भाई के लंड से दीदी की चुत गांड चुदाई- 1

हॉट दीदी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरी बड़ी बहन बहुत सेक्सी है. मैं उसे चोदना चाहता था. एक बार वो नहाने गयी तो मैं दरवाजे के छेद में से देखने लगा. क्या दिखा मुझे?

दोस्तो, मैं कामुकताज डॉट कॉम पर आपका स्वागत करता हूं. यहां पर मैं रोजाना सभी सेक्स कहानी को पढ़ता हूँ और आज इन्हीं सच्ची सेक्स कहानियों से हिम्मत पाकर आपको अपनी सच्ची सेक्स कहानी बता रहा हूं.

यह हॉट दीदी सेक्स स्टोरी मेरी और मेरी बड़ी दीदी के बारे में है.
मैं पूरा जवान हो चुका हूँ और 12 वीं क्लास में पढ़ता हूं.

मेरे घर में मेरे पापा मम्मी और मेरी बड़ी दीदी रहती हैं.
मेरी दीदी ने ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है और अभी वो घर के ही काम करती हैं.

दीदी दिखने में बहुत अच्छी हैं और गोरी हैं. उनकी चुचियां भी बहुत बड़ी हैं और एकदम मक्खन सी गोरी हैं.
मेरी दीदी की फिगर साइज 34-28-36 के करीब की है. वो देखने में बहुत मस्त माल हैं.
जब दीदी झुकती हैं, तब गहरे गले के कुर्ते से उनकी चूचियां बाहर आकर दिखने लगती हैं.

एक दिन कामुकताज डॉट कॉम पर भाई बहन की सेक्स कहानी पढ़ते हुए मुझे भी मेरी दीदी को चोदने का और उनकी चूचियां दबाने का बहुत मन कर रहा था.
मैंने सोच लिया था कि एक बार तो दीदी की चूची और चुत को अपने लंड से मिलवाना ही है.

हमारे घर में दिन में हम दोनों ही अकेले ही रह जाते हैं क्योंकि मेरे मॉम और मेरे डैड नौकरी करते हैं.
वो दोनों अपनी नौकरी की वजह से सुबह घर से निकल जाते हैं और शाम को ही वापस आते हैं.

घर का सारा काम मेरी दीदी ही करती हैं. सब काम करने के बाद ही दीदी नहाने के लिए जाती हैं फिर मैं और दीदी एक साथ खाना खाते हैं.
शाम को कमोवेश यही होता है बस उस समय मॉम भी दीदी के साथ काम करती हैं.

एक संडे के दिन मेरे मॉम और डैड को कहीं किसी रिश्तेदार के यहां जाना था.
वे लोग सुबह 7:00 बजे निकल गए. घर में मैं और मेरी दीदी बस अकेले रह गए थे.

दीदी घर में सब काम करने लगीं और काम करने के बाद रोज के नियमानुसार वो स्नान करने अपने बाथरूम में चली गईं.

उनके बाथरूम में जाने के बाद मैं भी उनके पीछे-पीछे बाथरूम के पास खड़ा हो गया.
दीदी को नहाते हुए देखने का मेरा मन होने लगा. मैं कोई झिरी या छेद देखने लगा जिधर से मैं दीदी की नंगी जवानी का दीदार कर सकूँ.

जल्द ही मुझे एक छोटा सा छेद नजर आ गया और मैंने उस छेद में से अन्दर झांकना शुरू कर दिया.

अन्दर मेरी दीदी एकदम नंगी होने लगी थीं और कपड़े उतारते समय बड़ी मस्त माल लग रही थीं.

दीदी ने अपनी कुर्ती निकाल दी. उसके बाद दीदी के मम्मे रेड कलर की ब्रा में फंसे हुए दिखने लगे.

सच में दीदी लाल रंग की ब्रा में क्या माल लग रही थीं.
मैं उनके मम्मों को देखते ही गर्म हो गया और मेरा लंड खड़ा हो गया.

उसके बाद दीदी ने अपनी पजामी का नाड़ा खोला और उसे नीचे करते हुए उतार दिया.
मेरे सामने दीदी ब्लैक कलर की पेन्टी में थीं.
सच में लाल ब्रा और काली पैंटी में दीदी मस्त कांटा माल लग रही थीं.

मैं बाहर खड़ा ये सब देख रहा था और अपने लंड की मुठ मार रहा था.

कुछ पल के बाद दीदी ने अपनी ब्रा और पैंटी भी निकाल दी.
पैंटी निकालने के बाद वो मेरी तरफ पीठ करके हो गई तो उनकी मखमली गांड मुझे और भी अधिक उत्तेजित करने लगी थी.

मैं हॉट दीदी की गांड मारने की सोचने लगा कि दीदी को कुतिया बना कर उनकी गांड मारूंगा तो मजा आ जाएगा.

दीदी की बड़ी गांड जगमग जगमग हो रही थी.

तभी दीदी ने एक बट प्लग टाइप का कुछ नुकीला सा निकाला और उसको मुँह में लेकर चूसने लगीं. इस तरह का बट मैंने एक ब्लू-फिल्म में देखा था. उस फिल्म में पोर्न ऐक्ट्रेस ने अपनी गांड में उस बट को फंसा लिया था और आगे अपनी चुत में लंड लेकर चुद रही थी.

मैं उस बट प्लग को देख कर एकदम सनाका खा गया कि मेरी हॉट दीदी भी कुछ ऐसा ही करने वाली हैं.

यही हुआ दीदी ने कुछ देर बट प्लग को अपने थूक से गीला करने के बाद उसे अपनी गांड में लेना शुरू कर दिया.

इस समय दीदी सामने वाशबेसिन से अपने शरीर को झुकाए हुए पीछे हाथ करके अपनी गांड में प्लग ले रही थीं.

फिर उन्होंने धीरे धीरे पूरा बट प्लग अपनी गांड में ले लिया और पलट गईं. उनकी फूली हुई चुत मेरे सामने थी.

दीदी ने बाथरूम का पंखा चालू कर दिया, जिससे बाथरूम की हवा बाहर कोर्टयार्ड में निकलने लगी.

फिर दीदी ने अपनी छिपी हुई जगह से एक सिगरेट की डिब्बी और लाइटर निकाला और सिगरेट सुलगा कर कश लेने लगीं.
सिगरेट का धुंआ पंखे की वजह से बाहर निकलने लगा.

अब हॉट दीदी ने अपनी चुत में उंगली करना शुरू कर दी. मतलब इस समय दीदी अपनी चुत और गांड में एक साथ मजा ले रही थी.

मुझे ये सीन देख कर एकदम से झुरझुरी सी आ गई और मेरा लंड इतना कड़क हो गया था कि मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

कुछ देर बाद दीदी ने हांफी भरना शुरू कर दिया और मैं समझ गया कि दीदी अब झड़ने वाली हैं.

मैंने भी अपने लंड का सड़का मारा और अपना माल लंड से बाहर निकलने से पहले ही उसे अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया क्योंकि इधर माल गिराने से गड़बड़ हो जाती.

मैं लंड दबाए हुए दूसरे बाथरूम में चला गया और उधर लंड का माल गिरा कर खुद की सांसों को नियंत्रित किया.

मेरे दिमाग में दीदी की चूचियां चुत और बड़ी सी गांड ही घूम रही थी.

मैं दीदी को आवाज देता हुआ घर बाहर जाने की कह कर निकल गया.

बाहर जाकर मैंने एक सिगरेट पी और दीदी को याद करके धुंआ उड़ाने लगा.

कुछ देर बाद जब मैं घर आया, तो दीदी कमरे में थीं.
दीदी ने पूछा- किधर गया था.

मैंने कुछ नहीं कहा, तो दीदी ने मेरे पास आकर मेरे मुँह से आती सिगरेट की गंध को सूंघा और बोलीं- सिगरेट पी है तूने?

मैं सिगरेट पीता था, ये बात दीदी को मालूम थी लेकिन उन्होंने कभी कहा नहीं था.
पर आज उन्होंने मुझसे सीधे सीधे पूछ लिया था.
मैंने कोई उत्तर नहीं दिया.

दीदी बोलीं- मेरा मन भी है … तेरे पास एक्स्ट्रा है क्या?
मैं दीदी की बात सुनकर चौंका … फिर मैंने कहा- नहीं है … आप कहो तो लेकर आऊं?

दीदी ने सौ का नोट दिया और बोलीं- हां एक डिब्बी ला दे. मेरी खत्म हो गई है.
मैं उन्हें देखने लगा, तो दीदी मुस्कुराने लगीं.

मैं बाहर से नेवीकट की एक डिब्बी ले आया.

घर आया तो दीदी ने खाना परोसा और हम दोनों ने खाना खा लिया.

फिर दीदी ने मुझसे सिगरेट सुलगाने के लिए कहा.
तो मैंने एक सिगरेट जला कर उन्हें दे दी.
दीदी और मैं एक ही सिगरेट से मजा लेने लगे.

दोस्तो, इस तरह से मैं और दीदी आपस में फ्रेंक होने लगे थे.

सिगरेट के दौरान ही दीदी ने मुझसे ड्रिंक के बारे में पूछा तो मैंने ना में सर हिला दिया. जबकि मैं पीता हूँ.

दीदी बोलीं- बियर पिएगा?
मैंने झूठ कहा- मैंने कभी पी नहीं है.

दीदी बोलीं- मन है?
मैंने कहा- ट्राई कर लेता हूँ.

दो बियर कैन लाने के लिए दीदी ने मुझे पैसे दिए और मैं ले आया.

दीदी ने बियर कैन खोल कर चियर्स किया और हम दोनों बियर पीने लगे.
एक एक सिगरेट का मजा भी लिया और हम दोनों में खुल कर बातचीत होने लगी.

दीदी ने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा, तो मैंने ना कह दी.
मेरे मन में तो मेरी दीदी ही मेरी गर्लफ्रेंड थीं.

मैंने दीदी से उनके ब्वॉयफ्रेंड के बारे में पूछा, तो वो सिर्फ मुस्कुरा कर रह गईं.

हम दोनों में अब खुलापन होने लगा था. हम दोनों एक ही कमरे में सोते थे तो रात को अक्सर बियर और सिगरेट का मजा लेना शुरू हो गया था.

हमारे कमरे में एक खिड़की थी, जिसे खोल कर सिगरेट का धुंआ बाहर निकल जाता था. मॉम डैड को इसकी खबर तक न हो पाती थी.

मैं अक्सर सोचता रहता था कि दीदी को किस तरह से अपने मन की बात कहूँ कि आपको चोदने का मन है.

फिर एक दिन मेरी मॉम और डैड को कहीं बाहर जाना था.
जब मैं घर आया तब वो सब पैकिंग कर रहे थे. मेरी दीदी भी पैकिंग में मदद कर रही थीं.

मैंने पूछा- आप लोग कहीं जा रहे हैं?
मेरी दीदी ने कहा- मॉम डैड को एक हफ्ते के लिए दिल्ली जाना है.

ये सुनकर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे और मैंने दीदी की तरफ देखा तो दीदी ने भी आंख दबा कर मुस्कान दे दी.
मैं समझ गया कि अब खुल कर मस्ती करने का मौक़ा आ गया है.

दीदी पैकिंग कर रही थीं और वो पैकिंग करते करते कभी-कभी इतना ज्यादा झुक जाती थीं कि उनकी चूचियां पूरी बाहर आ जाती थीं.

मैं उनकी चूचियों को देखता रहा था. दीदी की चूचियां इतनी बड़ी थीं कि वो गहरे गले की कुर्ती से बाहर आ रही थीं.
मुझे दीदी की चूचियां देखने में बहुत मजा आ रहा था.

हालांकि मेरी नजरों को दीदी ने देख लिया था, मगर उन्होंने कुछ नहीं कहा और वो बदस्तूर उसी तरह दूध दर्शन करवाती रहीं.

एक घंटे बाद की ट्रेन थी तो मैं मॉम डैड को स्टेशन छोड़ आया.

वापस आकर मैं अपने कमरे में चला गया और दीदी घर के काम में व्यस्त हो गईं.

दीदी कमरे में सफाई करने आईं … तो मैंने देखा कि वो झाडू लगाते हुए कुछ ज्यादा ही झुक रही थीं.
मैं उनके मम्मों को देखने लगा.

शायद दीदी ने मुझे अपनी चूचियां देखते हुए भांप लिया था. एक मिनट बाद तो दीदी इतना अधिक झुक गईं कि उनकी चूचियों के निप्पल भी दिखने लगे.

मैंने दीदी से कहा- दीदी अल्मारी से सिगरेट की डिब्बी दे दो.

हॉट दीदी ने मेरी तरफ वासना भरी नजरों से देखा और कहा- क्यों सिगरेट पीने का मन क्यों करने लगा?
मैंने उनकी तनी हुई चूचियों के देखते हुए कहा- बस अभी कुछ मूड हो गया है.

दीदी ने सिगरेट की डिब्बी मुझे देते हुए कहा- ले … मूड फ्रेश कर ले.

मैं सिगरेट जलाई और दीदी ने फिर से अपनी चूचियां दिखाते हुए सफाई करना शुरू कर दी.
मैंने बेख़ौफ़ दीदी की हिलती हुई चूचियों को देख रहा था और वो भी मेरी नजरों को ताड़ते हुए अपने मम्मे मुझे दिखा रही थीं.

फिर दीदी मेरे पास आकर बैठ गईं और मेरे हाथ से सिगरेट लेकर खुद पीने लगीं.

मैंने दीदी की कमर में हाथ डाला और उन्हें अपने ऊपर खींच लिया.
दीदी बोलीं- आह बड़ा थक गई हूँ … थोड़ा बदन सहला दे मेरा.
मैंने दीदी की कमर सहलानी शुरू कर दी.

पांच मिनट तक हम दोनों यूं ही एक दूसरे से लेटे बैठे ही चिपके रहे. मेरा लंड खड़ा हो गया था.

शायद दीदी ने समझ लिया था, तो वो उठ गईं और बोलीं- चल जल्दी से नहा ले … फिर साथ में खाना खाते हैं.
मैंने ओके कहा और हम दोनों उठ गए.

दोस्तो, हॉट दीदी सेक्स स्टोरी के अगले भाग में आपको मैं अपनी दीदी की वासना से लबरेज जवानी की चुदाई की कहानी लिखूंगा, आप सब कमेंट करना न भूलें.

हॉट दीदी सेक्स स्टोरी जारी है.

इस कहानी का अगला भाग: भाई के लंड से दीदी की चुत गांड चुदाई- 2