अन्तर्वासना हाफ सेक्स कहानी में मेरी दूर की बुआ मेरे हमउम्र थी. हम साथ रहते खेलते थे. एक रात मैं उससे चिपक कर सो गया तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया. मुझे मजा आया.
दोस्तो,
मेरा नाम राजू (बदला हुआ नाम) है।
मैं दिल्ली में रहता हूं, मेरी उम्र 32 साल है।
साधारण सी कद काठी का व्यक्ति हूँ मैं!
उसी हिसाब से मेरा लिंग भी है, लगभग 6 इंच।
यह Antarvasna Half Sex Kahani मेरी दादी की बहन की बेटी यानि मेरे पापा की मौसेरी बहन यानि मेरी बुआ और मेरी है।
बात उन दिनों की है जब मैं 18 साल का नया नया जवान हुआ था.
मेरा लन्ड जोरों की सलामी देने लगा था.
मेरे दिमाग में हमेशा यही चलता था कि उसकी चूत मिल जाए या इसकी चूत मिल जाए।
हमेशा चूत लेने का ख्याल मन में रहता था और आज भी वैसा ही हूं।
तो उस समय हम अपना किराये का घर छोड़ कर अपनी दादी के मकान में रहने आए थे।
हमारी दादी का मकान बड़ा था, तो उन्होंने किरायेदार रखे थे जिनमें उनकी बहन और उसका परिवार भी किराये पर रहते थे।
तब हम अपना सारा सामान शिफ्ट करके उसमें रहने लगे।
धीरे धीरे दिन बीते.
तो कुछ दिन बाद मैंने देखा कि मेरी बुआ का भाई मेरी बहन पर गंदी नजर रखता था.
वह कभी उसको नहाते हुए देखने की कोशिश करता तो कभी खेल खेल में उसके पीछे चिपकता।
हम सब की उम्र में ज्यादा फर्क नहीं था इसलिए हम सब साथ में खेलते थे।
मुझे यह देख कर बुरा लगा और मेरा खून खौल गया.
मैंने उसे समझाया कि देख … ऐसा ना किया कर! नहीं तो अच्छा नहीं होगा।
तो वह बोला- तू गलत समझ रहा है, वह मेरी भतीजी है. ऐसा कैसे कर सकता हूं मैं?
वह फिर भी नहीं माना और कैसे न कैसे चोरी छुपे फिर से वैसा ही करने लगा।
इस बार मैंने उसे चेतावनी देते हुए कहा- अगर तू नहीं माना तो मैं भी तेरी बहन के साथ ऐसा ही करूंगा।
ये सब मैंने उसे डराने के लिए कहा.
उस वक्त मेरे मन में बुआ के लिए ऐसा कुछ नहीं था।
अरे, बातों बातों में मैं अपनी बुआ के बारे में बताना तो भूल ही गया।
उसका नाम था सीमा (बदला हुआ नाम), साधारण दुबला पतला शरीर, उस समय उसकी उम्र यही होगी लगभग 22 साल।
सीमा का भाई तब भी नहीं माना और चोरी छुपे अपनी हरकतों को अंजाम देता।
गर्मियों के दिन थे और हम सब एक साथ छत पर सो रहे थे.
मैं अपनी बुआ के बगल में ही लेटा हुआ था।
रात में करवट लेने पर मैं अपनी बुआ से चिपक कर लेट गया.
मैं उस समय नींद में था।
बुआ की गांड मेरे लन्ड के निशाने पर थी।
चिपकने की वजह से मेरा लन्ड खड़ा हो गया और एकदम सख्त लकड़ी की तरह बुआ की गांड में गड़ने लगा।
मैंने उस समय एक कच्छा पहना हुआ था।
तभी मेरी नींद टूटी तो पता लगा मेरा लन्ड बुआ की जांघों के बीच था और मेरी बुआ मेरे लन्ड के टोपे को सहला रही थी।
यह मेरा पहला एहसास था जब किसी ने पहली बार मेरा लन्ड छुआ।
उससे पहले मैं सिर्फ मुठ मार कर काम चलाता था।
फिर मैं पलट कर सो गया।
एक दिन की बात है, हम
सब मिलकर छुपा छुपी खेल रहे थे।
तभी एक और किराएदार का कमरा था जिसमें सीमा छुपने के लिए गई.
तब मैं उसके पीछे जाकर उससे सट कर खड़ा हो गया।
दोस्तो क्या बताऊं, उसकी गांड से लन्ड सटाते ही एकदम सख्त हो गया और उसे महसूस होने लगा।
तभी उसने अपना हाथ पीछे करके मेरा लन्ड पकड़ लिया।
गजब का अहसास था दोस्तो … बस ऐसा लग रहा था कि वहीं पर उसकी गांड मार लूं।
लेकिन फिर उसने मेरा लन्ड छोड़ दिया और अपनी गांड को पीछे की तरफ धकेलने लगी।
उसकी इस हरकत से मेरा लन्ड और टाइट हो गया.
फिर मैंने उसके एक चूचे को हाथ में पकड़ लिया।
इतने में हमें ढूंढ लिया गया फिर हम अलग हो गए।
सीमा मुझसे चार साल बड़ी थी लेकिन एकदम डरपोक, उसकी बहुत गांड फटती थी।
एक दिन की बात है उसकी मां झाड़ू पोछा करती थी तो उसके घर पर कोई नहीं था।
वह पानी लेने के बहाने मेरे कमरे पर आई, उस समय बस हमारे पास ही फ्रीज था।
तो मैंने उसे कमर से पकड़ कर उसके चूचे दबा दिए और एक हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा।
उसकी सिसकारियां निकल गई- आह!
तभी उसने मुझे बोला- अपना लन्ड दिखा?
मैंने जल्दी से अपने कमरे से बाहर झांका फिर वापस अपना कच्छे में से अपना 6 इंच का तना हुआ मोटा लन्ड उसे दिखा दिया।
वो ऐसे देख रही थी जैसे उसने पहली बार देखा हो!
मैंने पूछा तो उसने कहा- हां मैंने पहली बार देखा है।
फिर उसने डरते हुए कांपते हुए हाथ से मेरा लन्ड पकड़ा।
मेरा लन्ड एकदम गर्म था.
उसने बोला- कितना गर्म है।
तभी मैंने उसे मुठ मारने के लिए कहा, तो उसने कहा- ये क्या होता है?
मैंने मन में सोचा कि यह तो बिल्कुल नादान बन रही है जैसे इसे कुछ पता ही न हो।
लेकिन सच में दोस्तो … पहली बार किसी लड़की के हाथ में लन्ड देकर मुझे अलग ही अहसास हो रहा था।
तभी उसने लन्ड को आगे पीछे करना शुरू किया और करीब 20 मिनट बाद मैं झड़ गया।
और मेरा वीर्य उसके हाथ पर फैल गया।
तभी वह वहाँ से चली गई।
अब मेरा मन उसकी चूत मारने का करने लगा.
लेकिन ज्यादा लोगों की वजह से मौका नहीं मिलता था।
तब मैंने एक और किराएदार जो अकेला लड़का रहता था, उससे बात की।
वह दिन में मजदूरी करने जाता था।
तो मैं उसके कमरे की चाबी ले लेता था।
उसका कमरा मेरी बुआ के बगल वाला कमरा था।
उस कमरे में जो खिड़की लगी थी, वो बुआ के कमरे में खुलती थी।
इससे उसके कमरे में जो था, वो सब दिखता था।
तब मैं कमरा खोलकर उसके कमरे में गया और खिड़की से ही उसे लन्ड दिखाया।
बुआ ने मेरे मोटे लन्ड को हाथ में पकड़ा और फिर हिलाना शुरू किया।
आह … क्या मजा आया दोस्तो, उसके हाथ में जादू था।
कसम से ऐसे मुठ मार रही थी कि बस वो रुके ना!
मेरे मुंह से लगातार सिसकारियां निकल रही थी।
बुआ लगातार मेरा लन्ड हिलाए जा रही थी और मैं पूरी मस्ती में एक हाथ से खिड़की के उस पार बुआ की चूची पकड़ के दबा रहा था।
वह बीच बीच में दरवाजे पर भी देखने जाती, कोई आ तो नहीं रहा।
मैंने पहले ही बताया था कि वह डरपोक बहुत थी.
एक तरफ डर मेरे मन में भी था।
दोस्तो, डर के साथ सेक्स का मजा ही कुछ और होता है।
फिर काफी देर तक मुठ मारने के बाद मैंने उसे अपनी सलवार खोलने के लिए बोला.
तो उसने मना कर दिया।
मैं बुआ की चूत रगड़ कर गर्म करना चाहता था।
उसने कहा- सलवार के ऊपर से ही रगड़ दे!
तो मैंने अपना हाथ बुआ की गर्म चूत पर रखा.
एकदम गर्म आग की तरह दधक रही थी उसकी चूत … और गीली भी हो रही थी।
फिर मैंने उसकी गर्म चूत को रगड़ना शुरू किया.
बुआ ने एक हाथ से खिड़की की सरिया पकड़ रखी थी और एक हाथ में मेरा मोटा गर्म लन्ड!
और वह लगातार मेरी मुठ मार रही थी.
दोस्तो ऐसा मजेदार अहसास मेरी जिंदगी में कभी नहीं हुआ।
मैं भी उसकी चूत का दाना लगातार रगड़ रहा था।
बुआ भी मस्ती में अपनी गांड हिला हिला कर चूत रगड़वाने का मजा ले रही थी।
हम दोनों अलग कमरे से एक दूसरे की प्यास बुझाने में लगे थे.
दोनों कमरे फर्स्ट फ्लोर पर थे।
तभी नीचे दरवाजा खटखटाने की आवाज आई.
और डर की वजह से हम अलग हो गए.
मैं चारपाई पर लेट कर टीवी देखने लगा।
समा बुआ अपने काम में लग गई.
मैंने देखा कि यह उसका सबसे छोटा भाई था जो खाना खाने आया था।
फिर ये सिलसिला हर रोज का हो गया।
हम रोज खिड़की से ही एक दूसरे को रगड़ कर ठंडा कर देते थे।
वह डरपोक थी इसलिए उसने कभी मुझे चोदने नहीं दिया।
मैंने अन्तर्वासना हाफ सेक्स से ही काम चलाया.
उसके बाद उसका ब्याह हो गया था, वह अपने ससुराल जाकर अपने पति से चुदी होगी. आज उसके दो बच्चे हैं.
पर जब भी मेरे घर आती है तो मेरा मुठ जरूर मारती है और चुदाने के लिए आज भी राजी नहीं होती।
तो दोस्तो, यह थी मेरी बिल्कुल सच्ची कहानी, बिना किसी बनावटी मनघड़ंत घटना के!
कैसी लगी आपको मेरी अन्तर्वासना हाफ सेक्स कहानी?
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