दोस्त की चालू बहन की चुत में मेरा लंड- 2

गरम लड़की के साथ सेक्स कहानी मेरे दोस्त की बहन की चुदाई की है. उसने खुद मुझे इसके लिए पटाया. मैंने कैसे उसके साथ सेक्स किया? मजा लें.

दोस्तो, मैं अगम आपको अपने दोस्त सार्थक की बहन उर्वशी की चुत चुदाई की कहानी सुना रहा था.
गरम लड़की के साथ सेक्स कहानी के पहले भाग
मेरे दोस्त की चुदक्कड़ बहन की वासना
में अब तक आपने पढ़ा था कि उर्वशी ने मेरी गोद में बैठ कर मुझे चूमना शुरू कर दिया था. मेरा लंड कड़क होकर उसकी गांड की दरार में रगड़ने लगा था.

अब आगे गरम लड़की के साथ सेक्स कहानी:

उर्वशी का वासना से भरा चेहरा देख कर मैंने उसे एकदम से उठा लिया और खड़ा करके उसे दीवार से लगा दिया.

अभी वो कुछ समझ पाती कि मैं उसे फिर से किस करने लगा.
वो मेरे साथ पूरा सहयोग कर रही थी.

मैं उसके होंठों से लेकर उसके पूरे चेहरे पर जीभ फिराने लगा और वो मदहोश सी होने लगी.
फिर मैंने ऐसे ही उसके कान पर किस किया और अपने हाथ उसके सर पर फिराने लगा.

वो अपनी आंखें बंद करके आह आह करने लगी थी.

फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया, जिससे वो सिहर गई और उसने एक तेज आह भरी.

अब मैंने उसके जिस्म पर हाथ फिराने शुरू कर दिए.
उसकी 34 इंच की चट्टान जैसी चूचियों को ऊपर से ही अपने हाथ में भर कर मसल दिया.

वो सीत्कार कर उठी.

मैंने समझ लिया कि अब देरी करना उचित नहीं है, इसलिए अपनी टी-शर्ट और अपना लोअर भी निकाल दिया.
मैं उसके सामने केवल बॉक्सर में आ गया था.

वो मेरे बॉक्सर में मेरे फूले हुए लंड को ही देख रही थी.

मैंने अपने हाथ बढ़ाए और उर्वशी की टी-शर्ट निकाल दी.
अन्दर उसने एक छोटी सी काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें से उसके मम्मे एकदम मस्त लग रहे थे.

उसकी काली ब्रा पर से ही मैंने उसके मम्मों पर किस करना शुरू कर दिया.
वो मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाने लगी.

कुछ देर ऐसा करने के बाद उर्वशी ने मुझे बेड पर धक्का दिया और वो खुद मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे किस करने लगी.

मैंने उसे साइड में किया और खुद उसके ऊपर आ गया.
मैं उसके पूरे जिस्म पर अपनी जीभ फिराने लगा. वो आहें भारती हुई तड़पी जा रही थी और बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी.

उसके मुंह से लगातार ‘आहह ईहहह …’ की मादक आवाज निकल रही थी और उसका हाथ मेरे सर पर था. जिससे वो मुझे अपने बदन के हर हिस्से पर दबा कर चाटने का इशारा कर रही थी.

मैंने धीरे धीरे अपनी जीभ उसके मम्मों की दरार पर फिराते हुए पहले उसकी ब्रा को निकाल दिया.
ब्रा हटते ही उसके 34 इंच के दूध हवा में आजाद होकर फुदकने लगे थे.

उसकी चूचियां एकदम टाइट थीं. मैं उन दोनों मम्मों को अपने मुँह में बारी बारी भर कर चूस रहा था. एक को चूसता, तो दूसरे को हाथ में भर कर मसल देता.
वो भी बड़ी मस्ती से मुझे दूध पिला रही थी.

ऐसे ही दसेक मिनट तक उसके दोनों मम्मों से खेलने के बाद मैं अपनी जीभ को उसके पेट पर फिराते हुए नीचे आ गया.

पहले मैंने उसके लोअर को निकाल दिया और साथ ही उसकी ब्लैक पैंटी को हाथ लगा दिया.
उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी.

मैंने उसकी मरमरी जांघों को सहलाते हुए पैंटी निकाल कर एक बार सूंघी और दूर फैंक दी.

अब मैंने जैसे ही उसकी जांघों पर किस करना शुरू किया, वैसे ही उसने अपनी चूत उठा दी.

मैंने उसकी चुत को देखा तो उसकी वैक्सिंग ऐसी लगी जैसे कुछ दिन पहले ही चुत की झांटें साफ़ की गई हों.
चुत पर हल्के हल्के और छोटे छोटे मुलायम से बाल थे.

उसकी रेशमी झांटों से मुझे कोई दिक्कत नहीं थी तो मैंने उसकी जांघों से किस करते हुए चुत के चारों तरफ किस करना शुरू कर दिया.

वो तड़पती जा रही थी और कोशिश कर रही थी कि मैं उसकी चुत चाट लूं.

आखिर मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
जीभ चुत पर लगी, तो वो तेजी से ‘आह्ह ईईईई उहहह …’ की आवाजें भरने लगी थी.

इधर मेरा लंड भी बाहर निकलने को बेताब था.
कुछ पल बाद मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी और फांकों को खींच खींच कर चूसने लगा.

वो ‘आअ ह्ह्ह ऊऊ ह्ह …’ की मादक सिसकारियां लेने लगी और मेरा मुँह पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.

दो मिनट में ही उसने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया जो कुछ मेरे मुँह में भी आ गया.
इस वक्त वो पानी तो मुझे अमृत समान लग रहा था तो मैं उसे पी गया.

झड़ जाने के बाद उर्वशी मुझसे बोलने लगी- प्लीज अब मुझसे और वेट नहीं होता … जल्दी से मेरी आग को शांत कर दो प्लीज.

मैं उसकी ओर देख कर स्माइल किए जा रहा था.

फिर मैंने अपना बॉक्सर भी निकाल दिया और मेरा 8 इंच का मोटा लंड बाहर आ गया.

अपने सामने नंगी उर्वशी को देख कर मेरा लंड और भी ज्यादा कड़क होने लगा.

मेरे लंड को उर्वशी पहले तो देखती रही … क्योंकि लंड अच्छा खासा मोटा और लम्बा है.

फिर वो वासना से बोली- यार, तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले, मैं कब से इस तरह के लंड से सेक्स करना चाह रही थी. मैंने आज तक इतने बड़े लंड से सेक्स नहीं किया.

मैंने लंड हिला कर उसे ललचाया.
वो बेताबी से बोली- अब तो बिल्कुल भी इंतजार नहीं होता … इसे जल्दी से अन्दर डालो प्लीज.

वह अपनी चूत पर हाथ फिराते हुए मेरे लंड को पकड़ने लगी.

मैंने भी देर न करते हुए उर्वशी को बेड पर थोड़ा नीचे को खींचा, जिससे उसकी गांड बेड के एक सिरे पर टिक गई.
टांगें पलंग से नीचे थीं मगर मैंने उसकी दोनों टांगों को उठाया और एक हाथ से टांगें पकड़ कर दूसरे हाथ से उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया ताकि मेरा लंड चुत पर अच्छे से सैट हो सके.

अब मैंने अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ा और उसकी चूत पर फिराने लगा.
इससे वो सिहर रही थी और बस पागलों की तरह ‘आअह उह अह …’ जल्दी जल्दी …’ की आवाजें निकाल रही थी.

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और एक धक्का दे मारा.
पर मेरा लंड फिसल गया.

मैंने फिर से सैट किया. अबकी बार उर्वशी ने अपने कोमल हाथों से मेरे लंड को अपनी चूत पर पकड़ा और मैंने जैसे ही धक्का मारा, वो फिर फिसल गया.

उर्वशी की चूत थोड़ी टाइट हो चुकी थी क्योंकि एक तो उसने काफी समय से सेक्स नहीं किया था और दूसरी बात ये कि मेरे लंड का साईज कुछ ज्यादा बड़ा है.

वो मुझसे बोली- ड्रावर में से आयल निकाल लो, आज तो लगता है मेरी चूत का बुरा हाल हो जाएगा.

इस पर मैंने उसे एक किस किया और उठ कर तेल लेकर आया.
पहले मैंने उर्वशी की चूत पर लगाया और उसके बाद अपने लंड पर अच्छे से मालिश की, जो उर्वशी ने ही की थी.

फिर उर्वशी ने मेरे लंड को अपनी चूत पर सैट किया और मैंने एक धक्का दे मारा.
इस बार मेरे लंड के आगे का सुपारा उसकी चूत में चला गया.

वो थोड़ा तेजी से ‘आह मर गई …’ बोली.
मैं रुक गया.

तो उर्वशी बोली- यार थोड़ा आराम से करो ना … मैंने कभी इतने बड़े लंड से सेक्स नहीं किया है.
मैं उर्वशी से बोला- कोई बात नहीं, मैं ध्यान रखूंगा.

उसको एक किस करते हुए मैंने एक और धक्का दे मारा.
इस बार मेरा आधा लंड उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ अन्दर चला गया.

वो तेजी से चिल्लायी- आआह्ह मर गई … आईई इह्हह … साले धीरे कर ना!

मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया और रुका रहा.

जब उसका थोड़ा दर्द कम हुआ … तो वो हल्के हल्के से अपनी कमर हिलाने लगी.
मैं समझ गया कि ये अब दौड़ने के लिए तैयार है. मैंने अपने आधे लंड से ही हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू किए.

वो आह आह करके लंड के मजे लेने लगी.

गरम लड़की के साथ सेक्स में लगभग 8-10 धक्कों के बाद उर्वशी बोली- आह अगम … अब थोड़ा तेज तेज करो.

शायद उसे ये मालूम ही नहीं था कि अभी मेरा केवल आधा ही लंड चुत के अन्दर ही गया है.
मैंने जैसे ही एक जोरदार धक्का मारा, तब उसकी तो जैसे जान ही निकल गई.

उर्वशी पहले तो चिल्लायी और बस एकदम से चुप हो गई.

उसके मुँह से कुछ देर तक तो आवाज ही नहीं निकली. पूरा लंड चुत ने अन्दर तक चला गया था … जिस कारण से उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था.
उसकी आवाज भी नहीं निकल रही थी. मेरा पूरा लंड घुसा था तो चुत चिर सी गई थी.

वो धीरे धीरे हल्की सी नार्मल हुई और चिल्लाती हुई बोली- साले कुत्ते कमीने मुझे बता नहीं सकते थे कि अभी तुम्हारा आधा लंड ही चुत के अन्दर गया है!
मैं सहमते हुए बोला- आपको ही लग रही थी कि जल्दी जल्दी करो … अब मैं क्या करता!

वो कराहती हुई बोली- साले तूने मेरी तो जान ही निकाल दी आह्हह इहहह कितना मोटा लम्बा मूसल है साले … मेरी तो फट ही गई है.
मैंने कुछ नहीं कहा बस यूं ही लंड पेले पड़ा रहा.

वो मरी सी आवाज में बोली- अब इसे पहले बाहर तो निकालो … मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है अगम … प्लीज इसे एक बार बाहर निकालो.

मैंने उसकी बात मानते हुए अपने लंड को बाहर निकाला और देखा कि उसकी चूत से थोड़ा खून आ रहा है.
थोड़ा सा खून मेरे लंड पर भी लग गया था.

उसने भी खून देख लिया था.

मैंने उर्वशी से पूछा- ऐसा क्यों हुआ?
वो बोली- वो सब मैं बाद में बताऊंगी.

मैंने ओके बोला और उसकी चूत और अपने लंड को साफ़ कर दिया.

कुछ देर बाद मैंने उर्वशी की एक चूची मसली, तो उसने अपनी आंखें खोल कर लंड की तरफ देखा.
फिर उसने हां में सर सर हिलाया.

अबकी बार मैंने काफी सारा तेल उसकी चूत और अपने लंड पर लगाया फिर मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और एक धक्का मारा.
इस बार मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.

वो फिर से चिल्लायी, पर अबकी बार उसकी आंखों में गुस्सा नहीं, प्यार और हवस थी.

मैंने उसे किस करना शुरू किया और फिर से एक धक्का मारा.
अब मेरा पूरा लंड फिर से उस गरम लड़की की चूत की गहराई में घुस गया था.

वो चिल्लायी पर उसकी आवाज मेरे मुँह मैं ही दब गई. वैसे मुझे आवाज की कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि घर पर कोई नहीं था … बस मुझे उर्वशी की फ़िक्र थी.

मैं उसे किस करता गया और अपने हाथों से उसके मम्मों को मसलने लगा.

होंठों से मुंह हटा कर देखा तो उसकी हल्की हल्की आह आह निकल रही थी.
मैं अपने मुँह में उसके एक दूध को भर लिया और चूसने लगा. इससे उसे चैन मिलने लगा और वो अपना हाथ मेरे सर पर फेरने लगी.

जब कुछ पल बाद उसका दर्द कम हुआ तो उसकी कमर ने जुम्बिश दी.
मैंने समझ लिया और धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए.

वो अब मुस्कुरा रही थी और मुझे चूमती हुई ‘आई लव यू अगम … आह आई लव यू …’ बोले जा रही थी.

मैंने भी उसे ‘आई लव यू टू …’ कहा और अपनी स्पीड थोड़ी बढ़ा दी जिससे उसे फिर से हल्का हल्का दर्द होना शुरू हुआ पर उसकी आवाज उसके मुँह में ही दबी रही.

कुछ देर बाद मैंने स्पीड तेज की, तो वो भी लंड का मजा लेने लगी मगर मोटा लंड उसे पहली बार में मजा कम दर्द ज्यादा दे रहा था.
वो अपने हाथ से मेरी कमर को पकड़ कर मुझे स्लो चोदने का इशारा कर रही थी.

कुछ देर बाद वो अकड़ने लगी, मैं समझ गया कि ये झड़ने वाली है. मैं ऐसे ही धक्के लगाते रहा, फिर वो झड़ गई और 2 मिनट के लिए निढाल हो गई.

मैं रुक गया, पर कुछ देर बाद वो फिर से कमर हिलाने लगी. अब मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिए और फिर से अपनी स्पीड बढ़ा दी. इस बार चुत में रस भी था … तो लंड को चिकनाई मिल रही थी और लंड सटासट चुत में अन्दर बाहर अन्दर बाहर होने लगा था.

मगर तेज चुदाई से उसे फिर से दर्द होने लगा और वो तेजी से ‘आह्ह ह … उह्ह्ह … ईह्ह … मर गई अगम स्लो चोद … आह आई …’ की आवाजें निकाल रही थी.
वह मुझे कसके पकड़ भी रही थी ताकि मैं जोर जोर से न चोदूं.

मैं उसके जिस्म पर हाथ फिरा रहा था और उसको धक्के लगाए जा रहा था.

लगभग 20 मिनट के बाद मेरा पानी छूटने वाला था … तो मैंने उससे बोला- मेरा होने वाला है.
वो बोली- अन्दर ही निकाल दो.

मैंने थोड़ा चौंकते हुए कहा- अन्दर?
तब वो बोली- हां मुझे आदत है.

मैं उसकी इस बात को सुनकर थोड़ा अजीब सा रियेक्ट करते हुए बोला- मतलब?
तब वो बोली कि सब बातें बाद में बताऊंगी … अभी बस मजे करो.

मैंने उसे किस करते हुए ओके कहा और फिर कुछ ही देर में मेरा और उर्वशी का एक साथ पानी निकल गया.
मैं उसी के ऊपर निढाल सा गिर गया क्योंकि मैंने काफी टाइम बाद सेक्स किया था.

उर्वशी के साथ सेक्स करके मेरा मन तृप्त हो गया था और मैं कुछ सोचने लगा था.

गरम लड़की के साथ सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आगे की चुदाई लिखूंगा, जब उर्वशी की मम्मी का फोन आया और क्या हुआ. आप मेल जरूर कीजिएगा.
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गरम लड़की के साथ सेक्स कहानी का अगला भाग: दोस्त की चालू बहन की चुत में मेरा लंड- 3