लड़का लड़की कार सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने पड़ोस में एक ऑफिस की रिसेप्शनिस्ट लड़की को पटाकर सेक्स के लिए तैयार किया और फिर सुनसान सड़क पर कार में चोदा.
प्रिय पाठको और पाठिकाओ,
मैं मोक्ष हूँ. मेरी उम्र 32 वर्ष है और मैं भोपाल, मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ.
बचपन से खेल कूद में रूचि के कारण मैं कसरत का काफी शौक रखता हूँ, इसलिए मेरा शरीर भी काफी तगड़ा है.
पढ़ाई लिखाई भी काफी की है. उसी की दम पर वर्तमान में मैं एक कंपनी में मैनेजर हूँ.
मैं कामुक्ताज डॉट कॉम का बहुत पुराना पाठक हूँ. मैंने यहां प्रकाशित लगभग सभी कहानियां पढ़ी हैं.
इन कहानियों को पढ़ कर कई बार मेरे मन में विचार आया कि आप लोगों के साथ अपनी आपबीती भी शेयर करूँ, लेकिन न जाने क्यों मैं हिम्मत नहीं जुटा पाया.
फिर थोड़ी हिम्मत करके आज अपनी Ladka Ladki Car Sex Kahani आपसे शेयर करना चाहता हूँ, प्लीज मुझे उत्साहित करें.
कामुक्ताज डॉट कॉम पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.
यह बात आज से तीन वर्ष पहले की है. 2020 के मई माह में लॉकडाउन के दौरान मेरे साथ एक हसीन घटना हुई थी. उसी को अपने टूटे फूटे शब्दों में पिरो कर आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ.
उस वक्त नौकरी के चलते मैं दूसरे शहर में था.
मेरे घर के पास ही में एक कोचिंग सेंटर था, जहां मेरा अच्छा परिचय था.
उस कोचिंग के रिसेप्शन पर एक लड़की बैठती थी, जिसका नाम रंजीता (परिवर्तित नाम) था.
मेरी रंजीता से साधारणतः बात हो जाती थी.
अक्सर, जब ऑनलाइन कोई सामान आर्डर करता था तो ऑफिस के समय वहीं कोचिंग के रिशेप्सन पर डिलीवर होता था.
रंजीता से बात करते करते थोड़ा बहुत हंसी मजाक भी हो जाता था लेकिन उस दौरान भी उससे मेरी सामान्य बात ही होती थी.
वह लड़की दिखने में साधारण थी पर उसका फिगर कमाल का था, जो मुझे उसकी चुदाई के बाद ही समझ आया था.
उसका 36-30-38 का फिगर बड़ा ही गदराया हुआ था.
मेरे मन में शुरू में उसके लिए चुदाई जैसा कोई ख्याल नहीं था.
लॉकडाउन के दौरान, हमारी बातें मोबाईल के जरिए कुछ ज्यादा होने लगी थीं क्योंकि वह फुर्सत का समय था.
हम दिन भर चैट करते, लूडो खेलते.
धीरे धीरे हमारी बातें हंसी मजाक से आए बढ़ कर कुछ सेक्स वाली बातों में बदल गईं.
उसके साथ बातों बातों में पता चला कि वह ड्रिंक भी करती है.
जब ये खुलासा हुआ तो हमारे बीच कई बार इस बात का जिक्र भी हुआ कि पार्टी करेंगे, कुछ अच्छा खाएंगे.
एक दिन मैसेज करते करते खाने की बात चल रही थी.
मैंने पूछा- क्या खाना पसंद करोगी?
वह बोली- मन तो कर रहा है कि आपको ही खा जाऊं.
मैंने भी कह दिया- ओके, खा लेना. लेकिन मेरे को कहां से खाना शुरू करोगी?
ये पूछने पर उसने मैसेज में सीधे लिख दिया- आपके लंड से!
कसम से मेरा पौने सात इंच का लंड तन्ना कर झटके खाने लगा था.
मैंने भी कह दिया कि लंड खाने के लिए चूत को भी खुलना पड़ेगा.
उसने हां कह दी.
इसके बाद तो चुदाई की बातें चल पड़ीं.
घंटों घंटों चुदाई की बातें चलने लगी थीं.
उससे चुदाई की बातें करते हुए मुठ मारने लगा था.
इसी लिए मैंने सोचा कि जल्दी से जल्दी रंजीता की चुदाई का कार्यक्रम फिक्स किया जाए.
लेकिन लॉकडाउन के कारण काफी दिन तक मौका नहीं मिला.
एक दिन हम लोगों ने तय किया कि लॉंगड्राइव पर जाते हैं और कार में ही मस्ती करेंगे.
हमारा प्लान जल्दी जल्दी तय हो गया.
साथ में माहौल बनाने के लिए थोड़ी दारू सिगरेट और खाने के लिए कुछ रख लिया.
शाम 7.30 बजे करीब उसे घर से लेकर मैंने कार शांत इलाके की तरफ बढ़ा दी.
कोरोना के चक्कर में सभी सड़कें ज्यादातर खाली ही रहती थीं और अँधेरा होने के बाद तो ना के बराबर आदमी दिखाई देता था.
कुछ देर ऐसे ही घूमने के बाद हमने दारू पीनी शुरू की.
हम दोनों ने अलग अलग गिलास से पीना शुरू किया और बातें भी करते रहे.
हल्का हल्का नशा होने लगा तो मैंने धीरे से एक हाथ उसकी जांघ पर रखा और धीरे धीरे फिराना शुरू किया.
वह गर्म तो काफी दिनों से थी.
हाथ रखते ही आंखों में शराब के साथ सेक्स का नशा भी दिखने लगा.
मैंने एक सिगरेट सुलगा ली तो वह भी मेरे साथ वाली सिगरेट में ही कश लगाने लगी.
जब वह सिगरेट पीकर धुआं उड़ा रही थी, मुझे तभी उसकी फितरत समझ आ गई थी कि ये साली खेली खाई माल है.
उसने लोअर और टी-शर्ट पहनी थी. जांघ से हाथ फेरते फेरते उसके पेट पर और टी-शर्ट के ऊपर से बोबों पर लगाया तो वह और ज्यादा गर्म होने लगी.
मुझे भी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.
मेरा एक हाथ कार के स्टीयरिंग पर और एक हाथ उसके चूचों पर था.
साथ ही अब हम लोग एक ही गिलास से थोड़ी थोड़ी शराब पीते जा रहे थे.
वह ही मुझे पिला रही थी.
मेरा भी लंड जींस में फूलने लगा था.
कुछ समय बाद मैंने उसकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर उसके बोबे दबाने शुरू किए.
उसके बड़े बड़े बोबे मेरे हाथ में नहीं समा रहे थे.
मुझसे रहा नहीं गया, तो कार साइड में रोक कर मैं उसके ऊपर टूट पड़ा.
बाल पकड़ कर उसके होंठ चूसे और किस करने लगा.
वह भी मेरे साथ चूमाचाटी में लगी थी.
काफी देर किस करने के बाद मैंने उसके गले को चूमना शुरू कर दिया.
उसकी हवस भी बढ़ती जा रही थी और वह जोर जोर से आहें भर रही थी.
गले पर किस करते करते मैंने उसकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर उसके बोबे खूब जोर से दबाए और ब्रा के अन्दर हाथ घुसा दिया.
उसके निप्पल कड़क होकर जैसे हाथ में चुभने से लगे थे.
वह गनगना गई और उसने खुद से ही टी-शर्ट ऊपर उठा ली.
मैंने बोबों के बीच में मुँह डाल कर खूब चूसा चाटा और साथ ही ब्रा के अन्दर हाथ डाल कर उसके निप्पल मसलने लगा.
दोनों जैसे आग में जल रहे थे.
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किस करते करते मैंने एक हाथ पीछे डाल कर ब्रा का हुक खोल दिया. उसके बड़े बड़े दूध छलक कर बाहर आ गए.
लड़की गोरी थी.
उसका गुदाज बदन … बड़े बड़े बोबे और उस पर भूरे रंग के निप्पल देख कर मुझसे सब्र नहीं हुआ और मैंने उसके दूध चूसने शुरू कर दिए.
मुँह में लेकर उसके बोबे और निप्पल हर तरह से चूसे.
उनमें से बस दूध निकालना ही बाकी रह गया था.
रंजीता भी जोर जोर से आहें भर रही थी और सिसिया रही थी- आह …और जोर से चूसो.
उसका एक हाथ मेरे सर पर था और दूसरा मेरे लंड पर.
बीच बीच में शराब मुँह में भर कर मैं कभी उसको पिलाता, कभी उसके निप्पल चूसता.
दोनों चुदाई और शराब के नशे में पागल हो गए थे.
इतने में पीछे से लाइट आती दिखी.
उसने अपनी ब्रा निकाल कर नीचे डाल ली और टी-शर्ट नीचे कर दी.
मैंने भी गाड़ी स्टार्ट की और पीछे देखा, तो कोई बाइक आ रही थी.
हम लोग एक दूसरे को चूमते चाटते ऐसे ही धीरे धीरे आगे बढ़ने लगे.
बाइक वाले के आगे जाने के बाद मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख लिया और वह ऊपर से मसलने लगी.
जींस का बटन और चेन खोल कर मैंने अपनी अंडरवियर नीचे कर दी.
उसके नाजुक नाजुक हाथ जैसे ही लंड पर लगे, कसम से बहुत मज़ा आया.
कुछ देर सहलाने के बाद उसने लंड मुट्ठी में पकड़ा और धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगी.
उसके हाथ में ही लंड और ज्यादा फूलने लगा. वह भी और ज्यादा मस्ती में आ गई और मजे से लंड हिलाने लगी.
नीचे हाथ ले जाकर कभी गोटियां सहलाती, कभी लंड मसलती.
फिर मेरी गोटियां हाथ में भर कर मस्ती में बोली- ये क्या है, क्या निकलता है इससे?
मैं हंस दिया और कहा- इससे बीज बनता है … जो तुम्हारा पेट फुला देगा.
वह हंसने लगी.
मैंने पूछा- चूसोगी?
पहले तो उसने मना कर दिया, लेकिन थोड़ा मनाने के बाद मान गई.
मैंने बैठे बैठे जींस और अंडरवियर नीचे टांगों तक कर दी. मेरा लंड खड़े खड़े उसके हाथ से रगड़ खा रहा था.
कुछ सोच कर वह झुकी और उसने लंड को चूमना शुरू कर दिया.
कुछ देर अपने होंठ लौड़े के सुपारे पर फिराती रही और जीभ निकाल कर चाटती रही.
फिर सुपारा मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद वह उठ गई और हाथ से लंड मसलने लगी.
कुछ देर चुम्मा चाटी करने के बाद उसकी टी-शर्ट में हाथ डाल कर मैं उसके जिस्म पर फेरता रहा; बाद में हाथ को उसकी जांघों और चूत के आस पास हाथ ले जाकर उसे तड़पाता रहा.
वह चुदने को मचलने लगी तो हाथ उसकी लोअर की इलास्टिक के अन्दर डाल कर सीधे उसकी चूत पर रख दिया.
आह उसकी गर्म गर्म धधकती हुई चूत का स्पर्श मुझे और भी गरमाने लगा.
उसकी कुछ बड़ी सी झांटें, चूत के होंठों से रिस रहे पानी से गीली हो गई थीं.
मैंने उंगली से चूत के दाने को सहलाया और उंगली गीली चूत में सरका दी.
अब रंजीता पागल होने लगी, उसके मुँह से अजीब अजीब आवाजें निकल रही थीं.
कुछ देर में ही वह बोलने लगी- पीछे चलते हैं.
कुछ आगे जाकर मैंने सुनसान रोड पर गाड़ी डाल दी और आस-पास कुछ देर देखने के बाद हम पीछे की सीट पर चले गए.
वह सीट पर लेट गई.
मैंने ऊपर चढ़ कर उसकी टी-शर्ट उतार फेंकी और उसके रसीले बोबे चूसने लगा.
साथ ही उसकी चूत पर कपड़ों के ऊपर से ही लंड रगड़ने लगा.
वह जोर जोर से आहें भरती हुई मिन्नतें करने लगी- अब अन्दर डाल दो.
मैंने उसका लोअर और पैंटी गांड के नीचे सरकायी और उसके ऊपर चढ़ गया.
उससे अपना लंड मसलवा कर, कंडोम लगाया और चूत के ऊपर सैट कर दिया.
पूरी चूत गीली हो गई थी और लंड का सुपारा चूत के छेद पर था.
मैंने धीरे से धक्का दिया, तो चूत के छेद को खोलता हुआ सुपारा अन्दर घुस गया.
वह कराहने लगी.
मुझे भी बहुत ज्यादा मज़ा आया.
धीरे धीरे उसके बोबे चूसते हुए मैंने पूरा लंड अन्दर सरका दिया.
कुछ देर रुकने के बाद मैंने कमर हिलानी शुरू की, तो वह भी नीचे से गांड हिलाने लगी.
मैं पूरा लंड बाहर निकालता और एक धक्के में अन्दर डाल देता.
अब उसकी चूत और ज्यादा पनिया गयी थी.
वह जोर जोर से चीखने लगी- आह … और तेज चोदो … और तेज चोदो.
मैं भी बहुत देर से इंतज़ार कर रहा था.
मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कन्धों पर रखीं, एक पैर सीट से नीचे उतार कर उसके बोबे पकड़ लिए और जोर जोर से चोदने लगा.
अब मेरा पूरा लंड उसकी बच्चेदानी तक लग रहा था और मज़े के कारण नसें फूलने लगी थीं.
लंड का सुपारा और ज्यादा सूजने लगा था.
वह आह आह करने लगी.
हम दोनों ही चुदाई और शराब के नशे में पागल होने लगे थे.
मैं दस मिनट तक ऐसे ही रुक रुक कर चोदता रहा और फिर उसको घोड़ी बनाया.
वह भी घूम कर घोड़ी बन गई.
पीछे से उसकी उभरी हुई गांड देख कर मज़ा आ गया.
मैंने उसकी गांड पर एक दो चांटे भी मारे लेकिन उसे दर्द हो रहा था.
फिर मैंने उसकी गांड सहलाई और पीछे से चूत में उंगली डाल दी.
बड़ी हुई झांटों के कारण चूत चाटने की इच्छा नहीं हुई.
वह अपनी गांड हिला हिला कर उंगली करवा रही थी.
उंगली निकाल कर मैंने पीछे से उसके बोबे पकड़े और लंड सैट करके एक ही धक्के में लौड़े को अन्दर डाल दिया.
वह फिर से कराहने लगी.
उसकी कमर पकड़ कर मैंने जोर जोर से धक्के मारने शुरू किए.
हर धक्के के साथ पट पट की आवाजें आ रही थीं. गाड़ी भी जोर जोर से हिल रही थी.
उसकी चूत इतनी गीली हो गई थी कि पानी बह कर जांघों पर आ रहा था.
कमर छोड़ कर उसके बाल पकड़े और हर धक्के के साथ जैसे कोई घोड़ा, घोड़ी को चोद रहा हो, ऐसे चढ़ गया.
कुछ देर में वह पसीजने लगी और बोलने लगी कि जोर-जोर से करो … मैं बस आई.
मैं और जोर से धक्के लगाने लगा.
मेरा लंड भी बुरी तरह फूल गया था, नसें तन कर उसकी चूत में जोर-जोर से रगड़ मार रही थीं.
वह जोर जोर से चीखती हुई झड़ने लगी और उसने पूरा पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया.
जैसे ही उसकी चूत झड़ना शुरू हुई, चूत टाइट हो गई और जैसे उसने चूत से लंड चूसना शुरू कर दिया था.
अब मुझसे भी नहीं रहा गया और मैं जोर-जोर से धक्के मारता हुआ उसके ऊपर ही ढह गया.
पूरा लंड झटके मार मार कर उसके अन्दर वीर्य की धारें मारने लगा था.
कंडोम के चलते कोई चिंता नहीं थी.
कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद मैं उठा और सीट पर बैठ गया.
वह भी उठी और अपने कपड़े ठीक करने लगी.
लड़का लड़की कार सेक्स के बाद दोनों ने कपड़े पहने और वापस आगे की सीट पर आ गए.
हम दोनों सिगरेट पीते हुए बात करने लगे.
मैंने पूछा- कैसा लगा?
वह बोली- मज़ा आ गया, आपका लंड मस्त है.
कुछ देर बात करने के बाद मैंने उसको घर छोड़ा और अपने घर वापस आ गया.
उसके बाद भी हम लोग कई बार मिले और कई बार मैंने उसको ऐसे ही सुनसान जगह ले जाकर कई बार चोदा.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है और मैं आशा करता हूँ कि आपको मेरी लड़का लड़की कार सेक्स कहानी पसंद आएगी.
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