अन्तर्वासना कामुकता कहानी में एक आदमी पड़ोस वाली भाभी के घर गया, उसने भाभी को उसी की चुदाई का MMS दिखाया और भाभी को चुदाई के लिए मनाने लगा.
दोस्तो, नमस्कार!
चुदाई का यह एपिसोड वंदना भाभी के घर से शुरू होता है.
वंदना भाभी कल की चुदाई के बारे में सोच रही थीं और वे यह याद करती हुई अपनी चूत सहला रही थीं.
आय हाय … क्या गुलाबी चूत है उनकी … वे चूत रगड़ ही रही थीं कि तभी दरवाज़े पर बेल बज उठी.
हर्षद आया था.
इस Antarwasna Kamukta Kahani का पहला हिस्सा वंदना और हर्षद की चुदाई का है.
वंदना भाभी ने जल्दी से अपनी नाइटी ठीक की और दरवाजा खोलती हुई बोलीं- अरे हर्षद भाई आप … आइए आइए!
हर्षद- और वंदना भाभी कैसी हैं?
वंदना- मैं एकदम अच्छी हूँ, आप बताइए न … कैसे आना हुआ?
हर्षद- अरे भाभी जी कभी हम से भी चुदवा लो!
वंदना- यह क्या बदतमीज़ी है … आपको शर्म नहीं आती?
हर्षद- शर्म … कैसी शर्म … वह कल आपको सरजू भाई के साथ तो नहीं आई थी!
यह सुन कर वंदना भाभी थोड़ी चौंक गईं, पर वह अभी भी ऐसे दिखा रही थीं जैसे कुछ नहीं जानती हों.
वंदना भाभी- क्या सरजू भाई के साथ?
हर्षद- भूल गईं, कैसे मस्त अंदाज में कह रही थीं कि सरजू भाई मेरी चूत को चाटो … फक्कक मी एआहह!
वंदना भाभी- यह सब क्या बकवास कर रहे हो आप?
हर्षद- बकवास नहीं है भाभी जान … एकदम सच कह रहा हूँ.
वंदना भाभी- अच्छा … और आपके पास इस बात का सबूत क्या है?
हर्षद- सबूत है भाभी जी, मैंने इसका एम एम एस वीडियो बना लिया था!
हर्षद ने ज्यों ही अपने फोन पर भाभी की चुदाई का वह वीडियो क्लिप दिखाया, वंदना भाभी चौंक गईं.
तब हर्षद ने कहा- अब बोलो?
वंदना भाभी हाथ जोड़ती हुई हल्की सी मुस्कुरा दीं- हर्षद भाई … प्लीज!
हर्षद- अरे भाभी, कैसा प्लीज … अब तो मैं इसे पॉर्न साइट पर डालूँगा और सब सोसाइटी वालों को भी दिखाऊंगा कि भाभी तो सनी लियोनी से भी बड़ी चुदक्कड़ रांड हैं.
वंदना- नहीं हर्षद भाई, ऐसा मत करो प्लीज.
हर्षद- तो ठीक है, मुझसे चुदवा लो भाभी!
वंदना भाभी सोचने लगीं कि अब इसका लंड लिए बिना और कोई चारा नहीं है, अब तो इसके सामने अपनी टांगें खोलनी ही पड़ेंगी और चुदवाना ही पड़ेगा.
वंदना भाभी- ठीक है … आ जाओ.
हर्षद भाभी की हां सुनते ही आगे बढ़ा और उसने भाभी के दोनों गालों को अपने एक हाथ से पकड़ कर दबाते हुए उनके होंठों पर एक जबरिया वाला चुंबन कर लिया.
भाभी कसमसा कर हर्षद से छूटने की कोशिश करने लगीं तो हर्षद ने भाभी की कोली भर ली और उन्हें अपनी बांहों में पकड़ कर पूरे दो मिनट तक किस करता रहा.
उतने में वंदना भाभी भी ढीली पड़ गईं और हर्षद ने एक हाथ से भाभी की साड़ी खींच कर उतार दी.
उसने देखा कि वंदना भाभी ने ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी तो वह सीधा भाभी के मम्मों पर झपट पड़ा और भाभी के मम्मों को चाटने लगा और दबाने लगा.
भाभी ने भी गर्म होते हुए अपने ब्लाउज के सारे चिटकनी बटन एक झटके में खोल दिए और हर्षद का सर अपने मम्मों पर दबा दिया.
हर्षद भाभी के दोनों मम्मों का दूध पीने लगा.
वह एक दूध को चूसता तो दूसरे मम्मे को मसलता और उसके निप्पल को मींजता.
इससे भाभी की मादक आहें निकलना शुरू हो गईं और वे हर्षद के साथ बिंदास मजा लेने लगीं.
कुछ देर बाद हर्षद ने भाभी के पेटीकोट का नाड़ा ढीला करके उसे उतार दिया.
वंदना भाभी ने पैंटी भी नहीं पहनी थी क्योंकि वे तो हर्षद के आने से पहले ही वासना से अपनी चूत सहला रही थीं और अपनी चुदाई की बात को सोच रही थीं.
हर्षद को अपनी भाभी की चूत दिख गई तो वह अति कामुक हो उठा और वह अपनी भाभी की टांगों के बीच आ गया और भाभी की गुलाबी चूत को चाटने लगा.
वंदना- आह हर्षद बेबी … ऊहह ईए आहह … मजा आ रहा है आह चाट ले मेरी चूत … आह.
हर्षद बड़े मज़े से भाभी की चूत चाटने लगा था.
वह कभी थोड़ी तेज़ी से चाटने लगता तो कभी थोड़ी धीरे से.
कुछ देर बाद हर्षद ने भाभी की चूत से अपना मुँह हटाया और अपने कपड़े उतारने लगा.
उसका लंड देख कर वंदना भाभी कामुक होकर अपनी चूत को सहलाने लगी थीं.
हर्षद को भी यह बात समझ में आ रही थी कि वह अमीर है और वंदना भाभी उससे पैसे लेती रहती थीं, तो वे चुदने से मना नहीं करेंगी.
वैसे भी पूरी सोसाइटी में इस बात की खबर थी कि वंदना भाभी अपने पति की गैर मौजूदगी में दूसरे मर्दों के साथ चुदवाती हैं.
कुछ ही देर में हर्षद ने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी को इशारा किया.
वंदना भाभी समझ गई कि हर्षद अपने लंड को चूसने का इशारा कर रहा है.
वह लपक कर आगे आईं और हर्षद के मोटे लवड़े को मुँह में लेकर चाटने लगीं.
कुछ ही देर में हर्षद वंदना भाभी को लिटा कर उनके ऊपर चढ़ गया और उसने अपने लौड़े को भाभी की चूत में पेल दिया.
हर्षद के मोटे लंड से भाभी को हल्की सी पीड़ा हुई और उनके मुँह आह की मीठी आवाज निकल गई.
हर्षद- क्या हुआ भाभी?
वंदना भाभी- आह तेरा बड़ा मोटा है हर्षद! जैसे ही अन्दर गया, तो मेरी चिर सी गई!
हर्षद ने वंदना भाभी के एक दूध को अपने मुँह में भरा और चूसते हुए खींच कर छोड़ दिया.
अब उसने पूछा- अरे यार भाभी … तुम चूत में तो लंड लिए हुई हो और साफ साफ बताने में शर्मा रही हो … साफ साफ कहो न कि मेरा लंड मोटा है और अन्दर जाते ही तुम्हारी चूत चिर सी गई है!
वंदना ने अपनी गांड हिलाई और हर्षद के लौड़े को अपनी चूत के अन्दर एडजस्ट करती हुई बोली- आह साले हर्षद, तू न … बहुत बेशर्म हो गया है. पहले तो मुझे सैट कर लिया और अब एकदम खुल कर बोलने के लिए उकसा रहा है!
वंदना हर्षद से रंडियों की तरह चुद रही थी, तो वह हर्षद के लंड को अपनी चूत से चूसने लगी थी.
हर्षद को तो वंदना भाभी को चोदने में बड़ा मजा आ रहा था इसलिए वह तो वंदना भाभी की चूचियों को पकड़ कर मस्त झटके मार रहा था.
हर्षद- आअहह ऊव मेरी वंदो रानी … ले लो मेरा हथियार अपनी चूत की जड़ तक ऊओह.
वंदना के लिए तो ये बिल्कुल नया अनुभव था क्योंकि कल ही उसने सरजू के छोटे लंड को लिया था और आज वह हर्षद का बड़ा और मोटा लंड अपनी चूत में ले रही थी- उम्म्म्म मअम्म आह.
कुछ देर बाद हर्षद वंदना की चूत से लंड निकाल कर चित लेट गया और वंदना उसके लंड पर बैठ गयी और गांड उछालने लगी.
वंदना भाभी- आअहह आहह ओह फक्क मी आआह … हर्षद.
हर्षद भी अपनी गांड उठाते हुए तेज़ी से झटके दे रहा था और वह बीच बीच में वंदना भाभी के कान को बाइट भी कर रहा था.
वंदना भाभी- आआह हर्षद भाई ऊओह उह आज तो मरर ही गईईई.
कुछ देर तक हर्षद ने वंदना भाभी को अपने लंड पर कुदवाया और उसके बाद वह उन्हें कुतिया बनाकर चोदने लगा.
वह वंदना भाभी को चोदने के साथ साथ उनके चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रहा था.
हर्षद वंदना भाभी की गांड को लाल करते हुए पूछ रहा था- बता साली कुतिया … तुझे सरजू के साथ मज़ा आया था या मेरे साथ?
वंदना भाभी- आह … तेरे साथ मजा आ रहा है हर्षद आह … मस्त लंड है तेरा.
हर्षद ने वंदना भाभी की गांड पर दो थप्पड़ ज़ोर से मारे और वापस पूछा- जोर से बोल न रंडी साली!
भाभी- आह ऐसे मत बोलो न!
हर्षद- क्या कहा तूने … सुनाई नहीं दिया?
वंदना- हां बहुत मजा आ रहा है.
हर्षद ने फिर से उसकी गांड पर ज़ोर से थप्पड़ मारे और पूछा- फिर से बोल, क्या कहा तूने … सुनाई नहीं दिया?
अब वंदना भाभी अपनी भाषा बदलती हुई बोलीं- आ आहह भोसड़ी के … तू बहुत बड़ा वाला चोदू है.
यह सुन कर हर्षद को मजा आ गया और उसने अपने झटके देना तेज़ कर दिया.
वंदना भाभी- आआहह मार डाला मेरे तनबदन को आग से झुलसा दिया रे … आआहह ऊओ मम्मी मर गई आह.
हर्षद ने झटके और तेज कर दिए.
वंदना- आआहह ऊह चोदते रहो मुझे हर्षद भाई अयाया ऊह उउइई.
यह कहती हुई वंदना झड़ गई.
उसके दस मिनट बाद हर्षद भी झड़ गया … और निढाल होकर वंदना की पीठ पर ही लेट गया.
इस चुदाई के बाद हर्षद और वंदना दोनों थक गए और दोनों किस करते हुए एक दूसरे से लिपट कर वहीं सो गए.
अब तक शाम के छह बज चुके थे.
वंदना भाभी का पति राजेश, अब अपने ऑफिस से घर के लिए निकल गया था.
उसे रास्ते में एक फ्लावर स्टॉल दिखाई दिया.
उसने सोचा क्यों ना आज वंदो रानी के लिए गुलाब के फूल ले जाया जाए.
वहां से उसने एक गुलाब के फूलों का गुलदस्ता ले लिया और घर जाने के लिए अपनी कार में बैठ गया.
इधर हर्षद के घर में उसकी भाभी ज्योति परेशान थी कि हर्षद कहां गया है, सारा दिन से नहीं दिखाई दे रहा है.
राजेश अब तक सोसाइटी में पहुंच गया था.
जैसे ही वह अपने घर की डोरबेल बजाने लगा, पीछे से उसे किसी ने आवाज़ दे दी.
राजेश ने पीछे देखा तो वहां ज्योति भाभी खड़ी थीं.
क्या माल लग रही थीं वे … उस टाइम ज्योति भाभी ने नाइटी पहनी हुई थी.
उन्होंने अन्दर ब्रा और पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी, जिस वजह से उनके निप्पल साफ दिख रहे थे.
यह कामुक दृश्य देखकर राजेश का लंड खड़ा हो गया.
अचानक से ज्योति ने अपने आप को संभाला तो राजेश ने भी अपने आप को संभालते हुए कहा- जी बोलिए ज्योति भाभी!
ज्योति भाभी ने उससे पूछा- क्या आपको हर्षद के बारे में पता है कि वह कहां है? सारे दिन से वह घर पर नहीं आया है!
राजेश ने मना किया- मुझे नहीं मालूम … मैं तो अभी ऑफिस से आता जा रहा हूँ!
अब वे दोनों हर्षद को ढूँढने के लिए नीचे सोसाइटी के गार्डन की ओर जाने लगे.
ज्योति भाभी आगे आगे चल रही थीं और राजेश पीछे से उनकी मटकती हुई गांड देख कर पागल हो रहा था.
इधर अब तक वंदना और हर्षद दोनों उठ चुके थे.
वंदना और हर्षद ने एक दूसरे को किस किया.
फिर हर्षद अपने घर चला गया.
इधर राजेश ज्योति भाभी की मटकती मोटी गांड देखकर पागल हो रहा था.
जब वे दोनों गार्डन की तरफ जाने लगे, तभी अचानक से लाइट चली गयी और चारों तरफ अंधेरा हो गया.
चूंकि सर्दियों का समय था तो जल्दी ही अंधेरा हो जाता था.
ज्योति भाभी बहुत डर गयी थीं.
वे हड़बड़ाहट में राजेश से चिपक गईं और राजेश यह देखकर चौंक गया.
उसने धीरे से अपना हाथ ज्योति भाभी की गांड पर रख दिया और उनकी मुलायम गांड को मसलने लगा.
राजेश को बहुत मज़ा आ रहा था.
ज्योति भाभी ने बोला- राजेश भाई ये क्या बदतमीज़ी है!
राजेश ने कहा- और जो आपने मुझे गले से लगाया है … वह क्या है?
इतना कहकर राजेश ने ज्योति की गांड पर एक चमाट लगा दी.
जिससे ज्योति भाभी को दर्द हुआ लेकिन उन्हें मज़ा भी आया.
उन दोनों का मूड बन गया.
वे दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और उनकी भी अन्तर्वासना कामुकता कहानी की शुरुआत हो गयी.
लेकिन तभी अचानक से लाइट आ गयी.
उन्होंने देखा कि वहीं बाजू में गार्डन का स्टोर रूम का दरवाजा खुला है.
वे दोनों वहां अन्दर चले गए और दोनों ने एक दूसरे को काफी देर तक किस की.
अब राजेश ने ज्योति की नाइटी उतारी और वह उनका 34-30-36 का फिगर देखकर पागल हो गया.
जैसा कि आपको पता ही है कि ज्योति भाभी ने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी.
तो राजेश कामांध होकर भाभी के बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा और बारी बारी से उन्हें चूसने लगा.
ज्योति भाभी ‘आह … आह …’ की आवाजें निकालने लगीं.
राजेश ने ज्योति भाभी को वहीं पड़ी एक टेबल पर लिटाया और उनकी नाइटी उठा कर उनकी चूत चाटने लगा.
ज्योति भाभी अब बहुत ही ज़्यादा गर्म हो गयी थीं.
वे राजेश का सिर अपने चूत में दबा रही थीं और साथ ही ‘आह अहह …’ की सिसकारियां भी भर रही थीं.
कुछ ही देर में ज्योति भाभी की चूत का पानी टपकने लगा.
तो राजेश ने उनकी चूत को चाटना बंद कर दिया.
असल में राजेश ज्योति भाभी को तड़पाना चाहता था.
राजेश ने ऐसा 2-3 बार किया.
अब ज्योति भाभी बहुत तड़प रही थीं और वे ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगी थीं.
उन्होंने कहा- राजेश भाई अब मुझे और मत तड़पाओ … प्लीज आप अपना लंड मेरी गर्म चूत में डाल दो.
राजेश ने एक ही झटके में अपना पूरा लौड़ा ज्योति भाभी की चूत में डाल दिया.
ज्योति भाभी की चीख निकल पड़ी.
लेकिन राजेश ने उनके मुँह पर हाथ रख दिया और वह ज्योति भाभी को तेज गति से चोदने लगा.
ज्योति भाभी भी ज़ोर ज़ोर से आवाज़ करने लगीं ‘आह … आह …’
राजेश भाभी की ऐसी कामुक आवाजों को सुनकर और ज़्यादा तेज गति में उनको चोदने लगा.
कुछ देर बाद राजेश ने ज्योति भाभी के अन्दर ही अपना माल गिरा दिया और वे दोनों निढाल हो गए.
ज्योति भाभी उठने लगीं.
तो राजेश ने उन्हें रोक लिया- अभी मन भरा नहीं है भाभी, एक बार और लेने का मन है.
ज्योति भाभी का मन भी था … वे राजेश के लंड के साथ खेलने लगीं और उठ कर लंड को चूसने लगीं.
जल्द ही राजेश का मूड बन गया और उसका लौड़ा कड़क हो गया.
अब उसने ज्योति भाभी को घोड़ी बनने को कहा.
ज्योति भाभी भी बिना कुछ कहे झट से घोड़ी बन गईं.
राजेश ने एक झटके में ही अपना लौड़ा ज्योति भाभी की चूत में पेल दिया.
ज्योति भाभी को एक बार में ही लंड लेने में बहुत दर्द हुआ.
मगर दूसरी तरफ घुड़सवारी कर रहे राजेश को बहुत मजा आ रहा था.
वह ज्योति भाभी के बाल पकड़ कर उन्हें ताबड़तोड़ चोद रहा था.
एक बार झड़ जाने के बाद उसका वीर्य जल्दी निकलने वाला नहीं था.
उसने 20 मिनट तक ज्योति भाभी को चोदा और फिर से अपना माल उनके अन्दर ही छोड़ दिया.
इस बार ज्योति भाभी घुटने के बल बैठ गईं और वे बड़े प्रेम से राजेश का लंड चूसने लगीं.
राजेश ने भाभी के मुँह में लौड़ा अन्दर तक घुसा दिया.
ज्योति भाभी ने एक बार फिर से राजेश का बचा हुआ सारा माल पी लिया और वे दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.
उन दोनों को चुदाई करते करते डेढ़ घण्टा हो गया था.
अब उन्होंने अपने अपने कपड़े पहने और अपने घर को चल गए.
दोस्तो, यह अन्तर्वासना कामुकता कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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