कॉलेज गर्ल की हवस ने उसे उसकी सहेली के टीचर भाई से चूत चुदवाने पर मजबूर किया ही, साथ ही वह अपनी चुदाई की वीडियो बनवा कर उसे सहेली के साथ बैठ कर देखती थी.
दोस्तो, कैसे हो … आजकल ज्यादा समय नहीं मिल पाता है, इस कारण से कहानी नहीं लिख पाती हूँ.
मैं आशा करती हूँ कि आप सब अच्छे होंगे और सबको मैं याद भी होऊंगी. और इस कॉलेज गर्ल की सेक्स की हवस भी याद होगी.
जैसा कि आपको पिछली सेक्स कहानी में मैंने बताया था कि सर ने मुझे समीर के घर पर चोदा और उसके अगले दिन मुझे कुछ काम से बाहर जाना पड़ा.
मैं दो हफ्ते के लिए मौसी के घर आई थी.
इस दौरान रोज रात को सर का कॉल आता और वे मुझसे सेक्सी बातें करते.
मैं सारी बातें उसकी बहन को भी बताती और समीर को भी ऑडियो सेंड कर देती थी.
एक दिन सर ने वीडियो कॉल किया और मेरे सामने नग्न हो गए.
मैंने भी उनको अपने बूब्स दिखाए और हम दोनों ने वीडियो कॉल पर अपना अपना पानी निकाल दिया.
यह सब मैंने समीर को और सुमन को बताया.
बाद में मैं वापिस आई तो कॉलेज गई.
उस दिन मैंने जानबूझ कर जांघों तक आने वाला स्कर्ट और टाइट शर्ट पहनी थी.
जब सर ने मुझे देखा तो आखिरी वाले पीरियड में मुझे लैब में बुला लिया.
मैंने सुमन से कहा- तेरे भैया ने मुझे लैब में बुलाया है.
वह हंस कर बोली- हां, चली जा न और भैया के साथ मजा कर!
मैं वहां गई तो लैब खाली थी, बस सर थे.
सर ने जाते ही गले लगा लिया और कहने लगे- अरे मेरी मेघा रानी, कहां थी तू … तेरे बिना मैं कितना बेचैन था!
यह सब कह कर वे मुझे किस करने लगे.
‘उम्म स्स्स …’ की आवाजें आने लगीं.
‘सर, कोई आ जाएगा!’
‘अरे इस टाइम यहां कोई नहीं आएगा.’
यह कह कर सर ने मेरे बूब्स पकड़ कर मरोड़ दिए.
‘आआह सर आराम से … ये संतरे आपके लिए ही हैं उम्म स्स्स्स धीरे मसलो न!’
यही सब कहते हुए मैंने सर का लंड पकड़ लिया.
उनका लंड एकदम टाइट था.
मैं- क्या बात है सर ये छोटे नवाब कैसे अकड़ कर खड़े हैं!
मैं कुर्सी पर बैठ गई.
सर मुझे किस करते रहे और उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए.
मेरे बूब्स ब्रा में कैद थे.
वे ब्रा को ऊपर करके मेरे एक दूध को चूसने लगे और दूसरे को मसलने लगे.
सर चूस कम रहे थे, काट ज्यादा रहे थे.
मैं दर्द से कराह उठी- आह इस्स्स्स आह … काटो मत जानू … आह लगती है.
पर वे कहां कुछ सुनने वाले थे.
उनका एक हाथ मेरी पैंटी में घुस गया और मेरी रस छोड़ती चूत में उंगली जाने लगी.
मैंने भी अपनी दोनों टांगें खोल दीं और मजा लेने लगी.
कुछ देर बाद उन्होंने मेरी टांगों को चिपकाया और पैंटी खींच कर नीचे कर दी.
वे कुर्सी के सामने बैठ गए और मेरी चूत में जीभ डाल कर चूसने लगे.
‘अअह उम्म … सर बहुत अच्छा लग रहा है और चाटो आह … म्मम्म सर जल्दी से मेरी चूत बस झड़ने वाली ही है … मुझे चुदाई के बिना आराम नहीं मिलेगा. आज रात को मैं आपको अपनी चूत के साथ एक सरप्राइज भी दूंगी … अभी बस झाड़ कर छोड़ दो … अभी इतना काफी है.’
मैं कुछ ही देर में झड़ गई तो सर से अलग होने लगी.
‘जान मेरा लंड अभी भी खड़ा है, उसका क्या करूँ?’
‘मैं हूँ न!’
मैंने खड़े होकर सर की पैंट नीचे की और उनके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
‘उम्म आह मेघा मेरी जान … चूस लो आह इतना मिस किया तुझे!’
मैं बिना कुछ सुने सर का लंड चूसे जा रही थी.
थोड़ी देर में उन्होंने अपने लंड का पानी छोड़ दिया तो मैंने हाथ पर वीर्य लेकर अपने मम्मों पर मसल लिया.
फिर सर ने मुझे छोड़ दिया और मैं अपने कपड़े पहन कर वापस क्लास में आ गई.
मैं सुमन के साथ बैठ गई.
सुमन ने पूछा- क्या हुआ?
मैं- कुछ नहीं, तेरे भैया का पानी चूस कर निकाल दिया. आज रात तेरे घर आऊंगी, तो हमारी चुदाई लाइव देख लेना और रिकॉर्ड भी कर लेना.
वह- ठीक है.
फिर शाम को मैं सुमन के घर चली गई और हमने डिनर किया.
रात को सर आए तो मुझे आया देख कर खुश हो गए.
जब सुमन किचन में थी, तो सर ने पूछा- सुमन का क्या करेंगे?
मैंने कहा- मैंने सब सोच लिया है. रात को चाय बनाएंगे, तो उसे नींद की गोली दे देंगे.
सर राजी हो गए.
मैंने तो सुमन को अपना प्लान पहले ही समझा दिया था.
रात को मैंने चाय बनाई और सुमन ने चाय पीने के बाद सोने का नाटक करना शुरू कर दिया.
फिर ग्यारह बजे मैंने सुमन से कहा- मैं जा रही हूँ, तू खिड़की से देख लेना और रिकॉर्ड भी कर लेना.
उसने कहा- ठीक है.
मैं सर के कमरे में गई तो सर मुझे आया देख कर खुश हो गए.
मैंने चादर से अपना सारा बदन ढक रखा था.
‘ये चादर क्यों ओढ़ रखी है?’
‘इसमें खजाना है.’
वे बोले- मैं लूटूँगा उस खजाने को!
मैंने चादर छोड़ दी. मैं अन्दर से एकदम नंगी थी.
वे मुझे देखते ही रह गए.
अगले ही पल वे मेरे पास आकर मुझे चूमने लगे.
मैंने उनको बिठाया और उनके कपड़े उतारे. उनका लंड पकड़ कर मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
‘ऊऊह ओह मेघा कितना अच्छा चूसती हो यार … कितनी ऑसम हो! अच्छा लग रहा है … चूसती रहो!’
मैं उनका लंड पूरा मुँह में लेकर अन्दर बाहर कर रही थी और उनके बॉल्स भी चूस रही थी.
सर मेरे निप्पल पकड़ना चाह रहे थे, पर मैंने उनके हाथ साइड में झटक दिए.
‘सर इस सुहाने पल को आंखें बंद करके महसूस कीजिए बस.’
तब सर ने अपना हाथ मेरे सिर पर रखा और मेरे मुँह में लंड को अन्दर बाहर करने लगे.
‘अअह मेघा रानी मेरा पानी निकल जाएगा!’ वे College Girl ki Hawas का मजा ले रहे थे.
‘निकल जाने दीजिए … मैं हूँ न दुबारा से आपका लंड खड़ा कर दूँगी.’
बस यह सुनते ही सर ने हथियार डाल दिए.
उनके लंड से एक तेज पिचकारी मेरे गले में आ लगी.
अब सर ने आंखें खोल दीं.
‘सर अच्छा लगा आपको!’
‘बहुत अच्छा जान.’
‘दो हफ्ते से आपसे दूर थी, आज उसकी पूरी भरपाई कर रही हूँ. अब आप अपनी जीभ का कमाल दिखाइए.’
सर ने मेरे होंठ चूमे, फिर गर्दन चूमते हुए मेरे बूब्स पर पहुंच गए.
‘उम्मम्म … अच्छे से चूसिए … आपके लिए ही हैं. कितने दिन से अपने ये आम आपसे चुसवाने को तड़प रही थी.’
सर मेरे एक दूध के निप्पल मरोड़ रहे थे और दूसरे को मुँह में लेकर चूस रहे थे.
फिर वे पहला निप्पल चूसने लगे और दूसरा मरोड़ने लगे.
उसके बाद वे मेरी नाभि चाटने लगे और दोनों हाथों से मेरे दोनों निप्पल मरोड़ने लगे.
उसके बाद सर नीचे आ गए और चूत पर किस करके उसे चाटने लगे.
‘अआ अह स्स्स्स सर … बहुत प्यासी है मेरी चूत … आह खा जाओ इसे … जीभ डालो न चूत में आह.’
सर जीभ चूत में डाल कर अन्दर बाहर करने लगे.
मेरा रस छूटने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने अपने शरीर को समेटना शुरू कर दिया.
मेरा सारा पानी सर ने चाट लिया था.
अब हम दोनों साथ में लेट गए.
सर मेरे मम्मों से खेलने लगे और वे मुझे किस करते रहे.
‘जब दो हफ्ते तक तुम नहीं थी तो रोज रात को याद करते हुए लंड हिलाता था.’
‘सच में सर … तभी उस दिन वीडियो कॉल पर इतना सारा पानी निकला था आपका. अभी तो आपको मजा आ रहा है न!’
‘अरे बहुत, इतना मजा कभी नहीं आया.’
थोड़ी देर के बाद हम दोनों 69 में आ गए और सर ने मेरी चूत पर अपना मुँह रख दिया.
वे अपनी जीभ को चूत में अन्दर बाहर करने लगे.
मैंने भी उनका लंड और बॉल्स चूसना शुरू कर दिया था.
लगातार चुसाई के कारण हम दोनों बहुत गर्म हो गए थे.
‘सर अब रहा नहीं जाता, इस चूत को अपने हथियार से चोद कर ठंडी करो न!’
सर ने मुझे गोद में बिठाया और होंठ चूसने लगे. वे लंड से चोदने लगे.
मैं मादक आवाजें निकाल रही थी.
‘स्स्स्स उम्म …’
सर ने मेरे मुँह में जीभ डाल दी और मुँह को भी चोदने लगे.
उसके बाद वे मेरी जीभ चूसने लगे.
बीच बीच में मेरे निप्पल मसल देते गांड पर हाथ फेरते हुए लगातार चूत चुदाई तो चल ही रही थी.
करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद उनका पानी निकलने वाला हो गया था.
मेरा पानी दो बार निकल चुका था.
मैंने उनका लंड अपने मुँह में लेकर पानी निकलवाया, फिर साथ में लेट कर सो गए.
वह मेरी तारीफ करते रहे और हम दोनों नंगे ही सो गए.
रात को तीन बजे सर ने मुझे उठाया- मेघा उठो!
‘क्या हुआ सर?’
‘मुझे तुम्हें और चोदना है.’
‘सर सारी रात से चोद रहे हो, अभी मन नहीं भरा क्या?’
‘तेरे से मन कहां भरता है!’
‘तो अब नंगी पड़ी हूँ, जो चाहे कर लो.’
‘ओह मेरी जान कितनी प्यारी है.’
‘सर, एक मिनट रुको, मैं वॉशुरूम जाकर आती हूँ.’
मैं बाहर गई नंगी ही और सुमन को उठाया.
मैं बोली- सुमन उठ.
‘क्या हुआ और तुम नंगी क्यों हो?’
‘तेरा भाई मुझे दोबारा चोदेगा, चल.’
वह भी तैयार हो गई.
मैं वापिस गई तो जाकर सर का लंड मुँह में ले लिया.
थोड़ा बहुत वीर्य अभी लंड पर चिपका हुआ था.
मैंने अच्छे से लंड चूसा.
फिर सर ने मेरे होंठ चूसे गर्दन चूमी, बूब्स चूसे, आर्मपिट, नाभि चाटी, जाँघें चाटी और चूत भी चाटी.
उसके बाद लंड को झटके से पेल दिया.
न जाने क्यों इस बार मेरी चीख निकल गई- आआह सर बस करो!
सर नहीं रुके और धकापेल चोदते रहे.
काफी देर तक जबरदस्त चुदाई के बाद उन्होंने मेरे मम्मों पर पानी छोड़ दिया.
उसके बाद सर कपड़े पहन कर सो गए और मैं सुमन के साथ आकर लेट गई.
सुबह जब मैं उठी तो मैंने कह दिया- मेरी तबियत ठीक नहीं है, मैं कॉलेज नहीं जाऊंगी.
सुमन भी बोली- हां भैया, मैं भी नहीं जाऊंगी.
मैंने सर से धीमे से कहा- शायद नींद की गोली से ऐसा हुआ होगा!
वे हां में सर हिलाने लगे.
उसके बाद सर कॉलेज चले गए तो हम दोनों घर पर अकेली रह गई थीं.
सर के जाने के बाद हमने बातें की और साथ में बैठ कर रात की चुदाई देखी.
चुदाई देखते देखते सुमन गर्म हो गई और उसने मेरी जांघ पर हाथ रखा और मुझे किस किया.
मैंने भी उसको किस में पूरा साथ दिया.
उसने टी-शर्ट के ऊपर से ही मेरे दूध मसले और मुझे लिटा दिया.
साथ ही उसने अपनी टी-शर्ट और पजामा उतार दिया.
फिर मेरी टी-शर्ट उतार कर मुझे भी नंगी कर दिया.
वह मेरे बूब्स चूसने लगी और मैं उसके बूब्स मसलने लगी.
मैं कुछ देर बाद उसकी चूत पर आ गई और चाटने लगी, चूत में उंगली डालनी शुरू कर दी.
हम दोनों 69 में आ गई और एक दूसरी की चूत चाटने लगी.
बूब्स और चूत चाट कर एकदम गीली कर दी.
फिर सुमन ने मेरे बैग से डिल्डो निकाला और मुझे पकड़ा दिया.
अपनी कमर में डिल्डो बांध कर मैंने उसकी चुदाई की.
वह सारी रात की चुदाई देख देख कर बहुत ज्यादा गर्म थी.
डिल्डो से चुदाई करके मैंने उसका पानी निकाला और ये सब हमने रिकॉर्ड भी किया.
चुदाई करके हम दोनों नंगी ही सो गईं.
फिर जब मैं उठी तो सुमन सो रही थी.
मैंने टी-शर्ट पहन ली और किचन में आकर चाय बनाने लगी.
थोड़ी देर बाद सुमन भी आ गई.
वह अभी नंगी थी.
उसने पीछे से आकर मुझे चूम लिया- उम्म्म्म …
उसने मेरे मम्मों पर दोनों हाथ रखे और सहलाने लगी.
मेरी टी-शर्ट ऊपर करके गांड पर हाथ फेरने लगी और चूमने लगी
उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और गांड चाटने लगी.
हम दोनों किचन में ही एक दूसरे को चूमने लगीं.
फिर कमरे में आकर मैंने सुमन की चूत में उंगली की और दोनों ने चूत रगड़ी, एक दूसरे के चूत से निप्पलों पर काटा, मैंने उसके निप्पल रगड़े.
फिर दोबारा डिल्डो बांध कर सुमन को चोदा और उसकी चूत का पानी निकालने के बाद उसने मेरा पानी चाट कर निकाला.
हम दोनों एक साथ लेट कर एक दूसरी के शरीर को सहलाते रही.
‘सुमन तू और तेरा भाई दोनों मेरी लेते हो. मेरा फिगर तो तुम लोगों के कारण ही बढ़ रहा है!’
‘अब क्या करें मेरी बन्नो, तू है ही इतनी मस्त माल!’
यह बोल के- वह मुझे किस करने लगी और हम दोनों नंगी ही सो गईं.
फिर जब सुमन उठी तो मैं सो रही थी.
वह मेरे दूध सहलाने लगी और चूसने लगी.
इससे मेरी नींद खुल गई- क्या हुआ मेरी जान, मन नहीं भरा तेरा!
वह मेरे होंठों को चूमने लगी- उम्मम्म स्स्स!
मैं भी उसे चाटने लगी और हमारी जीभ आपस में कुश्ती लड़ने लगीं.
मैंने पुनः डिल्डो कमर पर बांधा और उसकी चुदाई करना शुरू कर दी.
चुदाई के बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए.
सुमन और मैं बहुत खुश थे.
सारा दिन हम ऐसे ही किस वगैरह करते रहे.
शाम को सर आ गए और सुमन कोचिंग चली गई.
सर आए और नंगे हो गए और वे मुझे किस करने लगे.
मैं स्कर्ट टॉप पहनी थी.
सर ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी टांगें नीचे करके खोल दीं.
वे पैंटी के ऊपर से ही चूत चाटने लगे.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
‘सर लगता है, दो हफ्ते का मजा एक ही दिन मैं ले लोगे!’
वे कुछ नहीं बोले.
उन्होंने बस मेरी पैंटी निकाल दी और चूत चाटने लगे.
मैं अपने कपड़े उतार कर पूरी नंगी हो गई.
सर ने मेरे मुँह में लंड देकर चुसवाया.
और जब उनका लौड़ा एकदम कड़क हो गया तो मुझे गोदी में बिठा कर मेरे बूब्स मुँह में लेकर चूसते हुए चोदने लगे.
‘अअह स्स्स्स सर आराम से चूसो न .. आराम से चोदो.’
‘कैसे आराम से चूसूँ और कैसे आराम से चोदूं … साली तू है ही बहुत मस्त चीज.’
यह कह कर सर आधा घंटा तक अलग अलग पोजीशन में मुझे चोदते रहे.
फिर जब सर का पानी निकल गया, तब हम दोनों ने कपड़े पहने और बैठ गए.
थोड़ी देर बाद सुमन आ गई.
सर ने कहा- मैं तुमको घर छोड़ आता हूँ.
मैंने कहा- हां ठीक है.
रास्ते भर सर ने ब्रेक लगा लगा कर मेरे मम्मों को अपनी पीठ पर रगड़वाया.
मैं भी अपना हाथ आगे करके उनका लंड सहला रही थी.
कुछ देर बाद हम दोनों घर आ गए.
रात को समीर ने हमारी चुदाई देखी.
अगली सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगी कि मौसी के घर क्या हुआ था.
मैं आपको उस सेक्स कहानी को सुमन की मेल आईडी से शेयर करूंगी.
आपके मेल की प्रतीक्षा रहेगी कि आपको कॉलेज गर्ल की हवस की कहानी कैसी लगी?
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