कमसिन जवानी पर अपनी हवस पूरी की- 2

होटल रूम सेक्स Xxx कहानी में मैंने एक मीटिंग के लिए अपनी पी ए को होटल में बुलाया. मैंने उसेके साथ होटल में हनीमून मनाने की योजना बना ली.

कहानी के पहले भाग
सेक्सी लड़की को जॉब देकर चुदाई की तैयारी
में आपने पढ़ा कि मैंने 20 साल की एक लड़की पर्सनल असिस्टेंट रखी और उसकी आर्थिक मदद करके उसे चुदाई के लिए तैयार कर लिया.

मेरी पिछली कहानी थी: दोस्त की दुल्हन के साथ सुहागरात

अब आगे Hotel Room Sex Xxx Kahani:

शाम को जब मैं तैयार होकर होटल पहुंचा तो अभिनव समय से आ चुका था.

मैंने नेहा को कॉल किया.
उसने बोला- सर, मैं होटल के सामने आ चुकी हूँ. आप शुरू करो, आधे घंटे में मैं भी सीधे मीटिंग अटेंड करूंगी.

मैंने अभिनव को सम्मान से बिठाया और वेटर ने ब्लू लेवल की बोतल खोलकर शराब के पैग और स्नैक सर्व किए.
अभिनव अच्छे मूड में था.

बात शुरू हुई ही थी, इतने में नेहा रूम में आई.

कसम से नेहा का फुल मेकअप और वैक्स किया हुआ सुंदर बदन सफेद धूप की तरह चमक रहा था.
उसकी सेक्सी ड्रेस उसके जिस्म के हर अंग की नाप को चीख चीख कर बता रही थी.
नेहा के मोटे कूल्हे ड्रेस पर अलग से चमक रहे थे.

मेरा तो देखकर दिमाग चकरा गया, अभिनव का तो मुंह खुला का खुला रह गया, उसकी आंखों से तो हवस टपक रही थी।

मैंने अभिनव को नेहा से मिलवाया.
नेहा ने पूरी गर्मजोशी से नीचे झुककर अभिनव से हाथ मिलाया जिसमें उसके टाइट बूब्स मखमली ड्रेस के अंदर सेक्सी ब्रा से आधे बाहर झांक रहे थे.

अभिनव तो पहले ही नेहा का दीवाना हो गया था.
उसकी आंखें नेहा की दूधिया नंगी जांघों से हट ही नहीं रही थी.

अभिनव को नेहा ने अच्छे से हैंडल किया, सब कुछ समझाया.
रात के दस बज चुके थे.
तभी हमारी डील फाइनल हो गई.

इसके बाद मैं और नेहा अभिनव को होटल के बाहर तक छोड़ने गए.

उसके बाद मैंने नेहा की तारीफ करते हुए उसे होटल के रेस्तरां में ही डिनर के लिए बोला.
आज नेहा कुछ अलग ही मूड में थी, मैंने उसकी आंखों में आज हवस की चमक देखी अपने लिए!

हम दोनों ने डिनर कंप्लीट किया.

तब मैंने नेहा को एक सरप्राइज़ के लिए बोला- आओ चलें, तुम्हें कुछ दिखाना है!

मैं उसे वापस उसी स्वीट में ले गया.
स्वीट में मद्धम लाइट, गुलाब के फूलों की शानदार सजावट देखकर वह सरप्राइज़ हो गई, वह बहुत खुश हुई और मेरे गले लग गई.

मैंने रूम को लॉक किया और कमर पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया.

मेरे ऊपर शराब और हवस दोनों का नशा पूरा हावी था.
और उसका गोरा वैक्स और मुलायम जिस्म देखकर मेरा जानवर एक बार फिर जाग गया था.

मैं अपने दोनों हाथ उसके शॉर्ट ड्रेस के पीछे ले जाकर उसके दोनों मुलायम नितंब पैंटी के ऊपर से दबाते हुए उसे किस करने लगा.
वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी.

तभी उसने मेरे शर्ट के बटन खोल दिए.
मैं उसे अलग हुआ और खुद को नंगा करते हुए उसे ड्रेस उतारने को बोला.

अब नेहा के जिस्म पर सेक्सी ब्राउन ब्रा पैंटी थे जिनमें उसका कातिल फिगर मुझे उसे नोचने के लिए आमंत्रित कर रहा था.
मैंने उसे पीछे से पकड़ा और उसके गले को चूमने लगा.

नेहा अपना एक हाथ पीछे लाकर मेरा लन्ड सहलाने लगी और मैंने अपना एक हाथ उसके पैंटी में डालकर उसकी चूत सहलाने लगा.
उसका हल्का हल्का पानी आ गया था.

हम दोनों अब गर्म लोहे की तरह सेक्स के लिए तप रहे थे.

अब मैंने उसे गोदी में उठाया और शानदार मुलायम बेड पर पटक दिया.

वह रण्डी की तरह मुझे उंगली का इशारा करके आने को बोली.

मैंने उसकी टांगें बेड की साइड में लाकर उसकी पैंटी एक झटके में अलग कर दी और अपना मुंह उसकी चूत में घुसेड़ दिया और जीभ चूत के अंदर डालकर उसकी कुंवारी चूत का अमृत पीने लगा.

वह पागलों के तरह अपना एक हाथ मेरे सर पर अंदर की तरफ दबा रहीं और दूसरा हाथ बेड पर मार रही और चीख रही- साहिल कम ऑन … और जोर से चूसो मेरी चूत! आज मुझे खुद में समा लो साहिल … आई लव यू!

मैंने चूत चूसते हुए अपने दोनों हाथ उसके बूब्स पर ले जाकर उसकी फ्रंट ब्रा स्ट्रिप खोल दी और उसके दोनों बूब्स बेरहमी से दबाने लगा.

वह अपने चरम पर थी, उसकी सांसें तेजी से चल रही थी और वह अब पूरी गर्म हो जाने के कारण पागलों सी अपना सिर बेड पर इधर उधर घुमा रही थी.
जैसे ही वह पूरी तरह झड़ने को हुई, बोली- साहिल, अब मुझसे रहा नहीं जाता! प्लीज अब डाल दो अपना लन्ड अपनी इस जान के छोटी सी चूत में!

उसकी ये बातें मुझे गर्म कर रही थी.
मैंने भी समय खराब न करते हुए उसे खुद से अलग किया और अपनी बैग की जेब से सेक्स जेल बाहर निकाल कर अपने लन्ड पर लगायी और थोड़ी सी उसकी चूत में!

अब मैं नेहा के ऊपर चढ़ गया और उसे किस करने लगा, उसकी दोनों टांगों को अपनी टांगों से चौड़ा कर खोल दिया और लन्ड को उसकी गुलाबी चूत पर घिसने लगा.
नेहा मिन्नत करने लगी- जान अब डाल दो … प्लीज अब रहम करो मुझ पर … मत तड़पाओ मुझे!

मैंने उसके होठों को कसके अपने होंठों में दबाकर अपने बड़े मोटे लन्ड को उसकी चूत के छेद पर सेट करके एक जोरदार धक्का मारा.
मेरा आधा ही लन्ड गया था, नेहा झटपटाने लगी.

घू घूं घूँ की उसकी दबी आवाज को मैंने नजर अंदाज करते हुए एक करारा शॉट और मारा उसकी चूत में!
पूरा लन्ड अब उसकी चूत के अंदर था और वह दर्द से अपने हाथ पैर पटकने लगी.

नेहा की आंखें लाल … और आंसू आने लगे.

मैं अब पूरे दम भर के धक्के पे धक्के लगाने लगा.
वह कुछ ही देर में अपनी कमर उठा उठा के मजा लेने लगी, उसकी सिसकारियों में दर्द नहीं मजे की आवाज सी आने लगी.

मैंने उसके होठों को अब आजाद किया और उसके दोनों मोटे बूब्स को अपने हाथों से बेरहमी से निचोड़ते हुए चूत पर धक्के लगाता रहा.
अब वह बेशर्मों की तरह बड़बड़ाने लगी- साहिल मेरी जान … और तेज मेरे बाबू … आज मेरी इस चूत का बाजा बजा दो. आज मेरी सारी गर्मी अपने अंदर ले लो. कम ऑन साहिल … और तेज … और तेज धक्के लगाओ!

कुछ ही देर में वह पानी छोड़ने लगी.
नेहा का हो चुका था, वह लंड चूत में से बाहर निकालने को बोलने लगी.

लेकिन मेरा अभी बाकी था.
मैं बोला- नेहा, बस दो मिनट और खेलने दे मेरे लन्ड को!

कुछ देर बाद मैं भी झड़ा और अपना सारा लावा नेहा की चूत में उगल दिया.

होटल रूम सेक्स का मजा लेने के बाद अब मैं नेहा के बगल में लेट गया, मेरी भी सांसें तेज चल रही थी.

थोड़ी देर नेहा मेरे सीने से लग कर चिपकी रही, उसकी चूत का पानी और खून का मिक्सचर के बहाने का अहसास मुझे मेरी जांघों पर हो रहा था.
हम दोनों एक घंटे यूंही पड़े रहे.

मैंने इस दौरान रूम का एलईडी ऑन करके अपने फोन पर जोड़ लिया और पोर्न फिल्म चला कर सिगरेट पीने लगा.

नेहा बड़ी गौर से पोर्न फिल्म में गांड चुदाई देख रही थी और मेरा लन्ड सहला रही थी.

उसको पेशाब आया था, तो उसने मुझे बाथरूम तक ले जाने को बोला क्योंकि उससे चला नहीं जा रहा था.

मैंने उसे गोद में उठाया और उसकी टपकती चूत का पानी खून के साथ जो अब सूख सा गया था, उसे निहारते हुए मैं उसे बाथरूम में ले गया.
वहाँ उसे टॉयलेट सीट पर बैठा दिया.

नेहा ने गर्म पानी को धार से अपनी चूत करीब पंद्रह मिनट तक आराम दिलाया.
मैं अब बाहर आ गया बाथरूम से फिर एक और सिगरेट सुलगाकर एनल पोर्न देखते हुए लन्ड पर जेल से मालिश करने लगा.

मेरा लन्ड फिर टन्न से खड़ा होकर सलामी दे रहा था.

उधर फ्लश की आवाज से मैं समझ गया कि नेहा बाहर आने वाली है.
नेहा नंगी कूल्हे और अपने गुलाबी बूब्स मटकाती हुई बाहर आई और मुझे लन्ड पर मालिश करते हुए देखकर बोली- साहिल, अब आज के लिए बस करो, अब हिम्मत नहीं है मुझमें!

मैंने उसे अपनी ओर खींचकर पेट के बल लिटा दिया और उसके ऊपर लेटकर अपना लन्ड उसकी गांड पर घिसने लगा.

नेहा समझ गई थी और चीखने लगी- साहिल यहां नहीं प्लीज … अभी मान जाओ, बाद में देखेंगे. मान जाओ!

मैंने उसको दिलासा देते हुए बोला- ठीक है, बस पीछे से कुतिया बनकर मुझसे एक राउंड लगवा लो!
वह गांड न मरवाने के चक्कर में कुतिया बनकर चूत देने को राजी हो गई.

मैंने दो तकिये उसके सीने पर लगाकर उसे कुतिया बनाया और उसके दोनों सफेद भरे हुए नितम्बों को चाटने लगा.

वह भी मजे लेने लगी.
मैं उसकी चूत पीछे से चाटने लगा साथ में गांड भी जिससे उसे कोई शक नहीं हुआ.

मैंने ढेर सारा जेल हाथ में लिया और चूत के साथ साथ गांड में भी भरने लगा.

वह बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- मेरी जान, वो थोड़ा एक्स्ट्रा निकल गया था. सोचा तुम्हारी गांड के छेद में भर दूँ … आज नहीं तो कल मरवानी ही है, छेद मुलायम हो जाएगा.

वो नासमझ मेरी बात मान गई.
मैंने आराम से थोड़ा जेल और लेकर उसकी गांड में पूरा भर दिया.

अब मैंने उसकी पैंटी उसके मुंह में घुसेड़ दी और हाथ पीछे लाकर पीठ पर ब्रा से बांध दिए.

नेहा बोली- साहिल, ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- इसे वाइल्ड सेक्स कहते हैं. तुम्हें बहुत मजा आएगा!
वो नादान बोली- साहिल, मैं पूरी तुम्हारी हूं, तुम जैसे चाहो वैसे मुझे रौंदो. मुझे कोई दिक्कत नहीं!

मैंने सब कुछ सेट करने के बाद अपने लन्ड पर ढेर सारा जेल लगाया और उसकी कमर को पूरे जोर से पकड़ कर अपना करारा लन्ड उसकी गांड के छेद पर के जाकर पूरा डाल दिया.

वह अचानक हुए लंड के गांड में हमले से दर्द के मारे आगे की तरफ भागी और फिर से घु घु घू की उसकी मुंह में पैंटी से दबी आवाज बाहर आने लगी.

गांड में हल्का सा खून आ रहा था.
लेकिन मैं पूरे जोश में था.
अगर आज रहम करता तो नेहा कभी मुझे अपनी शानदार हसीन गांड नहीं देती!

मैंने गांड में लंड के धक्के लगाना शुरू किया, हल्के हल्के धक्के से शुरू होकर कुछ देर में तेजी पकड़ी और पट पट की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी.
साथ में मैंने उसकी गांड में इतने थप्पड़ बरसाए कि गांड सफेद से लाल सुर्ख हो गई.

धीरे धीरे कुछ देर बाद नेहा को मजा आने लगा.
मैं बीस मिनट बाद करीब उसकी गांड में झड़ गया और अलग हो गया.

वह ऐसे ही बंधे हाथ और मुंह में पैंटी लिए बेहोश सी हो गई.

मैंने कुछ देर बाद देखा तो वह सो गई थी और उसकी आंखो के नीचे आंसू भी थे.

तब मैंने उसे चूमा और उसके हाथ खोलकर और पैंटी मुंह से निकाल दी.

होटल रूम सेक्स Xxx करने के बाद मैं भी उसके बगल में सो गया.

सुबह सात बजे मेरी खुली तो नेहा ऐसे ही नंगी पड़ी थी.

मेरा लन्ड सुबह टाइट था और नेहा के नंगे बदन को देखकर मचल रहा था.

मैंने उस पर अब रहम किया, उसकी चादर हटाकर उसके ऊपर ही मैंने हस्तमैथुन किया और खुद को शांत किया।

मैं बाथरूम गया और शावर लेकर तैयार हो गया.

उसके बाद नेहा जाग गई थी, उसकी गांड में दर्द अभी भी था और चूत पाव की तरह फूल गई थी.

वह मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली- साहिल, तुम बहुत शातिर हो. अपने मन की सब निकाल ली!
और मैंने उसे गले लगा लिया और फिर बहुत देर तक उसे किस करता रहा.

मेरा मन हो रहा था कि एक बार और मैं नेहा की चूत की चुदाई कर लूं, पर उसकी सूजी हुई चूत देख कर म उझे उस पर रहम आ गया.
तो मैंने उसे फ्रेश होने को बोला.

उसके बाद वह फ्रेश होकर तैयार हुई.

हमने साथ में ब्रेकफास्ट लिया और उसको तीन दिन की छुट्टी देकर आराम करने को बोला, उसके बाद मैंने उसे उसके घर छोड़ दिया।

दोस्तो, आपको मेरी ये सच्ची होटल रूम सेक्स Xxx कहानी कैसी लगी? मुझे जरूर बताना।
[email protected]

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