स्वीटी की चूत चुदाई से जन्नत की सैर

देसी गर्ल Xxx सेक्स कहानी में स्टेशन पर मिली लड़की को चोदने के बाद वह दोबारा मिली और मुझे अपने घर ले गयी. साथ में उसकी एक सहेली भी जो सब जानती थी.

मित्रो, प्यासी चूतों को मेरे फड़कते कड़क लंड का प्यार भरा स्पर्श.

मैं आपका मित्र राज मलिक, छोटी काशी भिवानी से फिर एक और सच्ची सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.

आपके साथ अपनी कहानी साझा करने के लिए मेरी पिछली सेक्स कहानी
पहले बुर चुदाई फिर नौकरी
को आपका भरपूर प्यार मिला था.
जिसमें आपने पढ़ा था कि मैंने नौकरी ज्वाइन करने से पहले किस तरह से स्वीटी की कुँवारी चूत का भोग अपने 7 इंच लंबे और 4 इंच मोटे लंड को लगाया था.

आज की Desi Girl Xxx Sex Kahani में स्वीटी की सहेली सिमरन की सच्ची चुदाई और सेक्स से भरपूर कहानी है.

इस कहानी में मैंने सिर्फ नाम और शहर कॉलेज के नाम बदले हैं, बाकी पूरी सच्चाई लिखी है.
जिधर मैं नौकरी के लिए गया था, वहां मुझे जॉब मिल गई थी.

वहां से जॉब का लेटर लेकर जब मैं घर के लिए निकला तो बाजार में मेरी मुलाकात स्वीटी व उसकी पड़ोसन सिमरन से हो गई.

स्वीटी को मालूम था कि मैं जॉब के इंटरव्यू के लिए गया था तो उसने मुझसे पूछा- क्या रहा जॉब का!

मैंने अपने हाथ से विक्ट्री का निशान बनाते हुए स्माइल की, जिसे देख स्वीटी के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई.
उसने हाथ मिला कर मुझे बधाई दी.
सिमरन जो कि वहां खड़ी हमें देख कर हैरान हो रही थी.

तभी उसने मेरी ओर देख कर बधाई दी.
मैंने स्माइल देते हुए धन्यवाद बोला और स्वीटी की ओर देखने लगा.

स्वीटी से सिमरन ने पूछा- ये कौन है?
स्वीटी ने सिमरन से कहा- ये वही हैं, जो ट्रेन में मिले थे.
यह कहते हुए उसने सिमरन को आंख दबा कर इशारा किया.

सिमरन के चेहरे पर अब हैरानी के बादल हट चुके थे और आंखों में वासना के साथ होंठों पर मुस्कान थी.
उसने मेरी तरफ हाथ बढ़ा कर कहा- हैलो जीजू.

मैं झटका खा गया और सोच में पड़ गया कि ये क्या है!
मैंने स्वीटी की ओर देखा.
तो स्वीटी ने मेरी तरफ आंख दबा दी.

फिर सिमरन की आवाज मेरे कानों में गूंजी- क्या हुआ जीजू, हाथ नहीं मिलाओगे … जो स्वीटी ने दिया है, वह मैं भी दे दूंगी … अब हाथ तो मिला लो!
उससे हाथ मिलाते वक्त मैं सोच रहा था कि लगता है स्वीटी ने हमारे बीच हुआ इसको सब कुछ बता दिया.

हालांकि मैं सिमरन का निमंत्रण पाकर रोमांचित और हैरान भी था.
मेरी पैंट में मेरा लंड फन उठाने लगा था, जिसे देख कर स्वीटी ने अपने होंठों पर जुबान फेरते हुए मेरी ओर चुंबन उछाल दिया.

मैं भी मुस्करा उठा और मैंने भी जवाब में अपने लंड पर हाथ फेर कर उसे इशारा कर दिया.

उधर सिमरन भी स्वीटी की हरकत पर मुस्करा उठी.

तभी स्वीटी ने कहा- अब क्या प्रोग्राम है?
मैंने कहा- भिवानी जाऊंगा!

तभी सिमरन बोली- हमें भी मेहमाननवाजी का मौका दो!
स्वीटी ने मेरा हाथ पकड़ कर कहा- चलो ना यार, चले जाना जल्दी क्या है!
मैंने कहा- ओके कहां चलना है?

सिमरन बोली- मेरे घर.
मैंने कहा- पर आपके पेरेंट्स?

स्वीटी बोली- वे दोनों सिरसा में बैंक में जॉब करते है और देर रात तक वापस आते हैं … मैदान खाली है!
मैं उनके साथ चलता, तभी सिमरन बोली- मैं कुछ सामान ले लूं?
वह सामान लेने दुकान में चली गई.

तब मैंने स्वीटी से पूछा कि आपने सब कुछ बता दिया सिमरन को?
उसने कहा- हमारे बीच सब ओपन है, हम सब चीज आपस में शेयर करती हैं.

मैंने कहा- क्या मुझे भी शेयर करोगी?
वह बोली- हां, अगर आपको ऐतराज ना हो तो!

इतने में सिमरन आ गई.
मैं उनके पीछे चल पड़ा.

स्वीटी ने सिमरन से कहा- तेरा रास्ता भी क्लियर कर दिया है!
फिर जो मुझे सुनाई दिया, उसके अनुसार सिमरन ने स्वीटी से कहा- सच यार … फिर तो मजा आ जाएगा!
हम तीनों घर पहुंच गए.

दरवाजा बंद करके अन्दर आते ही स्वीटी मेरे सीने से चिपक गई और सिमरन के सामने ही मेरे होंठों पर किस करने लगी.
आखिर मैं भी कब तक रुकता, मैं भी उसके साथ किस करने लगा और उसकी कमर और छाती पर हाथ चलाने लगा.

फिर उसकी टी-शर्ट में हाथ डाल कर उसकी चूचियों को मसलने लगा.
वह अपने एक हाथ से मेरे सिर को, तो दूसरे हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर मसल रही थी.

जल्द ही मेरा लंड कड़क हो गया था.
हम दोनों इतने मस्त हो गए थे कि सिमरन को भूल ही गए थे कि वह भी वहीं है.

तभी सिमरन ने कहा- मैं मेरी चाची को देख कर आती हूं, कहीं वे ना आ जाएं. तुम गेट अन्दर से बंद करके अपना काम निपटा लो … तब तक मैं आती हूं!

यह कह कर वह जाते वक्त गेट बाहर से बंद करके चली गई.

स्वीटी ने गेट को अन्दर से कुंडी मार दी और वह फिर से मेरे सीने से चिपक गई.
हमारी किसिंग आरम्भ हो गई.

हम दोनों गर्म हो चुके थे.

वह मुझे सिमरन के बेडरूम में ले गई और मुझ पर ऐसे टूट पड़ी, जैसे भूखा रोटी पर टूटता है.
वह मेरे कपड़े उतारने लगी और मैं उसके.

अगले कुछ ही पलों में हम दोनों आदमजात नंगे हो गए थे.

हम दोनों बेड पर लेटकर एक दूसरे के शरीर से खेलने लगे.
मैं स्वीटी के ऊपर चढ़ गया और उसकी टांगें चौड़ी करके उसकी कामाग्नि से तप्त रस से भरी चूत पर अपना मुँह रख दिया.
अब मैं उसकी चूत को चाटने लगा.

वह ‘आह अहम आ … ऊह माँ मर गई … आह ऊह’ करती हुई कभी अपने हाथों से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाती, तो कभी बेडशीट को पकड़ कर गांड उठा कर ‘आह अहा’ करने लगती, तो कभी मस्ती में अपनी चूचियों को भींच लेती.
कुछ पल बाद मेरे सिर को उठा कर उसने कहा- बस बस करो … अब लौड़ा डालो मेरी चूत में!

मैंने कहा- ऐसे कैसे डालो … अभी पहले मेरा लौड़ा तो चूसो जान!
वह बोली- आ जाओ मेरी जान … लौड़ा चूसना तो मुझे वैसे ही बहुत पसंद है.

उसने यह कहा और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
वह मेरे काम रस से डूबे लौड़े को पूरा मुँह में लेकर अन्दर बाहर करने लगी और सुपारे को होंठों में दबा कर जीभ की नोक से लिकलिक करके चूसने लगी.

उसकी जीभ की नोक लंड के छेद में गजब मस्ती भर रही थी.
मेरा लंड गुर्राने लगा था.

फिर मैंने सीधा होकर उसकी टांगों के बीच आकर पोजीशन सैट की और उसकी चूत पर लंड रख कर एक करारा झटका दे मारा.

मेरा आधा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुसा तो उसकी सांस गले में अटक गई.
उसके मुँह से ‘हक्क …’ की आवाज निकली और आंखें चौड़ी हो गईं.
उसकी आंखों में पानी आ गया था.

वह मेरी छाती पर मुक्का मारती हुई बोली- साले … मार दिया जालिम … आराम से फाड़ न मेरी प्यारी चूत को!
फिर मैंने एक झटका दे मारा … मेरा पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर घुस गया था.

वह दर्द के साथ एकदम से उछली और मुझे हटाने के लिए धक्का देने लगी.

इससे पहले कि मेरा लंड उसकी चूत से निकलता, मैंने उसके दोनों चूचों को पकड़ा और उसके होंठ चूसने लगा. हाथ से उसके चूचों को मसलने भी लगा.
इस दौरान मैंने अपने शरीर का वजन उसके पर डाला हुआ था और उसकी चूत में लंड को अन्दर बाहर करने लगा था.

कुछ देर बाद उसे राहत मिल गई और अब वह खुद नीचे से अपनी चूत को उछालने लगी.
यह देख कर मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. हमारे जोर लगाने से बेड हिलने लगा.

मेरा 7 इंच लंबा 4 इंच मोटा लंड उसकी चूत में राजधानी एक्सप्रेस की तरह दौड़ रहा था.
‘छप छप तप थप थप’ के साथ ‘आह हम आह ऊह’ की आवाज और साथ ही बेड की चर्र चर्र की आवाज गजब की ताल मिला रही थी.

हम दोनों की तेज तेज सांसों की आवाज से मिला जुला संगीत कमरे में गूंज रहा था.
तभी स्वीटी का शरीर अकड़ने लगा और उसने अपना पानी छोड़ दिया.

उसकी चूत से छूटे हुए पानी ने कमरे को भीनी भीनी महक से महका दिया था. उसकी रस से भीगी हुई चूत में मेरा लंड सरपट दौड़ने लगा था.
तब भी मेरी मंजिल अभी काफी दूर थी.

मेरे लंड के लगातार उसकी चूत को घर्षण करने से उसकी चूत दुबारा कमरस से भर गई.
मेरी स्पीड अभी भी तेज थी.

मैंने उसे डॉगी स्टाइल में कर दिया और उसके पीछे से चूत में लंड डाल कर वापस चुदाई की सैटिंग बना ली.
लंड ने चूत की गर्मी को भड़का दिया था तो वह अपनी गांड को पीछे धकेलने लगी थी.

मैंने भी उसकी चूचियों को पकड़ कर धक्के लगाने शुरू कर दिए.
वह फिर से ‘आह ऊह ओह यम हा हा’ करने लगी.
‘ठप थप चर्र चर्र’ का संगीत गूंजने लगा.
कुछ ही देर में उसकी चूत ने पुनः पानी छोड़ दिया.
कमरा दुबारा से महक उठा.

अब मेरे लंड का आवेश आ गया और मैं ताबड़तोड़ धक्के देकर उसकी चूत में अपने लंड का सारा माल गिराने लगा.
हम दोनों थक कर लम्बी लम्बी सांसें लेने लगे.
हम दोनों के दिल की धड़कनें स्पष्ट सुनाई दे रही थीं.

फिर उसने मेरे गालों और होंठों पर किस करके कहा- जन्नत की सैर करवाने के लिए शुक्रिया जानू!
तो इस तरह मैंने स्वीटी को दूसरी बार चोद कर जन्नत की सैर करवाई!

आपको अगली कहानी में सिमरन की चूत की सील कैसे तोड़ी, जल्द ही बताऊंगा.
अपनी सेक्स कहानी को देरी से लिखने के लिए आप सभी चूत की रानियों से मेरे कड़क फनफनाते लंड की तरफ से माफी!

मेरी देसी गर्ल सेक्स Xxx कहानी कैसी लगी, बताना जरूर!
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