पति को तोहफे में दी नई चूत-3

हॉट न्यूड वाइफ सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे एक मेच्योर बीवी ने अपने पति को नयी चूत दिलाने के लिए अपने बिस्तर पर अपनी जवान किरायेदार को लिटा दिया.

कहानी के पिछले भाग
जवान लड़की की वासना को हवा दी
में आपने पढ़ा कि अपने किरायेदारों से स्वैप की पूरी सेटिंग करने के बाद मैं अपने पति से चुद गयी थी.
मैं चुप थी, कुछ बोल नहीं रही थी.

अब आगे Hot Nude Wife Sex Kahani:

वह निढाल होकर मुझ पर गिर पड़ा- यार कुछ तो बोल, मेरी गांड पसीने में भीग गई पर समझ नहीं आ रहा कि तू आज इतनी चुप क्यों है?

मैं कुछ कहती, इतने में …

बिजली भी आ गई और मेरा पति मनोज चौंक पड़ा.
उसने देखा कि उसका लंड मेरी चूत में नहीं, सपना की चूत में घुसा हुआ था.
उसका लंड सिकुड़ के एकदम सपना की चूत से बाहर आ गया।

उसके चेहरे पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह दिख रहा था और सपना के चेहरे पर एक तृप्ति और शरारत भरी, मीठी मुस्कान थी।

अब आगे की कहानी सपना के शब्दों में …

मनोज बोला- यार सपना, यह सब हुआ कैसे? तू यहां कैसे आ गई? रवि और मधु कहां हैं? इतना बड़ा परिवर्तन कैसे हो गया? केवल 15 दिन के लिए मैं बाहर क्या गया, तुम दोनों ने मिलकर मेरे को इतना बड़ा सरप्राइज दे दिया?

मैं बोली- मैं आई तुमसे चुदवाने … और मधु गई मेरे पति रवि से चुदने।

मनोज अभी भी जो घट चुका था और जो अब आगे घटने वाला था, उसको लेकर बहुत रोमांचित था।
पर अब उसकी हैरानी कम होती जा रही थी।

मैंने सारी बात उसको डिटेल में समझाई कि कैसे पहले मधु अपनी वासना की आग बुझाने मेरे पति रवि से चुदवाने गई, फिर कैसे हमारे बीच लेस्बियन सैक्स हुआ और कैसे उसने मुझे तुम्हारे साथ चुदाई का मजा लेने के लिए उकसाया।

फिर कैसे मैंने मधु की योजना के अनुसार रवि को मधु की चुदाई करते हुए पकड़ा।

मैंने आगे बताया:

अरे यार, मैं तो पहले से ही तुम्हारे जैसे किसी रसिक और जवान गैर मर्द का, लंड लेने के लिए तरस रही थी। पर मुझे यह पता नहीं था कि मधु मुझे तुमसे चुदवाने के लिए तैयार कर रही है। इसलिए जब मधु ने मुझे यह पूछा कि तुझे अंकल जी कैसे लगते हैं तो मैंने यही कहा कि अच्छे लगते हैं।

लेकिन मुझे जब उसके इरादे का पता चला तो मैं पहले तो थोड़ा झिझकी लेकिन फिर मुझे लगा यह तो ऐसा प्रस्ताव है जैसे किसी भूखे को छप्पन भोग मिल जाएं तो मैं कैसे मना करती. और अब देख लो तुम्हारे सामने कैसे नंगी बिछी हुई पड़ी हूं।

मनोज मेरी बातों से रिलैक्स हुआ, वह फिर से चुदाई के मूड में आ रहा था कि अब अनायास मिली, मेरी नई चूत का भरपूर मजा लिया जाए।

फिर जैसा कि हमेशा होता है, हर मर्द एक बार औरत की चूत चोदने के बाद में, गांड मारने की इच्छा करने लगता है.
तो मनोज ने बोला- यार सपना, जिन बूब्स को मैं ठीक से देखने के लिए तरसता था आज वे मेरे सामने हैं, मेरे हाथों में हैं। इसलिए ऐसा लगता है कि तेरी जिस मटकती गांड को देख के मेरे दिल में हलचल होती थी, मेरा लंड तन्नाने लगता था, आज तो मेरा तेरी उसी मटकती हुई सुडौल गांड मारने का सपना भी पूरा होने वाला है। अब तो मैं तेरी गांड मारूंगा।

मैंने उसे कहा- मार लेना यार … मार लेना, कहीं भागी नहीं जा रही हूं! मुझे तुम्हारा लंड इतना पसंद आया है कि अब तो तुम जब बोलोगे, मैं तुम्हारे लंड की सेवा में हाजिर हो जाऊंगी। लेकिन पहले मेरी चूत एक बार और अच्छे से चोद दो यार, बहुत भूखी है मेरी चूत लंड के रगड़ों के लिए।

उसके बाद मनोज और मैं दोनों उठे और अपनी चूत और लंड अच्छे से धो कर के वापस आए.
उसके बाद शुरू हुआ कामुकता का एक और, मस्ती तथा आनन्द का नशीला दौर।

पहले तो मैंने मनोज का लंड चूसना शुरू किया जो एकदम धुला हुआ तरोताजा नर्म पड़ा हुआ था।

एक पराई औरत यदि मर्द का लंड चूसे तो उसके लिए इससे ज्यादा आनन्द की कोई बात नहीं हो सकती।

धीरे धीरे उसके लंड में जान आई, वह सेमी इरेक्ट कंडीशन में आया, इस कंडीशन में मुझे लंड चूसने में बहुत मजा आता है.
उस पर आज तो मेरे मुंह में, मुझे जन्नत की सैर कराने वाला मेरा मनपसंद, एक गैर मर्द का मांसल लंड था, ऐसी इच्छा हो रही थी ये घड़ियां कभी खत्म ना हों।

फिर जब मनोज का लंड थोड़ा कड़क हो गया तो उसने भी मेरी चूत चाटना शुरू की।
मेरी चूत के लिए तो गैर मर्द द्वारा ओरल का नया अनुभव था … वो लगी पानी छोड़ने!

नई चूत आखिर नई होती है … इसलिए मनोज भी मेरी चूतरस के चटखारे ले रहा था।

उसके बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आए।
पहले मैं उसके ऊपर थी, ऐसी स्थिति में लंड चूसना सबसे ज्यादा आरामदेह होता है.
फिर वह मेरे ऊपर आया, इस पोजीशन में उसके लंड को ज्यादा तनाव मिल रहा था।

दोनों ने 10-15 मिनट तक ओरल सैक्स का मजा लिया।

फिर जब मुझसे रहा नहीं गया, मेरे शरीर में मर्द के शरीर के नीचे दबने की इच्छा उठने लगी और मेरी चूत मनोज के लंड के लिए मचलने लगी तो मैंने उसे कहा- अरे यार, अब जरा कस के चोद दो इस निगोड़ी चूत को जो तुम्हारे लंड के रगड़ों के लिए तड़प रही है।

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मनोज का लंड तो तैयार था ही मेरी चूत में घुसने को!

इस बार मनोज ने पूरा वजन मेरे ऊपर डाल दिया और फिर पीछे से गांड उठाकर अपना कड़क लंड मेरी चूत के ऊपर टिका के एक जोर का झटका दिया।
लंड और चूत हम दोनों की मुखलार से तरबतर चिकने थे इसलिए लंड फिसलता हुआ जड़ तक अंदर चला गया।

उसके बाद उसने अपने आप को लंबी रेस के लिए तैयार किया और हौले हौले धक्के लगाना शुरू किया।
ऐसे ही धक्के मेरी चाहत थी, ऐसे ही धक्कों में राहत थी।
हर धक्का मुझे जन्नत की सैर करा रहा था।

थोड़ी देर तक धीरे-धीरे चुदने के बाद मेरी चूत मुझसे कहने लगी कि अब मेरे को जोरों के रगड़े चाहिए, जोरों के रगड़े।

मैंने मनोज से कहा- अब कस के रगड़ दो मेरी चूत को मेरे जालिम राजा, कस के रगड़ दो।
उसने कहा- ले भोसड़ी वाली, आज तेरी चूत को वो आनन्द दूंगा कि तू भी याद करेगी कि कोई मर्द मिला था चोदने वाला।

मनोज एक बार झड़ चुका था इसलिए इस बार उसे पर्याप्त समय लगना था झड़ने में!

करीब 10 मिनट की लगातार भीषण चुदाई के बाद मेरी चूत में जैसे भूकंप सा आया, मेरी आंखें बंद हो गईं, सांसें फूल गई और चूत के फड़कने में इतना आनन्द मिल रहा था कि मैं सारी दुनिया भूल चुकी थी।
मनोज भी अपने लंड में उठ रहे मस्ती के ज्वार भाटे में सिर से पैर तक भीग चुका था।

फिर मेरी चूत की आग मनोज के लंड से निकले वीर्य के कतरों से ठंडी होने लगी।

मेरा जिस्म निढाल होने लगा और मनोज भी पसीने में लथपथ होकर मेरे ऊपर गिर पड़ा और 5 मिनट तक मैं उसके वजन का आनन्द लेती रही।

सच पूछो तो औरत के लिए किसी जवां मर्द के नीचे दबे रहने का सुख, बहुत बड़ा सुख है, मर्द के नीचे दब कर उसकी सारी थकान, सारी असुरक्षा की भावना, सारा तनाव, सब समाप्त हो जाता है।
उस समय उसे ऐसा एहसास होता है कि सुकून के ये पल कभी खत्म ना हों।

उसके बाद हम दोनों गहरी मीठी नींद में एक दूसरे से लिपट के सो गए.
पर सोने से पहले मनोज ये कहना न भूला- सुबह उठते ही सबसे पहले तेरी गांड मारूंगा। उससे तेरा पेट भी बढ़िया साफ हो जाएगा।

तभी मैंने तय कर लिया कि मेरी गांड जो अब तक एकदम कुंआरी थी, उसे सुबह मनोज के हवाले करूंगी।

मैंने कभी रवि को अपनी गांड में लंड तो ठीक है, उंगली भी डालने नहीं दी थी।
मेरा रोम-रोम खिल रहा था कि आज मेरी कुंआरी गांड का उदघाटन होगा, पहली बार मनोज का लंबा और मोटा लंड, उसमें प्रवेश करेगा।

मेरी गांड फट भी सकती है पर अब तो मैं गांड मराने की ठान चुकी थी, जो होगा देखा जायेगा।

सुबह मनोज ने मुझे घोड़ी बनाया.
अब गांड का गहरा भूरा, सुहाना छेद, उसके सामने था.
वह घुटने के बल बैठा और मेरी गांड को अपनी जुबान से कुरेदने लगा।

मेरी गांड में बहु अधिक गुदगुदी हो रही थी।

उसके बाद उसने अपनी एक उंगली तेल के अंदर भीगो के गांड में डाली।
गांड उंगली का स्पर्श पाकर पहले तो थोड़ी सिकुड़ी, उसके बाद फैली तो उसने अच्छे से भीतर तक तेल लगाया.
अब गांड एक हद तक लंड लेने को तैयार हो चुकी थी।

उसके बाद उसने अपने लंड को भी अच्छे से चिकना कर लिया।
मुझे चित लिटाया, मेरी दोनों टांगें उठाकर उसने घुटनों से मोड़कर मेरे स्तनों के ऊपर टिका दी, अपने लंड का अच्छा खासा मोटा सुपारा, मेरी गांड की अंजीर के बीचोबीच रख के, बहुत हौले से लेकिन दम लगा के, उसने लंड को गांड के भीतर प्रवेश करवाया।

पहली बार किसी मर्द का लंड मेरी गांड में घुसा था।
मेरी गांड के पूरे छल्ले पर थोड़ी चिरमिराहट, कुछ जलन सी हुई.

पर एक तो गांड अच्छी चिकनी थी और सब से बड़ी बात मैं अपनी इच्छा से गांड मरवा रही थी।
जब औरत इच्छा से अपनी गांड मरवाती है तो हर दर्द सहन हो जाता है।

उसका सुपारा अंदर घुस चुका था।
अब उसके बाद पूरा लंड घुसने में कोई विशेष परेशानी नहीं थी।

उसने बहुत धीरे-धीरे अपने लंड को आगे बढ़ाया।
मैंने भी बाहर की ओर दम लगाया जिससे लंड को गांड में घुसाने में थोड़ी मदद मिल सके।

अभी लंड पूरा घुसा भी नहीं था कि मधु और रवि दोनों कमरे में आ गए।

रवि मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था और मैं उसको देखकर झेंप रही थी।
तब रवि बोला- अच्छा साली, मेरे को तो कभी गांड टच भी नहीं करने दी और मनोज से गांड मरवा रही है?

मैंने उसे कहा- साले भोसड़ी के, तूने तो कभी ढंग से मेरे को चोदा भी नहीं, तो तुझे गांड कैसे मारने देती?

उसके बाद मधु और रवि दोनों ने मेरे स्तनों को दबाना और चूसना शुरु किया.
मेरी मस्ती का कोई कोई पारावार नहीं था, मुझे लग रहा था कि अरे यार कितने बरस बिना इस आनन्द के यूं ही गंवा दिये। मरने के बाद स्वर्ग तो पता नहीं कल्पना है या वास्तविकता … लेकिन असली जन्नत यहीं है, वासना के इस खेल में, अनमोल लेकिन मुफ्त। ऐसा चरम सुख जो दिल दिमाग को तनाव रहित कर, मस्ती से भर देता है।

फिर मधु मेरे मुंह के ऊपर बैठ गई मैं उसकी चूत और उसकी गांड दोनों चाट रही थी।

रवि खड़ा होकर मधु को अपना लंड चूसा रहा था.

मनोज ने झुक कर मधु के बोबे चूसने शुरू कर दिए।

मेरी जिंदगी ने एक नया किंतु अनोखा मोड़ ले लिया था, अब मुझे रवि भी इसलिए अच्छा लगने लगा था क्योंकि उसने मेरे को खुलकर जिंदगी के मजे लेने को आजाद कर दिया था।

मनोज को गांड मारते हुए 10 मिनट हो गए थे.
अब उसके लंड में फिर से तूफान उठ रहा था फिर भी उसने बहुत जेंटल तरीके से धक्के लगाए और मेरी गांड की बहुत गहराई में अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ी.
और जब तक लंड सिकुड़ नहीं गया तब तक मनोज गांड में लंड को दबाए, स्खलन के उन पलों का आनन्द लेता रहा।

उसके बाद अब यह कहने की तो शायद जरूरत भी नहीं है कि हमारे बीच में आज भी स्वैपिंग, थ्रीसम, फोरसम, सब निर्बाध रूप से चल रहा है।

मेरी सारे मर्द पाठकों को एक सलाह है कि वे हमेशा केवल अपने सुख की नहीं सोचें, अपनी पत्नी को भी चुदाई के हर साहसी खेल में, हर नए समीकरण में शामिल करें और फिर देखें कि जिंदगी में कितना रस, कितनी मस्ती, कितना आनन्द भर जाता है।
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वास्तव में सब परिवारों में तनाव का बहुत बड़ा कारण यही है कि पति तो कहीं भी नई चूत का जुगाड़ करने में लगा रहता है और पत्नी से उम्मीद करता है कि वह बस उस के लंड से संतुष्ट रहे।

उधर पत्नी या तो नए लंड की लालसा में कुढ़ती रहती है या फिर वह भी चोरी छुपे किसी ना किसी गैर मर्द से चुदवाने की हसरत को पूरा करने की कोशिश करती रहती है और एक बार जब उसे नए लंड का अनुभव हो जाता है.
फिर वो बार बार इस आनन्द को पाना चाहती है।

इसलिए यदि सभी मर्द और औरतें आपस में एक दूसरे को सहयोग करें, एक दूसरे को नए नए स्वाद के, अलौकिक आनन्द में शामिल करें तो परिवारों में तनाव का कोई कारण नहीं रहेगा और सबकी जिंदगी स्वर्ग बन जाएगी।

मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरे कामुक दोस्तों को उनकी फरमाइश पर लिखी मेरी ये सच्ची दास्तान पसंद आएगी।
हॉट न्यूड वाइफ सेक्स कहानी पर अपनी राय एवं सुझाव मुझ तक पहुंचाने के लिए मेरा ई मेल आईडी नीचे लिखा है.
मैं बार बार निवेदन करती हूं कि कृपया कहानी के संबंध में अपनी बात रखें; मैं हर अच्छे मेल का जवाब दूंगी, मेरा वादा है।
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