मैंने सहपाठी से गांड मराई

गे Xxx एनल फक कहानी में पढ़ें कि मेरा यौवन लड़कियों जैसा है. मेरा मन करता था कि मैं खुद की गांड मार लूं. पर यह नहीं हो सकता था. मैंने अपने दोस्त से अपनी गांड कैसे मरवाई?

दोस्तो, मैं मिली पटेल हूं.
हूँ तो मैं एक लड़का, पर मुझे मर्द पसंद हैं. खासकर वो मर्द … जो मुझे एक औरत समझ कर प्यार करें.

मैं इंदौर से हूं और आप सभी के कड़क औजारों को साक्षी मान कर अपनी पहली Gay Xxx Anal Fuck Kahani को आगे बढ़ा रही हूँ.

आज से 3 साल पहले जब मैं 19 साल का था, तब मैं पोर्न देख कर अपनी गांड में गाजर डाल कर गांड की खुजली मिटा लेता था.
क्योंकि मेरा यौवन है ही ऐसा कि इसे देख कर मुझे भी खुद को चोदने का मन करता है.

मैं अपने दो दोस्तों के साथ रात में स्टडी करता था.

एक दिन दोनों दोस्तों में से एक, जिसका नाम राहुल था, वह बीमार हो गया था.
वह पढ़ाई करने कमरे पर नहीं आया.

मैं और दूसरा दोस्त आशीष ही पढ़ाई कर रहे थे.
हम लोग आशीष के घर पर ही पढ़ते थे.

उस रात आशीष के घर वाले भी घर पर नहीं थे, उसका एक छोटा भाई भी था, वह भी अपने स्कूल की ट्रिप पर गया हुआ था.

मैं उस रात आशीष के घर पहुंचा. उसने छोटा सा कच्छा पहना हुआ था.
वह पोर्न वीडियो देख रहा था जिसमें एक दुल्हन अपने देवर से चुद रही थी.

ये सब देख कर मेरे अन्दर एक करंट सा उठा पर मैं आपने आप को संभाल कर रोके रहा.

आशीष- मेरा आज पढ़ने का जरा भी मन नहीं हैं, आ जा पोर्न देखते हैं.
मेरे सीने में गुदगुदी हुई. मैंने भी हां कह दिया.

हम दोनों ने कुछ ही देर में काफी सारी पोर्न वीडियो देख लिए थे.

उसका लंड उसकी चड्डी से बाहर आ रहा था.
अब हमने पोर्न देखना बंद कर दिया.

मैंने उससे कहा- मैं लोअर पहन ले रहा हूँ. मेरी जींस काफी टाइट हो रही है.
तब मैंने अपनी टाइट जींस उतार दी.

मैं उस समय उसकी तरफ पीठ करके खड़ा था.
मेरी अंडरवियर को टाइट देख कर शायद उसकी नीयत बिगड़ गई … और बिगड़ती भी क्यों नहीं … काफी गदरायी हुई गांड है मेरी.

गांड के अलावा मेरा उभरा हुआ सीना और जिम जाने के कारण स्लिम कमर देख कर तो कोई भी गे पिघल जाए.
फिर वह तो अभी अभी पोर्न देख कर गर्म हुआ था.

उसने मुझे लोअर पहनने से रोक दिया और अलमारी में से अपनी बड़ी बहन की ब्रा और पैंटी निकाल कर मुझे दे दी.

मैंने कहा- ये क्या कर रहे हो … मैं लड़का हूं!
आशीष- पर तेरा यौवन तो कुछ और ही कह रहा है.

मैं डर और शर्म से भर गया- तू जानता है, मुझे कराटे आता है. ऐसी बातें करेगा, तो मैं तुझे बहुत मारूंगा!
वह मेरे करीब आया और उंगली से मेरी टी-शर्ट के ऊपर से मेरे निप्पल को सहलाने लगा.

आशीष- तो ये है तेरी कमजोरी!

फिर उसने दोनों हाथ मेरी अंडरवियर में डाले और मेरे दोनों चूतड़ों को पकड़ कर मुझे पूरा उठा दिया.

आशीष- हम भी अखाड़े जा चुके हैं मेरी जान!
पता नहीं क्यों … मैं छुड़ाने की कोशिश नहीं कर रहा था.

आशीष- अब समझ आया कि तू हमेशा क्लीन शेव क्यों रखता है? चल अब तुझे तेरे जीवन का सबसे बड़ा सुख देता हूँ.

वो मुझे ऐसे ही उठा कर कांच के सामने ले गया और एक ही झटके में मेरी टी-शर्ट उतार दी.

मेरा फूला हुआ यौवन देख कर तो वो पागल ही हो गया. वो मेरी पूरी बॉडी को चाटने लगा.
मैं भी वासना से भरी हुई सिसकारियां ले रहा था.

आशीष- भाड़ में जाए ब्रा पैंटी … पहले मेरी प्यास बुझा.

मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था, एक अच्छा खासा मर्द मेरे सामने मेरा दीवाना हो चुका था.

उसने तुरंत मेरी अंडरवियर उतार दी.
वो टाइट थी इसलिए थोड़ी फट गई.

आशीष की हाइट मुझसे कम थी, तब भी उसने मुझे सीधा उठा लिया.
अब मेरी सांसें तेज हो गई थीं. मेरे बोबे धक धक हो रहे थे.

वो मुझे उठाकर पलंग पर ले गया और साइड में रखे जैल को उसने मेरी गांड में भर दिया, ठंडा ठंडा जैल अन्दर जाने का अहसास हुआ.

उसने मेरी टाइट गांड में पांचों उंगलियां एक साथ डाल दीं.
मैं- उईह मां, दर्द हो रहा है … हम्म्म आह.

आशीष ने उंगलियां निकालीं और मेरे ऊपर लेट गया.
मैंने उसकी टी-शर्ट खोल दी.

आशीष- देखते हैं तेरे कराटे में दम है … या मेरे अखाड़े में!

उसने मुझे होंठों पर किस कर लिया.
मैं पूरी तरह से समर्पित हो गया था.

अब उसने भी नीचे का सब उतार दिया और नग्न हो गया.
उसका लंड छह इंच का था, पर मेरी पहली चुदाई के लिए काफी बड़ा था.

उसने बहुत धीरे से मेरे अन्दर अपना लंड फंसा दिया.
मैं थोड़ा चीखा- आआंहा उई अन्हा!

पर वो काफी कमीन था, उसने अपना औजार बाहर नहीं निकाला.

ऐसे ही उसने मेरी गुफा की गहराई बना ली.
मैं अब धीमी धीमी सिसकारी ले रहा था. वो मेरे अन्दर डाले हुए ही मेरे अपर आ गया और मेरे बूब्स चूसने लगा.

मैं- अहाआ … सारा दूध पी जा मेरे राजा!
आशीष- हां रानी जब तक मेरा घोड़ा तेरी गुफा की गहराई में पहुंच जाएगा, तब तक मैं तेरे इन पहाड़ जैसे बोबों को भिगा दूंगा.

सच में मेरा छेद उसके लंड को अपने आप में समाए जा रहा था.

मैं सब महसूस कर रहा था.
उसकी जीभ मेरे निप्पल पर, उसका गर्म औजार मेरी भट्टी को और गर्म कर रहा था.

कुछ देर के लिए मैं भूल ही गया था कि मैं एक लड़का हूं.
आज मेरा एक नया जन्म एक कमसिन लड़की के रूप में हो चला था.

मुझे नहीं पता था कि ये शर्मीली कमसिन लड़की एक दिन चुदक्कड़ गदरायी हुई रंडी बनने वाली है.

ये सब चल ही रहा था कि डोरवेल बज उठी.
मैंने सहम कर कहा- इतनी रात को कौन आया होगा?

वह मदहोश था, कुछ सुन ही नहीं रहा था.
उसने इतनी जोर से मेरा बोबा चूस दिया कि मैं चिल्ला उठी और मैंने अपनी दोनों आंखें आधी बंद कर लीं.

तभी डोरबेल एक बार और बजी लेकिन हम दोनों सब कुछ भुला कर ऐसे ही लिपटे रहे.

आशीष ने कहा- मेरा घोड़ा तैयार है रानी … क्या उसको दौड़ने की इजाजत है?
मैं- हां लगाम खींच दे मेरे राजा!

वह थोड़ा सा उठा और दोनों हाथ मेरे मम्मों पर रख दिए- दोनों पहाड़ियां मेरे कब्जे में हैं और इनके नीचे से खुलती गुफा पर मेरा घोड़ा सवारी करने के लिए तैयार है.
मैंने भी नशीली आवाज में कहा- महाराज, आपकी रानी भी अपनी दोनों पहाड़ियां और गुफा के अन्दर बसे स्वर्ग को आपको देने को तैयार है.

उसने अपना लंड बाहर की ओर खींचा और फिर से एक जोर का धक्का दे दिया.

काफी देर लंड अन्दर रहने के बाद मेरी गांड ढीली हो गई थी. दर्द हुआ पर ज्यादा नहीं.
मेरी आवाज भी लड़कियों की तरह निकल रही थी- आ आ आह उह उम्म्ह … आई.

उसने लंड धीरे धीरे अन्दर बाहर किया.
मैं उसको पूरी तरह से अपनी लगाम दे चुकी थी.

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अचानक से उसका फोन बजा.
उसने नाम देखा और कहा- ओह … तो पास वाले फ्लैट से भैया आए हैं. शायद डोरबेल पर भी यही थे. मैं फोन उठा रहा हूं.

फोन पर बात करने के बाद उसने फिर से कहा- दरवाजे पर पीयूष भैया आए हैं. मैं उन्हें चाबी दे कर आता हूं.
वह ऐसे ही बस एक कपड़ा लपेट कर जाने लगा.

मैंने कहा- अरे कपड़े तो पहन कर जा!
वह बोला- अरे भैया से घबराने की जरूरत नहीं है, वे बहुत खुले मिजाज के हैं और मैं उनसे कुछ नहीं छुपाता हूँ.
ये कह कर वो चला गया.

मैं वहीं लेटा रहा.

रात का सन्नाटा होने के कारण मुझे उन दोनों की बात करने की आवाज साफ सुनाई दे रही थीं.
आशीष- ये लो भैया आपकी चाभी!
भैया- अरे वाह, क्या बात है, आज किसे लाया है बजाने के लिए … तेरी वही गर्लफ्रेंड है क्या?

आशीष- अरे नहीं, कोई उससे भी सुंदर और कड़क माल है. आपको बाद मैं पूरी बात बता दूंगा.
भैया- चल बेटा बेस्ट ऑफ़ लक … अच्छे से खुश कर उसे!

अपने बारे में ये सब सुन कर मैं शर्मा रही थी.

आशीष अब अन्दर आ गया.
वो बोला- चल मेरी रानी, चढ़ाई फिर से शुरू करते हैं.

मैं भी अपनी टांगें चौड़ी करके फिर से लेट गई.
अब उसने मेरी जांघों पर जोर से अपने दोनों हाथों से पकड़ा और अपने कड़क लंड को मेरी गांड पर घिसने लगा.

मैं फिर से सिसकारियां ले रहा था.
उसने अपनी मर्दाना आवाज में कहा- मेरी रानी, अब आपको पलटना होगा. हमारा घोड़ा उल्टी दिशा से चढ़ाई करना चाहता है.

मैंने भी अपनी कामुक आवाज में उससे उकसाते हुए कहा- क्या अखाड़े की कसरत वाले इन हाथों में इतना भी दम नहीं कि एक बेबस पड़ी कमसिन को पलटा न सके!

उसके चेहरे को देख कर लगा कि अब वो इसका ज़बाब अपनी जुबान से नहीं … कहीं और से देना चाहता है और उसने ऐसा ही किया.

उसने मेरी जांघों सहित मुझे पूरा घुमा दिया और मुझे अपने पेट के बल कर दिया.

अब मेरी दोनों पहाड़ियां जो अभी अभी जवानी के नजारे देख रही थीं, उनका मुँह अब आशीष की ओर था और मैं भी अपनी गर्दन घुमा कर आशीष की आंखों में देख रहा था.
आशीष ने मेरी गोल गोल गांड को पंजों से जकड़ लिया और अपने घोड़े (लोड़े) को सीधा उन पहाड़ों के बीच की दरिया यानि मेरी गांड के छेद में उतार दिया.

मुझे फिर से दर्द हुआ और मेरी चीख निकल गई. ‘आई ईआई … मईया … उम्महा.’

आशीष- ओहो रानी, मैंने कहा था ना अखाड़े वाले चीख निकलवा ही देते हैं.
मैं सिसकती हुई बोली- हां राजा आह हई रीईईई … तुझमें बहुत दम है.

मैं अब उसे और उकसाने की हालत में नहीं था.
वो भी मेरा ख्याल करते हुए धीरे धीरे अन्दर बाहर कर रहा था ताकि मुझे अब ज्यादा दर्द न हो.

पर अब मेरा दर्द कम होने लगा था.
मैंने अपने आपको हाथों के बल खड़ा किया और जोर जोर से धक्का देना लगा.

वह समझ गया कि मेरा दर्द कम हो गया है और अब मैं क्या चाहता हूं.

उसने धीरे धीरे अपने धक्के बढ़ाए और उसके धक्के तेज होने लगे थे.
मेरा मजा भी डबल होने लगा.

मेरी पूरी बॉडी उसके मर्दाना धक्कों से वाइब्रेट हो रही थी.

उसने कहा- तैयार हो जाओ रानी अपने जीवन की इस पहली चुदाई के क्लाइमेक्स के लिए … मेरा लौड़ा अब अमृत बरसाने वाला है.
मैंने इठलाते हुए कहा- हां राजा भर दे मेरे दरिया को अपने अमृत से … आहा उम्म्ह्हा आह हाआ.

दस मिनट तक उसने ऐसा ही चलते रहने दिया, पर उसका अमृत अब भी नहीं आया.

मैं ढीली पढ़ने लगी थी, पर बहुत मजा आ रहा था.
उसके महान लंड ने मेरी पहली चुदाई को इतना यादगार बना दिया कि मैं इसे कभी नहीं भूल पाऊंगी.

‘अब चल रानी … आह मेरा अमृत आ रहा है … अह्ह्ह अह्हाआ आआ.’

यही कहते हुए उसका इतना सारा गर्म गर्म माल मेरी गांड में उतरता हुआ ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे किसी ने मेरी गांड में अनार जला कर रख दिया हो.

ऊपर से उसके मर्दाना हाथों का स्पर्श मेरी कमर और पेट पर चल रहे थे, जिस वजह से उसी पल ने मुझे भी झड़ने पर मजबूर कर दिया.

Xxx एनल फक के बाद हम दोनों झड़ गए थे और वो मेरे ऊपर ही लेट गया था.
उसने अपना लंड अभी भी मेरे अन्दर से नहीं निकाला था.

कुछ देर हम दोनों अलग हुए और पलंग पर आकर सोने लगे.
मेरा मुँह दीवार की ओर था और वो मेरे ठीक पीछे अपना लंड मेरे अन्दर डाले हुए सो गया था.

वो धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर कर रहा था जो मुझे काफी कामुक महसूस हो रहा था.
कुछ देर बाद वो बोल- आज राहुल ने ना आकर जीवन का सबसे अच्छा काम किया है.

मैंने भी उसकी हां में हां मिलाई और कहा- अब हमें क्या करना चाहिए?
आशीष- ऐसे ही सुबह तक पड़े रहना चाहिए.

मैंने उसे फिर उकसाते हुए कहा- मेरा अखाड़े का राजा थक गया है क्या?
वह कुछ नहीं बोला.

तब मैंने उसका लंड अपनी गांड में से निकाला और उसकी ओर हो गया.

मैंने अपना एक बोबा उसके मुँह में घुसा दिया और अपनी जांघें चौड़ी करके उसकी कमर से सटा दीं.

उसमें फिर से जोश जाग गया और वो मुझे चाटने लगा.
मेरे दोनों बोबे उसने काफी तक चूसे और मेरे बाकी के शरीर को चूसते चाटते हुए ही वो दुबारा से पिल पड़ा.

सुबह होने को हो गई थी.
मेरी तेज कामुक सिसकारियां निकलती रहीं और सुबह होते ही उसने मुझे वहीं पड़े पड़े बजाना शुरू कर दिया.

इतने में दरवाजे से पड़ोस वाले भैया आ गए.
उनके हाथ में एक ट्रे थी जिसमें वो तीन कप चाय लाय थे.

कमरे की लाइट जल रही थी, उन्होंने हमें देखा.
हम दोनों थक चुके थे, तो समझ नहीं पाए कि क्या हुआ.

उन्होंने मेरा चेहरा देखा, मेरी गांड देखी और उसमें फंसा आशीष का लंड देखा.
फिर मेरी कमर देखी.

मेरा लंड आशीष की बॉडी की वजह से छुपा हुआ था.

भैया बाहर जाते हुए बोले- लगता है अब तुम्हारे टक्कर की कोई मोहतरमा मिली है. उठो और उसे थोड़ी सांस लेने दो.

आशीष- ओह भैया आप कब आए!
भैया- तुम अपना काम खत्म कर लो. में दो मिनट में आता हूं.

फिर वो चले गए.
आशीष- ठीक है डार्लिंग, अब तो झड़ना ही पड़ेगा. रात भर की इस जंग को समेटना भी है.

उसने धक्के तेज कर दिए.
मैं वाइब्रेट होते हुए उससे पूछने लगा- आशीष उन्होंने हमें देख लिया है, अब क्या होगा … तुम्हें डर नहीं लग रहा?

आशीष- चिंता मत करो, मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को उनके सामने कई बार चोदा है.

मैंने कहा- हां, पर मैं लड़का हूं.
आशीष- चिंता मत करो, आशीष भैया खुद एक टॉप हैं. वो रात को अपने ब्वॉयफ्रेंड की बजा कर ही आए होंगे.

मैं ये सुनकर चौंक गया और सोचने लगा इतना मस्कुलर आदमी इतना हैंडसम आदमी भी गे हो सकता है वाओ.

फिर हम दोनों झड़ गए.
अब भैया फिर से आ गए और मेरा लंड देख कर मुझे घूरते ही रह गए.

फिर आशीष ने उन्हें सब बताया.
वे मुस्कुराने लगे और मुझे शर्म आने लगी.

तो वे राजसी अंदाज में कहने लगे- हम आप दोनों को वस्त्रों में देखना चाहेंगे. क्योंकि हमारी चाय भी अब शर्माने लगी है.
पहले मैं वाशरूम गया और अपनी शॉर्ट टी-शर्ट पहनी और पजामा पहना.
अपना मेकअप धोया और बाहर आ गया.

फिर आशीष भी साफ होकर बाहर आ गया.

हम सभी ने चाय पी.
फिर आशीष नीचे गया और दूध व अखबार ले आया.

मैं भी घर के लिए निकल रहा था कि भैया उठे और उन्होंने मेरे पजामे और चड्डी में हाथ डाल कर कहा- बहुत मस्त माल हो तुम, पहली ही नजर में तुमको चोदने का मन हो गया है. मेरा पलंग हमेशा तुम्हारे लिए खाली है.

इससे मैं बिल्कुल भी नहीं चौंका और मैंने अपना सीना तान कर अपना हाथ उनके पजामे में डाल कर कामुक आवाज में कहा- महाराज, आपका तना हुआ लौड़ा भी बहुत मस्त है. जल्द ही आपके साथ गर्म मुलाकात होगी.

गे सेक्स कहानी का ये भाग यहीं पर खत्म कर रहा हूँ.
यह अंत नहीं शुरुआत है.

आशीष नहीं जानता था कि उसने एक रंडी को जगा दिया है.

अब आगे के कहानी में आप सब पढ़ेंगे कि कैसे मेरी आग बढ़ती गई और इसके लपेटे में कितने मर्द आए. कैसे पीछे वाली मेरी कमसिन गेंदों ने किसी भाभी की गदरायी हुई गांड जैसा रूप धारण किया, कैसे मेरे कच्चे आम तरबूज बने.
आपको मेरी गे Xxx एनल फक कहानी पढ़ कर हिलाने में बहुत मजा आया होगा दोस्तो.
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