गांव के लड़के ने मेरी बुर की सील तोड़ी

वर्जिन गर्ल हॉट सेक्स कहानी में मैं अपने पड़ोसी लड़के के साथ स्कूल जाती थी. एक दिन हमने सर को मैडम की चूत चुदाई करते देखा. वह लड़का मुझे नदी किनारे ले गया.

दोस्तो, मैं डिम्पल शर्मा हूँ.
मैं आज 21 साल की युवती हूँ.
मैं बहुत सेक्सी सुंदर माल लड़की हूँ.

आज मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी लेकर आपके सामने कामुकताज डॉट कॉम के माध्यम से आई हूं।

यह Virgin Girl Hot Sex Kahani तब की है जब मैं 19 साल की एक सादी लड़की थी. तब मैं एक कुंवारी कली थी.

तब अपने गांव से 2 किलोमीटर दूर पढ़ने जाती थी.
मेरे साथ गांव का एक लड़का और पढ़ता था. वह मुझसे 1 क्लास सीनियर था.
उसका नाम सफल था.

तब मेरे शरीर में उभार आना शुरु हुआ था.
मैं औऱ सफल साथ जाते और आते थे.

वह मेरे गांव का ही था तो मम्मी पापा उसे जानते थे और उसके साथ आने जाने में कुछ नहीं कहते थे।
मैं और वह दोस्त की तरह थे.

एक दिन स्कूल की जल्दी छुट्टी हो गई तो मैं कुछ काम से प्रिंसिपल आफिस में जाने लगी.
तभी सफल आया और बोला- चल घर चलें!
मैंने कहा- जरा मुझे काम है सर से!

तो हम दोनों साथ गए.

जब आफिस के पास पहुंचे तो सर के आफिस से फुस फुस की आवाज हो रही थी.

मैंने खिड़की से देखा तो सर एक मैडम को झुका कर उनके पीछे से धक्के मार रहे थे.
मैं और सफल यह खेल देख कर एक दूसरे को देखने लगे.

तभी हम दोनों को वहां कुछ गलत लगा और हम वहाँ से निकल कर अपने घर कि और आने लगे.

तभी सफल बोला- डिंपल, आज नदी पर घूमने चलें?
मैंने भी कहा- ठीक है!

और हम दोनों नदी की और चल दिये.
नदी के किनारे जाकर एक सुनसान जगह बैठ कर हम बातें करने लगे.

मैं उस टाइम सेक्स के बारे में कुछ ख़ास नहीं जानती थी.

उसने बात बात में मेरी जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा.

उसके ऐसे मेरी जांघ सहलाने से मेरे शरीर में सिहरन होने लगी.

तभी मैं बोली- सफल, ऑफिस में सर और मैडम क्या कर रहे थे?
वह बोला- तुझे नहीं पता क्या कि वे दोनों क्या कर रहे थे?
तो मैंने कहा- नहीं … मुझे तो नहीं पता!

वह बोला- ऐसा करने में बहुत ही मजा आता है. तुझे लेना है ये वाला मज़ा?
तब मैंने कहा- अगर इस खेल में मजा आता है तो वो मैडम चीख क्यों रही थी?
वह बोला- वो तो मजे और प्यार की चीख है. जब तू करेगी तो तुझे भी ऐसे मजा आएगा और तू भी चीखेगी.

मैंने कहा- पर ये कैसे करते हैं?

वह मुझे थोड़ा और नीचे नदी की ओर ले गया. वाहन एक साइड में लेजा कर बोला- जैसे मैं तुझे कहूँ, तू वैसे वैसे ही करना!

तो मैंने भी हाँ में सर हिला दिया.

उसने मेरी स्कर्ट ऊपर करके मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराया.
फिर उसने मेरी पैंटी में हाथ घुसा दिया.
मेरा जिस्म एकदम गर्म हो गया.
मुझे बहुत अच्छा सा लगा.

उसने तब मेरी पैंटी मेरी टांगों से निकाल दी और अपनी उंगली मेरी चूत पर रख के सहलाने लगा.

मैं एकदम सिहर गई और मेरे मुख से आह निकल गई.

फिर उसने मेरी टांगें फैलाई औऱ मेरी अनछुई चूत को देखने लगा.
मेरी चूत पर हल्के हल्के सुनहरे रोयें आ चुके थे.

तभी सफल ने अपना मुंह मेरी चूत पर रखा और चूत की दरार को चाटने लगा.

मैं एकदम पागल सी होकर चीख पड़ी.
धीरे धीरे मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं उसके सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी.

सफल बड़े मजे से मेरी चूत चाट रहा था और मेरे आनन्द का पारावार नहीं था.

उसे 10 मिनट हुए होंगे मेरी चूत चूसते हुए कि मुझे लगा कि मेरी चूत में से कुछ निकल रहा है.
मुझे लगा कि शायद मुझे मूत आ रहा है.

मैंने उससे कहा- सफल मुझे टॉयलेट आ रहा है, हट जा!
वह बोला- ये पेशाब नहीं है … तू कर ले!

और एकदम से मैं झड़ गई.
वह मेरा सारा माल पी गया और मैं निढाल होकर गिर गई.

फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे पूछा- डिंपल, तुझे मजा आया क्या?
मैंने कहा- हाँ सफल, बहुत मजा आया मुझे! इतना अच्छा तो मुझे अब तक कभी लगा ही नहीं!

वह बोला- अरे अभी तो कुछ भी नहीं … अभी तो तुझे और मजा आएगा!

और उसने मेरी स्कर्ट उतार कर मुझे निचे से पूरी नंगी कर दिया.

फिर उसने अपनी पैन्ट उतार कर अपना लंड मेरे हाथ में दिया और सहलाने को बोला.

मैं उसका गर्म सहलाने लगी.
कुछ ही सेकंड में उसका लंड बहुत बड़ा हो गया.

फिर उसने मुझे लंड चूसने को कहा.

एक बार तो मैं हिचकिचाई कि यह गंदी चीज है, पर फिर मैंने सोचा कि सफल ने भी तो मेरी पेशाब वाली जगह चूसी चाटी है.
तो मैं सफल का लंड मुंह में लेकर चूसने लगी.

वह मेरे मुंह में वैसे ही धक्के मारने लगा जैसे स्कूल में सर मैडम के पीछ धक्के मार रहे थे.

कुछ देर के बाद उसने अपना गीला लंड मेरी चूत पर रखा और धक्का लगाया.
उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया.

औ मुझे इतना दर्द हुआ कि मैं चीखने लगी.
मैं बोली- नहीं … दर्द हो रहा है … निकाल बाहर!

लेकिन उसने नहीं सुनी औऱ 2 धक्के और लगाए औऱ पूरा लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया.

मेरी आँखों में आँसू आ गये.

लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था मेरे दर्द तकलीफ से … और वह मेरी नाजुक चूत में धक्के लगाता रहा.
मैं आह्हा हा उफ माँ मर गई … आह्हा हाउ फ़्फ़ह हह करती रही.

5 मिनट बाद मुझे भी मजा आने लगा तो मेरी चीख सिसकारी में बदल गई.
मैं भी नीचे से मजा लेने लगी.

वह भी फिर मेरी चूत तेज तेज चोदने लगा.

20 मिनट की चुदाई में मैं एक दो बार झड़ गयी थी.

फिर वह तेज तेज मेरी चुदाई करने लगा और कुछ पल के बाद एक साथ मेरी चूत में लावा सा गिरने लगा.
हॉट सेक्स विद वर्जिन गर्ल करके वह मेरे ऊपर गिर गया और कुछ देर बस वैसे ही पड़ा रहा.

फिर वह उठ कर साइड में हुआ.

तब मैंने उसे कहा- बहुत मजा आया यार सफल!
तो वह बोला- अब घर चल … अभी लेट हो रहे हैं! शाम को खेत में आना … फिर अच्छे से मजे दूंगा!

फिर हमने कपड़े पहने और घर की तरफ चल दिये.

मेरे प्यारे पाठको, यह मेरी पहली देसी बुर की चुदाई की कहानी मेरी और एक नन्हा सा प्रयास है अपनी बात कहने का!
आपको मेरी देसी चुदाई कहानी पढ़ कर कैसा लगा?
कुछ वासना जागी, उतेजना हुई?
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