एक रात नए बेड पार्टनर के साथ-2

Hot Honeymoon Sex Kahani में पढ़ें कि शादी से पहले एक लड़की लड़का मालदीव्स में जिन्दगी का मजा लेने गए. वहां कोटेज़ में उन दोनों ने कैसे चुदाई की.

कहानी के पहले भाग
वासना से भरपूर बीवी ने चुदाई का मजा दिया
में आपने पढ़ा कि अपने दूसरे हनीमून के लिए मालदीव्ज़ जाने के चाव में वासना से भरपूर पत्नी ने कैसे अपने पति को सेक्स का मजा दिया.

अब आगे :

नेहा का मन अभी भरा नहीं था।

राजीव अपना लंड धोकर बाथटब से बाहर आ गया पर नेहा अंदर ही टांगें फैला कर लेट गयी।

राजीव समझ गया।
नेहा को शावर की मोटी धार अपनी चूत में लेने में बड़ा मजा आता था।

उसने शावर के फलो को एड्जस्ट करके पानी की धार मोटी की जो सीधे टांग फैला कर लेती नेहा की चूत में गिर रही थी।

कुछ ही पलों में नेहा मचलने लगी, उसके मुंह से आहें और सीत्कारें निकालने लगीं।
उसे चुदाई का सा मज़ा आ रहा था।

जल्दी ही नेहा का भी हो गया। वो तृप्ति के भाव से उठ खड़ी हुई और राजीव के होंठों को चूम लिया.

अब अगले एक हफ्ते उन लोगों ने अपने काम तेजी से निबटाये।
जाने से एक दिन पहले नेहा ने पूरा दिन ब्यूटी पार्लर में बिता कर अपना एक-एक अंग चिकना और चमकीला करवाया।

सारी तैयारी करके दोनों फ्लैट से माले एयरपोर्ट पहुंचे, वहाँ से एक स्टीमर बोट से वो ताज के एक्सोटिका रिज़ॉर्ट में पहुंचे।

बोट में उन लोगों के साथ एशियाई मूल का ही उन्हीं की हमउम्र एक जोड़ा था.
वे लोग दुबई से आए थे।

उनका नाम हर्ष और प्रीति था। दोनों ही स्वभाव से बहुत ज़िंदादिल लग रहे थे।
हर्ष और प्रीति की शादी नहीं हुई थी, बस एक साथ रह कर जिन्दगी का मजा लूट रहे थे.

इन चारों की आपस में बातचीत शुरू हो गयी।

थोड़ी देर के सफर में राजीव और नेहा को यह अहसास हो गया कि हर्ष और प्रीति भी उन्हीं की तरह उन्मुक्त और बिंदास हैं।

प्रीति तो कुछ ज्यादा ही मस्त और खुली थी।
उसका गदराया जिस्म भी उसके स्वभाव की तरह खुलेपन से लबरेज था।
वो बात बात पर हर्ष से चिपट जाती और बेफिक्र होकर उसे होंठों पर चूमती।

दोनों जोड़े अपने अपने में मस्त थे, पर राजीव की निगाहें बार बार प्रीति की मटकती गांड और झूलते मम्मों पर चली ही जाती।

हालांकि नेहा को भी मस्ती कुछ कम नहीं छा रही थी। वो तो राजीव की गोद में ऐसे बैठी थी कि राजीव उसके ढीले टॉप में हाथ डाल कर उसकी चूचियाँ सहला लेता था।
जल्दी ही चारों रिजोर्ट पर पहुँच गए।

किस्मत की बात उन दोनों के कॉटेज भी अगल बगल मिले।

ताज एक्सोटिका रिज़ॉर्ट प्रेमी युगलों के लिए तो जन्नत था।
हर ओर खुलापन था।
ऐसा लग रहा था कि मानो यहाँ पर आए जवां जोड़े कपड़े लाना ही भूल गए हैं।

अधिकांश लड़कियाँ टू पीस बिकनी में और लड़के बरमूडा में इधर उधर समुद्र किनारे चिपटे पड़े थे।
राजीव और नेहा को अपने कॉटेज में जाने की जल्दी थी क्योंकि इतना मस्त माहौल देख कर दोनों ही चुदासे फील कर रहे थे।

कॉटेज में जाकर तो उनको मज़ा आ गया।
उनके कमरे के सामने बाहर एक प्राइवेट छोटा सा स्वीमिंग पूल खुले समुद्र में था, अंदर भी बाथरूम बहुत आधुनिक था। उनके कॉटेज में विलासिता की हर चीज़ मौजूद थी।

सबसे मज़ेदार बात ये थी की बेड साइड पर एक पाकेट कोंडोम का भी रखा था।
इतने खुलेपन के बावजूद भी कोटेज़ बाहर से चारों ओर से कवर्ड था, मतलब प्राइवेसी थी।

बराबर के कोटेजों से हंसने खिलखिलाने की आवाज़ें तो आ रही थीं पर दिखता कुछ नहीं था।

नेहा और राजीव ने तो अपने अपने कपड़े उतार फेंके और नंगे ही बाहर स्वीमिंग पूल में उतर गए।

खुले आसमान के नीचे लहलहाते समुद्र से सटे स्वीमिंग पूल में ऐसे नंगे नहाना उनके लिए पहला अनुभव था।

राजीव तो नेहा के मम्मों पर पिल गया.
नेहा भी राजीव के लंड को मसल रही थी।

अब दोनों सेक्स चाहते थे तो वो थोड़ी देर ही स्वीमिंग पूल में रहकर दोनों बाहर निकले और शावर लेकर बेड में घुस गए और घमासान सेक्स सेशन की शुरुआत की।

बेड का गद्दा ज्यादा ही मोटा और स्पोंजी था तो उनकी उछल-कूद में गद्दा भी हिल रहा था।

राजीव ने नेहा की टांगें पूरी चौड़ा कर अपना मूसल पेल रखा था।
नेहा चुदाई में उसका पूरा साथ दे रही थी।
उसकी आहें और आवाज़ें भरपूर निकल रही थीं, बिना इस फिक्र के कि बगल के कॉटेज वाले क्या सोचेंगे, क्योंकि सबको मालूम था कि सभी कोटेजों में सेक्स की ही धूम चलेगी।

नेहा ने राजीव को नीचे किया और चढ़ बैठी उसके ऊपर!
गद्दे के स्पोंजी होने से उसे भी उछलने में मजा आ रहा था।

राजीव ने नेहा के मम्में लाल कर दिये थे बल्कि निप्पलों के पास तो दांतों का निशान भी पड़ गये थे।
नेहा ने भी उसकी छाती पर अपने नाखूनों से लंबी लंबी लाइनें बना दी थीं।

धकापेल और फ्री स्टाइल सेक्स के बाद दोनों का ही हो गया था।
नेहा और राजीव दोनों की जांघों और पर वीर्य पड़ा था और दोनों इस सबसे बेफिक्र थक कर ऐसे ही बेड पर पड़े-पड़े सो गए।

उधर हर्ष और प्रीति भी अपनी कॉटेज में पहुंचे।

कॉटेज देख कर प्रीति तो लटक गयी हर्ष के गले और ताबड़ तोड़ चूमने लगी उसे!

हर्ष को तो अब शादी से पहले के हॉट हनीमून सेक्स की सूझ रही थी।
उसने फटाफट अपने और प्रीति के कपड़े उतार फेंके।

तभी उनका ध्यान मेज पर रखे वैल्कम केक पर गया जो रेजोर्ट वालों ने उनके स्वागत में वहाँ रखा था।
केक पर उन दोनों के नाम भी लिखे थे।
साथ में एक आइस बकेट में चार बियर की केन रखी थीं।

अब तो दोनों धर्म संकट में पड़ गए, पहले चुदाई करें या बियर का मजा लें।

प्रीति ने हँसते हुए बियर की केन खोली.
उधर हर्ष ने केक से क्रीम लेकर प्रीति के मम्मों पर लगा दी और लगा चूमने!

हर्ष वहीं सोफ़े पर बैठ गया और प्रीति उसकी गोदी में उसके लंड के ऊपर बैठ गयी।
केक का एक बड़ा पीस हर्ष ने प्रीति के चेहरे और मम्मों और नीचे चूत में मल दिया।

प्रीति ने नाराजगी दिखाते हुए छुरी उठाई और हर्ष के लंड को पकड़ के बोली- ला तेरा केक काट दूँ।
हर्ष बोला- अगर मेरा काट देगी तो यहाँ तेरी चूत कौन मारेगा?
प्रीति भी बेशर्मी से बोली- पंजाबी कुड़ी हूँ, मेरे ऊपर मरने वालों और मेरी मारने वालों की कोई कमी नहीं है। और अब तो बराबर वाले कॉटेज में ही मौजूद है, दूर भी नहीं जाना।

उसकी बात अनसुनी करते हुए हर्ष ने अपनी जीभ उस पंजाबी लड़की की चूत में घुसा दी और चूत और मम्मों से केक निकाल कर कुछ खाया और कुछ प्रीति के मुंह में डाल दिया।

प्रीति ने भी उसके लंड पर खूब सारा केक मल दिया।

अब दोनों के शरीर पर केक मला हुआ था. दोनों बियर केन लेकर बाहर आ गए।

प्रीति ने बियर की एक केन हर्ष के ऊपर उड़ेल दी।
उससे छीन कर रही सही … बियर हर्ष ने प्रीति के ऊपर ही उड़ेल दी।

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अब दोनों के जिस्मों पर केक और बियर थी जिसे दोनों एक-दूसरे को चाट रहे थे।

बाहर पूल साइड पड़ी बेंच पर हर्ष और प्रीति 69 हो गये और केक-बियर का आनंद लेते हुए चूत और लंड को चूमते चाटते रहे।

उन्हें बराबर वाले कॉटेज से नेहा की सीत्कारें और हंसने की आवाज़ें आ रही थीं।

अब प्रीति की चूत में भी आग भड़क चुकी थी। वो हर्ष को खींचते हुए बाथरूम में ले गयी और शावर के नीचे खड़ा कर दिया।

क्या शानदार वाशरूम था। शावर में हर ओर से पानी की बौछार आ रही थी।
प्रीति ने तो वहीं झुककर हर्ष का लंड खूब चूसा।

हर्ष भी उसे वहीं घोड़ी बना कर पेलने लगा.
पर प्रीति बोली- बेड पर चलो, यहाँ मजा नहीं आ रहा।

असल में प्रीति को बिना देर तक चूत चुसवाए मज़ा नहीं आता था, वो खुद इतने मजबूती से लंड चूसती थी कि वो जब चाहती लंड मुंह में ही खाली कर देती और वीर्य गटक जाती।
उसे वीर्य गटकने से एतराज़ नहीं था।
बल्कि कई बार पॉर्न मूवीज़ की नकल करते हर्ष अपने वीर्य की धार उसके चेहरे और मम्मों पर कर देता तो उसे मज़ा आता।

हर्ष और प्रीति पिछले डेढ़ साल से लिव-इन रिलेशन में थे। जम कर सेक्स करते, शादी के लिए वचनबद्ध थे पर अभी बंधन में नहीं बंधे थे तो बच्चों का तो सवाल ही नहीं।

डेढ़ साल पहले तो हर्ष और प्रीति दोनों ने अलग अलग जोड़ीदारों के साथ खूब सेक्स किया, पर जब किसी पार्टी में दोनों सेक्स पार्टनर बने तो उसी रात से ही दोनों ने ये तय कर लिया कि अब और नहीं भटकेंगे और साथ रहेंगे, मौका देख कर शादी कर लेंगे।

तो दोनों अब एक-दूसरे से पूरे ईमानदार हैं और बस जल्दी ही भारत जाकर अपने परिवार वालों के बीच शादी की प्लानिंग कर रहे हैं।

तो बस प्रीति हर्ष की कमर पर लटक गयी कि चलो तुम्हारी पिद्दी करूंगी।
प्रीति बहुत शोख और चंचल थी।

प्रीति की चूत और मम्मों से निकलती गर्मी हर्ष को और उकसा रही थी।
उसने प्रीति को बेड पर जा लुढ़काया तो प्रीति ने अपनी टांगें खोल कर चूत चूसने का इन्विटेशन हर्ष को दिया।

प्रीति की मखमली चूत में हर्ष ने अपनी जीभ घुसा दी। प्रीति ने अपनी उँगलियाँ हर्ष के बालों में फिरानी शुरू की।
हर्ष ने एक हाथ से उसकी चूचियाँ मसल दी।

अब हर्ष का लंड भी ‘चुदाई एट मालदीव्स’ के लिए बेचैन था.
तो उसने अब बिना देर किए अपना औज़ार प्रीति की गुफा में घुसेड़ दिया।

आज वो कुछ ज्यादा ही बेरहम हो रहा था।
उसका लंड औसतन लंड से कुछ ज्यादा मोटा और लंबा था, ऐसा प्रीति कहती है।

प्रीति चीखी- फाड़ दोगे मेरी … तो फिर बाकी के दिनों में हाथ से हिलाते घूमना।
हर्ष ने भी उसे उसी की भाषा में जवाब दिया- क्यों हाथ से हिलाऊँगा, बगल वाली है न उसी के साथ कर लूँगा।

प्रीति चाहक कर बोली- उसकी और फाड़ देना, पता नहीं क्या खाकर इतना मोटा और लंबा कर लिया है तुमने!

खैर … चुदाई एक्सप्रेस अपनी तेज़ रफ्तार से चल पड़ी थी।
दोनों का ही चुदाई का माद्दा जबर्दस्त था।

प्रीति उसके ऊपर आना चाहती थी पर हर्ष ने उसे इतनी मजबूती से भींचा हुआ था कि बेचारी को अपने को छुड़ाने का कोई मौका नहीं मिल पा रहा था.
वो तो बस हाँफ रही थी और गंदी गालियां दे रही थी उसके लंड और उसकी धुआंधार चुदाई को!

प्रीति को भी हर्ष की चुदाई की लत पड़ गयी थी।
जब तक रोज़ रात को हर्ष उसके अंजर-पंजर ढीले नहीं कर देता था या महीने के उन पाँच छह दिनों में प्रीति हर्ष का मुंह से खाली नहीं कर देती, उन लोगों को नींद ही नहीं आती थी।

काफी देर की पेलमपेल के बाद हर्ष ने आखिरी ज़ोर लगाते हुए अपना सारा माल प्रीति की चूत में खाली कर दिया और वहीं एक ओर लुढ़क गया।

दोनों अब गहरी नींद की तैयारी में थे।

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