कामुकताज डॉट कॉम से मिले दोस्त के साथ भरपूर चुदाई-2

अंकल XxX चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने कामुकताज डॉट कॉम के एक लेखक को अपने घर बुलाया अपने पति की गैरमौजूदगी में! हमने मिल कर सेक्स का मजा कैसे लिया?

दोस्तो, मैं कोमल मिश्रा कहानी का अगला भाग लेकर पेश हूँ.

अभी तक पिछले भाग
कहानी लेखक को सेक्स के लिए बुलाया
में आपने पढ़ा था कि किस तरह से मेरी और सुरेंद्र जी की दोस्ती हुई और वो मुझसे मिलने के लिए 700 किलोमीटर दूर से मेरे घर आए.

सामान्य औपचारिकताओं के बाद हम दोनों सेक्स में लग गए और उन्होंने मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया था.

अब आगे Uncle XxX Chudai Kahani:

सुरेंद्र जी अपने एक हाथ से मेरे चूतड़ों को सहलाने लगे थे.

मैंने भी उनकी शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिए और जल्द ही उनकी शर्ट उतार दी.
एक एक करते हुए मैंने उनके सारे कपड़े निकाल दिए और वो अब केवल चड्डी में थे.

उन्होंने अपनी दोनों बांहें फैलाकर मुझे कसकर जकड़ लिया.
उनके चौड़े सीने के सामने मेरा चेहरा था. वो दोनों हाथ से मेरी नंगी पीठ और मेरे चूतड़ों को सहला रहे थे.

मेरी नाभि के पास उसका लंड था, जो कि उस वक्त उनकी चड्डी के अन्दर ही था और पूरी तरह से टाइट हो गया था.

उनके लंड से भी पानी निकल रहा था जिससे उनकी चड्डी सामने से गीली हो गई थी.
मेरे पेट पर गीली चड्डी का स्पर्श होने से मुझे गुदगुदी हो रही थी.

फिर मैंने भी अपना हाथ उनकी चड्डी के अन्दर डालकर उनका लंड बाहर निकाल लिया.
उनका लंड काफी लंबा और कड़क था.

उनके लंड को देख मेरा मन खुश हो गया और मैं जान गई कि आज तगड़े से मेरी चूत की चुदाई होने वाली है.
मैं उनके लंड को आगे पीछे करते हुए फैंटने लगी और उनके लंड का पानी मेरे हाथों में लगने लगा.
उस पानी को मैं लंड पर लगा लगाकर लंड को फैंटने लगी.

काफी देर तक हम दोनों ऐसे ही आलिंगन करते रहे.

अभी उन्होंने मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया था और वो केवल चड्डी में थे.
मैं उनका मूसल जैसा लंड चड्डी के बाहर निकाल कर सहला रही थी.
वो भी मेरे पूरे बदन को अपने हाथों सहला रहे थे और अपने होंठों से मुझे चूम रहे थे.

धीरे धीरे करते हुए मैंने उनकी चड्डी नीचे कर दी और उन्होंने खुद चड्डी पैरों से नीचे करते हुए अलग कर दी.
अब हम दोनों ही नंगे बदन एक दूसरे से लिपटे एक दूसरे को गर्म कर रहे थे.

कुछ देर बाद उन्होंने मेरी चूत के नीचे से हाथ डाला और मुझे उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया.
वो भी मेरे ऊपर आ गए और दोनों हाथों से मेरे दूध को जोर जोर से मसलने लगे.

फिर वो नीचे हुए और मेरे पैरों के पास बैठकर मेरे दोनों घुटनों को पकड़कर एक झटके में फैला दिया.
मेरी चूत उनके सामने खुल चुकी थी, वो झुके और उन्होंने मेरी चूत में अपना मुँह लगा दिया.

अपनी जीभ को मेरी चूत की दरार पर ऊपर नीचे करते हुए चाटने लगे.
मुझे चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था और मैंने उनका सर थाम लिया था.

वो दोनों हाथों से मेरी गदरायी जांघों को सहलाते जा रहे थे और मेरी चूत को मलाई की तरह चाट रहे थे.
जब मैं पूरी तरह से गर्म हो गई तो मैंने उन्हें रुकने का इशारा किया क्योंकि अगर वो ऐसे ही चूत चाटते रहते तो मैं झड़ जाती.

वो रुके और मेरे ऊपर आ गए.
उन्होंने मेरे ऊपर अपना वजन नहीं डाला और अपने लंड को बिना पकड़े चूत में लगाने लगे लेकिन लंड इधर उधर हो रहा था.

फिर मैंने लंड को अपने हाथ में लिया और उसके सुपारे को चूत में ऊपर नीचे करके चूत की रगड़ाई का मजा लिया, उसके बाद लंड चूत के छेद में लगा दिया.

उन्होंने मेरे होंठों को चूमा और बोले- तैयार हो?
‘हां.’

‘डाल दूँ?’
‘हां डाल दो.’

इतना सुनते ही उन्होंने अपने लंड पर हल्का दवाब डाला और लंड का सुपारा आराम से छेद में घुस गया.
मेरी आह निकल गई और एक नया मोटा लंड मेरी चूत को मजा देने लगा.

जल्द ही उनका आधा लंड मेरी चूत में जा चुका था.
फिर उन्होंने लंड को थोड़ा पीछे खींचा औऱ जोरदार धक्के के साथ पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया.

‘आआह हहह मम्मीईई …’
‘क्या हुआ?’

‘कुछ नहीं आपने तो एकदम से पूरा डाल दिया.’
‘तकलीफ हो रही क्या?’
‘नहीं … पर आपका सच में बहुत बड़ा है. बिल्कुल अन्दर तक चला गया.’

फिर उन्होंने पहले हल्के हल्के लंड अन्दर बाहर करना शुरू किया.
जब चूत का पानी लंड पर अच्छे से लग गया और लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा तो उन्होंने अपनी रफ्तार तेज कर दी.

हम दोनों एक दूसरे को कसकर जकड़े हुए थे और वो जोर जोर से धक्के लगा रहे थे.

जैसे ही उनका धक्का मेरे पेट पर लगता, मेरे मुँह से ‘आआह मम्मीई …’ की आवाज निकल जाती.

सच में दोस्तो, वो एक पहलवान की तरह मेरी चूत में धक्के मार रहे थे.
उनके बदन के सामने मेरा बदन कुछ नहीं था.

वो मेरे चेहरे को बुरी तरह से चूम रहे थे और दनादन चुदाई किये जा रहे थे.
मेरे दूध उनके सीने के नीचे बुरी तरह से रगड़ रहे थे और वो दोनों हाथों में मेरी जांघों में फंसा कर मुझे उठाए हुए से थे.

जल्द ही मैं झड़ गई लेकिन वो फिर भी चोदे जा रहे थे.
मैं उनकी ताकत देख कर दंग थी, वो बिना रुके बस चोदे जा रहे थे.
उनका लंड किसी मशीन की तरह मेरी चूत में आ जा रहा था.

फच फच की आवाज से कमरा गूंज रहा था और पलंग जोर जोर से हिल रहा था.

दस मिनट की लगातार चुदाई से मेरा पूरा बदन पसीने से भीग गया था और सुरेंद्र जी दनादन मेरी चूत पर अपना लंड पेले जा रहे थे.
गजब की पावर थी उनकी!

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उनका लंड मेरी चूत की जड़ में जब जब पड़ता तो जांघों से जांघें टकराने की जोर से पट पट की आवाज आती.
मुझे तो लग रहा था कि आज मेरी चूत का भर्ता ही बन जाएगा.

जल्द ही मैं दूसरी बार भी झड़ गई लेकिन वो अभी भी दनादन चुदाई किए जा रहे थे.

करीब 20 मिनट बाद उन्होंने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत के अन्दर ही डाल दिया और झड़ गए.
ये उनकी बिना रुके पहली चुदाई थी.

वो मुझसे अलग हुए और बगल में लेट गए.
मैं बुरी तरह से थक गई थी और वैसे ही लेटी रही.

मुझे चूत से गर्म गर्म पानी निकलने का अहसास हो रहा था लेकिन इतनी हिम्मत नहीं हो रही थी कि उसे साफ कर सकूं.

मेरा पूरा जिस्म पसीने से भीग गया था और मेरी सांस तेज रफ्तार में चल रही थी; दोनों दूध सांस के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे.

हम दोनों बिना कुछ बोले यूं ही लेटे हुए थे.
सुरेंद्र जी भी पसीने से तरबतर हो चुके थे और यूं ही लेटे हुए थे.

उनका लंड धीरे धीरे ढीला होते हुए सिकुड़ कर नीचे झुक गया.
करीब 15 मिनट तक हम दोनों लेटे रहे. फिर मैं उठकर पेशाब करने के लिए गई.

बाथरूम में जैसे ही मैं पेशाब करने के लिए बैठी, मेरी चूत से तेज धार निकल पड़ी.
छर्र छर्र करती हुई मैंने पेशाब की, फिर उठकर जाने लगी.

जैसे ही मैं पलटी, तो देखी सुरेंद्र जी मेरे पीछे ही खड़े हुए थे.
मुझे बेहद शर्म आई और मैं बेडरूम की तरफ़ चल दी.

सुरेंद्र जी ने भी पेशाब की और आकर मेरे बगल में लेट गए.

कुछ देर बाद वो फिर से मुझसे लिपट गए और मुझे सहलाने लगे.
मेरे हाथ भी उनके बदन पर चलने लगे और मैं भी उन्हें सहलाने लगी.

जल्द ही उन्होंने मुझे अपने ऊपर लेटा लिया.

मैं उनके सीने को चूमते हुए उनके लंड तक जा पहुंची और हाथ में उनका लंड लेकर सहलाने लगी.
उनका लंड पूरी तरह से ढीला पड़ गया था, मैं उसे फिर से खड़ा करने की कोशिश करती हुई जोर जोर से हिलाने लगी.

मैं लंड का सुपारा चमड़ी से बाहर निकाल कर उस पर अपनी उंगली चलाने लगी.
धीरे धीरे उनका लंड खड़ा होना शुरू हो गया.

जल्द ही मैं उनके सुपारे पर अपनी जीभ को चलाने लगी.
देखते देखते मैंने लंड अपने मुँह में भर लिया और तेजी से चूसने लगी.

अब उनका लंड अपनी पूरी लम्बाई में आ गया था.
कुछ देर और चूसने के बाद मैंने मैंने लंड छोड़ दिया और लंड के ऊपर बैठने लगी.

मैंने अपनी दोनों टांगें फैलाईं और लंड हाथ में लेकर चूत में रगड़ने लगी.
धीरे धीरे करके मैं उनका लंड अन्दर तक ले लिया.

सुरेंद्र जी ने मेरे चूतड़ों को दोनों हाथ से थाम लिया और मैं अपनी कमर चलाते हुए लंड अन्दर बाहर लेने लगी.

जल्द ही मैं दोनों पैरों पर बैठकर लंड पर उछलने लगी और लंड तेजी से अन्दर बाहर होने लगा.
सुरेंद्र जी ने मेरे दोनों दूध को कसकर पकड़ लिया और मसलने लगे.

काफी देर तक मैं ऐसे ही चुदती रही, हम दोनों को बेहद मजा आ रहा था.
इसके बाद मैं उनके ऊपर से उठ गई.

उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरे पीछे आकर चूत में लंड पेल दिया.
उन्होंने मेरी कमर को पकड़कर तेजी से धक्के लगाना शुरू कर दिया.

उनके धक्के मेरे चूतड़ों पर चट चट की आवाज के साथ लग रहे थे. ऐसा लग रहा था कि उन्हें ऐसे चोदने में ज्यादा ही मजा आ रहा था.

उनका लंड भी मेरी चूत की गहराई तक उतर रहा था.
इससे मैं जल्द ही झड़ गई लेकिन वो चुदाई करते रहे.

फिर उन्होंने मुझे पेट के बल लेटा दिया और मेरी दोनों टांगें फैला दीं.
मेरे चूतड़ों को फैलाते हुए उन्होंने मेरी गांड के छेद पर अपना थूक लगाया.

मैं समझ गई थी कि अब ये मेरी गांड चोदने वाले हैं.
मुझे कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि मैं पहले भी अपनी गांड चुदवा चुकी थी.

उन्होंने लंड छेद में लगाया और मेरे ऊपर लेट गए.
उनके वजनी शरीर के नीचे मैं दबी जा रही थी.

धीरे धीरे उन्होंने पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया.

अब उन्होंने धक्के लगाना शुरू किया और मेरी गांड चोदना शुरू कर दिया.
उनका लंड मेरी गांड में काफी टाइट जा रहा था, जिससे हम दोनों को ही काफी मजा आ रहा था.

जल्द ही उन्होंने अपनी पूरी रफ्तार से चोदना शुरू कर दिया.
उनके जोरदार धक्के मेरे चूतड़ों पर लग रहे थे, जिससे पूरा कमरा गूंज रहा था.

जल्द ही हम दोनों झड़ गए और अंकल ने अपना पूरा माल मेरी गांड में डाल दिया.

इसके बाद उन्होंने उस रात एक बार और मेरी चुदाई की, फिर हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.

उसके बाद 4 दिन वो मेरे साथ ही रहे और हम दोनों दिन में रात में बस चुदाई ही करते रहे.
जब तक वो रहे, तो दिन भर में करीब पांच बार हम दोनों चुदाई का मजा लेते.

हम दोनों ने ही एक दूसरे को भरपूर मजा दिया.
उन्होंने मुझे उस लड़की की फ़ोटो भी दिखाई, जिसके साथ हुई चुदाई कहानी आप लोगों ने पढ़ी थी.

वो लड़की उनके सामने तो बिल्कुल कमसिन उम्र की लड़की ही थी लेकिन दिखने में किसी हीरोइन से कम नहीं थी.
पता नहीं उसने अंकल के लंड को कैसे झेला होगा.
इतने बड़े और मोटे लंड ने तो मेरी भी हालत खराब कर दी थी.

खैर … मुझे सुरेंद्र जी से मिलकर बहुत अच्छा लगा और उन्हें मैंने हर तरह से खुश किया.

मेरी ये अंकल XxX चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, आप अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर दीजिए और मुझे मेल भी कीजिए.
फिर से मिलते हैं, किसी दूसरी सेक्स कहानी में. तब तक के लिए मेरा प्यार.
धन्यवाद.
[email protected]

Video: साली को बेड पर लिटा कर हॉट चुदाई वीडियो

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