सेक्स इन लव स्टोरी मेरी माशूका के साथ है. हम दोनों दिन भर घूमे-फिरे और रात को खाना खाकर सो गए। आधी रात मेरी आंख खुली, चेहरे पर कुछ गीलेपन का अहसास हुआ।
पूर्व कथा- आगोश में मासूम सी माशूका
नूर बहुत ही मासूम सी है, अक्सर मेरे पास आ जाती है, दो-तीन दिन ठहरती है और फिर चली जाती है।
मन ही मन मुझसे प्यार करती है लेकिन मेरे हालातों को भी अच्छे से समझती है इसलिए कभी कुछ नहीं कहती।
अब आगे Sex In Love Story:
अब मैं उसे अपने घर में तो रख नहीं सकता था इसलिए इसका इंतजाम भी उसने खुद ही किया और मेरे ही शहर में एक फ्लैट ले लिया सिर्फ हम दोनों के लिए।
अभी दो दिन से आई हुई थी तो मैं भी घर में बहाना बनाकर उसके फ्लैट पर ही था।
हमारा रिश्ता कुछ ऐसा है कि उसमें सेक्स बहुत कम है।
क्योंकि उसे देखकर मुझे उस पर बहुत प्यार आता है और सिर्फ लाड़ करने का मन करता है।
हां! अगर कभी उसका मन होता है सेक्स का तब जरूर करता हूं, सेक्स इन लव का आनन्द लेता हूँ।
जहां अंजलि को देखते ही उस पर टूट पड़ने को मन करता है और नीचे आग लग जाती है; वहीं नूर को देखकर आग नहीं लगती बल्कि सुकून सा महसूस होता है और उसे सिर्फ आगोश में ले लेने को जी चाहता है।
हम पूरा दिन घूमे-फिरे और रात को खाना खाकर सो गए।
करीब आधी रात मेरी आंख खुली और चेहरे पर कुछ गीलेपन का अहसास हुआ।
साथ ही नर्म नर्म से होंठ मेरे चेहरे से टकराए तो मैंने देखा कि नूर अपने नाईट गाउन में बैड पर मेरी तरफ करवट लिए हुए मुझ पर झुकी हुई थी।
उसकी आंखों में सेक्स और मस्ती नाच रही थी।
मेरी आंखें खुलते देखकर वो और तेज हुई।
मैंने खुद को उसके हवाले छोड़ दिया कि वो जो चाहे वो करे।
नूर कुछ देर मेरे चेहरे को चूमने के बाद अब मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी।
बटन खुलने के बाद मेरा सीना उसके सामने था।
नूर ने शरारत भरी निगाहों से मुझे देखा और फिर सीने को चूमने लगी।
मेरे बदन में मजे की लहरें दौड़ने लगीं।
उसके नर्म नर्म होंठ मेरे सीने पर अपने प्यार भरे निशान छोड़ते जा रहे थे।
साईड से नूर एक टांग मेरे ऊपर रखती हुई ऊपर आई और उसका हल्का-फुल्का बदन मेरे बदन पर आकर रुका।
नीचे लंड में भी जान आनी शुरू हो गई और वो पैंट को उभारता जा रहा था।
नूर ने भी इस बदलाव को महसूस कर लिया।
वो अपनी कमर को मेरे ऊपर हिला रही थी तो मैंने भी हाथों को हरकत देने का सोचा और अपने ऊपर नूर की कमर पर हाथ फेरता हुआ नीचे ले गया।
जहां नर्म नर्म सी गांड मेरा इंतजार कर रही थी।
मैंने उसे दबाते हुए जोर लगाया तो तभी नूर की एक आह निकली।
नूर चूमती हुई नीचे को चली जा रही थी।
नाभि तक पहुंची तो मैंने रोक दिया और वापस ऊपर खींचते हुए उसके होंठों से होंठ मिलाए और करवट बदल ली।
अब नूर मेरे नीचे थी और उसकी चूचियां मुझे दावत दे रहीं थीं तो मैं थोड़ा सा नीचे खिसका और उसकी चूचियां चूसने लगा।
एक हाथ से थामते हुए एक-एक चूची को मुंह में लेने की कोशिश करता और फिर बाहर की तरफ खींचता।
नूर मेरे सिर पर हाथ रखे सिसकारियां भर रही थी और मैं उसके ऊपर लेटा हुआ था।
अब मैं अपना चेहरा उसकी चूचियों पर रखते हुए हाथ पीछे ले गया और अपनी पैंट उतारने लगा।
फिर एक कोहनी टेककर एक हाथ से नीचे तक खींच दी और साथ ही अंडरवियर भी उतार दिया।
अब लंड तैयार था।
मैं कुछ देर और उसकी चूचियां चूसता रहा और वो मेरे सिर पर हाथ रखे जोर लगाती रही।
साथ ही नीचे हाथ बढ़ाकर लंड को थामने की कोशिश करती मगर मैंने उसकी कोई कोशिश कामयाब नहीं होने दी.
तो वो जवाब में मेरी पीठ पर अपनी एड़ी का दबाव डालकर जोर लगाने लगी।
मैंने उसकी तरफ देखा तो उसकी आंखें शरारत से चमक रही थी।
बदले में मैंने उसकी चूची पर दांत से हल्का सा काटा तो वो मुस्कुरा उठी और जल्दी से एड़ी हटा दी।
उसकी बेचैनी मुझे भी बेचैन किए जा रही थी तो मैंने उठते हुए उसकी टांगें उठाकर सीने से लगा दीं।
नूर दोनों हाथों में अपनी टांगें पकड़े मुझे ही देखते हुए अपने होंठ पर जीभ फेरे जा रही थी।
मैंने नूर की टांगें उठाकर खुद भी पोजीशन संभाल ली।
लंड तनकर लहरा रहा था।
Video: सेक्सी इंडियन लड़की काला बड़ा लण्ड मज़े से चूस रही है
अब मैंने लंड को चूत के होंठों पर सेट कर कमर को धक्का दिया।
चूत के होंठ खुले और लंड उसकी चूत में फिक्स हो गया।
नूर एकदम से ऊपर को उठी, मुंह खुला और फिर एक सिसकारी भरी।
उसने टांगें छोड़कर दोनों हाथ सिर पर रख लिए और मुंह खोले गहरी सिसकारियां भरने लगी।
मैंने धक्के देते हुए अपना सफर जारी रखा और आधे लंड को मंजिल तक पहुंचा दिया।
नूर का मुंह फिर से खुला और काफी देर तक खुला ही रहा तो मैंने एक हाथ की उंगलियां उसमें डाल दीं और वो चूसने लगी।
तीसरे धक्के में पूरा लंड अंदर पहुंच चुका था।
नूर ने मेरी उंगलियों पर जोरदार दांत गाड़े और फिर उम्म-उम्म करते हुए सिर पीछे तकिये पर रख दिया।
मैंने उसके मुंह से उंगलियां बाहर निकालीं और टांग पर हाथ रखते हुए दबाव बढ़ा दिया और साथ ही लंड को बाहर निकालकर दोबारा धकेल दिया।
नूर दोबारा से सिर उठाकर उठी और नीचे देखने की कोशिश की।
मैंने अब हल्के-हल्के से लंड को उसकी चूत के अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।
नूर की चूत बेतहाशा पानी छोड़ती जा रही थी और साथ ही उसकी सिसकारियां भी तेज हो रहीं थीं।
अब मैंने और स्पीड बढ़ाई और गहरे-गहरे झटके मारने लगा।
मैं घुटने के बल से उठते हुए अब अपने पैरों के बल पर आया और उसके ऊपर आते हुए नीचे को झटके मारने शुरू किए।
हर झटके के साथ नूर की आह निकलती।
कुछ देर तक मैंने ऐसे ही झटके मारे फिर उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखे हुए उसे उठा लिया।
हल्की-फुल्की नूर मेरी गर्दन में हाथ डाले उठ चुकी थी और उसके पैर मेरी गर्दन पर और नीचे से चूत मेरे लंड के सामने आ गई।
मैं बैड से उतरा और झटके मारने शुरू कर दिए।
हर झटके के साथ वो पीछे को जाती और फिर वापिस आते हुए लंड अंदर लेती।
मेरे झटके उसे उछाले जा रहे थे और वो साथ ही मुंह से सिसकारियां निकालती हुई मेरी हिम्मत बढ़ाने लगी।
झटके और बढ़ने लगे।
लंड के ऊपर से उछलती हुई नूर वापिस फिर से उसी के ऊपर फिसलती हुई आती।
अब वो थकने लगी तो मैंने उसे बैड पर उतारते हुए घोड़ी बना दिया।
बैड पर पैर जमाकर मैं उसके पीछे आया और लंड घुसाते हुए स्पीड से झटके मारने लगा।
नूर मेरी उम्मीद से ज्यादा गर्म हो रही थी।
अब भी वो पीछे को होती हुई मेरा साथ देने की कोशिश कर रही थी।
उसकी सिसकारियां मुझे और तेज होने को उकसा रहीं थीं और मैं भी जोश में आता जा रहा था।
बहुत दिनों बाद ऐसा पार्टनर मिला था जो रुकने के बजाय घोड़े को एड़ लगा रहा था तो मैंने भी कसर नहीं छोड़ी और उसकी कमर पर हाथ जमाकर तूफानी धक्के शुरू किए।
नूर ने आह भरी और तेज आवाज में सिसकारियां लेने लगी जिनमें मजे के साथ और तेज होने का इशारा भी था।
वो अभी तक झड़ी नहीं थी और ना ही अभी उसका झड़ने का कोई इरादा लग रहा था।
अब तो मैंने भी कुछ नहीं देखा और धक्कों की मशीन चला दी।
अगले पांच से सात मिनट कैसे गुजरे मुझे नहीं पता।
उसके आहें भरने की आवाज, उसके आगे गिरने का मंजर सब धीरे से हुआ।
वो झड़ गई और मुझे रुकने को भी कह रही थी मगर मेरे कानों में कोई आवाज ना आई।
मेरे धक्के उसी तूफानी रफ्तार से जारी थे।
वो आगे हाथ टेकती हुई निकलने की कोशिश करती मगर ये भी मुश्किल था।
मुझे बस अपने जिस्म के खून की और अपनी धड़कनों की आवाज सुनाई दे रही थी जो आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ती जा रही थी।
कनपटियों में खून दौड़ रहा था।
कानों में नूर की आहों की आवाज हल्की होकर सुनाई दे रही थी और फिर ये सारा खून और धड़कन नीचे की तरफ जाने लगा।
लंड और ज्यादा फूलने लगा और फिर एक फव्वारा छूटा।
सैलाब बहा … बंद टूटा।
मैंने एक-दो झटके और मारे और फिर नूर के ऊपर लेटता चला गया।
वो पसीने-पसीने हो गई थी; मुझसे ज्यादा वो हांफ रही थी, उसके मुंह से अभी भी आहें जारी थीं।
मैंने साईड में करवट ली और सीधा हो गया।
जब सांसें ठीक हुईं तो मैंने उसे पूछा- आज तुम्हें ये क्या हो गया था?
उसने मेरी आंखों में देखा और हल्का सा मुस्कुराकर मेरे सीने से लग गई।
मैंने भी उसे आगोश में लिया और उसका सिर सहलाते हुए उसे सुलाने लगा।
सुबह उठकर नहाए-धोए।
आज उसे जाना था तो आंखों में मोटे-मोटे आंसू आ गए!
मैं उसे समझाने लगा- फिर आ जाना!
नूर बहुत कम बोलती है।
जो कहना है वो बस आंखों से ही कह देती है लेकिन आज मुझसे लिपटते हुए बोली- जान मेरा दिल नहीं लगेगा!
मैंने पूछा- तुम्हारे दिल में कौन है?
अब उसने मेरी आंखों में झांका तो मुझे जवाब मिल गया।
जवाब मिलते ही मैं उसका सिर सहलाते हुए बोला- मैं हमेशा तुम्हारे पास हूं!
कहकर उसे अपने से अलग किया और हम स्टेशन की ओर चल पड़े।
उसकी ट्रेन आई तो हमने भरी आंखों से एक-दूजे को विदाई दी।
ट्रेन चल पड़ी और जब मेरी आंखों से ओझल हुई तो मैं हारा सा वहीं बैठ गया।
मालूम नहीं कितनी देर बैठा रहा।
आपको ये सेक्स इन लव स्टोरी कैसी लगी? मुझे जरूर बतायें!
[email protected]