पैसों के लिए मैं बनी रंडी

प्रोस्टीटयूट गर्ल Xxx स्टोरी में मैं कॉलेज में पढती थी. मेरे घर में फीस भरने के पैसे नहीं थे. मेरा ब्रेकअप भी हो चुका था तो मुझे लंड की भी जरूरत थी. सहेली की सलाह पर मैंने पैसे लेकर चूत मरवाई.

दोस्तो, मेरा नाम है अर्पिता बराड़ (बदला हुआ नाम)।
मैं पंजाब की रहने वाली हूँ।
अभी मेरी उम्र 25 साल है।

पहले अपने फिगर के बारे में बताऊँ तो मेरा साइज़ 36-30-34 का है।

मेरे बूब्स भरे हुए और गांड उभरी हुई है।

मैं बिलकुल गोरी-चिट्टी पंजाबी कुड़ी हूँ और मेरा बदन गदराया हुआ है।

मेरे अंदर कामुकता और यौन इच्छा कूट-कूट कर भरी हुई है।

मैं काफी सालों से कामुकताज डॉट कॉम की पाठक हूँ और अपनी पहली सच्ची कहानी आपके साथ साझा कर रही हूँ।

यह Prostitute Girl Xxx Story साल 2019 की है जब मैं नई-नई कॉलेज जाने लगी थी।

उस वक्त भी मैं भरे हुए गदराये शरीर की मालकिन थी, इसलिए बहुत सारे लड़के मुझे देखकर अपनी आँखें सेका करते थे।
लेकिन मैं किसी को ज्यादा भाव नहीं देती थी क्योंकि तब मेरा एक बॉयफ्रेंड हुआ करता था।

लेकिन फिर कुछ महीनों बाद मेरा उससे ब्रेकअप भी हो गया था।

ब्रेकअप के बाद मैं काफी उदास और अकेली रहने लग गई थी।
मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लगता था और मेरे शरीर के अंदर की गर्मी मुझे खाए जा रही थी।

ऊपर से मेरे घर की स्थिति भी अच्छी नहीं थी, तो उसकी भी टेंशन मुझे रोज रहती थी।

अब मैं काफी मायूस और परेशान रहने लगी थी।

तो फिर एक दिन मेरे साथ कॉलेज में पढ़ने वाली एक सहेली प्रियंका ने मुझसे पूछा कि, “तू आजकल इतनी उदास और चुपचाप क्यों रहती है?”
तो मैं रोने लगी और उसे पूरी बात बता दी।

फिर उसने कहा, “अरे यार, तू इतनी सी बात पर उदास है। देख, तेरे पर सारा कॉलेज पागल है, जिस लौंडे की तरफ देखेगी वो पट जाएगा और रही बात पैसों की, तो कल उसका भी कुछ जुगाड़ बताती हूँ। चल अब मुँह मत फुला, जूस पीने चलते हैं।”

मैंने उससे कहा कि, “तू पैसों का क्या जुगाड़ करेगी?”
तो वो बोली, “अब चुप कर, कल ही बताती हूँ।”
फिर मैंने कहा, “ठीक है”
और हम जूस पीकर घर आ गए।

अब रात को मैं अपने रूम में अकेली बैठकर पोर्न मूवी देख रही थी।

धीरे-धीरे मैं गर्म होने लगी थी.
मैंने अपने सारे कपड़े एक-एक करके उतार दिए और आईने के सामने खड़ी होकर ब्रा में से झलकते अपने बड़े-बड़े बूब्स को निहार रही थी।

मैं सोच रही थी कि एक टाइम था जब इनकी रोज मालिश हुआ करती थी, रोज इनका दूध पिया जाता था।
और अब ये बेचारे मर्द के स्पर्श को भी तरस रहे हैं।

ऐसा सोचते-सोचते मैंने अपनी ब्रा के हुक खोले और मेरे दोनों कबूतर आज़ाद हो गए।

फिर मैंने बोतल से थोड़ा तेल लेकर अपने हाथों पर लगाया और खुद ही अपने बूब्स की मालिश करने लग गई।

धीरे-धीरे मुझे मज़ा आने लग गया था और मैंने अपने निप्पल पर हल्की-सी चिमटी काटी।
आह… मेरी धीरे से सिसकारी निकल गई।

अब मैं पूरी तरह से आपे से बाहर हो चुकी थी।
फिर मैंने अपनी पैंटी भी उतार फेंकी और अपनी गोरी मुलायम गांड को बेड पर टिकाकर बैठ गई।

मैंने अपनी उँगली पर थोड़ा-सा तेल लगाया और धीरे-धीरे अपनी चूत को सहलाने लग गई।
अब मेरे बूब्स भी पूरे टाइट हो चुके थे और मैं बस सोच रही थी कि चाहे कैसा भी हो, अब बस इस चूत को लंड मिल जाए।

अब और ऐसे तड़पा नहीं जाता।
अब मैंने धीरे से अपनी एक उँगली चूत में डाली और अंदर-बाहर करने लगी।

मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में हूँ।
फिर मैंने दूसरी उँगली भी चूत में डाल दी और जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लग गई।

मेरे मुँह से लगातार ‘उह ह हहह आह ह्ह’ की आवाज़ें निकल रही थीं।

लगभग 10 मिनट बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं बेड पर निढाल होकर पड़ गई।

मैं पड़ी-पड़ी सोच रही थी कि प्रियंका पैसों का जुगाड़ कैसे करेगी?
और ये सोचते-सोचते ही पता नहीं कब मुझे नींद आ गई।

अगले दिन जब कॉलेज में मुझे प्रियंका मिली, तो मैंने उसे साफ कह दिया, “देख यार, मुझसे अब मेरे बदन की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही है। और मेरी चूत में आग लगी हुई है। मुझे अब एक लौंडा पटाना है, अब तू बता किस पर लाइन मारूँ?”

तो वो बोली, “अरे आराम से… थोड़ा सब्र तो रख!”
मैंने कहा, “मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा है और ऊपर से पैसों की चिंता मुझे खाए जा रही है। तू ही कुछ बता मुझे…”

तो वो बोली, “एक तरीका है जिस से तेरे अंदर की गर्मी भी शांत हो जाएगी और तेरे पैसों की समस्या भी खत्म हो जाएगी।”
मैंने उत्तेजित होकर पूछा, “क्या तरीका है?”

प्रियंका बोली, “देख, तू जवान है। तेरे पास सुंदर गदराया हुआ भरा-पूरा शरीर है। ऊपर से तू इतनी गोरी-चिट्टी, सारा कॉलेज तेरे लिए पागल है। ऊपरवाले ने बड़ी फुर्सत से तुझे बनाया है, तो इस बदन का इस्तेमाल कर मेरी जान…”

मैंने कहा, “मैं कुछ समझी नहीं… ढंग से बता?”

प्रियंका बोली, “देख, मैंने ये बात अभी तक किसी को नहीं बताई है और तू भी किसी को मत बताना। मेरी अपने कॉलेज के कुछ लड़कों के साथ दोस्ती है। मैं हर दूसरे-तीसरे दिन उनको अपनी चूत का मज़ा लेने देती हूँ और बदले में वो मुझे पैसे देते हैं। देख, इससे दो फायदे हो जाते हैं … एक तो मेरी गर्मी भी निकल जाती है और काफी पैसे भी मिल जाते हैं। और मुझे पता है कि वो लड़के तेरे पीछे पागल हैं! उन्होंने मुझे कहा है कि अगर तू उनसे चुदने के लिए तैयार हो जाए, तो वो तुझे मुझसे भी ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार हैं।”

मैंने कहा, “बकवास मत कर। तू पागल हो गई है… मैं कोई रंडी नहीं हूँ। मुझे नहीं चाहिए ऐसे पैसे और अगर कल को तेरे बारे में किसी को पता चल गया, तो सोच तेरी इज़्ज़त का क्या होगा।”
वो बोली, “ठीक है, तू मत कर… पर सोच ले, वो एक दिन के 8000 रुपये देने के लिए तैयार हैं और तेरी भी आग मिट जाएगी।”

मैंने कहा, “मुझे नहीं करना कुछ भी।”
और मैं घर आ गई।

घर आकर मैं सोच रही थी कि कोई 8000 रुपये सिर्फ चूत पर कैसे बर्बाद कर सकता है।
जरूर ये लड़के अमीर घर से होंगे जो बस पैसे बर्बाद कर रहे हैं।

तभी मुझे नीचे लड़ाई-झगड़े की आवाज़ सुनाई दी।
जब मैं नीचे गई, तो देखा कि मम्मी-पापा की पैसों को लेकर लड़ाई हो रही थी।

इस समय मेरे घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी।
पापा के पास मेरी कॉलेज की फीस भरने के भी पैसे नहीं थे।

मैं चुपचाप ऊपर अपने कमरे में आ गई और रोने लगी।
और मैं सोचने लगी कि शायद प्रियंका सही कह रही थी। अगर मैं उसका ऑफर मान लूँ, तो मैं अपनी फीस भी खुद भर दूँगी और मेरी चूत की आग भी शांत कर सकती हूँ।

लेकिन फिर बदनामी का डर भी है।
अब मैं असमंजस में फंस चुकी थी।

मैंने सोचा कि कल प्रियंका से बात करूँगी कि अगर मैं ये ऑफर स्वीकार करती हूँ, तो कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं होगी।
ऐसा सोचते-सोचते मैं सो गई।

अगले दिन जब कॉलेज में मुझे प्रियंका दिखी तो मैंने उसे हाय किया लेकिन उसने मुझे जवाब नहीं दिया।

मैं तुरंत समझ गई कि वो कल वाली बात पर मुझसे गुस्सा है।
फिर लंच टाइम में मैं उसके पास गई और उसे कहा, “मुझे तुझसे कुछ बात करनी है।”
तो उसने कहा, “बोल?”

मैंने उसे कल वाली बात के लिए सॉरी बोला और कहा कि, “यार, मुझे बहुत डर लग रहा है। मेरे पास पैसे नहीं हैं और कॉलेज की फीस भी भरनी है। मैं सब कुछ करने के लिए तैयार हूँ। पर कहीं कोई गड़बड़ न हो जाए।”
वो बोली, “पगली, तू मेरी सबसे अच्छी दोस्त है और मैं तुझे किसी भी प्रॉब्लम में नहीं डालूँगी। तू बिलकुल टेंशन मत ले, सब कुछ आराम से होगा और तेरी मर्ज़ी के बिना कुछ भी नहीं होगा।”

मैंने कहा, “ठीक है। पहले मुझे ये तो दिखा कि वो लड़के कैसे हैं?”
वो बोली, “आ जा दिखाती हूँ।”

वो मुझे कॉलेज के ग्राउंड में ले गई जहाँ 3 लंबे-चौड़े लड़के खड़े थे।

हर लड़के की हाइट लगभग 6 फीट होगी।
तीनों की बॉडी भी बहुत अच्छी लग रही थी और ऐसा लग रहा था कि ये रोज़ जिम जाते होंगे।

अब मुझे ये सोचकर डर लग रहा था कि इनके लंड कितने बड़े-बड़े होंगे और मैं तीनों को एक साथ कैसे संभालूँगी। ये तो मेरी चूत के चीथड़े उड़ा देंगे।

मैंने तुरंत प्रियंका से कहा, “यार, मुझे बहुत डर लग रहा है। मैं ये सब नहीं कर सकती।”
वो बोली, “अरे यार, डरने वाली कोई बात नहीं है। तीनों लड़के अच्छे हैं, कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं करेगा। प्यार से सेक्स के मज़े लेना।”
मैंने कहा, “नहीं यार, मैं तीनों के साथ नहीं करूँगी। इनमें से किसी एक से ही चुद सकती हूँ और पैसे भी 8000 पूरे लूँगी।”

प्रियंका हँसते हुए बोली, “अच्छा, मतलब पूरी प्रोस्टीटयूट गर्ल बन गई है। चलो, मैं उनसे बात करके आती हूँ।”
‘प्रोस्टीटयूट गर्ल’ सुन कर मुझे बुरा तो लगा. पर क्या कर सकती थी.

अब प्रियंका मुझे छोड़कर उन लड़कों के पास जाकर कुछ बात करने लगी और मैं दूर से उन्हें देख रही थी।

कुछ देर बाद वो लड़के मुझे देखकर मुस्कुराए और मैं समझ गई कि प्रियंका ने उन्हें क्या कहा है।

फिर प्रियंका मेरे पास आई और बोली, “वो तैयार हैं। हरी शर्ट वाले लड़के का नाम अनुज है, वो तुझे चोदेगा। लंच टाइम के बाद वो गाड़ी से तुझे पिक कर लेगा और होटल में रूम बुक करवा लेगा।”

मैंने कहा, “यार, मुझे डर लग रहा है।”
वो बोली, “डर मत, जैसे बॉयफ्रेंड के साथ रहती थी वैसे ही रहना!”

लंच टाइम के बाद अनुज अपनी गाड़ी लेकर कॉलेज के गेट पर आ गया।
मैं और प्रियंका भी गेट के पास ही खड़े थे।

प्रियंका ने मुझे धक्का देकर गाड़ी में बैठने का इशारा किया और मैं शर्माते हुए गाड़ी में बैठ गई।
फिर गाड़ी चल पड़ी।

मैं अंदर ही अंदर काफी डरी हुई थी।

रास्ते में अनुज ने मुझसे हालचाल पूछा और कहा, “डरने की कोई ज़रूरत नहीं है।”

फिर उसने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और मेरी जांघ को सहलाने लग गया।

काफी महीनों बाद मैंने किसी मर्द का स्पर्श महसूस किया था तो मैं भी एक बार सिहर-सी गई।
मैंने अनुज की तरफ देखा, तो वो 6 फुट का गबरू जवान था।

मैं थोड़ी डरी हुई और थोड़ी खुश भी थी कि आज मेरी चूत की आग मिटेगी।

फिर अनुज ने मेरी जांघ को दबाना शुरू कर दिया।
अब मैं धीरे-धीरे गर्म होने लग गई थी।

मैंने उसके हाथ पर हाथ रखा तो उसने मेरा हाथ जोर से दबाया और फिर से जांघ सहलाने लग गया।

अब मेरे अंदर आग-सी लग चुकी थी।

इतने में ही होटल आ गया।
अनुज ने गाड़ी पार्क की और रूम की चाबी ले आया।

रूम में जाते ही अनुज ने मुझे धक्का देकर दीवार के पास लगा दिया और अपने दोनों हाथ मेरी कमर पर रखकर मुझे गालों पर किस करने लग गया।

मैं भी उसकी पीठ अपने हाथों से सहलाने लग गई।

फिर उसने अपने हाथ से मेरी ठोड़ी को ऊपर किया और मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए।

अब वो मेरे होंठ चूस रहा था।
कभी ऊपर वाला होंठ, तो कभी नीचे वाला होंठ।

इस दौरान ही उसने मेरा टॉप उतार फेंका और मेरे बूब्स को देखकर एक बार वो दंग रह गया।

उसने ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाना शुरू किया.
तो मैंने उसे कहा, “रुको…”
वो बोला, “क्या हुआ?”

मैं बोली, “जान… पहले पैसे तो दे दो।”
उसने हँसकर कहा, “अभी लो।”

ऐसा कहकर उसने 8000 रुपये मेरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए।
फिर वो वापस मेरे बूब्स पर टूट पड़ा।

उसने मेरी ब्रा खोल दी और अब अपने होंठों से मेरे एक बूब्स चाटने लगा तो दूसरे बूब को दबाने लगा।

अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि आज कोई बहुत दिनों बाद मेरे बूब्स दबा रहा था।
अब मेरी सिसकियाँ शुरू हो चुकी थीं।

फिर उसने अपनी एक उँगली मेरे होंठों पर रख दी, जिसे मैं चूसने लग गई थी।

अनुज लगातार मेरे बूब्स चूस रहा था।
फिर वो धीरे-धीरे मेरे पेट पर आकर मेरी नाभि पर किस करने लग गया।

मैं लगातार उसका सिर दबाए जा रही थी और वो अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स दबा रहा था और नाभि पर किस किए जा रहा था।

अब मैंने उसे बालों से पकड़कर ऊपर खींचा और उसके शर्ट के बटन खोलने लगी।

तभी वो खड़ा हुआ और अपनी पैंट भी निकाल दी।
अब मुझे उसकी चड्डी में से बड़ा टनटनाता हुआ लंड दिखाई दे रहा था।

मेरे मुँह से अंगूरी भाभी की तरह निकल गया, “हाय दईया, इतना बड़ा।”

अब उसने अपनी चड्डी भी निकाल दी।
अब उसका लगभग 7 इंच का साँप मेरे सामने था।
मैं भी एक बार घबरा गई।

वो बोला, “डरो मत, आराम से करूँगा।”

फिर मैंने उसके लंड को छुआ और आगे-पीछे करने लगी।
थोड़ी ही देर में उसके लंड ने पूरा आकार ले लिया।

उसने अपने लंड को मेरे मुँह की तरफ बढ़ाया.
तो मैंने चूसने से मना कर दिया।

उसने भी ज्यादा ज़बरदस्ती नहीं की।

फिर उसने मेरी पैंट के बटन खोलकर मेरी पैंट निकाल दी और पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाने लग गया।

अब तक मेरे अंदर ज्वालामुखी फूट चुका था और मैं बोली, “अब रहा नहीं जाता, अंदर डाल दो।”
वो बोला, “रुको।”

उसने मेरी पैंटी भी निकाल दी और वापस मेरी चूत को सहलाने लगा।
मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया तो उसने मेरा हाथ साइड में कर दिया और अपने मुँह को मेरी चूत पर लगा दिया।

अपनी चूत पर उसकी जीभ का स्पर्श पाते ही मेरी कामवासना फूट पड़ी और मेरे मुँह से सेक्सी आवाज़ें निकलने लग गईं।

मेरे हाथ उसके सिर के ऊपर थे; मैं उसके सिर को दबाए जा रही थी।

अब मैं सातवें आसमान पर थी।

मैंने उसे रोकना चाहा, पर वो रुका नहीं और मैं उसके मुँह पर ही झड़ गई।
इतना आत्मिक सुख मुझे कभी नहीं मिला था।

मैंने उसके बाल पकड़कर उसे अपने ऊपर ले लिया और उसे किस करने लग गई।
वो भी मुझे किस करने लग गया।

काफी समय तक हम ऐसे ही किस करते रहे।

फिर वो नीचे आ गया और मुझे ऊपर ले लिया।
उसके दोनों हाथ मेरी गांड पर थे।

वो मेरी गांड दबाए जा रहा था।
वो बोला, “इतनी मुलायम गांड मैंने कभी नहीं देखी।”
मैंने कहा, “अब देख लो बेबी।”

फिर वो बोला कि, “घोड़ी बनो, मुझे तुम्हारी गांड चाटनी है।”

मैं बिना टाइम खराब किए घोड़ी बन गई और वो मेरी गांड चाटने लग गया और एक हाथ से चूत सहलाने लग गया।

अब मैं वापस गर्म होने लग गई थी।
और वो ये बात समझ गया.

तो उसने धीरे से अपना लंड मेरी चूत पर लगाया और धक्का दे दिया।
अब मेरी अचानक से जान निकल गई जैसे मेरी चूत फट गई, और मैं चिल्लाने लग गई।

उसने अपने हाथ से मेरा मुँह बंद कर दिया।

काफी टाइम बाद चुदवाने के कारण मुझे ज्यादा दर्द हो रहा था।
मैंने उसे कहा, “प्लीज़ धीरे से करो।”

उसने धीरे-धीरे अपना लंड आगे-पीछे करना शुरू कर दिया।
फिर एक और झटके में पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया।

मेरी आँखों से आँसू आने लग गए।
वो बोला, “बस अब और दर्द नहीं होगा, अब मज़ा आएगा।”

कुछ देर तक वो ऐसे ही मेरे ऊपर पड़ा रहा।
फिर धीरे-धीरे उसने धक्के देने शुरू कर दिए।

कुछ देर बाद मुझे भी मज़ा आने लग गया।
मैं बोली, “स्पीड बढ़ाओ!”

तो उसने स्पीड बढ़ा दी।

अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, वो पूरे जोर से मुझे चोद रहा था।

फिर वो रुका और मुझे नीचे आने के लिए कहा।
अब मेरी टाँगें उसके कंधों पर थीं और वो जोर-जोर से झटके मार रहा था।

मैंने उसे बोला, “आराम से करो, मेरी जान निकल रही है.”

लेकिन उसने मेरी एक न सुनी और झटके मारता गया।

अब मेरी चूत भी फटने की कगार पर थी।

तभी मैंने उसको अपनी ओर खींचा और उसके होंठों पर किस करने लग गई।
तभी मेरा लावा निकल गया।

तभी वो बोला, “मेरा भी निकलने वाला है।”
मैंने कहा, “पेट पर निकाल दो।”
उसने जल्दी से अपना लंड निकाला और मेरे पेट पर सारा माल निकाल दिया।

फिर हमने एक-दूसरे को एक लंबा किस किया और नहाकर वापस कॉलेज की ओर आ गए।

तो यह थी मेरी कहानी!

आप इस कहानी को प्यार दीजिए.
और आपको यह प्रोस्टीटयूट गर्ल Xxx स्टोरी कैसी लगी?
मुझे मेल करके जरूर बताइये।
[email protected]

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