवाजा खोला.

उस दिन उन्होंने पूरे गले वाली लाल रंग की नाईटी पहनी हुई थी.
उन्होंने मुझे अपने पीछे आने का कहा.
वैसा करने पर मैं उनके कमरे में पहुंच गया.

उनके कमरे में उनका लैपटॉप भी था तो मैं उनके लैपटॉप को स्टार्ट करने लगा.

क्योंकि मैं अभी-अभी अपनी जवानी में प्रवेश कर रहा था इसलिए मैंने उनके संतरों को देखने का अनगिनत बार विफल प्रयास किया.

वे इस बात से अनभिज्ञ थीं कि मैं उनके संतरों को देखना चाहता हूँ.

तभी उनका बेटा भी मेरी गोद में आकर मुझे परेशान कर रहा था, जिसकी शिकायत मैंने दीदी से की.

इस पर उन्होंने कल तक इंतजाम करने का आश्वासन दिया.
अगले दिन जब मैं उनके कमरे में पहुंचा तो उन्होंने कमरे को बंद कर दिया.

यह देख कर मैं एकदम से घबरा गया.
उनने मेरी घबराहट को दूर करने के लिए बताया कि इस तरह से उनका बेटा हमें परेशान नहीं करेगा.

इसी तरह कई दिन बीत गए परंतु मैं अभी तक उनकी गेंदों को नहीं देख पाया था.

फिर वह शुक्रवार का दिन आया, जिसने मेरी जिंदगी बदल दी.

उस दिन मैं थोड़ी जल्दी ही उनके घर आ गया. शायद 15 मिनट पहले पहुंच गया था.

हमारे इधर के लोग खाना खाने के बाद सो जाया करते हैं, उसी तरह पायल के घर में भी पायल के अलावा सभी लोग सोए हुए थे.

उस कारण पायल अपने बेटे को अपना दूध पिला रही थी.
उनको दूध पिलाने के बीच में ही उठ कर दरवाजा खोलना पड़ा.

यह पहली बार था, जब मैंने पायल दीदी की चूचियों को नंगी देखा था.
हालांकि मुझे उनकी चूचियां आधी ही दिख रही थीं, क्योंकि वे हमेशा पूरे गले की नाईटी पहना करती थीं.

उन्होंने अपने हाथ को हिलाया और मुझे होश में लाया.
होश में आने के बाद मैं सीधा उनके कमरे में चला गया.

वे भी अपने कमरे में आ गईं. वे अभी भी अपने बेटे को दूध पिला रही थीं.

मैं तिरछी नज़रों से चूचे देखते हुए लैपटॉप चला रहा था.

अचानक उन्होंने हल्की सी चीख निकाली तो मैंने पूछा- क्या हुआ?
उन्होंने कहा- कुछ नहीं.

मैंने भी ज्यादा दवाब नहीं डाला और वापस से उनकी चूची को तिरछी नज़र से देखने लगा.
एक मिनट बाद उन्होंने पिछली चीख से अधिक दर्द में चीख निकाली.

अब मैंने देख लिया था कि दीदी के एक निप्पल के नीचे से खून निकल रहा था.
मुझे समझ आ गया था कि बेबी ने काट लिया है.

फिर भी मैंने पूछ लिया कि क्या हुआ?
उन्होंने कुछ भी कहने की बजाए मुझे अपनी चूची दिखाई, जिसके निप्पल से खून निकल रहा था.

मैं दीदी की एक बात जानता था कि उनको खून से दिक्कत है, तो वे खुद से तो उसे साफ नहीं करेंगी और मुझे ही उनकी चूची को साफ करने के लिए कहेंगी.
फिर भी मैंने उनसे कहा कि आप इसे साफ करके इसमें क्रीम लगा लो.

उन्होंने वैसा ही करने के लिए सर हिलाया.
फिर जैसा मैंने सोचा था, दीदी ने सब कुछ मुझे करने को कहा.

मैंने झट से अपना रूमाल निकाला और एक हाथ से उनकी चूची को पकड़ लिया. दूसरे हाथ से मैं खून को साफ करने लगा.
उस मखमल सी मुलायम चूची को छूने के बाद तो मेरे पूरे बदन में करेंट सा दौड़ गया.

फिर भी मैंने अपने आपको संभाला और दीदी की चूची को अच्छे से साफ करने लगा.
उस वक्त दीदी ने हल्की से आह भी भरी तो मैंने सोचा कि कोई आ ना जाए.

मैंने उसी डर के मारे कह दिया- मरवाओगी क्या?
इस पर उन्होंने हां कह दिया.

पहले तो मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मरवाओगी क्या … का उत्तर हां में देने का क्या आशय है?
फिर मैंने उनकी तरफ देखा, तो उन्होंने मुझे आंख मार दी.

अब मैं समझ गया कि उनकी हां का मतलब क्या था.
मैं डर के कारण हाथ धोने के बहाने कमरे से निकल गया.

वापस आकर मैंने उन्हें लैपटॉप सिखाना शुरू कर दिया.
उस वक़्त तक उन्होंने अपने कपड़े भी ठीक कर लिए थे.

मन ही मन मुझे खुद पर काफी गुस्सा आ रहा था कि मौका मिलने पर मैंने चौका नहीं मारा.
इस तरह उस दिन का समय खत्म हो गया.

रात भर अपने आपको कोस कर अगले दिन मैं फिर उनके घर गया.
बिना इधर-उधर की बात किए, मैं उन्हें लैपटॉप सिखा रहा था.

उन्होंने मुझसे कहा- रोहित, क्या तुम फिर से मेरे दूध पर क्रीम लगा दोगे!
मैंने हां में सर हिला दिया.

तो उन्होंने झट से अपनी नाईटी को सामने से खोल दिया और ब्रा में कैद मुझे अपनी चूचियों के दर्शन कराए.

ब्रा के नीचे कटी हुई जगह पर थोड़ी सी क्रीम लगाने के बाद मैंने धीमे स्वर में कहा- दीदी, अगर आप कपड़े उतार दो, तो मैं अच्छे से क्रीम लगा दूँगा.

उन्होंने अपनी नाइटी को पूरी तरह से हटा दिया.
इस प्रकार वे मेरे सामने पिंक ब्रा और पैंटी में आ गईं.

मैंने ब्रा की तरफ इशारा किया तो उन्होंने उसे भी उतार दिया.
तब मैंने पुनः क्रीम लगाना शुरू किया.
अब कभी-कभी मैं उनकी चूची को दबा भी देता था.

वे बोलीं- दूध दबाने में मजा आ रहा है क्या?
मैंने हंस कर दीदी की तरफ देखा.

वे बोलीं- दूध पिएगा?
मैंने हां में मुँडी हिला दी.

दीदी ने मुझे अपने होंठों को गोल करके चूमने का इशारा किया.
मुझे उनकी यह हरकत किसी चुदासी रंडी जैसी लगी.
मैंने भी अपने होंठ गोल करके उन्हें चुम्मी करने का इशारा किया.

फिर ना जाने कब हम दोनों के होंठ आपस में फेविकोल की तरह चिपक गए.
अब मैं उनकी चूचियों को और जोर-जोर से दबाने लगा. जिस कारण वे जोर जोर से आह आह करने लगीं.

फिर मैंने अपना मुँह उनकी एक चूची पर टिकाया और जोर जोर से दूध पीने लगा.
उनकी चूचियों से दूध निकल रहा था, जो पीने में काफी मीठा था.

अब तक मेरा सात इंच का औजार खड़ा हो चुका था जो बार बार उनके पेट से टकरा रहा था.
फिर उन्होंने मेरे लंड की तरफ रुख किया और झट से मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया.

वे इतनी जोर जोर से मेरे लंड को चूस रही थीं कि 5 मिनट में ही मेरा पानी छूट गया.

फिर पायल दीदी ने अपनी पिंक पैंटी खुद से उतार दी.
अब वे मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गई थीं.

उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. बाल न होने से उनकी चूत की खूबसूरती को और भी बढ़ रही थी.

मैंने पोज बनाया और दीदी की चूत पर एक किस कर दिया.
वे सिहर उठीं और उसी पल मैं उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा.

वे आह आह करने लगीं और उनकी दोनों टांगें फैल गईं.
मैं भी किसी कुत्ते की तरह अपनी दीदी की चूत को चाटता और चूसता रहा.

अगले कुछ ही मिनटों में दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया.
वे आह आह करके मुझे हट जाने का कहने लगीं, मगर मुझे चूत रस को चाटने में मजा आ रहा था तो मैं दीदी की चूत को चाटता रहा.

कुछ देर में दीदी को अपनी चूत चटवाने में वापस से मजा आने लगा और वे अपनी गांड उठा कर मुझसे अपनी चूत चटवाने का आनन्द लेने लगीं.

मैंने अपनी दो उंगलियां एक साथ उनकी चूत में डाल दीं.
वे पूरा प्रयास कर रही थीं कि उनकी आह ना निकले, मगर मेरी जीभ और उंगलियों ने उन्हें कामुक आवाज़ निकालने के लिए मजबूर कर दिया था.

अब तक मेरा लंड होने अपने पूरे आकार में आ चुका था.
मैंने आसन बदला और अपना लंड दीदी की चूत के मुख्य द्वार पर रख दिया.

अब मैंने एक जोरदार झटका दे मारा.

चूंकि पायल एक शादीशुदा औरत थीं और कई बार चुद चुकी थीं इसलिए मेरा लंड आसानी से उनकी चिकनी चूत में पूरा का पूरा घुसता चला गया.

अब मैंने अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया और दोनों हाथों से उनकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया.
Xx MILF सेक्स का मजा लेने लगीं.

करीब दस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं छूटने को होने लगा, तो मैंने पूछा- रस कहां निकालूँ?
तो उन्होंने अपने मुँह में निकालने को कहा.

मैंने झट से चूत से लंड निकाल कर दीदी के मुँह में दे दिया और अपने लंड का सारा सा सारा पानी उनके मुँह में छोड़ दिया.
उन्होंने भी बेझिझक होकर पूरा रस पी लिया.

इस तरह मैंने उस दिन दीदी को दो बार और चोदा.
उनकी चूत में अपना लंड पेल कर मैंने अपना कुंवारापन कुर्बान कर दिया था और एक सुखद अनुभव के साथ सो गया.

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पंजाबी भाभी की गीली चूत चाट कर फाड़ी