मेरी चूत की तीसरी चुदाई की कहानी में मैं दो बार चुद कर सो गयी. मेरा चोदू यार भी सो गया. मैं मूतने उठी तो यार का लंड दिख गया. मैं उससे खेलने लगी. उसे मुंह में ले लिया.
नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम नेहा दवे है।
आज मैं आप सभी के साथ अपनी कहानी का तीसरा भाग शेयर कर रही हूँ।
उम्मीद है कि आपको पहला और दूसरा भाग
पड़ोसी लड़के ने मुझे दोबारा चोदा
पसंद आया होगा।
और यह तीसरा भाग भी आपको पसंद आएगा।
अब मैं आपको आगे Meri Chut Ki Teesri Chudai की कहानी बताती हूँ।
वैभव ने मेरी जबरदस्त चुदाई करके मेरी चूत की सील तोड़ी थी।
फिर उसने मुझे नींद से उठाकर दोबारा चोदा था।
दूसरी बार चुदाई के बाद वैभव बिल्कुल नंगा सो गया था।
मैं अपनी ब्रा और पैंटी पहनकर उसे चिपककर सो गई।
सुबह करीब साढ़े चार बजे बाथरूम जाने के लिए मैं नींद से उठी।
बाथरूम जाकर मैं वापस बेड पर लेट गई।
लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी।
वैभव मेरे पास नंगा सो रहा था।
मेरी नज़र उसके लंड पर पड़ी।
वो बिल्कुल शांत होकर झुका हुआ पड़ा था।
मेरे मन में शैतानी ख्याल आने लगे।
मैं मन ही मन खुद से बातें करने लगी।
“ये वही है जिसने मेरी चूत को फाड़ा है।”
थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसके लंड पर रखा और उसे पकड़ लिया।
उसका लंड हल्के-हल्के झटके खाता हुआ उठने लगा।
मैंने उसके लंड को मुँह में ले लिया।
उसे चूसते हुए मैंने उसकी तरफ देखा।
वैभव नींद से जाग गया और मेरी तरफ देखने लगा।
मेरे बाल मेरे चेहरे पर आने लगे थे।
मैंने एक हाथ से बाल हटाए और उसका लंड चूसती रही।
उसने कुछ नहीं कहा, बस हँसकर मेरी तरफ देखा।
फिर उसने मेरे बालों में हाथ डालकर मेरा सिर पकड़ लिया।
उसने मेरे सिर को अपने लंड पर दबाना शुरू कर दिया।
उसका लंड पूरा कड़क हो गया था।
मैं लगभग पूरा लंड मुँह में ले रही थी।
मुझे उसका लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था।
मैं बड़ी मस्ती से उसके लंड को हाथ से पकड़कर चूस रही थी।
कुछ देर बाद वैभव ने कहा, “बस कर, कितना चूसेगी?”
मैंने उसका लंड चूसना बंद कर दिया।
फिर वैभव ने कहा, “मेरे लंड के ऊपर बैठ जा।”
मैंने दोनों पैरों के घुटनों को बेड पर मोड़ लिया।
उसके अगल-बगल रखकर मैं उसके लंड पर बैठ गई।
मैं थोड़ा ऊपर उठी।
वैभव ने अपने लंड को मेरी चूत पर सेट कर दिया।
फिर मैं धीरे-धीरे उसके लंड पर बैठने लगी।
उसका लंड धीरे-धीरे मेरी चूत में अंदर जाने लगा।
आधा लंड अंदर चला गया था।
मेरी चूत में हल्का दर्द हुआ और मेरे मुँह से “आह्ह्ह्ह” की आवाज़ निकली।
मैं उसकी छाती पर लेट गई।
मेरे बूब्स उसके होंठों के पास थे।
उसने मुझे अपनी बाहों में लपेट लिया और मेरे बूब्स चूसने शुरू कर दिए।
बूब्स चूसते हुए उसने अपनी कमर ऊपर-नीचे की।
अपने लंड से मेरी चूत में धक्का देकर मुझे चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा।
मैं उसके लंड पर सीधे बैठ गई।
उसके लंड पर खुद को धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करने लगी।
उसका लंड धीरे-धीरे मेरी चूत के अंदर जा रहा था।
कुछ देर उछलने के बाद मैं थक गई।
मेरा बैलेंस बिगड़ रहा था।
मैं उसके ऊपर से उतरना चाहती थी, लेकिन उसने मुझे उतरने नहीं दिया।
मैंने अपने हाथ उसकी छाती पर रख दिए।
खुद को बैलेंस करने लगी।
वैभव ने अपने हाथ मेरे कूल्हों पर रखे और उन्हें पकड़ लिया।
उसने मुझे अपने लंड पर ऊपर-नीचे करना शुरू किया।
उसका लंड मेरी चूत में पूरा जाने में बस थोड़ा बाकी था।
मैं उसकी छाती पर हाथों से वजन देकर झुकी हुई थी।
उसने नीचे से अपने लंड को मेरी चूत में धक्का देना शुरू कर दिया।
वो अपनी कमर उछाल-उछालकर मुझे चोद रहा था।
उसके लंबे शॉट्स से मेरे मुँह से “आह्ह, उह्ह्ह, आह्ह्ह” की आवाज़ें निकल रही थीं।
कुछ देर बाद उसने अपनी स्पीड तेज़ की।
अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया।
मुझे महसूस हुआ कि उसका पूरा लंड अंदर चला गया था।
अपना पूरा लंड डालकर वो शांति से बेड पर लेट गया।
मैं उसका पूरा लंड लेकर उसके ऊपर बैठी थी।
फिर मैंने खुद को धीरे-धीरे आगे-पीछे और ऊपर-नीचे करना शुरू किया।
मेरे बूब्स ऊपर-नीचे झूल रहे थे।
मैं उसके लंड पर उछल रही थी।
वैभव ने मेरे बूब्स पकड़कर दबाना शुरू कर दिया।
वो मेरे बूब्स को ज़ोर से मसल रहा था।
मेरी चूत से पानी निकल गया।
थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर से नीचे उतर गई।
वैभव का लंड थोड़ा नरम हो गया था।
मेरी चूत के पानी से उसका लंड गीला हो गया था।
उसने मुझे इशारा किया कि मैं उसके लंड को मुँह में लेकर चूसूँ।
मैंने अपनी गांड उसकी तरफ करके चारों पैरों पर बैठ गई।
उसके लंड को पकड़कर मुँह में ले लिया।
वैभव मेरे कूल्हों पर हाथ घुमा रहा था और उन्हें दबा रहा था।
थोड़ी ही देर में उसका लंड मचलने लगा।
मैंने एक पल के लिए उसका लंड मुँह से बाहर निकाला।
तभी उसके लंड से पिचकारी छूट गई।
उसका वीर्य मेरे मुँह और हाथ पर चिपक गया।
मैं बाथरूम में जाकर अपने हाथ और मुँह को साफ करके वापस आई।
वैभव ने मुझे पकड़कर फिर से बेड पर लेटा दिया।
उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया।
थोड़ी मस्ती करने के बाद वो बाथरूम में फ्रेश होने चला गया।
मेरी चूत की तीसरी चुदाई से बेड की चादर खराब हो गई थी।
मैंने चादर बदल दी।
फिर अपने कपड़े पहने और थोड़ा आराम करने के लिए बेड पर लेट गई।
वैभव भी बाथरूम से फ्रेश होकर आया।
उसने अपनी चड्डी पहनी और मेरे पास लेट गया।
तीसरा राउंड पूरा करके हम दोनों एक-दूसरे को बाहों में लपेटकर लेटे थे।
बातें करते-करते हमें थोड़ी देर में नींद आ गई।
मेरी चूत की तीसरी चुदाई की कहानी कैसी लगी?
मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
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