कमसिन लड़की मुझसे मजे से चुदी

स्कूल गर्ल Xxx चुदाई कहानी मेरी स्टूडेंट लड़की की पहल पर उसकी चूत चुदाई की है. वह बहुत गर्म लड़की थी और उसकी सील पहले ही टूटी हुई थी. उसे मेरे लंड से चुदने में बहुत मजा आया.

मेरी उम्र उस समय करीब 26 साल की थी.
मैं स्कूल के लड़के लड़कियों को सभी विषयों का ट्यूशन पढ़ाया करता था.
कुछेक को उनके घर जाकर पढ़ा देता था तो कुछ को अपने घर बुला कर पढ़ाता था.

एक बार मेरे पास अपने शहर की ही एक युक्ति नाम की लड़की को पढ़ाने का ऑफर आया.
वह उस साल बोर्ड के पेपर देने वाली थी.

मैंने जाकर उसे देखा और पढ़ाना शुरू कर दिया.
यह School Girl Xxx Chudai Kahani इसी लड़की की है.

वह बड़े दूध वाली एक कम उम्र की लड़की थी.
मैंने सबसे पहले उसके दूध ही देखे.

लेकिन वह उम्र में मुझसे काफी छोटी थी और मेरी स्टूडेंट थी तो मैंने अपनी नजरों को उसके मम्मों से हटा लिया.

आपको तो मालूम ही है कि लड़कियों को कुछ खास खूबी मिली हुई है. वे मर्दों की नजरों को पहचान लेती हैं.
युक्ति ने भी शायद मेरी नजरों को ताड़ लिया था और वह उस दिन हल्के से मुस्कुराई भी थी.

एक दो दिन की पढ़ाई के बाद वह लड़की मेरे पांव पर अपना पांव रख देती थी.

मैं जब उसकी तरफ देखता तो अजीब सी मुस्कान के साथ सॉरी बोल देती थी.

मैं सोचता था कि ये अभी कमसिन उम्र की लड़की है. गलती से पांव रख देती होगी.

युक्ति फ्रॉक पहनकर पढ़ती थी. उसकी गोरी गोरी जांघें मुझे उत्तेजित कर देती थीं.

वह जब भी अपनी कॉपी चैक करवाती थी तो मेरे बाजू में खड़ी होकर चैक करवाती थी.
उस समय वह मेरे कंधे से अपने दूध रगड़ देती थी और मेरे देखने पर हंस देती थी.

उसकी मीठी सी मुस्कान से मेरे लंड को करंट सा लग जाता था.

एक दिन मैं उसकी कॉपी को चैक कर रहा था तो वह हमेशा की तरह मेरे बगल में आकर खड़ी हो गयी और अपनी चूत को मेरे हाथ और टेबल के बीच में दबाने रगड़ने लगी.

मैं समझ गया कि यह चुदना चाहती है.
मैंने धीरे से अपनी हाथ को नीचे किया और उसकी फ्रॉक के नीचे से उसकी पैंटी में डाल दिया.

मेरे हाथ में उसकी नम झांटें आ गईं.
कसम से क्या मखमली झांटें … एकदम नई नई सी … ऐसी, जैसे हरे भुट्टे के बाल हों.
उसकी चूत के इर्द गिर्द छोटी छोटी सी झांटें बड़ी ही कामुकता जगाने वाली थीं.

मैंने उसकी चूत के छेद में उंगली डाली तो वह आह करके मेरी उंगली को अपनी चूत में ले गई.

उसने अपनी टांगें फैला दीं और मैंने भी उसकी चूत में अपनी उंगली को खूब अन्दर तक घुसेड़ दिया.

मैं अपनी उंगली चलाने लगा और वह अपनी कमर को उंगली की लय के साथ हिलाने लगी.

कुछ ही देर में उसकी चूत से पानी आने लगा और वह झड़ गई.
वह हट गई और मैं उसकी चूत के रस से सनी अपनी उंगलियों को चाटने लगा.

वह शर्मा गई.
लेकिन मैं बेचैन हो गया.

दो तीन दिन बाद जब मैं उसे पढ़ाने गया तो उसकी मम्मी कहीं जा रही थीं.
मैंने कहा- मैं कल पढ़ा दूंगा.

इस पर उन्होंने कहा- नहीं, आप पढ़ा दीजिये. मैं डेढ़ दो घंटे में आ जाऊँगी.

तभी उस मक्खन से माल ने मेरी तरफ देख कर अपने होंठों पर अश्लील भाव से जीभ फिराते हुए कहा- हां सर, मैं पढ़ लूँगी. मेरे बोर्ड के इम्तिहान हैं.

बस मैंने समझ लिया कि आज इसे अपनी बुर का भोसड़ा बनवाना है.
हम दोनों को मौका मिल गया था.

उसने अपनी मम्मी के जाते ही मेन गेट को अन्दर से बंद किया और आते ही अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई.

मैं उसकी बेशर्मी देख कर दंग रह गया.

वह मेरे हाथ में अपनी चूची देती हुई बोली- लो सर … इसको खूब दबाओ.

मैंने भी उसकी दोनों चूचियों को खूब दबाया और चूसा.

उसकी बड़ी सी चूचियों को देखकर मैं हैरान था कि इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी चूचियां कैसे?
ख़ैर … मुझे तो माल चोदने मिल गया था, तो फालतू की बकवास में क्या दिमाग लगाना.

अचानक से उसने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और चूमने लगी.
मैं समझ गया कि इस उम्र में ही उसने कहीं चुदाई का अनुभव ले लिया है.

एक पल को मायूसी हुई कि इसकी सील तोड़ने का सुख नहीं मिलेगा.
पर ये तय था कि उसकी चूत अभी कच्ची कली जैसी ही टाइट होगी.

उसने मेरी पैंट को खोला और लंड को बाहर निकाल कर चूसना शुरू कर दिया.

उसके छोटे से मुँह ने मेरे मोटे लंड को पूरा लील लिया था.
मैं हैरान था कि साली इतनी कम उम्र में रांड बन कर लौड़े की माँ चोदना सीख गई.

कुछ देर के बाद उसने मेरे मोटे लंड को अपनी चूत के मुँह पर रखा और बोली- सर प्लीज, जोर से एक बार में ही धक्का मार कर पेल दो. तगड़ी चुदाई का बहुत मन कर रहा है.

मैं भी पूरे जोश में आ चुका था, मैंने एक ही धक्के में अपने लंड को उसकी चूत में धकेल दिया.

वह दर्द से कसमसाने लगी लेकिन मानना पड़ेगा बंदी पक्की छिनाल बन चुकी थी.

कुछ ही पलों की कसमसाहट के बाद वह खुद ही गांड उचका कर चुदाई में मेरा साथ देने लगी.

उसको चूत चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था. वह जोर जोर से अपनी गांड ऊपर की तरफ उछालती और मेरे लंड को अपनी बुर के भीतर तक ले जाती.

मैं भी ताबड़तोड़ चुदाई करता जा रहा था.

एक कच्ची चूत वाली कमसिन लड़की मेरे लौड़े का खुद शिकार बनी थी और खुद इतने मजे से चुदाई करवा रही थी कि लंड हैरान था.

फिर मेरे लंड ने भी मोर्चा संभाल लिया.
मेरा लंड भी चुदाई में जल्दी झड़ने का नाम नहीं लेता है.

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बीस मिनट की चुदाई में हमें ध्यान भी नहीं रहा कि कोई आ भी सकता है.

इन बीस पच्चीस मिनट की मस्त चुदाई के बाद मेरे लंड ने उसकी बुर में पानी फेंक दिया और वह भी बहुत संतुष्ट हो गयी.

मैंने पूछा- मजा आया?
वह बोली- बहुत ज्यादा मजा आया. ऐसा पहले कभी नहीं मिला.

मैंने पूछा- पहले कहां कहां चुदवाई थीं?
वह बोली- अपने मामा जी के घर अपने मामा के बेटे के साथ … और एक एमआर का काम करने वाले अंकल के साथ. लेकिन उन दोनों का लंड छोटा था, तो उतना मजा नहीं आया.

मैंने कहा कि हम्म … मतलब खूब चुदी हो. जरा डिटेल में बताओ
वह बोली- नहीं … खूब नहीं चुदी हूँ. ज्यादा मौका नहीं मिल पाया.

फिर उस स्कूल गर्ल ने चुदाई का वाकया विस्तार से बताना शुरू किया.

उस समय मेरे ममेरे भैया की वाइफ अपने मायके गयी थीं और मैं छुट्टी में मामी के पास आई थी.

‘एक दिन मामा मामी पटना गए थे … तो मैं और भैया घर पर अकेले थे. रात को मैंने भैया से कहा कि मैं अकेले नहीं सोउँगी. तो भैया बोले मेरे पास सो जा. मैं वहीं सो गयी.’

‘और रात को भईया का लंड पकड़ लिया तुमने?’
‘नहीं यार, सुनो तो. उस रात को मुझे लगा कि भैया मेरी चूची सहला रहे हैं. मुझे अच्छा लगा. मैंने भैया के हाथ को और जोर से सहलाने को बोला. फिर सब काम होता चला गया और भैया ने उस रात मेरी खूब चुदाई की.’

मैंने पूछा- खून भी निकला होगा?
वह बोली- पता नहीं है. शायद निकला होगा. मगर उनका छोटा लंड था तब भी मैं उनसे तबीयत से चुदी. वह पहली बार का मसला था, तो बहुत मजा भी आया.

युक्ति ने आगे बताया कि उसके मामा के बेटे ने पहले तो उसकी चूचियों को खूब दबाया. फिर उसकी चूचियों को खूब पिया. साथ ही उसने अपने लंड को काफ़ी देर तक बर्फ के गोले की तरह चुसवाया. उसने अपने जीभ से काफ़ी देर तक युक्ति की बुर को भी चाटा. फिर युक्ति की बुर की चुदाई की.
वह वहां दस दिन रही, तो वह रोज कई कई बार चुदती थी.

फिर युक्ति को एक दिन अपने पापा के साथ दरभंगा जाना पड़ा. वह उनके दोस्त की बेटी की शादी में गई थी.
लेकिन उसके दिमाग़ में ममेरे भाई के साथ चुदाई ही घूम रही थी.

वह अपने पापा से बोली- मैं थोड़ा सोना चाहूंगी.
उसके पापा ने उसको एक रूम में सुलवा दिया, जहां एक अंकल पहले से एक बेड पर लेटे हुए आराम कर रहे थे.

तो पापा ने कहा- डरो मत, अंकल हैं. सो जाओ, मैं एक दो घंटे में नीचे शादी की तैयारी देख कर आता हूँ.
पापा के जाने के बाद उसने अंकल से सैटिंग कर ली और उनसे कहा- आप गेट लॉक कर लीजिये ताकि हमें बीच में कोई डिस्टर्ब ना करे.

अंकल ने वैसा ही किया.
युक्ति बेड पर लेटी ही थी कि वह अंकल बेड पर आ गए और सीधा बोले कि ले मेरा लंड हिला दे.

वह सुबह से चुदासी थी और किसी भी लंड से चुदना चाहती थी.
वहां वह अंकल से मजा लेने लगी.

उनका लंड भी सामान्य आकार का थका हुआ लंड था.
तब भी काम चलाऊ लंड था.
वह अंकल एक एम आर था तो दवा खाकर चोद पाता था.

इस तरह से उस शादी में युक्ति को दो दिनों तक चुदने का रास्ता मिल ही गया था.

उस दिन दो बार चूत रगड़वा कर वह सो गई.
पापा आये तो अंकल ने कहा- गहरी नींद में तभी से सोई हुई है.

फिर पापा बाहर गए तो अंकल ने फिर से दवा खाई और युक्ति को मसल कर चोदा.
उसने कुछ नहीं पूछा, सीधा अपना लंड युक्ति की बुर में धकेल दिया.

अंकल का लंड ठीक ठाक ही था. दवा के दम पर ही जमकर चोद पाते थे.

युक्ति की बुर को खूब पानी मिल रहा था.
बारह दिन में उसकी बुर को बड़ी उम्र के दो लोगों के लंड से चुदने का मौका मिला.
भले ही वह दोनों उम्रदराज थे … लेकिन युक्ति के लिए यह कम बड़ी बात नहीं थी.

मैं भी युक्ति को तीन साल तक ट्यूशन देता रहा; अपने लंड से उसकी बुर को चोदता रहा.
चुदने के लिए वह खुद बेताब रहती थी.

वह अपनी सहेलियों के घर पर चुदने का मेरे साथ जगह तलाशती थी.
उसकी बुर को मेरे लंड से चुदे बिना चैन नहीं मिलता.

वह पूरी नंगी होकर मुझसे मजे से चुदवाती है. मेरे लंड को खूब चूसती है.
वह कहती है कि सर आपसे चुदाई के बाद मैं औरों से चुदना भूल गयी.

कई बार उसने मुझसे अपनी गांड भी चुदवाई और वह मुझसे अपने दोनों छेद में लंड लेने लगी.

फिर वह आगे की पढ़ाई करने बाहर चली गयी थी तो उससे मेरी मुलाक़ात होना बंद हो गई थी.

वह मेरे लंड की आज भी दीवानी है.
अब उसकी शादी हो गयी है, उसके बच्चे भी हैं.

फिलहाल वह मणिपुर में है. लेकिन जब भी वह दिल्ली आती है, मुझसे जरूर चुदवाती है.
आते ही वह अपने सारे कपड़ों को ऐसे फेंक देती है, मानो वह कपड़े उसे काट रहे हों.

हालांकि उसने मेरी मुलाकात अपनी एक रूम पार्टनर से करा दी थी, जो 2008 से अभी तक मुझसे चुदने दिल्ली आती रहती है.

उसकी चुदाई की कहानी आगे कभी लिखूँगा कि किस तरह वह आज भी मुझसे चुदवाती रहती है.

युक्ति ने जिस तरह मुझे चूत चोदने की आदत डाल दी है, उससे निजात पाना बड़ा मुश्किल हो गया है.
अपनी इसी चुदाई की लत के चलते मैं आज तक 42 चूत चोद चुका हूँ.

यह स्कूल गर्ल Xxx चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, आप जरूर बताएं.
[email protected]

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